vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार - Page 4 - SexBaba
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vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार

फरी- “नहीं प्लीज़... नीलू प्लीज़.. तुम तो खुद एक लड़की हो, तुम मेरे साथ ये सब कैसे करवा सकती हो? नहीं प्लीज़... काशी ऐसा मत करो मेरे साथ, मैं किसी को मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी...”

नीलू- “तो फिर हमारी बात मान लो और सन्नी से चुदवा लो। तुम्हें भी मजा मिलेगा और सन्नी को भी और मजे की बात ये है कि सन्नी को पता भी नहीं चलेगा कि वो अपनी ही बहन को चोद रहा है...” ।

नीलू की बात सुनकर फरी खामोश हो गई और अब रूम से फरी की कोई आवाज नहीं आ रही थी।और कुछ देर की ये खामोशी बाहर खड़े मुझ पे बड़ी भारी गुजर रही थी और मैं दिल से दुआ कर रहा था कि फरी हाँ बोल दे।

कुछ देर बाद नीलू फिर से बोली- “हाँ तो फरी, फिर क्या सोचा है तुमने? सन्नी के साथ मजा करोगी या फिर बदनामी की जिंदगी गुजारनी है तुम्हें? जल्दी बताओ ज्यादा टाइम नहीं है अब..."

फरी की मुझे एक लंबी सांस की आवाज आई और फिर वो बोली- “ठीक है, मैं तुम लोगों की बात मानने को। तैयार हैं। लेकिन इस बात की क्या गारन्टी होगी कि मुझे तुम लोग दोबारा सन्नी के साथ करने को या किसी और के साथ करने को नहीं बोलोगे?"

काशी- “यार फरी, एक बार करके तो देखो... अगर मजा नहीं आया तो मैं अपनी बहन की कशम खाकर बोल रहा हूँ कि आज के बाद तुम्हें कभी भी कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं करूंगा और तुम्हारी जो मूवी मेरे पास है। उसे भी आज ही डेलिट कर दूंगा, ये वादा रहा...”

फरी ने काशी की बात खतम होने के बाद कहा- “ठीक है, मैं तैयार हैं लेकिन सन्नी को कुछ पता नहीं चलना चाहिए...”

काशी खुश हो गया और बोला- “जान, तुम यकीन करो उसे कुछ नहीं बताऊँगा मैं। बस थोड़ा इंतेजार करो मैं अभी उसे काल करता हूँ आने के लिए, 10 मिनट में आ जाएगा वो...”

काशी की बात सुनते ही मैं खिड़की से हट गया और बैठक में जा बैठा कि तभी मेरे सेल पे काशी की काल आने लगी तो मैंने काल पिक करके कहा- “हाँ साले, क्या बात है?”

काशी- कहाँ है यार?

मैं- “यार, एक दोस्त क साथ हूँ। क्यों क्या बात है, तेरी बहन तो याद नहीं कर रही मुझे?”

काशी- साले, वो तो हर वक़्त तुझे याद करती रहती है। आज एक नई लड़की फाँसी है आ जा जल्दी से।
 
मैं- “यार, एक दोस्त क साथ हूँ। क्यों क्या बात है, तेरी बहन तो याद नहीं कर रही मुझे?”

काशी- साले, वो तो हर वक़्त तुझे याद करती रहती है। आज एक नई लड़की फाँसी है आ जा जल्दी से।

मैं- साले, कौन है बता तो सही?

काशी- यार वोही नेट दोस्त है, जिसके लिए तेरा लैपटाप लिया था।

मैं- चल मैं आ रहा हूँ 10 मिनट में।

काशी- ओके... आ जा मैं बैठक में ही बैठा हूँगा, तेरा इंतेजार करूंगा।

मैंने ओके बोलकर काल कट कर दी और अपना लण्ड मसलने लगा जो कि फरी के आने से लेकर अब तक सर उठाए हुये था। थोड़ी ही देर में काशी भी बैठक में ही आ गया और बोला- “क्यों साले, अब तो खुश है ना?”

