Samuhik Chudai अदला बदली - Page 6 - SexBaba
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Samuhik Chudai अदला बदली

मैंने हाथ चूत से हटा दिया और दोनों मर्दो के सामने मैं अकेली औरत नंगी खड़ी थी.. रंगीला ने भी अपना लंड पैंट से निकाला तो मूठ मारने लगा..
रंगीला – मत रूको मिनी, कंटिन्यू ना.. जैसा करती थी तुम..
मिनी – शो ख़तम रंगीला..
रंगीला – नो प्लीज़ कंटिन्यू..
जय – रंगीला, यार मिनी पूरी नंगी हो चुकी है.. अब क्या करेगी वो..
रंगीला – बेस्ट पार्ट अभी बाकी है मेरे दोस्त..
जय – मिनी, और दिखाओ दिखाओ..
मैं समझ गई की रंगीला क्या चाहता था.. पहले जब भी मैं स्ट्रीप टीज़ करती थी, स्ट्रीप के बाद मैं रंगीला के सामने अपने चूत को फिंगर करती थी और फिर गरम होने के बाद में रंगीला को चोदने के लिए रिक्वेस्ट करती थी.. 
रंगीला यही चाहता था की मैं फिर से वो करूँ.. मैं ऑलरेडी नंगी थी, जय और रंगीला दोनों अपना अपना लंड ले के बैठे थे..
मिनी – ओ के .., तुम दोनों.. इधर खड़े हो जाओ.. सोफा मुझे दे दो..
दोनों तुरंत सोफे से उठकर सामने खड़े हो गये.. मैं सोफे पे बैठी.. 
अपने एक पैर को सोफे पे रखा दूसरा नीचे ही था.. 
मैंने दोनों पैरों को फैलाया पीठ को पीछे और पीठ से सपोर्ट लिया.. 
फिर अपने लेफ्ट हाथ से अपनी लेफ्ट बूब्स को पकड़ा और उसके साथ खेलनी लगी, साथ ही राइट हैंड की 3 उंगली को मैंने चूत में डाला और उन दोनों के लिए शो स्टार्ट किया.. 
मैं उन दोनों के सामने अपनी चूत को अपने 3 उंगली से चोद्ने लगी.. 
वो दोनों मुझे आखें फाड़ फाड़ के देख रहे थे और अपना अपना लंड हिला रहे थे.. आज पूरा माहोल इतना गरम था की मैं थोड़े दी देर में झड़ने लगी.. 
मेरी पूरी बॉडी वाइब्रट कर रही थी झाड़ते वक़्त.. मेरी चूत में एक अजीब से मच मच हो रही थी.. मेरी चूत को अब एक लंड बड़ा वाला चाहिए था.. मैंने अपनी चूत को उंगलियों से चोदना कंटिन्यू रखा और – 
मिनी – रंगीला, चोद मुझे अब.. मेरी चूत में अपना लंड दे दो.. 
रंगीला अभी भी खड़ा अपना लंड ही हिला रहा था..
मिनी – रंगीला, प्लीज़ आओ और चोद दो मुझे.. प्लीज़ रंगीला फक मी रंगीला..
रंगीला अभी भी वेट कर रहा था.. रंगीला पहले भी ऐसे ही तड़पता था जब तक की मैं उससे चोदने की भीख नहीं माँगी थी..
मिनी – श रंगीला, हरामी, कुत्ते चोद ना सुनाई नहीं पड़ता तुम्हें.. मेरी चूत को चोद हरामी.. तेरी मां की…
रंगीला अभी भी हंसते हंसते अपना लंड हिला रहा था..
मिनी – फक मी रंगीला, जय प्लीज़ आओ और चोद दो मुझे.. रंगीला मुझे नहीं चोद रहा.. जय तुम तो चोद दो मुझे..
जय मेरी तरफ आ रहा था पर रंगीला ने उसे रोक लिया.. मैं अभी भी अपनी चूत को उंगलियों से चोद रही थी और अपनी चूत में लंड लेने के लिए तड़प रही थी..
मिनी – चोदो ना रंगीला, प्लीज़.. भीख मांगती हूँ मैं प्लीज़ मेरी चूत को चोद के भोसड़ा बना दो.. रंगीला, जय दोनों अपने लंड से मुझे चोदो ना..
फिर रंगीला और जय दोनों अपना लंड हाथ में लिए मेरी तरफ आने लगे.. 
रंगीला ने मुझे सोफे से उठाया और खड़ा करके मुझे आगे की और झुकाया और पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा.. 
जय मेरे सामने आ के अपना लंड मेरे मुंह की और करने लगा.. 
पहली बार में एक साथ दो दो लंड का सुख भोगने वाली थी..
रंगीला मेरी चूत के अंदर एंटर कर चुका था और जय मेरी मुंह में एंटर कर चुका था.. 
रंगीला ने मेरी गाण्ड को अपने हाथ से पकड़ा और मेरी चूत में धक्के लगाना शुरू किया.. 
जय ने भी अपनी लंड को मेरी मुंह में अंदर डालने लगा और मेरी मुंह को चोदने लगा.. 
मेरी चूत और मुंह में एक साथ लंड के प्रहार से मैं मस्त हो रही थी और चुदाई की आवाज़ से पूरा रूम भर गया था.. 
मेरे मुंह में लंड होने से मैं ज़्यादा कुछ बोल नहीं पा रही थी और दोनों के धक्के को बर्दाश्त कर रही थी.. 
दोनों नशे में थे और मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहे थे..
मैं भी नशे में थी और पूरी तरह से गरम थी इसलिए मैं भी उनके इन धक्के को एंजाय कर रही थी.. 
जय अपना लंड मेरी मुंह में पूरा अंदर डाल रहा था और निकाल रहा था.. 
रंगीला भी चूत में अंदर तक तूफान मचा रहा था.. दोनों की आ आ की आवाज़े भी चोदने के माहोल को और भी कामुक बना रही थी.. 
सोचा नहीं था की आज रंगीला और जय दोनों मिल के मुझे ये सुख देने वाले थे..
फिर जय ने मेरे मुंह से अपना लंड निकाला और लंड पकड़ के मेरी पीछे जाने लगा.. रंगीला लंड को हाथ में लिए हुए मेरे मुंह के पास आ गया और अब जय ने मेरी चूत की गुफा में एंटर किया और रंगीला ने मेरी मुंह में एंटर किया.. 
फिर जय पागलों की तरह मुझे चोदने लगा.. 
रंगीला भी ज़ोर ज़ोर से मेरे मुंह में अपना लंड पेल रहा था.. मेरी चूत मस्त हो गई थी और जल्दी ही मेरी चूत मे पानी छोड़ दिया और मैं झड़ गई.. 
फिर भी रंगीला और जय मुझे बिना रुके चोदते रहे..
थोड़ी देर इसी पोज़िशन में चोदने का बाद रंगीला ने मेरे मुंह से अपना लंड निकाला जय को इशारा किया और खुद सोफे पे लेट गया.. 
उसका लंड फुल साइज़ में टाइट खड़ा हुआ था, उसने मुझे अपने ऊपर खींचा, मैं उसके लंड में बैठने की कोशिश करने लगी पर उसने मना कर दिया.. और मुझे अपने ऊपर पीठ के बल लेटा लिया.. अब रंगीला नीचे सो रहा था और मैं उसके ऊपर सो रही थी..
फिर उसने अपनी पोजीशन सेट की, हाथ से लंड पकड़ा और मेरी गाण्ड के छेद में डालने लगा.. अब मुझे समझ आया की रंगीला नीचे से मेरी गाण्ड मारना चाहता है और जय मेरी चूत को ऊपर से चोदेगा.. रंगीला का लंड मेरी गाण्ड के छेद में एंटर कर गया था.. 
जय मेरे पैरों के बीच में आ गया था, मैंने पैर उठा के उसके जकड़ लिया, जय ने रंगीला के लंड को हाथ से पकड़ के मेरे गाण्ड के अंदर और भी डाल दिया..
अब रंगीला मेरी गाण्ड में लंड को डाल के जय का वेट करने लगा.. जय ने मेरी चूत में अपना लंड रखा और एक ही धक्के में पूरा लंड चूत में डाल दिया.. 
वाव, मैं वर्ड्स में नहीं बता सकती की मुझे इतना मज़ा आ रहा था.. 
फिर रंगीला ने अपना लंड बाहर की और खींचा और फिर से मेरी गाण्ड में डालने लगा, जब रंगीला गाण्ड में अंदर लंड डाल रहा था तो रंगीला अपनी लंड को चूत से बाहर ले जाता.. 
फिर दोबारा जब रंगीला लंड बाहर करता तो जय पूरा लंड मेरी चूत में पेल देता.. इस तरह से दोनों लंड बारी बारी से मेरी चूत और गाण्ड मारने लगे.. दोनों बड़े ही सिंक में मेरु चूत और गाण्ड की लगा रहे थे.. इस बार मेरा मुंह फ्री था तो मैं हर धक्के पे अपनी चूसी आवाज़ निकाल रही थी..
मिनी – चोदो रंगीला, मेरी गाण्ड मारो.. जय मेरी चूत फाड़ दो.. अया, आआआः, अओ..
तीनों की चुदसी आवाज़ से रूम हर तरफ बस चूत और लंड ही लग रहे थे.. 
दोनों ने मुझे इसी पोजीशन में काफ़ी देर तक चोदा..
मिनी – रंगीला गाण्ड में झड़ जाओ, जय तुम चूत में ही डाल दो अपना रस..
फिर दोनों ने अपनी चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी, दोनों अपने झड़ने की और आ गये थे.. दोनों ने ऑलमोस्ट एक साथ झड़ना शुरू किया.. 
मेरी चूत और गाण्ड को अपने अपने स्पर्म से दोनों ने भर दिया.. 
 
झड़ने के बाद दोनों सोफे पे आराम से लेट गये मैं नीचे से उनके लंड में लगे रस को एक एक करके चूसने लगी.. दोनों ने अपनी आँखें बंद कर ली थी.. शायद ड्रिंक और चुदाई के एफेक्ट से थक गये थे और दोनों वहीं के सो गये..
मैंने पास ही रखे लाल वाइन के ग्लास से वाइन ख़त्म की और चूत और गाण्ड से जितना हो सका रंगीला और जय का स्पर्म कलेक्ट किया.. 
मैंने अपने लिए एक सिगरेट जलाई और उसके साथ अपना ड्रिंक एंजाय किया.. 
फिर मैंने भी वहीं लिविंग रूम में ही अपना बेड लगाया और मैं भी वहीं सो गई.. 
सुबेह रंगीला सबसे पहले उठा और मुझे और जय को उठाया.. हम तीनों अभी भी नंगे थे..
रंगीला – लास्ट नाइट वाज़ फन..
जय – वाव, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा की ये सब हुआ है..
मिनी – यकीन तो मुझे भी नहीं हो रहा पर मुझे बहुत मज़ा आया..
जय – मिनी, मज़ा तो मत ही बोलो.. कल जो हुआ बस वो आग था आग..
रंगीला – हाँ यार मज़ा आ गया..
फिर जय ने अपनी ड्रेस पहनी और वो अपने घर चला गया.. मैंने भी राज को कॉल करके घर बुला लिया..
कोमल अपने ब्रदर के यहाँ से वापस आ गई थी.. 
मुझे पता नहीं था की वो कैसा रिक्ट करेगी.. पर बाइ लक वो ओ के थी की मैंने रंगीला और जय दोनों से एक ही साथ चुदवाया.. 
मेरी उससे फोन पे बात हुई – 
कोमल – हाय जान,
मिनी – हाय कोमल.. कैसा रहा तेरा ट्रिप..
कोमल – ओ के .., तू उसे रहने दे.. मुझे जय ने बताया की उस रात क्या क्या हुआ..
