hotaks444
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उसके जिस्म की गर्मी, सीने से चिपके उसके मम्में टांगों में लिपटीं वो गुदाज़ चिकनी टाँगें उफ्फ… ईश्वर ने कैसी प्यारी रचना रची ये.
“पापा जी सुबह सुबह नहीं, अभी मुझे नहाना है फिर पूजा करनी है. अभी नहीं, रात को दूंगी.”
“अरे मैं तेरी ले थोड़ी ही रहा हूँ. मैं बस ऐसे ही प्यार कर रहा हूँ तुझे!”
“आपका ऐसे ही मैं जानती हूँ कैसा होता है. मेरे कपड़े तो उतार ही दिए हैं आपने, वो भी कब घुसा दो कोई भरोसा है आपका?”
“अरे मैं कुछ नहीं करूंगा; अभी तो तेरी झांटें शेव करनी हैं न!”
“तो पहले अपनी चड्डी और लोअर पहन लो आप. सामने खुली हुई पड़ी देख कर आपका मन तो ललचा ही रहा है कब अचानक अपना झंडा गाड़ दो इसमें… कोई भरोसा नहीं आपका!”
बहू रानी की बात सुनकर मुझे हंसी आ गयी.
“अब आप हंसिये मत, प्लीज जाकर वाशरूम में शेविंग किट रखी है, लेकर आईये और अच्छे नाई की तरह अपना काम दिखाइये.”
चूत की झांटें शेव करना मेरा प्रिय काम है, इसे मैं बड़ी लगन से, प्यार से, आहिस्ता आहिस्ता करता हूँ क्योंकि चूत की स्किन ब्लेड के लिए बहुत ही कोमल और नाज़ुक होती है जरा सी असावधानी से चूत को कट लग सकता है; हालांकि चूत में लंड कैसा भी पेल दो उससे इसका कुछ नहीं बिगड़ता.
मैंने बहूरानी की कमर के नीचे तकिया लगा कर उस पर एक अखबार बिछा दिया ताकि तकिया गंदा न हो. फिर मैंने बहूरानी के पैर मोड़ कर ऊपर कर दिए जिससे उनकी चूत अच्छे से उभर गई, मैं चूत को निहारने लगा. चूत का सौन्दर्य, इसका ऐश्वर्य मुझे आकर्षक लगता है.
बहूरानी की झांटों भरी चूत कोई चार पांच अंगुल लम्बी थी, चूत की फांकें खूब भरी भरी थीं, बीच की दरार खुली हुई थी इसके बीच चूत की नाक और नीचे लघु भगोष्ठों से घिरा प्रवेश द्वार जिसका आकार किसी गहरी नाव की तरह लगता था.
मैंने मुग्ध भाव से बहूरानी की चूत को निहारा और फिर चूम लिया और दरार में अपनी नाक रगड़ने लगा.
बहूरानी कसमसाई और उठ के बैठ गई- पापा जी, ये सब मत करो मुझे कुछ होने लगा है ऐसे करने से!
“क्या होने लगा है चूत में?”
“आप सब जानते हो. आप तो जल्दी से इसे चिकनी कर दो फिर मैं नहाने जाऊं!”
मैंने भी और कुछ करना उचित नहीं समझा और बहूरानी की चूत पर शेविंगक्रीम लगा कर ब्रश से झाग बनाने लगा. ब्रश को अच्छी तरह से गोल गोल घुमा घुमा के मैंने चूत के चारों ओर खूब सारा झाग बना दिया; कुछ ही देर में झांटें एकदम सॉफ्ट हो गयीं. फिर मैंने रेज़र में नया ब्लेड लगा कर धीरे धीरे चूत को अच्छे से शेव कर दिया और टिशू पेपर से चूत अच्छे से पौंछ दी.
उसके बाद मैं बहूरानी की इजाजत से ही उनकी चूत के नजदीक से कई क्लोजप्स अपने मोबाइल से लिए, जैसे अलग अलग एंगल से, एक पोज में बहूरानी अपनी दो उँगलियों से अपनी चूत फैलाए हुए, दूसरे पोज में अपने दोनों हाथों से चूत को पूरी तरह से पसारे हुए इत्यादि; ताकि इन पलों की स्मृति हमेशा बनी रहे.
उनकी चूत के फोटो आज भी मेरे कंप्यूटर में कहीं पासवर्ड से सुरक्षित हैं और कभी कभी देख लेता हूँ इन्हें. अगर कोई और भी इन्हें देख भी ले तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि चूत का क्लोजप देख के कोई चूत वाली की पहचान कोई नहीं कर सकता.