मैंने भी हँसते हुये अपने लण्ड की तरफ इशारा किया और बोला- “खुद ही देख ले यार, तुम्हें नजर नहीं आ रहा कि कितना खुश है..” और इस बात पे हम दोनों ही धीमी आवाज में हँस दिए।

कोई 10 मिनट गुजारकर हम दोनों बैठक में से निकले और नीलू के रूम की तरफ चल दिए, जहाँ आज मैंने । अपनी सगी बड़ी बहन की फुद्दी का मजा लेना था, जिसे सोचकर ही मेरा लण्ड फटा जा रहा था। नीलू के रूम पे पहुँचकर काशी ने नीलू को आवाज देकर कहा- “यार हम आ रहे हैं...”

तो नीलू ने झट से कहा- “एक मिनट रुको.." और उसके साथ ही रूम में से कुछ आवाजें उभरने लगीं और फिर नीलू ने हमें अंदर बुला लिया। जैसे ही मैं काशी के साथ रूम में दाखिल हुआ तो मुझे सिर्फ नीलू ही नजर आई क्योंकी फरी पर्दे के पीछे जा चुकी थी जिसकी वजह से नजर नहीं आ रही थी।

मैंने नीलू की तरफ देखा और जानबूझकर हँसते हुये बोला- “यार यहाँ तो तेरी बहन ही है, वो नेट दोस्त कहाँ है? नजर नहीं आ रही...”

काशी हँसते हुये बोला- “यार वो शर्मा रही है। मेरे साथ भी उसने बस एक बार ही किया है ना... तो आज तेरे साथ पर्दे के पीछे रहते हुये मजा लेगी...”

मैं- क्या मतलब? पर्दे के साथ किस तरह होगा यार, मैं समझा नहीं?

नीलू हँसते हुये बोली- “यार सन्नी, अभी नई है ना और उसे इर भी लग रहा है, तो हमने पर्दा लगा दिया है।

और वो बेड पे नंगी होकर पर्दे के पीछे अपना चेहरा छुपाकर रखेगी। बाकी उसके जिम से तुम पूरी तरह मजा ले सकते हो, वो तुम्हें मना नहीं करेगी...”

मैंने भी ड्रामा करते हुये कहा- “यार कहीं कोई जानने वाली तो नहीं है? जो तुम लोग इस तरह का इंतजाम किए बैठे हो?”

तो काशी ने कहा- “यार अगर मेरी दूसरी वाली बहन होती ना तो यकीन मान मैं तुम्हें मना नहीं करता और बिना पर्दा लगाए उसको तेरे से चुदवा देता...”

अबे साले तो फिर ये पर्दा हटा... देखें तो कौन है, जो इतना शर्मा रही है? कहीं जान पहचान वाली तो नहीं?"

नीलू थोड़ा गुस्से का नाटक करते हुये बोली- “यार सन्नी ज्यादा बातें ना कर और जल्दी से कपड़े उतार, मेरी दोस्त कपड़े उतारे तुमसे चुदवाने के लिए तरस रही है और तू बातें ही करता जा रहा है...”

मैंने भी अब ज्यादा बातें ना करते हुये अपने कपड़े उतार दिए और नंगा होकर बेड पे चढ़ गया। तो नीलू ने पर्दे के दूसरी तरफ कुछ इशारा किया तो पर्दे के नीचे से दो गोरी और बिना बालों की नरम सी मेरी बहन की टांगें खिसकती हुई बाहर मेरी तरफ आने लगीं।

बाजी की नंगी टांगें देखकर मैंने उन्हें पकड़कर थोड़ा अपनी तरफ खींच लिया जिससे बाजी की टांगें काफी बाहर निकल आईं। तो नीलू ने पर्दा थोड़ा ऊपर की तरफ खिसका दिया बाजी के चेहरा तक जिससे बाजी का पूरा जिम मेरे सामने आ गया लेकिन बाजी ने अपना चेहरा पर्दे के पीछे ही छुपाए रखा।
 
मैंने अब टाइम बरबाद नहीं किया और बाजी की दोनों टाँगों को जो कि आपस में मजबूती से जुड़ी हुई थीं दोनों तरफ से पकड़कर खोल दिया, जिससे मेरी बड़ी बहन की एक बार चुदी हुई बिना बालों की चिकनी फुद्दी पूरी। तरह मेरे सामने आ गई, जो कि हल्की सी अपने ही पानी में भीगी हुई थी।

मैं बड़े ही प्यार से अपनी बड़ी बहन की फुद्दी को देख रहा था कि तभी काशी ने कहा- “यार सन्नी, देख लो। मैंने कितनी लड़कियों को तुझसे चुदवा दिया है... यहाँ तक कि अपनी बहन को भी। लेकिन एक तुम हो कि अपनी बड़ी बहन फरी की फुद्दी ही मुझे नहीं दिला सके हो...”