मिनी – कोमल, तेरी कसम कुछ भी प्लान नहीं था.. सब हो गया.. ड्रिंक्स का भी असर था..
कोमल – ओये होये, कोई बात नहीं मिनी डार्लिंग, मैं तुमसे सफाई नहीं माँग रही..
मिनी – तू ओ के तो है ना..
कोमल – हाँ हाँ, बस मैं सोच सोच के पागल हो रही हूँ की तूने 2-2 लंड से क्या क्या किया होगा.. कैसा था बता..?..
मिनी – कोमल, तुझसे झूठ भी नहीं बोल सकती.. इट वाज़ ग्रेट.. आगे पीछे दोनों और से लंड मिला तो लगा की कुछ नया और मज़ेदार हो रहा है.. वन ऑफ थे बेस्ट सेक्स नाइट कोमल..
कोमल – सोच के ही मेरी चूत गीली हो जा रही है.. अब तुझसे नाराज़ नहीं हूँ तो मुझे भी कुछ मिलना चाहिए ना..
मिनी – बोल ना कोमल, जो तू बोले..
कोमल – नहीं रहने दे, मुझे अभी तेरी चूत नहीं.. मुझे भी 2-2 लंड लेने हैं एक साथ.. और तुझे भी पता है की इसके लिए रंगीला और जय ही बेस्ट हैं..
मिनी – मुझे कोई दिक्कत नहीं है कोमल.. तू बोल तो मैं रंगीला से बात करती हूँ..
कोमल – उसकी भी ज़रूरत नहीं है, जय ने रंगीला से बात कर ली है.. वो ओ के .. है यदि तुझे कोई परेशानी नहीं है.. तुझे तो कोई प्राब्लम नहीं है ना मिनी..
मिनी – मुझे क्या प्राब्लम होगी.. चल दिए मैंने तुझे.. एक पूरी रात रंगीला और जय के साथ एंजाय कर..
कोमल – तूने जब 2-2 लंड लिए, मैं नहीं थी वहाँ..
मिनी – हाँ मालूम है, मैं नहीं रहूंगी तुम तीनों के बीच में..
कोमल – आए हाए, यदि तुझे भी आना है तो आ जाना.. पर पता नहीं क्यूँ मेरा मन कर रहा है की मैं अकेले दोनों का लूँ..
मिनी – पक्का कोमल, नो प्राब्लम.. मैं एक रात रंगीला के बिना रह सकती हूँ.. पर तुमलोग कहाँ ये करने की सोच रहे हो..
कोमल – मैंने सुना इस वीकेंड डॉली और राज अपने दोस्तों के साथ हॉलिडे ट्रिप पे जा रहे हैं.. तो उसी दिन मेरे ही घर पे..
मिनी – ओ के .., हाँ वो जा तो रहे हैं..
कोमल – तू अकेले रह लेगी ना एक रात.. तेरी चूत को नींद आएगी..
मिनी – हाँ बाबा, रह लूँगी..
कोमल – चल फिर मैं जय को बोलती हूँ की प्लान चालू है..
फिर नेक्स्ट वीकेंड को उन तीनों का प्लान बन गया.. राज भी डॉली और अपने दोस्तों के साथ ट्रिप पे चला गया.. 
मैं अपने घर पे फ्राइडे नाइट अकेली थी.. मुझे अकेले कहीं जाना पसंद भी नहीं था इसलिए मैं अकेले ही रात काटने की कोशिश कर रही थी.. रंगीला ऑफीस से ही डाइरेक्ट कोमल के घर चला गया था..
मैंने डिनर बनाया खाया और घर के सारे काम कर लिए.. पर अकेले मन नहीं नहीं लग रहा था.. 
मैंने जल्दी सोने की कोशिश भी करी पर मुझे नींद भी नहीं आ रहा थी.. समझ नहीं आ रहा था की क्या करूँ.. रूचि-अमन, दीपक और अंकिता सब एक दूसरे के साथ होंगे इसलिए उन्हें भी डिस्टर्ब नहीं किया मैंने..
फिर मुझे अदिति का ख़याल आया.. 
अदिति वोही लड़की जो मुझे उस दिन पब में मिली थी.. काफ़ी कम समय में ही उसने मुझ पे अच्छा इंप्रेशन छोड़ा था.. 
फिर सोचा की उसे ही कॉल करती हूँ.. मैंने उसके विज़िटिंग कार्ड को खोजा और उसे कॉल लगाया..
मिनी – हाय अदिति..
अदिति – हाय आप कौन बोल रही हैं..
मिनी – अदिति मैं मिनी..
अदिति – वाव, मिनी मैडम.. क्या सर्प्राइज़ दिया अपने.. मुझे तो लगा की आप मुझे कभी कॉल नहीं करोगे..
मिनी – नहीं नहीं, यदि ऐसा होता तो मैं तुम्हारा नंबर ही नहीं लेती..
अदिति – आप कैसी हो मैडम..?..
मिनी – फाइन.. तू बता क्या कर रही है ..?..
अदिति – कुछ नहीं मैडम, आज का कोई खास प्लानिंग नहीं है.. बस ऑफीस में थोड़ा लेट हो गया था.. अब घर जा रही हूँ.. आप बताओ मैडम आज भी पब जा रहे हैं क्या आप ..?..
मिनी – नहीं नहीं.. मैं तो आज घर पे ही हूँ और रंगीला भी आज काम से बाहर हैं..
अदिति – मतलब आप अकेले हो मैडम..
मिनी – हाँ.. इसलिए टाइम मिल गया तुझे कॉल करने का..
अदिति – इसी बहाने आपसे बात तो हो गई ना..
मिनी – आओगी घर या दूसरो के घर पे नींद नहीं आती..
अदिति – नहीं नहीं मैडम ऐसा कुछ नहीं है.. मुझे नींद अच्छे से आती है.. आपको कोई दिक्कत ना हो मैडम..?..
मिनी – हाँ, अकेले रहने से बेहतर है हम मिलते हैं.. उस दिन बात कहाँ हुई थी.. बस हरकतें ही हो रही थी..
अदिति – ओ के .. मैडम, आप मुझे पता मेसेज करो.. मैं आती हूँ..
मिनी – ओ के .. मैं भेजती हूँ.. पर..
अदिति – मुझे पता है मैडम किसी से शेयर नहीं करूँगी.. इतना तो आप ट्रस्ट कर ही सकती हैं..
 
फिर मैंने अदिति को अपना अड्रेस्स भेज दिया.. उसने रास्ते से ही अपना कैब मेरे घर की मोड़ लिया और थोड़े ही देर में मेरे घर आ गई.. 
उस रात जब मैंने अदिति को देखा था तो इतना क्लियर नहीं था पर आज मैंने ध्यान दिया की अदिति बहुत ही खूबसूरत थी.. 
दूध की जैसी गोरी स्किन.. मुझसे तो काफ़ी गोरी थी.. वेरी नाइस आंड मैंटेड फिगर.. उसके अंग भी अच्छे थे.. 
वो ऑफीस वन पीस में गई थी, और वो ड्रेस उसकी खूबसूरती को और भी निखार रहा था.. 
मैंने उसे बैठने को कहा.. 
उसके लिए मैंने कुछ डिनर रेडी कर लिया था.. पहले उसे डिनर कराया और फिर बैठ के बातें करने लगे..
मिनी – कैसा था फुड ..?..
अदिति – वेरी गुड मैडम.. आज कल घर का बना हुआ अच्छा खाना कहाँ मिल पता है मुझे मैडम..
मिनी – तुम अकेले रहती हो यहाँ..
अदिति – हाँ..
मिनी – पेरेंट्स..?..?..
अदिति – मेरे माता पिता 3 साल की उम्र में ही गुज़र गये थे..
मिनी – श अदिति, बहुत अफ़सोस हुआ सुनके..
अदिति – इट्स ओ के .. मैडम..
मिनी – फिर किसके साथ रही..?..
अदिति – फिर मेरे अंकल और आंटी ने मुझे पाला था मैडम.. पापा ने पैसे काफ़ी छोड़े थे इसलिए अंकल और आंटी ने मुझे अपने पास रख लिया था..
मिनी – गुड..?..
अदिति – ओ के .., कंप्लेन तो नहीं कर सकती ना..
मिनी – अदिति, भले ही मैं अजनबी हूँ पर तुम मुझपे ट्रस्ट कर सकती हो..
अदिति – कुछ नहीं मैडम, असल में वो बस पैसे के लिए मुझे अपने घर पे रखते थे.. बाकी मुझे एक घर मिल गया था.. उन्होंने कभी प्यार से तो नहीं पाला, पर क्यूँ की प्रेशर था की पापा के पैसे लिए हैं तो, वो कुछ भी करके मुझे झेल रहे थे.. मैं भी झेल रही थी, मैंने किसी तरह से अपनी पढ़ाई पूरी की.. फिर लक्ली मुझे यहाँ जॉब मिल गई.. मैं सब कुछ छोड़ छाड़ के यहाँ आ गई.. यहाँ आ के मैंने उनसे बात बंद कर दी.. उनके लिए बस पैसे ही थे, आज तो वो बात करना चाहते हैं ताकि मैं अपनी कमाई का कुछ दे दूँ..
मिनी – श.. होता है अदिति बिना मम्मी पापा के लाइफ काफ़ी मुश्किल होती होगी.. पर तुम्हें उनसे मतलब का रीलेशन बना के रखना चाहिए था ना.. मतलब निकालने के लिए..
अदिति – मैडम वैसे गार्डियन ना हो तो बेटर.. कैसे बताऊं मैडम, अंकल गुड नहीं थे.. वो मुझसे गंदे गंदे काम करने को कहते थे और आंटी भी उन्हें मना नहीं करती थी.. वो भी मुझे घर के सारे काम करवाती थी..
मैं समझ गई की अदिति क्या बोलना चाहती थी.. 
मैंने उससे और भी पूछना ठीक नहीं समझा.. मैं उसे बस एक वॉर्म हग दिया.. उसके आखों में थोड़े आँसू थे, पर वो खुश थी की अब वो फ्री है..
मिनी – ओ के .. अदिति, नो मोर सीरीयस टॉक.. कुछ और बात करते हैं.. हम मस्त दोस्त बन सकते हैं.. ई नो की तुम मुझसे काफ़ी छोटी हो, पर जब एक इंसान दूसरे को पसंद करता है तो फ्रेंडशिप तो हो ही सकती है..
अदिति – धन्यवाद मैडम, मुझे मालूम है की लाइफ में एक गार्डियन फिगर कितना ज़रूरी है, क्या मैं आपको आंटी कह सकती हूँ.. एक अच्छी आंटी की यादों से शायद मैं मम्मी पापा को भूल पाऊं..
मिनी – श अदिति, क्यूँ नहीं आंटी क्यूँ नहीं बोल सकती..
अदिति – धन्यवाद मिनी आंटी..
मिनी – तुम्हारा बॉय फ्रेंड कैसा है..?..
अदिति – मस्त है..
मिनी – तो तुम्हें लगता है की वो तुम्हारे लिए ठीक है..
अदिति – नहीं आंटी.. पता नहीं..
मिनी – क्यूँ कोई प्राब्लम है..
अदिति – नहीं आंटी, बस मैं अभी कन्फर्म नहीं हूँ की .. ..
मिनी – गुड.. तुम्हारे पास वक़्त है, तुम जब अच्छे से कन्फर्म हो जाओ तब ही नेक्स्ट स्टेप लेना..
अदिति – क्या मैं ओपन्ली बात करूँ आपको बुरा तो नहीं लगेगा ना..
मिनी – हाँ अदिति, शेयर एनितिंग.. मुझे बुरा नहीं लगेगा.. इन सब मामलो में काफ़ी ओपन हूँ..
