hotaks444
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मैंने बाजी को जो कि बेड पे बैठी हुई थी लिटा दिया और बाजी की टाँगों को फैलाकर अपनी जुबान अपनी बहन की गीली फुद्दी पे रखकर घुमाने लगा, तो बाजी के मुँह से- “आअह्ह... सस्स्सीईई ऊऊहह भाई अंदर घुसाकर चाटो प्लीज़... उम्म्मह...” की आवाज करने लगी।
मैं भी अपनी बहन की फुदी में अपनी जुबान घुसाकर चाटना शुरू कर दिया जिससे बाजी के मुँह से आऐईयईई ऊऊओह... मेरे भाई खा जाओ अपनी कुतिया बहन की फुद्दी को आह्ह..” की आवाज करने लगी।
तभी अंकल भी नंगे होकर बेड पे आ गये और मेरी बहन के चेहरे के पास जा बैठे और फरी बाजी के होंठों पे अपना लण्ड घुमाने लगे, तो मेरी बहन ने भी झट से अपना मुँह खोला और सफदर अंकल का लण्ड अपने मुँह में भरकर चूसने लगी।
अब एक तरफ मैं अपनी बहन की फुद्दी चाट रहा था और दूसरी तरफ सफदर अंकल मेरी बहन के मुँह में अपना लण्ड घुसाए चुसवा रहे थे। कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा कि अंकल ने अचानक अपना लण्ड मेरी बहन के मुँह में से निकाला और मेरी तरफ आकर बोले- “चलो भाई सन्नी, अब हमारे लण्ड की बारी है तुम्हारी इस गश्ती बहन की फुद्दी में जाने की..."
सफदर अंकल की बात सुनकर में साइड पे हो गया तो सफदर अंकल फरी बाजी की टाँगों में आ गये। मैंने झट से अंकल का लण्ड पकड़ा और अपनी बहन की फुद्दी पे रखकर हल्का सा रगड़ा और फिर बाजी की फुद्दी पे सेट करके हाथ हटा लिया।
सफदर अंकल ने हँसते हुये कहा- “यार तू सच में मुझसे भी बड़ा हरामी है...” और साथ ही पूरी जान से अपने लण्ड को मेरी बड़ी बहन की फुद्दी में घुसा दिया।
लण्ड घुसते ही बाजी की आँखें बंद हो गईं और उनके मुँह से- “आअहह... अंकल मुझे अपनी रंडी बनाकर चोदो ऊओह... मेरी जान्न् पूरा घुसा डालो मेरे अंदर प्लीज़... अंकल जरा भी रहम नहीं करना मुझ पे आअह्ह... फाड़ डालो आज मेरी फुद्दी को उम्म्मह...” की आवाज करने लगी।
मैं भी अपनी बहन की फुदी में अपनी जुबान घुसाकर चाटना शुरू कर दिया जिससे बाजी के मुँह से आऐईयईई ऊऊओह... मेरे भाई खा जाओ अपनी कुतिया बहन की फुद्दी को आह्ह..” की आवाज करने लगी।
तभी अंकल भी नंगे होकर बेड पे आ गये और मेरी बहन के चेहरे के पास जा बैठे और फरी बाजी के होंठों पे अपना लण्ड घुमाने लगे, तो मेरी बहन ने भी झट से अपना मुँह खोला और सफदर अंकल का लण्ड अपने मुँह में भरकर चूसने लगी।
अब एक तरफ मैं अपनी बहन की फुद्दी चाट रहा था और दूसरी तरफ सफदर अंकल मेरी बहन के मुँह में अपना लण्ड घुसाए चुसवा रहे थे। कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा कि अंकल ने अचानक अपना लण्ड मेरी बहन के मुँह में से निकाला और मेरी तरफ आकर बोले- “चलो भाई सन्नी, अब हमारे लण्ड की बारी है तुम्हारी इस गश्ती बहन की फुद्दी में जाने की..."
सफदर अंकल की बात सुनकर में साइड पे हो गया तो सफदर अंकल फरी बाजी की टाँगों में आ गये। मैंने झट से अंकल का लण्ड पकड़ा और अपनी बहन की फुद्दी पे रखकर हल्का सा रगड़ा और फिर बाजी की फुद्दी पे सेट करके हाथ हटा लिया।
सफदर अंकल ने हँसते हुये कहा- “यार तू सच में मुझसे भी बड़ा हरामी है...” और साथ ही पूरी जान से अपने लण्ड को मेरी बड़ी बहन की फुद्दी में घुसा दिया।
लण्ड घुसते ही बाजी की आँखें बंद हो गईं और उनके मुँह से- “आअहह... अंकल मुझे अपनी रंडी बनाकर चोदो ऊओह... मेरी जान्न् पूरा घुसा डालो मेरे अंदर प्लीज़... अंकल जरा भी रहम नहीं करना मुझ पे आअह्ह... फाड़ डालो आज मेरी फुद्दी को उम्म्मह...” की आवाज करने लगी।