मैं काशी की बात का मतलब समझते हुये बोला- “यार क्या बताऊँ... हिम्मत ही नहीं होती फरी के सामने, वरना मेरा दिल तो करता है कि साली को कुतिया की तरह चोदूं और अपने सारे दोस्तों की रखेल बना दें। लेकिन क्या करूं यार, डर लगता है क्योंकी मेरी बहन बड़ी शरीफ लड़की है उसे इस सबका कुछ पता नहीं है...”

नीलू मेरी बात सुनकर बोली- “चल आज इसे ही अपनी बहन फरी समझकर मजे कर लो...”

तो मैंने कहा- “आहह... नीलू काश ये फरी बाजी होती तो कशम से मैं अपनी बहन को इतना मजा देता कि वो सारी जिंदगी मेरे दिए हुये मजे की खातिर मेरी हर बात मानती मेरी कुतिया बन जाती...”

मेरी बात सुनकर नीलू ने मुझे इशारा किया कि अब और बातें नहीं करो और काम शुरू करो। तो मैंने फरी बाजी की फुद्दी पे जो कि अब और भी अपने ही पानी से लथफथ हो चुकी थी, अपना हाथ घुमाया और फरी की फुद्दी के दाने को धीरे से मसलने लगा।

तो पर्दे के पीछे से फरी बाजी के मुँह से हल्की सस्सीएSS की आवाज निकल गई और साथ ही बाजी का जिम हल्के से काँपने लगा। तो मैंने भी अपना सर अपनी बड़ी बहन की फुद्दी के सामने झुका दिया और अपनी जुबान को बाहर निकालकर बाजी की फुद्दी से निकला हुआ हल्का नमकीन पानी चाटने लगा और फरी की फुद्दी में अपनी जुबान चलाने लगा।

जिससे बाजी के मुँह से सस्सीएऽऽ उन्म्महऽऽ आहहऽऽ की हल्की आवाजें निकलने लगीं।

थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही अपनी बहन की फुद्दी को चाटता रहा तो बाजी का एक हाथ मेरे सर पे आ गया और मुझे अपनी फुद्दी पे दबा लिया और साथ ही अपनी फुद्दी को भी मेरे मुँह पे दबाते हुये बाजी आह ऊओऽs की आवाज भी कर रही थी, जिससे मैं समझ गया कि बाजी की फुद्दी का पानी निकलने ही वाला है और फिर बाजी का जिम एक बार हल्का सा अकड़ गया और हल्के झटके खाने लगा। जिससे बाजी की फुद्दी ने पानी का सैलाब सा मेरे मुँह में बहा दिया जिसे मैं अच्छी तरह चाटकर पी गया।
 
बाजी के फारिघू होते ही मैं उठा और बाजी की टाँगों को पूरा खोलकर बीच में आ गया और अपना लण्ड बाजी की फुद्दी पे सेट करके पूरी ताकत का झटका मारा जिससे मेरा लण्ड बाजी की मनी से गीली फुद्दी को पूरी तरह खोलता हुआ जड़ तक जा घुसा।

और बाजी के मुँह से- “आईई... नीलूऽs प्लीज़... इसे रोकोऽs...” की घुट-घुटी आवाज निकल गई।

मैंने बाजी पे जरा भी रहम ना खाने का फैसला किया हुआ था।
इसीलिए मैंने बाजी की टाँगों को पूरा उनके कंधों की तरफ मोड़ करके उन पे अपने हाथों से सारा जोर डाल दिया और अपना लण्ड पूरा बाहर निकालकर फिर से झटका मारा और अपना लण्ड अपनी बड़ी बहन की फुद्दी में घुसा दिया।

मेरे इस वहशियाना धक्कों से बाजी के मुँह से दबी-दबी- “आईईइ नीलूऽऽ ऊओऽ प्लीज़ इसे रोकोऽs मैं मर गई आह...” की हल्की आवाज उभर रही थी।
लेकिन नीलू भी खामोशी से हमारी चुदाई देखकर मजा ले रही थी।