अदिति – धन्यवाद आंटी, बॉय फ्रेंड के साथ सेक्स कुछ खास नहीं है.. ही इस केरिंग, पर सेक्स उतना मस्त नहीं है..
मिनी – क्यूँ, वो जल्दी झड़ जाता है क्या..?..
अदिति – नहीं, झड़ता तो ठीक से है, पर उसका टूल छोटा है.. और शायद इसलिए वो कॉन्फिडेंट फील नहीं करता और सेक्स को एंजाय नहीं कर पता..
मिनी – श, कितना बड़ा है उसका लंड..?..
अदिति – 4 इंच का होगा आंटी..
मिनी – अदिति, फिर तुम्हें उसे कॉन्फिडेंट फील करना चाहिए.. उसे फील तो होता ही होगा की उसका थोड़ा छोटा है, पर उसके जो हरकत तुम्हें अच्छे लगे, तुम उसपे अच्छे से कॉंप्लिमेंट दिया करो..
अदिति – कोशिश करती हूँ आंटी..
मिनी – और फिर धीरे धीरे जब उसे आदत हो जाएगी तो तुम दोनों के लिए अच्छा होगा.. 
अदिति – इससे पहले जो मेरा बाय्फ्रेंड था उसका लंड काफ़ी बड़ा था आंटी, पर मुझे सौरभ काफ़ी केरिंग लगता है.. मुझे नहीं लगता की लंड छोटा होने से मैं उसे रिजेक्ट कर दूँ वो अच्छा है..
मिनी – गुड.. मुझे भी यही लगता है की लंड की साइज़ के कारण एक अच्छा लड़का खोना ठीक नहीं है..
अदिति – पर आंटी, मैं एक्स के साथ हुए सेक्स को कभी कभी मिस करती हूँ.. क्यूँ की सौरभ उतना कॉन्फिडेंट नहीं है..
मिनी – यदि सौरभ के साथ सेक्स एंजाय नहीं करोगी तो एक्स को मिस तो करोगी ही.. वैसे तुम्हें मालूम है की सेक्स बिना लंड के भी मस्त हो सकता है, तो फिर थोड़ा छोटा लंड से प्राब्लम नहीं होना चाहिए..
अदिति – कैसे आंटी..?..
मिनी – तुम ही सोचो ना, दो लेस्बियन क्यूँ अच्छा सेक्स एंजाय करते हैं.. क्यूँ की दोनों को मालूम होता है की उन्हें क्या चाहिए.. दोनों ज़्यादा ओपन्ली एक दूसरे की ज़रूरत मिटा सकते हैं.. और रही बात लंड की तो डिफ़्फेरेट साइज़ के डिल्डो, वाइब्रटर मिलते हैं.. वो सब कुछ कर लेते हैं, और संतुष्ट भी होते हैं.. बस उन्हें स्पर्म नहीं मिलता.. वो किसी डोनर को पकड़ते हैं और बेबी भी हो जाता है..
अदिति – हाँ आंटी, ठीक बोल रहीं है आप..
मिनी – वोही तो फिर तुम्हारे पास तो लंड भी होगा और बड़े लंड की जगह तुम डिल्डो इस्तेमाल कर लेना..
अदिति – ओ के .. आंटी, मैं कोशिश करूँगी सौरभ को कॉन्फिडेन्स देने की.. मैं कभी डिल्डो नहीं देखा आंटी, कैसा होता है ..?..
मिनी – मेरे पास है, देखना है ..?..
अदिति – हाँ प्लीज़..
फिर मैंने उसे अपने पर्स से एक डिल्डो निकाल के दिखाया.. नॉर्मल डिल्डो था, बालस्स वाला..
अदिति – वाव, आंटी अमेज़िंग है ना..
मिनी – हाँ..
अदिति – आंटी आपने क्यूँ रखा है ये, अंकल का लंड भी छोटा है क्या..
मिनी – नहीं रे, अंकल का लंड ऑलमोस्ट इतना ही बड़ा है, पर इसकी ज़रूरत पड़ जाती है.. जैसे पीछे इसे डाल के चूत चुदवाती हूँ.. इतना ही नहीं अंकल के पीछे भी इसे डालने से उन्हें भी मज़ा आता है..
अदिति – वाव, आंटी.. आंटी के बात पूछूँ ..?..
मिनी – हाँ,
अदिति – आपने कभी लेस्बियन सेक्स भी किया है क्या ..?..
मिनी – हाँ मैंने किया तो है.. मेरी कुछ फ्रेंड है उनके साथ..
अदिति – मतलब एक से ज़्यादा के साथ..
मिनी – हाँ असल में 4 फ़्रेंड है हम लोग..
अदिति – वाव, आंटी आप सेक्स काफ़ी एंजाय कर रही हो.. मैंने कभी नहीं किया किसी और लड़की के साथ.. कैसा फील होता है आंटी..
मिनी – देखो बेटा, सब के अपने अलग अलग मज़े हैं.. लेस्बियन सेक्स भी अच्छा लगता है.. मैंने भी रीसेंट में ही किया है ये एक्सपेरिमेंट.. मुझे भी पहले लगता था की बिना लंड के कैसे सेक्स होगा..
अदिति – आंटी, आप कितना ओपन बात करती हो..
मिनी – हाँ पता नहीं की तुम क्या सोच रही होगी, 2 दिन मिले हैं और इतना सब खुल के बात कर रही है.. ऐसा कुछ भी नहीं है, मैं कभी स्ट्रेंजर से इतना बात नहीं करती.. पर उस दिन तुमसे एक कनेक्शन सा लगा था..
अदिति – आंटी, मेरे कहने का मतलब कुछ ऐसा नहीं था.. कनेक्शन तो मुझे भी फील हुआ था आंटी उस दिन.. आपने जब मुझे किस किया था वो मुझे अभी भी याद आता है..
मिनी – वो तो ड्रिंक का असर था और मुझे ड्रिंक के बाद तुम काफ़ी हॉट लग रही थी..
 
अदिति – हॉट तो आप लग रही थी आंटी, आपकी ड्रेस तो सबसे सेक्सी थी.. आपने अब तक कैसे फिगर मेनटेन किया है.. काश मेरी भी फिगर आपके जैसी मेनटेन रह पाए..
मिनी – अच्छा, गेस कर सकती हो मेरा फिगर..
अदिति – 36-30-38
मिनी – थोड़ा ग़लत है, मैं 34सी की हूँ..
अदिति – वाव, आंटी इस उम्र में 34सी मेनटेन करना मुश्किल है ना..
मिनी – कहाँ मेनटेन लग रहा है 34डी पे जल्द ही जाउंगी मैं..
अदिति – आप मेरा फिगर गेस करो..
मिनी – 32सी-28-34
अदिति – आपकी नज़र है या टेप.. एक दम करेक्ट.. कैसी फिगर है आंटी..?..
मिनी – तुम्हारी उम्र में, पर्फेक्ट.. प्लस तुम इतनी खूबसूरत हो की ये फिगर निखर के सामने आता है..
अदिति – थैंक यू आंटी.. वैसे काफ़ी टाइट ड्रेस है..
मिनी – हाँ पर, लुक्स गुड.. वैसे अभी के लिए क्यूँ नहीं चेंज कर लेती हो.. ऑफीस में थोड़े ही हो.. मैं कोई नाइटी ले के आऊं..
अदिति – ओ के .. आंटी..
मिनी – आ जा ना, अंदर आ जा.. बेड रूम में ही चेंज कर लेना..
अदिति – ओ के .. आंटी..
फिर मैं और अदिति बेडरूम में गये.. मैंने अपनी एक सेक्सी आउटफिट उसे दी जो सेमी ट्रॅन्स्परेंट थी.. 
अदिति ने अपना ड्रेस निकाला.. वो बस पैंटी और ब्रा में मेरे सामने थी.. उसकी पूरी बॉडी ग्लो कर रही थी..
अदिति – आंटी, मैं रात में ब्रा नहीं पहनती इसे भी निकाल दूँ, आपको कोई प्राब्लम तो नहीं है ना..
मिनी – नहीं नहीं, मैं तो नॉर्मली नंगी ही सोती हूँ.. मुझे भी पसंद नहीं है की रात में कपड़ो से अपने चुचि और चूत को बांधना..
अदिति – आप आज भी नंगी हो के सो सकती हैं आंटी, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है..
मिनी – पर मैं जब नंगी सोती हूँ तो मेरे साथ वाला भी कुछ नहीं पहनता..
अदिति – मैं भी नंगी हो जाती हूँ..
फिर अदिति ने धीरे से अपनी ब्रा खोली.. मैंने भी अपनी नाइटी निकाल दी और फिर अपने ब्रा भी निकाल दिए.. 
हम दोनों अब बस पैंटी में एक दूसरे के सामने थे.. अदिति की चुचि यंग, टाइट गोल गोल और काफ़ी अच्छे साइज़ की लग रही थी..
मिनी – तुम्हारी चुचि काफ़ी मस्त है..
अदिति – आपकी भी आंटी..
मिनी – कहाँ, मेरी तो देखो ना कैसे लटक गई है..
अदिति – नहीं आंटी, ख़ान लटका हुआ है उम्र के हिसाब से तो बहुत ज़्यादा अच्छा लग रहा है.. पता नहीं मेरे इस उम्र तक गोल रहेगे के नहीं..
फिर हम दोनों बेड पे लेट गये.. एक दूसरे की और फेस करके हम फिर से बात करने लगे.. मैं उसके बालों को सवारने लगी और उसके गालों को टच करने लगी..
मिनी – कितने बॉय फ्रेंड हुए अब तक..?..
अदिति – आंटी, यदि सेक्स काउंट करे तो 3.. पहला कॉलेज में था और 2 यहाँ पे..
मिनी – कौन था बेटर इन सेक्स..?..
अदिति – दूसरा वाला आंटी..
मिनी – एनीवे, चलो हम लोग दूसरों के बात नहीं करते, तुमने कभी सौरभ का लंड चूसा या नहीं..
अदिति – नहीं आंटी, कोशिश की थी, अच्छा नहीं लगा था..
मिनी – मुझे मालूम है स्टार्ट में अच्छा नहीं लगता है, पर कोशिश करती रहो अच्छा लगने लगेगा.. यदि हेल्प करे तो फ्लेवर वाला कॉंडम लगा के स्टार्ट में करो, फिर धीरे धीरे नंगे लंड ट्राइ करना.. ब्लो जोब लड़कों को कॉन्फिडेन्स देने का अच्छा तरीका है.. उन्हें बहुत अच्छा लगता है.. चूत में तो सब लंड लेते हैं ना, मुंह में लोगी तो ही विल फील स्पेशल..
अदिति – हाँ आंटी, सही बोल रही हो, और भी कोशिश करूँगी..
बात करते करते मैं एक हाथ से उसकी चुचि को टच करने लगी.. अदिति ने भी एक हाथ से मेरे चुचि को टच करना शुरू किया.. एक दूसरे की चुचि सहलाते हुए हमने बात कंटिन्यू रखा..
मिनी – तुम्हारी चुचि बहुत प्यारी है..
अदिति – आंटी मुझे तो आपकी चुचि ज़्यादा प्यारी लग रही है..
मिनी – और सौरभ ने कभी तुम्हारी चूत चूसी है..?..
अदिति – नहीं आंटी, हमने ओरल सेक्स काफ़ी कम किया है.. बस ट्राइ ही किया है..
मिनी – अदिति, कोई जब अच्छे से चूत को चूस डाले ना, फिर अंदर से जो ख़ुशी मिलती है उसे बता नहीं सकती मैं..
अदिति – मैं उसका लंड चूस लूँगी तो शायद वो भी मेरा चूत चुसेगा..
