hotaks444
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अम्मी बेड की दूसरी साइड लेट गई और बोली- “सन्नी बेटा अगर तुम अपनी माँ को माफ कर सको तो अच्छा है क्योंकी मैं जानबूझ के ये सब नहीं करती। ये सब तुम्हारे अब्बू की लगाई हुई आग का नतीजा ही है कि आज मैं अपने ही सगे बेटे से माफी माँग रही हूँ, मेरे लिए इस बुरा और क्या हो सकता है?”
मैंने अम्मी को कोई जवाब नहीं दिया तो अम्मी ने करवट बदल के अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और अपनी गाण्ड मेरी तरफ कर ली और मैं इंतजार करने लगा कि अम्मी सो जायें और मैं कुछ हरकत करूं और अब तो मुझे कुछ-कुछ उम्मीद भी हो चली थी कि अम्मी मुझे कुछ भी करने से मना नहीं करेगी, क्योंकी अम्मी ने खुद ही मुझे बता दिया था कि वो कितनी बड़ी गश्ती हैं।
अम्मी मेरी तरफ अपनी कमर किए लेटी हुई थीं और मैं बार-बार उनकी गाण्ड की तरफ देखते हुये अपना लण्ड मसल देता था, क्योंकी मुझसे अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा था। लेकिन क्योंकी अभी मुझे कुछ देर । इंतेजार करना था, जिसकी वजह से मैं बड़ी मुश्किल से अपने आपको कंट्रोल कर पा रहा था।
खैर, अम्मी को करवट बदल के लेटे हो अभी कोई 5 मिनट ही हुये होंगे और इस दौरान मैं ये भी जानता था कि अम्मी अभी तक सोई नहीं होंगी क्योंकी आज उनका राज मुझे यानी उनके एकलौते बेटे को पता चल चुका था, तो अम्मी को नींद किस तरह आ सकती थी? लेकिन अब मुझमें बर्दाश्त खतम हो चुकी थी, जिसकी वजह से मैंने उसी वक़्त रिस्क लेने का फैसला किया, और धीरे से खिसक के अम्मी के करीब हो गया।
और अम्मी की तरफ करवट लेते हुये अपना लण्ड जो कि पहले ही जोश से भरा हुआ था, अपनी माँ की गाण्ड पे टच किया और साथ ही अम्मी को आवाज देने लगा- “अम्मी क्या आप जाग रही हो अभी? अम्मी-अम्मी..."
लेकिन अम्मी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला तो मैं समझ गया कि मेरे लण्ड के टच होते ही अम्मी सब कुछ समझ चुकी होंगी और अब देखना चाहती होंगी कि मैं कहाँ तक जाता हूँ? जिसकी कि मैं अब परवाह करना भी नहीं चाहता था। अम्मी की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे मैंने अपना बाजू अम्मी के ऊपर रख दिया फैलाकर, जिससे मेरा हाथ अम्मी के बाजू से होता हुआ अम्मी की चूचियों पे चला गया।
मेरा हाथ अम्मी की चूचियों से टच होना ही था कि मेरा पूरा जिम मजे की एक अंजानी लज्जत से सिहर उठा और साथ ही मैंने अपना लण्ड अपनी माँ की गाण्ड पे थोड़ा जोर से दबा दिया। जिससे मेरा लण्ड अम्मी की। गाण्ड की दरार में सलवार के ऊपर से ही घुस गया, और साथ ही मैं अपनी अम्मी की चूचियों को भी हल्के से सहलाने लगा। जिससे मेरा मजा सातवें आसमान तक जा पहँचा। लेकिन अम्मी खामोश पड़ी ये सब होने दे रही थी, जिससे मेरा हौसला बढ़ता चला गया। कुछ देर तक मैं अम्मी की चूचियों सहलाता रहा और उसके बाद मैंने अपना हाथ अम्मी की चूचियों से नीचे खिसकाया और अम्मी की सलवार तक ले गया और हाथ से अम्मी की कमीज का पल्लू हटा दिया।
मैंने अम्मी को कोई जवाब नहीं दिया तो अम्मी ने करवट बदल के अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और अपनी गाण्ड मेरी तरफ कर ली और मैं इंतजार करने लगा कि अम्मी सो जायें और मैं कुछ हरकत करूं और अब तो मुझे कुछ-कुछ उम्मीद भी हो चली थी कि अम्मी मुझे कुछ भी करने से मना नहीं करेगी, क्योंकी अम्मी ने खुद ही मुझे बता दिया था कि वो कितनी बड़ी गश्ती हैं।
अम्मी मेरी तरफ अपनी कमर किए लेटी हुई थीं और मैं बार-बार उनकी गाण्ड की तरफ देखते हुये अपना लण्ड मसल देता था, क्योंकी मुझसे अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा था। लेकिन क्योंकी अभी मुझे कुछ देर । इंतेजार करना था, जिसकी वजह से मैं बड़ी मुश्किल से अपने आपको कंट्रोल कर पा रहा था।
खैर, अम्मी को करवट बदल के लेटे हो अभी कोई 5 मिनट ही हुये होंगे और इस दौरान मैं ये भी जानता था कि अम्मी अभी तक सोई नहीं होंगी क्योंकी आज उनका राज मुझे यानी उनके एकलौते बेटे को पता चल चुका था, तो अम्मी को नींद किस तरह आ सकती थी? लेकिन अब मुझमें बर्दाश्त खतम हो चुकी थी, जिसकी वजह से मैंने उसी वक़्त रिस्क लेने का फैसला किया, और धीरे से खिसक के अम्मी के करीब हो गया।
और अम्मी की तरफ करवट लेते हुये अपना लण्ड जो कि पहले ही जोश से भरा हुआ था, अपनी माँ की गाण्ड पे टच किया और साथ ही अम्मी को आवाज देने लगा- “अम्मी क्या आप जाग रही हो अभी? अम्मी-अम्मी..."
लेकिन अम्मी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला तो मैं समझ गया कि मेरे लण्ड के टच होते ही अम्मी सब कुछ समझ चुकी होंगी और अब देखना चाहती होंगी कि मैं कहाँ तक जाता हूँ? जिसकी कि मैं अब परवाह करना भी नहीं चाहता था। अम्मी की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे मैंने अपना बाजू अम्मी के ऊपर रख दिया फैलाकर, जिससे मेरा हाथ अम्मी के बाजू से होता हुआ अम्मी की चूचियों पे चला गया।
मेरा हाथ अम्मी की चूचियों से टच होना ही था कि मेरा पूरा जिम मजे की एक अंजानी लज्जत से सिहर उठा और साथ ही मैंने अपना लण्ड अपनी माँ की गाण्ड पे थोड़ा जोर से दबा दिया। जिससे मेरा लण्ड अम्मी की। गाण्ड की दरार में सलवार के ऊपर से ही घुस गया, और साथ ही मैं अपनी अम्मी की चूचियों को भी हल्के से सहलाने लगा। जिससे मेरा मजा सातवें आसमान तक जा पहँचा। लेकिन अम्मी खामोश पड़ी ये सब होने दे रही थी, जिससे मेरा हौसला बढ़ता चला गया। कुछ देर तक मैं अम्मी की चूचियों सहलाता रहा और उसके बाद मैंने अपना हाथ अम्मी की चूचियों से नीचे खिसकाया और अम्मी की सलवार तक ले गया और हाथ से अम्मी की कमीज का पल्लू हटा दिया।