अब बाजी ने अपने हाथ पर्दे के पीछे से निकालकर मेरे सीने पे रख लिए और मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी

और साथ ही थोड़ी भारी आवाज में- “प्लीज़ धीरे करोऽs ऊओऽ माँ उन्म्मह...” की हल्की आवाज भी कर रही थी।

लेकिन मुझे तो उस वक़्त कुछ भी होश नहीं था और मैं अपनी पूरी ताकत से बाजी को चोदने में लगा रहा। जिससे मैं 3 से 4 मिनट में ही अपनी बहन की फुद्दी में ही फारिघ् हो गया। जैसे ही मैं फारिघ् हुआ बाजी ने
अपनी दोनों टाँगों को मेरी कमर पे मजबूती से जकड़ बना ली और नीचे से अपनी फुद्दी को मेरे लण्ड पे रगड़ने लगी।

जिससे मुझे एहसास हुआ कि मैंने अपने जोश में बाजी को अधूरा ही छोड़ दिया है तो मैंने काशी की तरफ देखकर कहा- “यार, अब तू ही इसकी फुद्दी को ठंडा कर, मैं तो फारिघ् हो गया हूँ..."

तो काशी हँसता हुआ अपनी जगह से उठा और बोला- “साले, इतनी भी क्या गर्मी चढ़ी हुई थी कि थोड़ा सबर भी नहीं हुआ?”

मैं बाजी की टाँगों में से निकला और साइड पे हो गया और बोला- “बस यार इस साली की फुद्दी में गर्मी ही इतनी है कि कंट्रोल ही नहीं हुआ..."

फिर उसके बाद काशी ने फरी की चुदाई की और उसे ठंडा किया तो काशी ने कहा- “चल यार, अब तू कपड़े पहन और निकल यहाँ से...”

तो मैंने अपने कपड़े पहन लिए और बैठक में जाकर बैठ गया। मुझे बैठक में कोई 15 मिनट तक बैठना पड़ा और उसके बाद जब बाजी वहाँ से चली गई तो मैं भी बैठक में से बाहर निकल आया।

तो नीलू जो कि फरी को बाहर तक छोड़ने गई थी, मुझे देखकर आँख मारते हुये बोली- “क्यों सन्नी जी, क्या हाल है? कुछ मजा भी आया की नहीं?”

तो मैं भी हँसते हुये बोला- “हाँ यार, मजा तो आया है..." और उसका हाथ पकड़कर उसके रूम की तरफ चल दिया।

रूम में जाते ही मैंने काशी से कहा- “चल यार, तू अब मेरी बाइक ले आ। मुझे अब निकलना है...”
तो काशी भी ओके कहता हुआ निकल गया।
 
रूम में जाते ही मैंने काशी से कहा- “चल यार, तू अब मेरी बाइक ले आ। मुझे अब निकलना है...”
तो काशी भी ओके कहता हुआ निकल गया।

तो मैंने नीलू से पूछा- “हाँ यार, अब बताओ कि फरी ज्यादा गुस्सा तो नहीं थी जाते समय?”

नीलू- “सन्नी, सच्ची बात तो ये है कि जब फरी आई थी तो बड़ी मुश्किल हुई उसे सेट करने में, लेकिन जाते वक़्त उसके चेहरा पे जो मुश्कान और सकून था, मुझे लगता है तेरी बात बन जाएगी...”


मैं खुशी से भरपूर लहजे में- क्या मतलब है तेरी बात का? जरा खुलकर बता ना?

नीलू- “देखो सन्नी, मुझे जो लगा वो मैंने तुम्हें बता दिया अब आगे क्या होता है ये तुम्हें खुद सभालना होगा। क्योंकी फरी को जो मजा आज तुम्हारे साथ आया है वो भूल नहीं पाएगी.”

मैं- “यार नीलू, अगर ऐसा हो गया ना तो कशम से मैं तुम्हें अपना गुरू मान लूँगा और जो तुम माँगोगी दूंगा, मना नहीं करूंगा...”

नीलू- “अच्छा जी, तो अभी तक आपने हमें अपना गुरू नहीं माना है। और अपना वादा भी याद रखना भूलना नहीं..."