मिनी – उनको बस हिंट चाहिए, वो ज़रूर चुसेगा.. तुम्हारे निप्पल कितने क्यूट हैं..
अदिति – धन्यवाद आंटी, पर आपके निप्पल मुझ से बड़े बड़े हैं आंटी..
मिनी – इतने दिनों से चुसवा रही हूँ तो बड़े तो होंगे ही ना.. बच्चा होने के बाद वैसे भी थोड़े बड़े हो जाते हैं..
फिर दोनों एक दूसरे की निप्पल को सहलाने लगे.. 
मैंने अदिति की दूसरे हाथ को भी उठा कर अपने दूसरे चुचि में रख दिया.. 
वो मेरे एक चुचि को सहला रही थी दूसरी चुचि की निप्पल को सहला रही थी.. मेरा निप्पल टाइट हो रहा था.. मैंने उसके फेस को सहलाना कंटिन्यू रखा और उसके साथ मैं उसके दोनों चुचि को बारी बारी से सहला रही थी..
अदिति – मिनी आंटी, आपका वो किस मुझे अभी भी याद आ रहा है..
मैंने फिर अदिति के फेस अपने और खींचा और उसके लीप पे अपने लिप्स को रख दिया.. और मैं उसके लोवर लिप्स को सक करने लगी.. 
फिर अदिति ने भी रिक्ट किया और मेरे अप्पर लिप्स को सक करने लगी.. 
अदिति अभी भी मेरी चुचियों और निप्पल के साथ खेल रही थी और मैं उसकी चुचियों को सहला रही थी.. 
फिर हमने लिप्स चेंज किया और फिर से एक दूसरे की लिप्स को सक करने लगे.. 
फिर मैंने अपनी जीभ को अदिति के दोनों लिप्स के बीच में रख दिया, उसने भी मेरी जीभ को सक करना शुरू किया, फिर जब वो रुकी और अपनी जीभ को मेरे लिप्स पे रखा. 
 
मैंने उसके जीभ को सक करना शुरू किया.. फिर से मैं उसके लोवर लिप्स को चूसने लगी, फिर अप्पर लिप्स, फिर से जीभ इसी तरह हम दोनों एक दूसरे को करीब 10 मिनट तक लगातार चूसते रहे..
अदिति – आंटी, मज़ा आ जाएगा..
मिनी – इट वाज़.. तुम्हारी लिप्स बहुत जुवैसी है..
अदिति – आंटी असल में आप ज़्यादा जुवैसी है..
मिनी – मुझे पता है..
अदिति – आंटी आपका निप्पल मुंह में ले लूँ ..?..
मिनी – हाँ बेटा, ले लो..
मैंने अदिति के सिर को अपनी चुचि की और खींचा और अपने राइट बूब्स के निप्पल में रख दिया.. 
अब वो मेरी निप्पल चूस रही थी, इतने प्यार से चूस रही थी थी जैसे पहली बार चूस रही हो.. 
मैंने उसके पीठ को सहलाया, उसके पेट को सहलाया, उसके नाभि में उंगली करी.. फिर मैंने उसके मुंह को अपने दूसरे चुचि में डाल दिया और फिर से वो लेफ्ट चुचि की निप्पल को चूसने लगी.. 
मैंने अपने पैरों से उसके पैरों को सहलाना शुरू किया और जाँघ से ले के तलवे तक पूरा सहलाने लगी, हाथ से कभी उसके हाथ सहलाती, कभी उसकी पीठ, कभी पेट तो कभी चुचि..
अदिति – आंटी, मुझे नीचे कुछ हो रहा है..
मिनी – देखूं तो..
फिर मैंने अदिति की पैंटी को खोलना शुरू किया, उसकी पैंटी को धीरे धीरे गाण्ड से नीचे उतरा, फिर घुटने से और फिर पूरा उतार दिया.. हाँ उसकी चूत गीली होने लगी थी.. 
गीली तो मेरी भी चूत हो गई थी.. उसकी चूत भी काफ़ी गोरी थी.. 
उसने भी शेव कर के रखा हुआ था.. 
मैंने उसकी चूत में एक उंगली से सहलाना शुरू किया और गीले चूत से उंगली में रस ले के मैं अपने मुंह तक लाती.. 
अदिति का मन शायद मेरी चुचि चूस के नहीं भरा था, तो वो फिर से मेरी चुचि को चूसने लगी.. 
मैंने उनकी चूत में अब एक उंगली डाल दी और धीरे धीरे उसकी चूत से उंगली अंदर बाहर करने लगी.. जब अदिति ने मेरी चूसना बंद किया, मैंने फिंगर फिर से चूत से निकाला और उसे अपनी उंगली ऑफर करी..
अदिति – कैसा टेस्ट करेगा..
मिनी – मस्त हेल्प करेगा, और भी सेक्सी और हॉट फील होगा..
अदिति ने फिर मेरी उंगली अपने मुंह में ले ली, और मेरी उंगली को लीक करने लगी.. 
उसने अपनी चूत के गीलेपान को अच्छे से चूस के एंजाय किया..
मिनी – सो, हाउ वाज़ इट..?..
अदिति – रियली एरॉटिक..
फिर मैं उठ के उसके चूत के पास अपनी पोजीशन बनाने लगी.. उसके दोनों पैरों को अच्छे से फैलाया.. उसकी चूत को थोड़ी देर सहलाया और फिर उसकी क्लिट पे अपना मुंह रख दिया.. 
अदिति ने अपनी गाण्ड थोड़ी देर तक उठाई और फिर से नीचे आ गई.. 
मैंने उसकी क्लिट को और भी तेज़ी से चूसना शुरू किया, अदिति गरम हो के वाइब्रट करने लगी.. 
मैंने अपनी 2 उंगलियों को अदिति की चूत में अंदर डाला और उसकी चूत को फिंगर करने लगी, साथ ही उसकी क्लिट को और भी तेज़ी से चूसने लगी..
अदिति – श आंटी, मैं झड़ने वाली हूँ..
फिर अदिति की चूत पहली बार झड़ गई.. 
मैंने अपने मुंह को चूत के छेद पे रखा और उसकी चूत से निकालने वाली पानी को चूसने लगी.. 
अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर डाल के जीभ से चोद भी रही थी और उसकी रस को चूस भी रही थी.. मैंने उसकी चूत को पूरा चूस के मलाई सॉफ कर दी.. 
फिर मैं उसकी क्लिट को अपनी उंगली से सहलाने लगा और जीभ से उसकी चूत को चोदने लगी.. 
मैं अपनी जीभ को अंदर डाल के उसकी चूत को चूस रही थी.. अदिति और भी गरम हो रही थी, अब उसने अपने हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा लिया था.. 
उसे चूत चुसवाने में मज़ा आने लगा था.. मैंने भी उसकी चूत को चूस चूस के पूरा मज़ा दिया.. फिर मैंने अपनी जीभ से उसके मूतने वाली प्लेस पे सहलाना शुरू किया..
अदिति – आंटी मूत निकाल जाएगी..
मिनी – कोई बात नहीं, यदि तुम्हें मुतना है तो मूत लो..
अदिति इतनी गरम हो चुकी थी की मेरे बोलते ही वो मूतने भी लगी.. 
मैंने उसकी मूत को अपने मुंह में इक्कठा किया और फिर उसके लिप्स के पास जा के अदिति के साथ उसका ही मूत शेयर किया..
अदिति – श आंटी, आप आप क्या हो..
फिर मैं वापस अदिति की चूत को चाटने लगी.. इस बार फिर से मैंने अदिति की क्लिट को चूसना शुरू किया और उसकी चूत में फिंगर करने लगी.. 
थोड़ी ही देर में अदिति फिर से झड़ने लगी थी.. 
मैंने उसकी चूत को चूस चूस के लगातार 4 बार उसे झड़ने पे मजबूर कर दिया था..
अदिति – आंटी, मैं मॅर जाउंगी, इतना मज़ा आजतक नहीं आया.. अब मत चूसो आंटी, अब तो ये हाल है की आपके मुंह लगते ही मेरी पूरी बॉडी वाइब्रट कर रही है..
मिनी – ओ के .. अदिति, कैसी लगी चूत की चुसाई..?..
अदिति – आंटी, आप महान हो.. मेरे पास वर्ड नहीं है.. मेरी चूत में आग लगा दी आपने..
मिनी – देखो तुम्हारी चूत कैसे लाल हो गई है..
अदिति – आंटी, मुझे ऐसा फील हो रहा है की मैं हवा में उड़ रही हूँ..
मिनी – चलो थोड़ी देर तुम्हारी चूत को आराम देते हैं..
मैंने फिर अपना दोमूहा डिल्डो निकाला..
अदिति – ये कैसा टॉय है आंटी..
मिनी – ये लेस्बियन सेक्स के लिए स्पेशल है.. देखो दोनों एंड में लंड है.. एक एंड एक चूत में और दूसरा लंड दूसरे चूत में..
अदिति – वाव, कितना लम्बा भी है ना आंटी..
मिनी – दो दो चूत में जाने के लिए लम्बा तो होगा ही ना..
अदिति – पर आपने तो बोला की मेरी चूत को थोड़ा आराम दोगि..
मिनी – हाँ अभी चूत नहीं, मुंह की बारी है.. पहले उस सिंपल डिल्डो को चूस के दिखाओ कैसे ब्लो जोब दोगि अपने पार्ट्नर को..
अदिति – एक बार आप बताओ ना आंटी पहले..
मिनी – ओ के .., नो प्राब्लम..
फिर मैंने नॉर्मल डिल्डो बेड पे रखा उसे सीधा खड़ा किया..
मिनी – देखो या तो ऊपर से स्टार्ट करो या नीचे से.. जैसे अभी मैं नीचे से शुरू करती हूँ.. पहले लंड को ऐसे ऊपर पकड़ना और बॉल्स को सहलाना.. धीरे धीरे ऐसे पूरे लंड को सहलाना फिर बॉल्स को ऐसे लीक करना.. 
फिर बॉल्स से स्टार्ट करके ऊपर तक लीक करना.. 
ऐसे ही लंड को चारों और से लीक करना.. फिर बॉल्स को मुंह में ले के सक करना.. उसके बाद फिर लंड को नीचे ऐसे पकड़ लेंगे और लंड के सुपाड़े को चूसेंगे.. सुपाड़ा को सबसे ज़्यादा चूसना है.. इससे जैसे जैसे प्री कम निकले उसे भी चूस जाना.. फिर पूरे लंड को चूसना ऐसे अंदर ले के और फिर बाहर करके.. 
 
साथ साथ ही हाथ को भी मूव करना सिंक में.. इस तरह से लड़का जल्द ही फुल साइज़ में आ जाएगा.. फिर तुम इन सब प्रोसेस को बार बार दोहराना.. सुपाड़े को ऑल्वेज़ ज़्यादा चूसना.. बहुत मज़ा आएगा..
अदिति – सुनके की मज़ा आ रहा है.. मेरी चूत तो लगातार पानी छोड़ रही थी..
मिनी – थोड़े देर में फिर से चूत की प्यास मिटाएँगे.. चलो अभी तुम चूस के दिखाओ ये डिल्डो वाला..
फिर अदिति ने जैसे मैंने बताया था वैसे डिल्डो को चूसा.. काफ़ी अच्छा चूस रही थी..
मिनी – चलो अब इस दोमूहे डिल्डो को चूसते हैं.. दोनों एक एक तरफ से..
फिर मैंने ख़ास डिल्डो को अपने मुंह में लिया और दूसरा एंड अदिति की और किया.. हम दोनों ने डिल्डो को बीच से पकड़ा और दोनों एंड से डिल्डो को चूसने लगे..
मिनी – चलो अब हाथ हटा के, पूरा अंदर लेते हैं.. दोनों यदि पूरा अंदर ले लेंगे तो हमारी लिप्स कांटेक्ट में आ सकते हैं..