फोटो सेशन के बाद मैंने बहूरानी को बैठा दिया और उनके हाथ ऊपर उठा कर कांख के बालों को भी सादा पानी से भिगो भिगो कर रेजर से शेव कर दिया.
“पापा जी सुबह सुबह नहीं, अभी मुझे नहाना है फिर पूजा करनी है. अभी नहीं, रात को दूंगी.”
“अरे मैं तेरी ले थोड़ी ही रहा हूँ. मैं बस ऐसे ही प्यार कर रहा हूँ तुझे!”
“आपका ऐसे ही मैं जानती हूँ कैसा होता है. मेरे कपड़े तो उतार ही दिए हैं आपने, वो भी कब घुसा दो कोई भरोसा है आपका?”
“अरे मैं कुछ नहीं करूंगा; अभी तो तेरी झांटें शेव करनी हैं न!”
“तो पहले अपनी चड्डी और लोअर पहन लो आप. सामने खुली हुई पड़ी देख कर आपका मन तो ललचा ही रहा है कब अचानक अपना झंडा गाड़ दो इसमें… कोई भरोसा नहीं आपका!”
बहू रानी की बात सुनकर मुझे हंसी आ गयी.
“अब आप हंसिये मत, प्लीज जाकर वाशरूम में शेविंग किट रखी है, लेकर आईये और अच्छे नाई की तरह अपना काम दिखाइये.”
चूत की झांटें शेव करना मेरा प्रिय काम है, इसे मैं बड़ी लगन से, प्यार से, आहिस्ता आहिस्ता करता हूँ क्योंकि चूत की स्किन ब्लेड के लिए बहुत ही कोमल और नाज़ुक होती है जरा सी असावधानी से चूत को कट लग सकता है; हालांकि चूत में लंड कैसा भी पेल दो उससे इसका कुछ नहीं बिगड़ता.
मैंने बहूरानी की कमर के नीचे तकिया लगा कर उस पर एक अखबार बिछा दिया ताकि तकिया गंदा न हो. फिर मैंने बहूरानी के पैर मोड़ कर ऊपर कर दिए जिससे उनकी चूत अच्छे से उभर गई, मैं चूत को निहारने लगा. चूत का सौन्दर्य, इसका ऐश्वर्य मुझे आकर्षक लगता है.
बहूरानी की झांटों भरी चूत कोई चार पांच अंगुल लम्बी थी, चूत की फांकें खूब भरी भरी थीं, बीच की दरार खुली हुई थी इसके बीच चूत की नाक और नीचे लघु भगोष्ठों से घिरा प्रवेश द्वार जिसका आकार किसी गहरी नाव की तरह लगता था.
मैंने मुग्ध भाव से बहूरानी की चूत को निहारा और फिर चूम लिया और दरार में अपनी नाक रगड़ने लगा.
बहूरानी कसमसाई और उठ के बैठ गई- पापा जी, ये सब मत करो मुझे कुछ होने लगा है ऐसे करने से!
“क्या होने लगा है चूत में?”
“आप सब जानते हो. आप तो जल्दी से इसे चिकनी कर दो फिर मैं नहाने जाऊं!”
मैंने भी और कुछ करना उचित नहीं समझा और बहूरानी की चूत पर शेविंगक्रीम लगा कर ब्रश से झाग बनाने लगा. ब्रश को अच्छी तरह से गोल गोल घुमा घुमा के मैंने चूत के चारों ओर खूब सारा झाग बना दिया; कुछ ही देर में झांटें एकदम सॉफ्ट हो गयीं. फिर मैंने रेज़र में नया ब्लेड लगा कर धीरे धीरे चूत को अच्छे से शेव कर दिया और टिशू पेपर से चूत अच्छे से पौंछ दी.
उसके बाद मैं बहूरानी की इजाजत से ही उनकी चूत के नजदीक से कई क्लोजप्स अपने मोबाइल से लिए, जैसे अलग अलग एंगल से, एक पोज में बहूरानी अपनी दो उँगलियों से अपनी चूत फैलाए हुए, दूसरे पोज में अपने दोनों हाथों से चूत को पूरी तरह से पसारे हुए इत्यादि; ताकि इन पलों की स्मृति हमेशा बनी रहे.
उनकी चूत के फोटो आज भी मेरे कंप्यूटर में कहीं पासवर्ड से सुरक्षित हैं और कभी कभी देख लेता हूँ इन्हें. अगर कोई और भी इन्हें देख भी ले तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि चूत का क्लोजप देख के कोई चूत वाली की पहचान कोई नहीं कर सकता.
फोटो सेशन के बाद मैंने बहूरानी को बैठा दिया और उनके हाथ ऊपर उठा कर कांख के बालों को भी सादा पानी से भिगो भिगो कर रेजर से शेव कर दिया.