मैं- ओके बाबा, मैं मान चुका हूँ तुम्हें अपना गुरू और वादा भी नहीं भूलूंगा गुरू जी।

नीलू मेरी बात सुनकर हँस पड़ी और बोली- “वैसे सन्नी, सच्ची पूछो तो फरी में बहुत गर्मी है अगर तुम थोड़ी सी भी हिम्मत करो तो फरी तुम्हें कभी भी मना नहीं करेगी..."

मैंने कहा- “नहीं यार नीलू, ऐसे नहीं अब जो भी होगा बाजी की मर्जी और उनके कहने से ही होगा। मैं अब अपनी बहन को इस तरह ब्लैकमेल नहीं करना चाहता। बस बाजी को मजे करता देखना चाहता हूँ और बस...”

अभी हम ये बातें ही कर रहे थे कि काशी मेरी बाइक लेकर आ गया और हमारे साथ ही बैठ गया और बोला
हाँ भाई, अब क्या इरादा है तेरा? क्या करेगा? किस तरह फरी के साथ मामला आगे बढ़ाएगा?”

तो मैं सोच में पड़ गया और अचानक मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैंने काशी से कहा- “तू रात में फरी के साथ फेसबुक पे चैट कर या फिर काल करके बात कर और देख कि वो क्या चाहती है? अगर तू देखे कि उसे भी मजा आया है और वो मेरे साथ एंजाय करना चाहती है तो उसे बोलना कि अपना कोई फेक आई.डी. बना ले फेसबुक पे और मुझे आड करे...”

काशी जो कि खामोशी से मेरी बात सुन रहा था बोला- “लेकिन इससे क्या होगा?”

तो मैंने कहा- “साले गान्डू, इससे ये होगा कि मुझे तू बता देगा लेकिन बाजी को पता नहीं होगा कि मैं जानता हूँ कि ये उसका आई.डी. है। इस तरह वो मेरे साथ खुलकर सेक्स पे बात करेगी और मैं भी। इसी बीच कोई ना कोई रास्ता मिल ही जाएगा..."
 
नीलू जो कि मेरा प्लान सुन रही थी बोली- “सन्नी जी, मैं मान गई कि आप असली गुरू हो। क्या आइडिया लगाया है आपने कि बहन को पहले गरम करो फिर उसकी फुददी लो मजे से, कोई मसला ही नहीं अगर मान गई तो... वरना डर भी नहीं होगा कि कहीं कोई पंगा ही ना हो जाए या किसी का डर भी नहीं...”

उसके बाद मैंने काशी और नीलू को अपना सारा प्लान समझाया और उठकर घर को चल दिया, क्योंकि दोपहर के दो बज रहे थे और मुझे भी आज दूसरा दिन था, मैंघर नहीं गया था। मैं घर पहुँचा और अपनी बाइक को

स्टैंड किया और घर में इन हुआ तो मेरी नजर सबसे पहले फरी बाजी पे ही पड़ी जो कि बैठी टीवी देख रही थी। और मुझे घर में आता देखकर अजीब सी नजरों से मेरी तरफ देख रही थीं।

तो मैं बाजी को स्मेल करता हुआ बोला- हेलो बाजी, क्या हो रहा है?

बाजी- होना क्या है भाई, बस फारिघ् बैठी थी तो सोचा टीवी ही देख लँ। तुम सुनाओ कहाँ घूमते फिर रहे हो?

मैं बाजी के साथ ही सोफे पे बैठ गया और बोला- “बस बाजी दोस्तों के साथ घूमता रहा और मस्ती वगैरा...”

बाजी- “अच्छा जी, जरा हमें भी तो पता चले, कौन से ऐसे दोस्त हैं जिनके साथ रात भी गुजर जाती है? कोई गर्लफ्रेंड है क्या?” ये बात बोलते हुये बाजी का लहजा अजीब सा था जैसे वो मुझसे कुछ कुरेदना चाहती हो।

मैं- “अरे बाजी, हमारी ऐसी किश्मत कहाँ? वैसे आज सब ठीक तो है ना? आप मेरे साथ इस तरह बात कर रही हो, अम्मी कहाँ हैं?”