फिर हम दोनों ने डिल्डो से हाथ को हटाया.. दोनों ने डिल्डो को अंदर लेना स्टार्ट किया.. अदिति ने थोड़ा कम अंदर लिया और मैंने ज़्यादा पर अब हमारी लीप कांटेक्ट में आ रही थी.. मैंने उसके लिप्स को चूसा..
अदिति – वाव, आंटी काफ़ी चीज़े हैं ट्राइ करने के लिए.. आंटी आपने मेरी चूत को चूस चूस के लाल कर दिया है.. आपकी चूत भी तो गीली हो गई है.. मैं भी आपकी चूत को चूस देती हूँ.. नहीं तो ऐसा लगेगा की सारे मज़े मैं ही ले रही हूँ..
मैं फिर बेड पे लेट गई, अपना पैर फैलाया और चूत को अदिति के लिए सामने कर दिया.. अदिति ने पोजीशन लिया और फिर मेरी चूत जो पहले से गीली थी उसे चाटने लगी..
मिनी – इस इट ओ के .., तुम्हें लगता है की तुम चाट सकती हो..?..
अदिति – जी आंटी, मुझे लगता है की इतनी गरम हूँ की अभी मुझे ये चाटना मस्त लग रहा है..
मिनी – ये देख, जहाँ मेरी उंगली है ना, वो मेरी क्लिट है, उसे अच्छे से चूसना जब चूत में उंगली डाल के चूसेगी..
फिर अदिति ने मेरी क्लिट को चूसना शुरू किया और मेरी चूत में उंगली डाल के चोदने लगी..
मिनी – 2 और उंगली डाल ले हिला.. एक से मेरा क्या होगा..
फिर उसने 3 उंगलियाँ मेरी चूत में डाली और मेरी चूत को चोदने लगी.. 
मेरी क्लिट को वो काफ़ी मज़े से चूस रही थी.. फिर मैंने जैसे जैसे उसकी चुसाई की थी उसने भी मेरी चूत की वैसी ही चुसाई करी.. 
मैं जल्द ही झड़ने लगी और अदिति मेरी चूत को चाट चाट के मलाई खाने लगी.. 
मैं भी चूत चुसाई से काफ़ी गरम हो गई थी इसलिए अब मेरी चूत में मुझे डिल्डो डालना था.. 
मैंने अदिति को इशारा किया.. दोमूहे डिल्डो को अपने हाथ में लिया और अपने चूत में डालने लगी.. 
फिर अदिति को मैंने पोज़िशन में बैठया और अपनी हाथों से डिल्डो का दूसरा एंड उसकी चूत में डालने लगी.. अब डिल्डो दोनों की चूत में था..
मिनी – धीरे धीरे चूत को आगे कर के डिल्डो को पूरा अंदर ले..
अदिति ने वैसा ही किया.. मैंने भी डिल्डो को अपनी चूत में पूरा अंदर लिया.. हम दोनों की जांघे पूरी एक दूसरे से चिपक गई थी.. 
गाण्ड भी नीचे टच होने लगी थी.. 
डिल्डो में चूत भी अदिति की चूत को टच कर रही थी..
मिनी – अब, धीरे धीरे अपनी चूत को थोड़ा बाहर निकाल..
अदिति ने अपनी चूत को पीछे खींचा और थोड़ा बाहर की निकाला..
मिनी – अब जब तुम फिर से इसे अंदर लोगी तो मैं अपनी चूत को बाहर लूँगी.. फिर वैसे ही नेक्स्ट जब तुम बाहर जाओगी तो मैं फिर से अंदर लूँगी.. ऐसे ही कंटिन्यू करना..
अदिति – ओ के .. आंटी..
फिर जैसा की मैंने समझाया था अदिति ने वैसे ही अपनी चूत को थोड़ा बाहर निकाला और फिर से अंदर आने लगी.. 
मैंने अपनी चूत को बाहर निकाला और फिर जब वो दोबारा बाहर जा रही थी तो मैंने भी धक्का देके डिल्डो अपने अंदर ले लिया.. 
थोड़ी देर में दोनों ने सिंक पकड़ लिया था और अब हम आराम से डिल्डो को राइड कर रहे थे, डिल्डो को चोद रहे थे..
फिर हम दोनों ने इसकी स्पीड बड़ाई और तेज़ तेज़ से डिल्डो को अंदर बाहर लेने लगे.. 
हम दोनों ऑलमोस्ट एक ही साथ झड़ गये.. 
मैंने उंगलियों से थोड़ा रस कलेक्ट किया और उसे चाटने लगी.. मुझे देख अदिति भी चूत की रस को कलेक्ट करके चाट रही थी..
मिनी – अब अदिति एक साथ अंदर लेंगे और एक साथ बाहर लेंगे..
फिर हम दोनों ने चूत को एक साथ ड़ीडलो से बाहर निकालना और डिल्डो को फिर से अपनी चूत में एक साथ अंदर लेना शुरू किया.. अच्छी स्पीड में हम एक दूसरे को चोद रहे थे.. 
हम दोनों ने फिर अपने चूतड़ ज़मीन से उठा लिया और हवा में सेम पोजीशन में चुदाई करने लगे.. 
सारा बॉडी वेट हाथ और पैर में था.. 
इस पोजीशन में डिल्डो काफ़ी अंदर तक जा रहा था और जांघें जब एक दूसरे से चिपक रही थी फॅक फॅक की आवाज़ से माहोल और भी गरम हो रही थी.. 
थोड़े देर में हम दोनों फिर से झड़ गये.. अदिति को बुरा हाल हो गया था..
अदिति – आंटी, अब बस.. मेरी चूत अब और नहीं ले सकती.. ना जाने कितनी बार मैं झड़ चुकी हूँ.. मुझे वीक्नेस्स भी हो रही है..
मिनी – हाँ अदिति, चल मैं तुझे कॉफ़ी पिलाती हूँ.. फिर सोएंगे..
फिर हम दोनों ने कॉफी पी और नंगे एक दूसरे को पकड़ के सो गये.. अदिति सुबह जल्दी उठ गई थी और अपने घर जाने के लिए रेडी थी..
अदिति – धन्यवाद आंटी, इट वाज़ बेस्ट नाइट एवर..
मिनी – थैंक यू.. तुमने इस नाइट को अच्छा बनाया..
अदिति – मैं कोशिश करूँगी सौरभ के साथ अपनी सेक्स को एंजाय करने का.. आंटी आपको फिर से कभी अकेले हो तो बताना मुझे..
मिनी – ज़रूर बेटा..
फिर मैंने अदिति को बाइ किया और मैं फिर से सोने चली गई..
अदिति के साथ के सेशन के कुछ दिनों बाद अदिति ने मुझे कॉल किया था.. 
वो काफ़ी परेशान लग रही थी.. काफ़ी पूछने पे अदिति ने बताया की सौरभ के साथ उसका ब्रेक अप हो गया है.. 
अदिति ने सौरभ को जब अपनी चूत चूसने के लिए बोला था तो सौरभ को चूत चूसना पसंद नहीं आया था.. 
इस पर अदिति ने उसे ये बोल दिया था की एक तो तुम्हारा लंड इतना छोटा है उसपे यदि तुम मेरी चूत भी चूस के नहीं संतुष्ट करोगे तो कैसे होगा.. 
इससे सौरभ को काफ़ी बुरा लगा था.. 
उसके छोटे लंड के कमेंट से वो काफ़ी बुरा मान गया था और उसने अदिति से लड़ाई कर ली.. अदिति ने भी उससे ब्रेक करना ही ठीक समझा..
मैंने भी अदिति को समझाया की अच्छा ही हुआ की उसने अभी ही ये डिसिशन ले लिया, फ्यूचर में हमेशा छोटे लंड के टेंशन में लाइफ बिताने से बेटर था की वो इसे एंड कर दे.. 
मुझसे बात करके अदिति थोड़ा रिलीफ फील कर रही थी.. 
मैंने रंगीला को भी अदिति के बारे में बताया.. ये नहीं बताया की मैं उसके साथ हम बिस्तर हो चुकी हूँ.. बस इतना बताया की हम अच्छे दोस्त बन गये हैं, उसके पेरेंट्स नहीं है, तो वो मुझे अपनी आंटी मानती है.. 
रंगीला भी मेरे फ़ैसले से काफ़ी खुश था.. उसने भी यही बोला की कभी कभी जो हम दोनों फील करते हैं की एक बेटी भी होती तो अच्छा होता, तो बेटर अदिति को हम अपनी बेटी मान लेते हैं.. 
रंगीला ने तो ये भी सजेस्ट किया की एक पार्टी करते हैं और अपने सारे फ्रेंड्स को बता देते हैं की अब हमारी एक बेटी भी है..
मैंने अदिति से डिसकस किया, वो काफ़ी खुश हुई की रंगीला भी उसे बेटी समझ रहे हैं.. 
हमने एक पार्टी ऑर्गनाइज़ की.. 
ग्रूप के सारे दोस्त पार्टी में आए थे.. अदिति सब से मिली.. राज अदिति से मिल के बहुत खुश था.. 
वो भी एक दीदी को मिस करता था.. इसलिए जब अदिति के रूप में उसे एक दीदी मिली तो वो बहुत ही ज़्यादा खुश था.. 
कोमल, अंकिता, रूचि सब अदिति से मिल के खुश थे.. पार्टी में सबके चेहरे की ख़ुशी को देख के हम भी उतने ही खुश थे.. 
 
पार्टी के बाद जब सब अपने अपने घर चले थे, अदिति मुझे हेल्प करने के लिए थोड़ी देर रुक गई थी.. 
आज रंगीला और राज भी मेरी हेल्प कर रहे थे क्लीन करने में.. क्लीनिंग के बाद, मैं सबके लिए कॉफी बनाई और हम साथ बैठ के कॉफी पीने लगे..
राज – मम्मी, धन्यवाद फॉर नाइस पार्टी और धन्यवाद मुझे दीदी देने के लिए..
मिनी – हम सब खुश हैं बेटा, धन्यवाद किस लिया.. अदिति तुम बताओ कैसा लगा सबसे मिल के..
अदिति – आंटी, मैं आपको बता नहीं सकती, बेस्ट डे ऑफ माइ लाइफ.. आप जैसी आंटी, अंकल इतने अच्छे हैं और राज जैसा भाई.. मुझे तो जीवन की इतनी सारी खुशियाँ एक साथ मिल गई..
रंगीला – बेटा, हमारी लाइफ में भी एक ही चीज़ की कमी थी, एक बेटी की, तो वो भी आज पूरी हो गई.. बस यदि तुझे कभी भी ऐसा लगे की इतने सारे नये रिश्ते तुम झेल ना कर पाओ तो बता देना..
अदिति – नहीं, अंकल मैं बहुत ही खुश हूँ.. काश की मैं सच में आपकी बेटी होती..
मिनी – ऐसा है तो, ये अंकल आंटी बंद करो.. तुम हमें मम्मी पापा बुला सकती हो.. मान लो की हम तुम्हारे मम्मी पापा हैं और राज तुम्हारा छोटा भाई है..
अदिति – रियली आंटी ..?..?..
मिनी – हाँ बेटा..
अदिति – धन्यवाद आंटी, मेरा मतलब मम्मी..
राज – वाव, दीदी एक हग तो बनती है.. फैमिली में स्वागत है..
अदिति – धन्यवाद राज..
अदिति – आंटी अब मैं चलती हूँ नहीं तो काफ़ी लेट हो जाएगा..
रंगीला – ह्म, स्टे कर लो रात के लिए.. गेस्ट रूम है ना..
अदिति – नहीं अंकल, इट्स ओ के .. मैं टैक्सी कर लूँगी..