बाजी- अम्मी और निदा अभी थोड़ी देर ही हुई खाला की तरफ गई हैं शाम तक ही आयेंगी वापिस।

मैं- “अच्छा जी, तभी मैं भी कहूँ कि क्या बात है, जो आज हमारी प्यारी बाजी इतना खुलकर मुझसे गर्लफ्रेंड का पूछ रही हैं...”

बाजी- क्यों अम्मी घर पे होती तो क्या नहीं पूछ सकती थी मैं?

मैं- “बाजी आप का तो पता नहीं, लेकिन में ही आपसे इतनी बात नहीं कर पाता जितनी अभी कर ली है..." और हाहहाहा करके हँस दिया और उठकर अपने रूम की तरफ चल दिया चेंज करने के लिए।
 
रूम में आते ही मैंने काशी को काल की और उसे बताया कि मोका अच्छा है बाजी से बात करे, क्योंकी घर में। कोई नहीं है। तो काशी ने ओके बोला और काल कट कर दी। तो में बाथरूम में जा घुसा नहाने के लिए। जब मैं नहाकर बाहर निकला तो मैंने सिर्फ एक तौलिया बाँधा हुआ था और बाथरूम से निकलते ही मुझे बाजी नजर आ गई जो कि मेरे ही रूम में बेड पे बैठी हुई थीं।

मुझे रूम में आता देखकर बाजी जल्दी से खड़ी हो गई और बोली- “भाई, मैं खाना लाई हूँ तुम्हारा। खाना खा लो, मैं अपने रूम में जा रही हूँ सोने के लिए..."

तो मैंने हाँ में सर हिला दिया। तो बाजी खाना वहीं बेड पे ही रखा छोड़कर मेरे रूम से बाहर निकल गई। बाजी के इस तरह मुझे रूम में खाना देने से ही मैं समझ गया था कि काशी ने बाजी से बात की होगी, जिसकी वजह से बाजी मुझे खाना देकर सोने का बहाना बना गई है,

क्योंकी बाजी अभी काशी से चैट पे बात करने वाली थी। इसलिए मैंने जल्दी से एक शार्ट पहन ली, खाना खाया और अपना पीसी ओन करके मैं भी ओनलाइन हो गया। देखा तो काशी भी आनलाइन था।

मैंने काशी को मेसेज़- किया क्या चल रहा है?

तो उसने बस इतना ही कहा- तेरी बहन के साथ लगा हुआ हूँ तंग नहीं करना।

कोई 45 मिनट तक मैं ऐसे ही फेसबुक पे मस्ती करता रहा। उसके बाद काशी ने मेरी साथ चैट शुरू की। काशी- क्या हो रहा है?

मैं- तेरा ही इंतेजार कर रहा था कि तू क्या तीर मारता है?

काशी- “अभी थोड़ी देर तक

हनीबेबी के नाम से दोस्त रिक्वेस्ट मिलेगी आक्सेप्ट कर लेना ओके..."

मैं- क्या फरी की ही आई.डी. है वो?

काशी- “हाँ... और मजे की बात ये है कि वहाँ वो सिर्फ़ सेक्स चैट करती है अपने दोस्तों क साथ...”

मैं- “ओ तेरी... इसका मतलब है कि बात बनेगी..."

काशी- साले, अगर थोड़ी हिम्मत करे तो अभी उसके रूम में जाकर चोद डाल, मना नहीं करेगी तुम्हें।

मैं- नहीं यार, ऐसे पूरा मजा नहीं मिलेगा।

काशी- लण्ड पे चढ़ ओके बाइ।

मैं- ओके बाइ।

काशी से चैट करने के बाद मैं बाजी की तरफ से रिक्वेस्ट का इंतेजार करने लगा जो कि 10 मिनट बाद आ ही गई। मैंने आक्सेप्ट किया और उसकी प्रोफाइल चेक की तो मेरी गाण्ड ही फटी की फटी रह गई क्योंकी वहाँ सेक्स वीडियोस और सेक्स कहानियों की भरमार लगी हुई थी, जिसका मुझे यकीन नहीं था कि मेरी बहन ये सब करती होगी। खैर... मैंने फरी को मेसेज़ किया और चैट करने लगा।

मैं- हाय सेक्सी।

हनीबेबी (बाजी)- हाय

मैं- क्या हाल हैं आपके?