रंगीला – टैक्सी क्यूँ, राज जाओ दीदी को घर छोड़ के आ जाओ..
राज – वो तो ठीक है, पर मैं एक बात पूछूँ ..?..
मिनी – क्या हुआ बेटा..?..
राज – अभी आपने दीदी को अपनी बेटी बनाया, तो फिर दीदी कहीं बाहर रेंट पे क्यूँ रहेगी.. मुझे समझ नहीं आ रहा.. यदि मुझे दीदी मिली है तो, दीदी हमारे साथ ही क्यूँ नहीं रह सकती..
मिनी – हाँ बात तो सही है, रंगीला ..?..?..?..
रंगीला – राज गुड बेटा, गेस्ट रूम आज से अदिति का रूम.. अदिति तुम्हें कहीं भी जाने की ज़रूरत नहीं है.. तुम यहीं स्टे रहोगी अब से..
अदिति – पर पापा..
मिनी – क्या ..?..?.. कोई बात है तो बताओ ..?..
अदिति – मम्मी, मेरे यहाँ रहने से कोई प्राब्लम ना हो जाए.. मुझे डर है की जो हमारे बीच है वो खराब ना हो जाए.. मैं आप लोगों को लूज़ करना नहीं चाहूँगी..
राज – क्या दीदी आप भी ना.. साथ में रहेंगे तो रीलेशन और अच्छा होगा खराब नहीं..
मिनी – एक मिनट बेटा, अदिति तुम मेरे साथ आओ.. आप लोग यहीं रूको..
फिर मैं अदिति को साइड में ले के गई.. उससे पूछा की उसे क्या प्राब्लम है.. उसने बोला की एमोशनली हम फैमिली हैं.. पर मुझे डर है मम्मी की जब राज और बड़ा हो जाएगा, उसकी शादी हो जाएगी, कहीं उसे ये ना लगने लगे की मैंने उसका कोई हक़ छीन लिया है.. मम्मी कॉंप्लिकेटेड हो सकता है सब कुछ.. फिर मैं वापस आ गई..
मिनी – रंगीला, राज अदिति को ये लगता है की यदि वो हमारे साथ रहेगी तो राज के हिस्से के कुछ हक़ उसे मिल जाएँगे और सब कुछ कॉंप्लिकेटेड हो जाएगा..
राज – वाव, दीदी आपको कितनी चिंता है ना मेरी.. एक काम करना वैसे भी आप जॉब करती हो ना, मेरे लिए हर महीने अपनी सैलरी से पॉकेट मनी दे देना, और फिर आप मेरे हिस्से के सारे हक़ एंजाय करो.. अब बताओ और कोई प्राब्लम.. हद हो गई दीदी.. मैं आपको सच में दीदी मानता हूँ.. आपको मेरे हिस्से का कुछ ना मिले तो मैं मम्मी पापा से लडूँगा आपके लिए..
अदिति – सॉरी राज, मेरा कोई ग़लत मतलब नहीं था..
राज – सॉरी नहीं, बस अब आप हाँ कर दो..
अदिति ने फिर हमारे साथ ही रहने के लिए हाँ कर दिया.. हमारी फैमिली 3 से 4 हो गई.. अदिति ने रात हमारे साथ ही बिताया..
अगले दिन रंगीला और राज ने अदिति को अपना सारा समान शिफ्ट करने में हेल्प किया.. अब मुझे भी एक फ्रेंड जैसी बेटी मिल गई थी.. उस रात में अदिति के कमरे में गई..
अदिति – मम्मी, आओ ना बैठो..
मिनी – कैसी हो बेटा, कोई भी प्राब्लम हो बेहिचक बताना मुझे..
अदिति – मम्मी, एक बात पूछनी थी.. अब जब हम मम्मी-बेटी हो गये हैं, वो रात वाली बात का क्या होगा..
मिनी – तुम क्या चाहती हो ..?..
अदिति – मम्मी, मैं नहीं चाहती की हमारे बीच जो स्पेशल बॉन्ड है, वो ख़त्म हो जाए.. मैं आपकी फ़्रेंड कम बेटी रहना चाहती हूँ..
मिनी – बस फिर डिसाइड हो गया, जब स्पेशल बॉन्ड निभा रहे होंगे तब समझ लेना की हमारे बीच कोई ब्लड रीलेशन नहीं है.. इसलिए कुछ ग़लत नहीं है..
अदिति – श मम्मी, थैंक यू..
मिनी – स्टॉप थैंक यू बेटा..
अदिति – सॉरी मम्मी..
मिनी – अच्छा ये बताओ की अब सौरभ से ब्रेक अप के बाद क्या सोचा है ..?..
अदिति – अभी कुछ सोचा नहीं मम्मी, बस मुझे मालूम है की मुझे कैसा लड़का चाहिए..
मिनी – हाँ बेटा, इस बार देख लेना लंड का साइज़ अच्छा हो उससे ही रीलेशन बनाना.. क्यूँ की अब तुम मेरी बेटी हो इसलिए मैं नहीं चाहूँगी की बार बार तुम्हारा दिल टूटे..
अदिति – पर मम्मी, कैसे किसी लड़के को बिना बॉय फ्रेंड बनाए लंड दिखाने को बोलूँगी..
मिनी – ही ही ही वो भी है.. वैसे ज़रूरी ये है की एमोशनली अटॅच होने से पहले लंड देख लेना.. शुरू में हाथ से हिला देना.. बस किसी का लंड अच्छा ना भी लगे तो उसे हॅंजब अच्छे से दे देना और बोल देना सॉफ सॉफ की ये बस टाइम पास है..
अदिति – मम्मी, आप भी ना..
मिनी – वैसे मैं एक लड़के को जानती हूँ, जिसका लंड काफ़ी लम्बा और चौड़ा है..
अदिति – वाव मम्मी, कौन ..?..
मिनी – अंकिता आई थी ना, उसका बेटा.. वो तुमसे 1-2 साल छोटा होगा.. पर मैंने उसका लंड देखा है.. भयंकर है..
अदिति – मम्मी, आपने उसका लंड कैसे देखा है ..?..?..
मिनी – अब क्या बोलूं, प्रॉमिस कर पापा को नहीं बताउंगी ..?..
अदिति – ये भी कोई पूछने की बात है …
मिनी – कुछ नहीं, बस वन टाइम था.. वो मुझे यंग लंड लेने की काफ़ी क्रेविंग हो रही थी.. एक दिन अमन अंकिता का एक सामान लेने आया था.. मैंने उसे सिड्यूस कर के उससे चुदवाया था.. पर तू चिंता मत कर, यदि तू उसे पसंद कर लेगी तो मैं नहीं चड़वौनगी कभी.. वैसे भी दोबारा नहीं चुदवाया..
अदिति – मम्मी, आप कमाल हो.. आपकी जैसी मम्मी हो तो बेटी को लंड की कमी ना हो.. ज़रूर मिलना चाहूँगी उससे.. वैसे मम्मी, आपके साथ कुछ भी शेयर करने में मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.. आपने ही बोला ना अभी ख़ास बॉन्ड के वक़्त हम अस्यूम करेंगे की नो ब्लड रीलेशन..
मिनी – नहीं नहीं, मेरी छोड़.. तू मिल लेना उससे, अच्छा लगे तो ठीक नहीं तो फिर कोई और.. मेरी और से कोई प्राब्लम नहीं है.. उससे ये मत बोल देना की मैंने तुझे बता दिया है उसके साथ की गई चुदाई के बारें में.. नहीं तो भाग जाएगा…
अदिति – ओ के .. मम्मी..
मिनी – ठीक है मैं अंकिता से बात करके बोलती हूँ..
फिर मैंने अदिति को लिप्स पे किस दिया और उसे गुड नाइट बोल के वापस अपने रूम आ गई.. 
मैंने अंकिता से बात भी करी, और अमन को भी समझाया की उसे अदिति को डेट पे ले जाने के लिए पूछना है.. 
अदिति अंकिता को भी काफ़ी पसंद आई थी इसलिए उसे भी कोई प्राब्लम नहीं थी.. 
फ्राइडे की शाम में अमन हमारे घर आया और कॉफ़ी के वक़्त ही उसने अदिति को बाहर चलने के लिए बोला.. 
अदिति भी पहले से ही रेडी थी.. 
वो अच्छे से रेडी हो के अमन के साथ डेट पे चली गई.. 
राज और डॉली भी बाहर गये थे एक साथ.. मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और रंगीला के साथ भरपूर चुदाई करी.. रंगीला ने भी मुझे काफ़ी दिनों से चोदा नहीं था इसलिए उसने भी मुझे मन भर के चोदा.. चुदाई के बाद – 
रंगीला – मिनी, तुझसे एक बात करनी है..
मिनी – बोलो ना..
रंगीला – मैं और जय सोच रहे थे की बस मैं तुम जय और कोमल कहीं चलते हैं.. एक ही साथ हम सब इस बार सेक्स करने की सोच रहे हैं.. तुम्हें ये आइडिया ठीक लग रहा है..
मिनी – रंगीला, पर कॉंप्लिकेट ना हो जाए सब कुछ, वैसे हाँ मुझे जब तुमने और जय ने एक साथ चोदा था तो मुझे काफ़ी अच्छा लगा था.. पर तुम्हारे सामने किसी और से चुदवाने का सोच के कभी कभी डर लगता है..
रंगीला – नो मिनी, कॉंप्लिकेट हो सकता है.. पर क्यूँ की ये जय और कोमल हैं, मुझे डर नहीं है.. यदि हम लोग साथ में करना चाहते हैं तो कोमल और जय ही हो सकते हैं.. और कोई नहीं.. इसलिए मैंने दूसरो का नाम सजेस्ट नहीं किया..
मिनी – हाँ वो भी है, कोमल और जय हैं तो डर कम है.. ठीक है मैं कोमल से बात करके बताउंगी तुम्हें..
रंगीला – ओ के .., और हाँ अदिति अमन के साथ गई है ना, देख लेना अदिति का ख़याल रखना.. अमन भी उसे कहीं दुख ही दे ऐसा ना हो..
मिनी – अरे नहीं, मैं अदिति को इतना स्ट्रॉंग बना दूँगी की उसे कभी भी इन सब बातों से दुख नहीं होगा..
फिर रंगीला सो गये, राज आज डॉली के साथ ही रहने वाला था.. अदिति वापस आ गई थी.. अमन उसे छोड़ने आया था.. मैंने उसे भी अंदर चाय के लिए बिठाया.. अदिति को ले के किचन में गई..
मिनी – सो, बोर किया उसने तुम्हें..
अदिति – नहीं मम्मी, असल में ही इस वेरी स्वीट.. उसने बताया की उसकी आजतक कोई गर्ल फ्रेंड नहीं थी.. 1 साल छोटा है मम्मी.. फाइनल ईयर है उसकी ग्रेजुएशन का.. मुझे लगता है की मैं उसके साथ फिर से बाहर जाउंगी, शायद मैं उसे पसंद करने लगूँ..
मिनी – और..?..?..?..?..
अदिति – और क्या मम्मी, नहीं मम्मी मौका नहीं मिला की उसके लंड को देखूं..
मिनी – अच्छा, कोई बात नहीं कभी और सही..
 
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, मुझे अमन काफ़ी ईमानदार लगा.. जैसा की हमने डिसकस किया था मैंने उसे नहीं बताया था की मैं आपके और उसके सेशन के बारें में जानती हूँ.. पर उसने खुद से मुझे बताया की एक बार वो आपके साथ सेक्स कर चुका है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – क्या, हाँ है तो काफ़ी प्यारा बच्चा..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – और मम्मी, मुझे नहीं पता की यदि आप मुझपे छोड़ दोगी तो मैं कब उसके लंड देख पाऊँगी.. पता नहीं क्यूँ मैं शाइ फील करने लगती हूँ.. आप ही कुछ हेल्प कर दो ना..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – पक्का..?..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, आपको पता है की आप मेरे लिए कितने स्पेशल हो.. सच में मुझे फ़र्क नहीं पड़ेगा अमन को आपके साथ शेयर करने में..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – मुझे पता है बेटा, पर देख सेक्स एंजाय करना अलग बात है, इसे उलझन भरा बनाना दूसरी बात है.. यदि पहले से सोच समझ के इसे जितना सिंपल रखोगी उतना आसान होगा.. एनीवेस चलो फर्स्ट टाइम है मैं हेल्प करती हूँ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर मैं और अदिति दोनों अमन के पास गये और सब चाय पीने लगे..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – तो अमन, तुमने अदिति को हमारे बारें बता दिया..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन – सॉरी आंटी, पर मैं अदिति को रियली पसंद करता हूँ.. इसलिए सोचा सब सच बता दूँ, ताकि फ्यूचर में कोई प्राब्लम ना हो..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – इट्स गुड अमन.. और तुमने अदिति को अपना स्पेशल हथियार दिखाया की नहीं ..?..?..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन – आंटी, ये तो हमारा पहला डेट था ना..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – तो क्या हुआ, तुम अपना बेस्ट दिखाने में टाइम लागोगे उससे पहले अदिति ने किसी और को पसंद कर लिया तो..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन – नहीं आंटी, मैं तो हमेशा रेडी हूँ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – ठीक है जल्दी चाय ख़त्म करो, रूम पे चलो.. मैं भी देखना चाहती हूँ की तुम मेरी बेटी का कितना ख़याल रखते हो..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर चाय ख़त्म करके हम तीनों बेडरूम चले गये.. मैंने दरवाज़ा अच्छे से लगा दिया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अमन का शर्ट उतारने लगी.. फिर उसके पैंट और बनियान भी उतार दिए.. अमन बस अंडरवियर में खड़ा था..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – आओ अदिति, इसकी अंडरवियर उतरो..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अदिति भी मेरे साथ अमन के सामने बैठ गई.. उसने अमन के अंडरवेअर को नीचे किया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन का लंड अंडरवियर में बड़ा सा टेंट बना चुका था.. अदिति ने उसके लंड को बाहर से फील किया.. फिर धीरे से लंड को उसके अंडरवियर से बाहर निकाला.. अमन का लम्बा सा लंड अदिति और मेरे सामने सलामी लगा.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति का मुंह खुला का खुला रह गया..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, ये तो बहुत ही बड़ा लंड है…[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – हाँ, और मस्त भी.. बोल कैसा लगा..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – पता नहीं मम्मी, मेरी चूत में जाएगा तो..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – हाँ जाएगा भी और तुम्हारी चूत में तूफान भी मचाएगा.. टेस्ट करना चाहती हो ..?..?..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, आप करो ना पहले.. फिर मैं भी करूँगी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर मैंने सबसे पहले अदिति को लिप्स के किस किया.. अमन अपना लंड हाथ में लिए हमें देख रहा था.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं अदिति के लिप्स को खा रही थी.. फिर मैंने अदिति के एक हाथ को उठा के अमन के लंड पर रख दिया और उसे उसके लंड को सहलाने के लिए बोला.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं भी अपने एक साथ से अमन के बॉल्स को सहलाने लगी और अदिति को किस करती रही.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]थोड़ी देर तक हम ऐसे ही किस करते रहे और अमन का लंड सहलाते रहे..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – बेटा, अब इधर आ जा.. ये सुपाड़ा अपने मुंह में लो और चूसो.. मैं इसके बॉल्स को चूसती हूँ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अदिति अमन का सुपाड़ा मुंह में ले चूसने लगी.. मैं उसके बॉल्स को चूसने लगी.. मैंने देखा की अदिति चूस तो अच्छा रही है पर हाथ उसका कुछ हरकत नहीं कर रहा था..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – रुक बेटा, ये देख ऐसे करते हैं.. ऐसे लंड को हाथ से पकड़ और सुपाड़े को मुंह ले ले.. फिर सुपाड़ा चूसते चूसते हाथों से लंड की मालिश भी कर..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैंने अदिति को कर के दिखाया और अदिति ने मुझे फॉलो किया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं फिर से अमन के बालस्स चूसने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर मैंने अदिति को रोका और उसके कपड़े उतारने लगी.. अदिति ने भी मेरी नाइटी उतार दी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अब हम तीनों पूरे नंगे थे.. फिर से मैंने अदिति को थोड़ा किस किया, उसके चुचि को भी किस किया और अमन के लंड को पकड़ के मैं उसके सुपाड़े को चूसने लगी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – बेटा, अब तू उसके बॉल्स चूस..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अदिति अमन के बॉल्स चूसने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैंने फिर अमन के लंड को और भी मुंह के अंदर लेना शुरू किया.. और अब पूरा अंदर ले ले के उसके लंड को चूसने लगी.. अदिति देखने लगी की कैसे मैं अमन के लंड को चूसने लगी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – बेटा, देख लिया तूने अब तू भी लंड को जितना हो सके अंदर ले और चूस..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अदिति ने अमन के लंड को अपने मुंह में शुरू किया, वो सुपाड़े को पूरा अंदर ले चुकी थी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – और अंदर ले बेटा.. जब लगे अब नहीं होगा तो वहीं रुक जाना और चूसना स्टार्ट कर देना..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अदिति ने अमन के लंड को और भी अंदर लेना शुरू किया.. ऑलमोस्ट अमन के लंड आधा अंदर लेने के बाद वो रुकी और फिर उसके लंड को अंदर बाहर करके चूसने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन बस मज़े ले रहा था.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]काफ़ी देर अदिति अमन के लंड को लगातार चूसती रही.. उसे भी ऐसा लंड पहली बार मिला था तो वो मज़े ले ले के चूस रही थी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर मैंने अदिति को बेड पे लिटाया और उसकी पैरों को फैलाया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]उसका चूत जो गीला हो चुका था, उसकी रस को चूसने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]पर मुझे मालूम था की आज की रात अदिति और अमन की होनी चाहिए..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – अमन देख क्या रहे हो.. इधर आओ और अपने जीभ का कमाल दिखाओ अदिति को.. जैसा सिखाया था तुम्हें याद है ना, वैसे ही चूसना.. इतनी गोरी चूत काफ़ी कम लोगों को नसीब होती है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन – धन्यवाद आंटी.. मालूम है आंटी.. आपने तो मेरी लाइफ बना दी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अमन अदिति की चूत के पास अपना मुंह ले गया और उसकी चूत के साथ खेलने लगा.. अदिति की गोरी गोरी गुलाबी चूत पे अमन अपनी उंगली जीभ से हरकते करने लगा.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति लेटे लेटे मज़े ले रही थी.. मैं अदिति के पास गई और उसे किस करने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]इस बार अदिति काफ़ी इनटेन्स तरीके से मेरे लिप्स को चूसने लगी.. शायद चूत की चुसाई से मस्ता गई थी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर मैंने अपनी एक चुचि अदिति की मुंह में डाल दिया उसके बाल सहलाने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]उधर अमन अदिति की चूत को चूसता ही जा रहा था.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति मेरी चुचि को बीच बीच में काटने लगी.. मैंने भी मना नहीं किया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर मैंने अपनी दूसरी चुचि अदिति की मुंह में डाल दिया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति मज़े से मेरी चुचि चूस रही थी और अपना गाण्ड हिला हिला के चूत चुसवा रही थी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]थोड़ी देर में अदिति झड़ गई और उसने मुझे कस के पकड़ लिया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं उठी और अदिति की मुंह में अपनी चूत रख के बैठ गई..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अब अदिति मेरी चूत चूस रही थी और अमन अदिति की चूत चूस रहा था.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति भी बड़े अच्छे से मेरी चूत की चुसाई करने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं अपनी चुचियों को खुद ही दबा रही थी और अपनी एक उंगली से अपनी क्लिट को सहला रही थी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति मेरी चूत में जीभ घुसा के मेरी चूत को चोद रही थी.. अमन बिना रुके अदिति की चूत को चूसता जा रहा था.. अमन भी शायद अदिति को इंप्रेस करना चाहता था, इस लिए उसने चूत चुसाई में कोई कसर नहीं छोड़ी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति की चूत चुसाई से मैं जल्द ही उसके मुंह में ही झड़ गई.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति ने मेरी चूत को चाट चाट के मलाई खाई.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]थोड़ी देर में अदिति फिर से झड़ गई.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]वो मुझे कस के पकड़ के अपना पानी छोड़ रही थी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – अमन, गुड जॉब.. ऐसे ही चूत चूसना मेरी बेटी का.. अब चूत को चोदना है.. कॉंडम है ..?..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन – नहीं आंटी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, मेरे पर्स में है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैंने अदिति की पर्स से कॉंडम निकाला और फाड़ के अमन की मोटी लंड में लगाया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैने फिर अदिति को समझाया – देखो बेटा चुदाई करना या सेक्स का खुल के मज़ा लेना बहुत अच्छी बात है पर धयान रखना कॉंडम के बिना कभी मत करना.. सिर्फ़ गर्भ ठहरने की बात नहीं.. या गुप्त रोग या एड्स की बात नहीं.. इससे बहुत सी हानि है.. लड़कियों से ज़्यादा असर इसका लड़कों पर होता है.. मान लो तुमने 2 3 से ज़्यादा नंगे लंड लिए तो तुमसे ज़्यादा तुम्हारे पति को नुकसान है वो किसी भी कीमत पर 45 50 के उपर नहीं जा पाएगा.. ज़रूरी नहीं वो किसी गुप्त रोग या एड्स ही मरे.. ये तो तब होगा जब तुम कम से कम 10 12 लोगो से चुदि हो.. हार्ट अटैक, नासों में ब्लॉक आना, किड्नी या लीवर फैल होना या बहुत से रोग के लिए डेड स्पर्म ज़िम्मेदार होता है जो हम लड़कियों की चूत के पोरो में होता है नंगा लंड लेने से.. एक दो बार हमे कोई चोदे तो कोई दिक्कत नहीं लेकिन जो हमारी ज़्यादा लेता है जो हमारा पति ही होता है उसकी बर्बादी तय है.. हम कितने भी आधुनिक क्यूँ ना हो हमारी जिंदगी पति के बिना आज भी ज़्यादा कुछ नहीं है.. इसलिए बेटा कॉंडम के बिना किसी कीमत में चुदाई नहीं.. और हो सके तो चुदाई के बाद अपने पार्टनर से मूतवा लो.. कोशिश करना बेटा कभी नंगा लंड ना लेना पड़ा.. क्यूंकी कुछ भी पाप नहीं लेकिन अगर अपनी किसी भी काम से या मज़े से दूसरे को कोई हानि हो तो उससे बड़ा कोई पाप नहीं.. और यहाँ तुम अपने पति को ही नुकसान पहुँचा रही हो तो सोच लो.. जान लो बेटा तुम एक से ज़्यादा नंगे लंड पर बैठ रही हो तो तुम अपनी बर्बादी पर बैठ रही हो.. ये जहाँ तो छोड़ो तुम्हें किसी लोक में मुक्ति नहीं मिलेगी यदि इससे तुम्हारे पति या किसी और को कुछ हुआ तो… अब एंजाय करो…[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – वॉव मम्मी अपने बहुत मस्त समझाया.. धन्यवाद मम्मी मैं हमेशा याद रखूँगी.. लेकिन मम्मी क्या कॉंडम लगा के हम कितनो से भी चुदवा सकते हैं.. ही ही ही[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – ही ही ही.. बदमाश कहीं की.. नहीं बेटा ऐसा नहीं है.. कॉंडम भी पूरी सुरक्षा नहीं देता हां पर सीधे अटैक को कम कर देता है, बस.. किसी पुरानी रंडी को ज़्यादा चोदने से कॉंडम भी लगा लो तब भी लंड की चमड़ी तक जल जाती है.