हनीबेबी (बाजी)- फाइन।

मैं- मेल या फीमेल?

हनीबेबी (बाजी)- आपको क्या लगता है?

मैं- कुछ कह नहीं सकता।

हनीबेबी (बाजी)- फिर भी कुछ तो पता चले आप क्या सोच रहे हो?

मैं- मुझे लगता है कि आप मेल हो।

बाजी- नहीं, मैं मेल नहीं फीमेल हूँ।
 
मैं- मुझे लगता है कि आप मेल हो।

बाजी- नहीं, मैं मेल नहीं फीमेल हूँ।

मैं- आप कहती हो तो मान लेता हूँ।

बाजी- अच्छा कहाँ से हो?

मैं- कराची (गलत बताते हुये)

बाजी- अच्छा जी, और क्या होबियां हैं आपकी?

मैं- “नई दोस्त बनाना और लाइफ को पूरी तरह एंजाय करना।

बाजी- कितनी गर्लफ्रेंड बना चुके हो अब तक?

मैं- 3 से 4 गर्लफ्रेंड रह चुकी हैं।

बाजी- मस्ती की उनके साथ?

मैं- हाँ, अब भी करता हूँ।

बाजी- वावव... इसका मतलब है कि आप तो पुराने खिलाड़ी हो?

मैं- नहीं, अब इतना भी नहीं वैसे आप की उम्र क्या है?

बाजी- 21 साल और आपकी?

मैं- 19 साल है।

बाजी- ऊओऽऽ फिर तो क्या मजा आएगा आप मेरे से छोटे हो।

मैं- आपने अभी मेरा देखा नहीं है जो इस तरह बोल रही हो। अगर एक बार देख लो तो फटी की फटी रह जायेगी।


बाजी- क्या?

मैं- आँखें जनाब... आप क्या समझी?

बाजी- बहुत शरारती हो आप तो, लगता है हमारी खूब जमेगी।

मैं- जी... क्यों नहीं। ऐसे आपने रियल में भी कभी सेक्स किया है या बस फेसबुक पे ही बैठी मजे लेती हो?

बाजी- नहीं, कर चुकी हैं।

मैं- किसके साथ?

बाजी- भाई के दोस्त से औरऽऽ.......

मैं- और क्या?

बाजी- छोड़ों बस।

मैं- “नहीं, बताओ ना प्लीज़...”

बाजी- भाई के साथ भी किया है, लेकिन उसे पता नहीं है।

मैं- ये कैसे हो सकता है कि उसे पता ही ना हो?

बाजी- हो जाता है अच्छा ये बताओ आपकी कितनी बहनें हैं?

मैं- दो हैं।

बाजी- कभी कुछ किया उनमें से किसी के साथ?

मैं- नहीं, अभी तो नहीं लेकिन ट्राई जरूर करूंगा।
 
बाजी- किस पे ट्राई करोगे?

मैं- बड़ी बहन पे, साली बहुत मस्त है।

बाजी- हुँन्नऽऽ क्या लगता है मान जाएगी?

मैं- क्या बोल सकता हूँ?

बाजी- ओके.. अब मैं लोग आउट होने लगी हँ बाइ।

मैं- “अरे बात तो सुनो प्लीज़...”

बाजी- “नो अब बाइ... रात को 11:00 बजे आनलाइन हुँगी आ जाना...” उसके बाद बाजी आफलाइन हो गईं और मैंने भी लोगाउट किया और थोड़ा आराम करने के लिये लेट गया क्योंकी पता नहीं रात कितनी देर तक बाजी से चैट होती।

आराम करने के लिए लेटा तो पता ही नहीं चला कब आँख लग गई और जब उठा तो शाम के 7:00 बज रहे। थे। मैंने जल्दी से हाथ मुँह धोया और बाहर निकल गया और अपने दोस्तों के साथ घूमता फिरता रहा और। 10:00 बजे के करीब घर वापिस आया तो देखा कि बाजी अभी भी जाग रही थीं। मैंने बाजी से हाल-चाल पूछा

और फिर खाना खाकर 10:30 बजे अपने रूम में जा घुसा और जाते ही पीसी ओन कर लिया और फेसबुक पे बाजी के आनलाइन होने का इंतेजार करने लगा। जो कि 10 मिनट के बाद ही आनलाइन हो गई।

तो मैंने इससे पहले कि बाजी किसी और से चैट शुरू करें खुद ही चैट शुरू कर दी।
मैं- हाय सेक्सी।

बाजी- हाय जानू।

मैं- आप तो वादे की पक्की निकलीं, ठीक टाइम पे आनलाइन हुई हो।

बाजी- क्यों, अच्छा नहीं लगा क्या?