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी एक बात पूछ सकती हूँ आपने प्रैक्टिस क्यों छोड़ दी ??[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – अब ये सब छोड़.. चल अब चालू हो जा.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन का लंड पूरी तरह से अदिति की चूत में जाने के लिए तैयार था.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैंने अदिति की गाण्ड उठाई और उंसके नीचे एक तकिया लगा दिया.. अमन ने अपनी लंड को अदिति की चूत पे लगाया और धीरे धीरे अंदर डालने लगा.. अदिति दर्द से करहने लगी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – बेटा, दर्द ज़्यादा है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, इतना मोटा पहली बार जा रहा है अंदर..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – रुक अमन, अभी उतना ही अंदर डाल के रुक जा..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर थोड़ी देर अमन लंड को उतना ही अंदर रख के वेट करने लगा..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – बेटा, ठीक है ..?.. और अंदर लेना है ..?..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – हाँ मम्मी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अमन ने ये सुनते ही लंड पे प्रेशर देने लगा.. धीरे धीरे उसका लंड और भी अंदर चला गया.. अदिति अब दर्द को कंट्रोल कर पा रही थी.. मैंने अमन को इशारा किया की एक धक्का और लगाए और पूरा लंड डाल दे.. अमन ने एक ज़ोर का धक्का दिया और उसका पूरा लंड अदिति की गोरी चूत में घुस गया.. अदिति की बॉडी बेड से ऊपर हो गई और उसकी खुल गई.. मैंने उसे हग किया और उसे कंट्रोल किया..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, वाव मम्मी.. इतनी घराई पहली बार किसी ने खोदी है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – हाँ बेटा, अब उसे चोदने बोलती हूँ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – हाँ मम्मी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – धीरे धीरे चोदना शुरू कर अमन, धीरे निकलना और धीरे से अंदर डालना..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अमन ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए और अदिति की चूत को चोदने लगा.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]थोड़ी देर में अदिति भी कंट्रोल में आ गई और चुदाई की मज़े लेने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैंने उसकी गोल गोल चुचि को चूसना शुरू किया.. अमन लगातार धक्के लगा रहा था..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – अब थोड़ा स्पीड बढ़ा दे अमन..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अमन ने अपनी चोदने की स्पीड को बढ़ाया, और अदिति को पुस्त चोदने लगा.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]थोड़ी देर तक इसी पोज़िशन में अदिति चूत चुदवाती रही.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर मैंने अमन को हटने के लिए बोला और अदिति को कुतिया की तरह पोज़िशन में लाया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन ने पीछे से अदिति की चूत में एंटर करना शुरू किया और पूरा लंड अदिति की चूत में पेल दिया..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं अदिति के बालों को सहला रही थी और उसे चुड़वते देख रही थी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति अब अमन के लंड को लेने में कम्फर्ट फील कर रही थी.. अब अदिति भी अमन के साथ सिंक में आगे पीछे होना शुरू किया और चूत चुदवाने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]दोनों की कोशिश से अमन का लंड पूरा का पूरा अदिति की चूत में घुस रहा था और बाहर निकाल रहा था..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]थोड़ी देर तक ऐसे ही अमन अदिति को चोदता रहा.. फिर मैंने अमन को बेड पे लेटने के लिए बोला और अदिति को अमन के लंड के ऊपर आने के लिए बोला.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं अमन के लंड को हाथ से पकड़ के अदिति की चूत में डाला.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]धीरे धीरे अदिति ने अमन के पूरे लंड को अपने चूत में ले लिया..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अब अदिति ने अमन के लंड राइड करना शुरू किया और मज़े ले ले के अपनी चूत चुदवाने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं भी अमन के मुंह में अपना चूत रख के अपना चूत चुसवा रही थी.. अदिति थोड़ी देर तक वैसे ही अमन के लंड को अंदर बाहर लेती रही..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अमन – आंटी मैं झड़ने वाला हूँ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, आप मुंह में ले लो, पी लो..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अदिति अमन के ऊपर से हट गई.. मैंने अमन की लंड को मुंह में लिया उसके सुपाड़े को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.. अमन ने कुछ ही देर अपना माल छोड़ना शुरू किया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]उसके माल से मेरा पूरा मुंह भर गया था..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैंने थोड़ा माल पी लिया और थोड़ा मुंह में रख के अदिति की और गई और उसे किस करने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]किस करते करते मैंने अमन के स्पर्म को अदिति के साथ शेयर किया.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति भी अमन के स्पर्म को चाटने लगी.. [/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]हम दोनों एक दूसरे के लिप्स और जीभ से अमन की स्पर्म चूसने लगे.. फिर दोनों एक दूसरे को गले लगा कर के लेट गये.. थोड़ी देर बाद अमन जाने के लिए रेडी हो गया.. मैंने और अदिति ने उसे बाइ किया..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, मैं बनाती हूँ आपके लिए कॉफी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – ओ के .. अदिति..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर अदिति ने कॉफी बनाया और हम साथ में पीने लगे..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी, थैंक यू..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – छोड़ ये सब.. कैसा लगा बेटा..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – लगा की आज पहली बार चूड़ी हूँ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – चल अच्छा है तूने एंजाय किया.. अब तुझे सब आइडिया हो गया.. देख लेना सोच समझ के यदि ठीक लगे तो तू अमन से रीलेशन कंटिन्यू रख सकती है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – श मम्मी, वो तो मैंने डिसाइड कर लिया है की अब अमन का लंड छोड़ने वाली नहीं हूँ.. पर मम्मी मुझे बहुत अच्छा लगा जैसे आपने पूरी चुदाई के वक़्त मेरा साथ दिया.. आई लव यू मम्मी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – आई लव यू टू बेटा..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – मम्मी आपकी चूत प्यासी रह गई क्या ..?..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – नहीं रे, तेरे अंकल ने 2-2 बार मेरी चूत को शांत किया है आज.. इसलिए मेरी चूत की प्यास पहले से ही बुझी हुई थी..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अदिति – वाव मम्मी, आई फील इन हेवेन..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मिनी – सेक्स-हेवेन..[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]समाप्त[/font]
 
sexstories said:
जय, किसी तरह से अपने को कंट्रोल कर रहा था और अपनी आँख बंद करके “आ आ” की आवाज़े निकाल रहा था. 
फिर मैं उसके बॉल्स को अच्छे से दबाया और लंड को मुंह में लेके आगे पीछे करने लगी. 
जय भी अपनी गाण्ड हिला हिला के मेरा साथ दे रहा था. 
उसमे भी मेरे मुंह को चोदना शुरू कर दिया था. 
अब उसका लंड, पूरी तरीके मेरे के अंदर बाहर हो रहा था.
जय – मिनी, कंट्रोल नहीं हो रहा… मैं नीचे लेट जाता हूँ, तुम भी अपनी चूत मेरे मुंह में रखो…
फिर वो नीचे बीच पे ही लेट गया और मैं “69 के पोज़िशन” में उसके लंड को फिर से चूसने लगी.. 
वो भी मेरी चूत सलीके से चूसने लगा. 
उसकी भी चूसने के स्पीड बहुत अच्छी थी.. 
मैं भी मज़े से उसका लंड चूस रही थी. 
कुछ देर में, उसके लंड ने पानी छोड़ दिया और सारा पानी मैंने गटक लिया. 
लंच टाइम के बाद से, आज का सेक्स बड़ा अच्छा था. 
मेरी प्यास बुझ गई थी. 
फिर जय ने अपना पैंट पहन लिया और मैंने भी अपनी बिकनी ठीक करी.
फिर वापस, हम अपनी कुर्सी की और जाने लगे. 
कोमल और रंगीला भी अपना सेशन पूरा कर चुके थे. 
वो भी वहाँ आ गये. 
सब के सब संतुष्ट थे. 
हमने डिसाइड किया की हम फ्रेश हो के डिनर के लिए चलेंगे. 
मैं एग्ज़ाइटेड थी की डिनर के बाद फिर से जय के साथ होंगी और एंजाय करेंगे. 
उसके बाद हम सब फ्रेश हो के डिनर के लिए गये. 
नॉर्मल इंडियन करी.. सब लोग भूखे थे इतने सेक्स के बाद. रात के लिए एनर्जी भी चाहिए थी.
फिर रंगीला ओर जय ने ड्रिंक करने का डिसाइड किया. 
हम इंटरेसटेड नहीं थे इसलिए, उन्हें लिमिट में पीने को कह कर मैं और कोमल वॉक पर चले गये. 
कुछ देर तक, दोनों साइलेंट मोड पे वॉक करते रहे… 
फिर अचानक से, दोनों ने एक साथ बोले “यार हमें और भी कपल्स को लाना होगा इस ग्रूप में, मज़ा आएगा और भी ज़्यादा…” 
फिर दोनों, एक साथ हंसने भी लगे. 
हम दोनों को पता था की हम इसे कंटिन्यू करना चाहते हैं पर हमारे हज़्बेंड भी राज़ी करने चाहिए.
कोमल और मैं, डिनर के बाद वॉक कर रहे थे. 
तभी अचानक से कोमल की नज़र उस बीच वाले लड़के पे पड़ी जिसे हमने मूठ मारने में हेल्प किया था. 
वो, अपनी मम्मी पापा के साथ ही था. 
वो लोग भी डिनर करके वॉक ही कर रहे थे. 
उसकी मम्मी का चेहरा, मुझे कुछ जाना पहचाना लग रहा था. 
मैंने कुछ देर ध्यान से देखा. 
फिर लगा की शायद वो मेरी स्कूल फ्रेंड अंकिता है, पर कन्फ्यूज़न था. 
वो भी मुझे देख के रुक गई थी और पहचानने की कोशिश कर रही थी. 
फिर अचानक से उसने पूछा – “मिनी .?..?.. 
मैंने पूछा – “अंकिता” और फिर, हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगा के अपने स्कूल के दिन याद किए. 
उसने हमें अपनी हज़्बेंड दीपक से मिलाया और अपने बेटे से भी हमारा परिचय करवाया. 
उसके बेटे का नाम “विनय” था. 
विनय की तो हालत ही खराब थी ये देख के की मैं, उसकी मा को जानती हूँ. 
वो साइड में, पीछे खड़ा हुआ था. 
मैंने भी उन लोगो को मेरी फ़्रेंड कोमल से मिलाया. 
वो लोग भी, हाल फिलहाल ही हमारे सिटी में शिफ्ट हुए हैं. 
थोड़ी देर, हमने बात की. 
मुझे लगा की उन्हें जल्दी से बाइ बोले देती हूँ हज़्बेंड्स के आने से पहले. नहीं तो कन्फ्यूज़न होगा, बाद में की कौन किसका हज़्बेंड है. 
मैंने अंकिता से उसका नंबर लिया और फिर हम बाइ बोल के अपने अपने रूम चले गये. 
कोमल और मैंने सोचा की मेसेज करके हज़्बेंड्स को बुलाया जाए.
मैंने जय को मेसेज किया की, डिज़र्ट खाना है तो 10 मिनट के अंदर रूम में आ जाओ.. और हाँ अपना लंड हाथ में ले के आना… 
कोमल ने भी भी मेरे सामने ही, रंगीला को मेसेज किया की गाण्ड में बहुत खुजली हो रही, तुम्हें जितना ड्रिंक करना है करो अपने लंड को दे के जाओ पहले… 
थोड़ी देर में, दोनों आ गये और हम अपने अपने रूम पे चले गये.
 
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