मैं- नहीं, अच्छा क्यों नहीं लगा? सच्ची में खुशी हुई कि कोई तो है जो बात को निभाता है।

बाजी- अच्छा ज्यादा मस्का नहीं ओके।

मैं- नहीं, मस्का नहीं लगा रहा हूँ सच्ची बोल रहा हूँ।

बाजी- अच्छा ये बताओ कि तुमने कभी सोते में भी अपनी बहन के साथ कुछ मस्ती नहीं की है क्या?

मैं- नहीं, हिम्मत ही नहीं हुई कभी।

बाजी- नाम क्या है तुम्हारी बहनों का?

मैं- बड़ी का रियल नाम फरिहा है और छोटी का निदा।

बाजी- किसके साथ करना चाहते हो?
 
मैं- करना तो दोनों के साथ चाहता हूँ लेकिन पहले फरी बाजी के साथ।

बाजी- क्यों, फरी में ऐसा क्या है?

मैं- “उसमें तो मेरी जान है... जब चलती है तो लगता है कि मेरे दिल पे पांव रख रही हो, सांस तक रोक देती है। मेरी...”

बाजी- अच्छा जी... फिर भी हिम्मत नहीं होती?

मैं- “बस क्या करूं बहन है ना कोई पंगा हो गया तो घर से निकाल दिया जाऊँगा मैं तो। अच्छा आप अपना नाम तो बताओ ना प्लीज़... ऐसे मजा नहीं आ रहा बात करने में...”

बाजी- तुम मुझे फरी बोल सकते हो।

मैं- हुम्मऽ चलो ठीक है फरी बाजी आप ये बताओ कि आपने किस तरह भाई से चुदवाया था?

बाजी- “वो मैंने अपनी एक दोस्त के साथ मिलकर भाई से करवाया था अंधेरे में। लेकिन वो ये ही समझता रहा कि वो अपनी गर्लफ्रेंड को ही कर रहा है...”

मैं- “फरी बाजी, आप तो कमाल हो... भाई के लण्ड का मजा भी ले लिया और उसे कुछ भी पता नहीं?

बाजी- बस हिम्मत करनी पड़ती है।

मैं- अच्छा फरी, आप ही कोई मशवरा दें ना कि मैं अपनी बड़ी बहन को किस तरह चोदूं?

बाजी- पहले तुम ये बताओ कि क्या तुम्हारी बहन कुँवारी है या नहीं?

मैं- “फरी, सच पूछो तो मुझे नहीं लगता कि वो कुँवारी होगी। क्योंकी उसकी गाण्ड पिछले कुछ दिनों में काफी सेक्सी हो गई है...”

बाजी- अच्छा बच्चू, तो तुम अपनी बड़ी बहन पे इतनी गहरी नजर रखते हो?

मैं- क्या करूं, रखनी पड़ती है प्यार जो करता हूँ।

बाजी- अच्छा, तुम अपनी बहन के साथ किस तरह की मस्ती चाहते हो? मतलब् सेक्स में क्या करना या करवाना पसंद है?

मैं- फरी मैं चाहता हूँ कि मेरी बहन मेरे साथ-साथ हर उससे सेक्स करे, जिसके साथ उसका दिल चाहे। मैं चाहता हूँ कि वो अपनी लाइफ भरपूर तरीके से एंजाय करे।

बाजी- यार, क्या तुम ये चाहते हो कि तुम्हारी बहन रंडी बन जाए? कैसे भाई हो तुम कुछ तो शरम करो?

मैं- नहीं फरी जी, मैं उसे रंडी सिर्फ अपनी बनाऊँगा लेकिन उसके और अपने मजे के लिए थ्री-सम फोर-सम वगैरा भी करवाऊँगा।

बाजी- काश मैं आपकी बहन होती तो कितना मजा आता?
 
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