hotaks444
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मुझे अच्छी तरह से पता था कि एक बार अगर लंड को गान्ड से हटा लिया तो फिर ये गान्ड कभी नही मिलेगी तो बिना उसकी परवाह किए पूरे लंड को अंदर कर के ही दम लिया मेरे अंडकोष उसके चुतडो से टकरा गये थे सोनू दर्द से रोते हुए बोली बड़ी जलन हो रही है अभिईीईईईईईईईईईईईई अभिईीईईई बाहर करो मैं बोला बस भाभी बस दो मिनट की ही बात है सब ठीक हो जाएगा
और उसके गालो को चूमने लगा पर उसको बड़ी तकलीफ़ हो रही थी पर ये बस थोड़ी देर की ही तो बात थी मैं शांति से उसके उपर पड़ा रहा काफ़ी देर वो सूबकिया ले ले कर रोती रही फिर जब लगा कि कुछ शांत हुई है तो मैने लंड को बाहर की ओर खीचा तो फिर से वो दर्द मे भर गयी मैने कहा भाभी जब इतना दर्द सहा है तो बस थोड़ा सह लो और
और फिर से लंड को गान्ड मे धकेल दिया सोनू दर्द से रोती हुई बोली आज आज मारले आज के बाद मेरी गान्ड को तो तू भूल ही जाना मैने कहा भाभी अगली बार तुम खुद आओगी अपनी गान्ड को मरवाने और फिर मैने दो तीन तेज धक्के मारे तो सोनू बोली आज तो जान ही निकालेगा क्या मेरी देख नही रहा कितनी तकलीफ़ मे हूँ मैं और तू रुक नही सकता क्या
मैने कहा मैं तो रुक जाउ पर ये लंड कम्बख़्त सोता ही नही है ये तो अपनी मर्ज़ी करता है इसे तो बस छेद चाहिए घुसने को और जब छेद आप जैसी गरम औरत का हो तो फिर कहने ही क्या बताओ कैसे कंट्रोल हो मैं सोनू को बातों मे लगाते हुए उसकी गान्ड मे लंड को अंदर बाहर करने लगा था सोनू की गान्ड वास्तव मे बहुत ही शानदार थी
अब उस गान्ड की तारीफ मे मे क्या लिखू जिसमे पहली बार बस मेरा ही लंड गया हो उसकी गान्ड की सील तोड़कर मुझे एक अन्द्रुनि खुशी हो रही थी मैं अब हौले हौले अपने लंड को घर्षण करने लगा था जब लंड को बाहर करता तो गान्ड का छल्ला भी खिच जाता उसकी गान्ड को लंड को बुरी तरह से कसा हुआ था लंड का दम घुट रहा था पर वो भी पक्का शूर वीर था
अब मैं तो बुरी तरह से गरम था तो मैं बस लग गया पूरी ताक़त सी उसकी गान्ड चोदने को सोनू दर्द सी आह आह कर रही थी पर अब मैं उसकी नही सुन ने वाला था तो मैं बस धक्के पर धक्के लगाने लगा और धड़ धड़ करते हुए लंड उसकी गान्ड को चिरने लगा सोनू तो बस मेरे झड़ने का ही इंतज़ार कर रही थी और उसकी गान्ड ने इतना दबाव डाल रखा था लंड पर कि बस मेरा पानी अब निकला अब निकला
सोनू बोली कितनी देर लगाओगे मैं मरी जा रही हू जल्दी से मेरा पीछा छोड़ो ना मैं तेज तेज धक्के लगाते हुए बोला भाभी बस होने ही वाला है तुम बस 5 मिनट रूको मे बस झड ही रहा हूँ और फिर मैने अपने लंड को बाहर की ओर खीचा और भाभी की गोरे गोरी चुतडो को अपने वीर्य से नहला दिया और फिर तक कर साइड मे गिर गया
सुबा फिर चाइ नाश्ता कर के ही उसके घर से आया मैं, अपने घर आया तो किसी ने ना पूछा कि रात कहा था ना मैने कुछ ज़रूरत महसूस कि किसी से बात करने को सीधा अपने कमरे मे गया और सो गया दोपहर बाद मिता के फोन की रिंग से नींद टूटी तो आँख मल्ता हुआ मैं उठा और उबासी लेते हुए बात करने लगा तो पता चला कि उसने उसकी मम्मी से बात की थी
और उसकी माँ मुझसे मिलना चाहती है तो बताओ कब मैने कहा कल मैं मामा के घर जा रहा हूँ दो चार दिन के लिए आने के बाद मिलते है तो वो बोली अब तुम बहाने बना रहे हो पता है कितनी मुश्किल हुई मुझे मम्मी को ये सब बताने मे पर आख़िर मैने बोल ही दिया और अब तुम मामा के यहाँ तो बाद मे भी जा सकते हो मैने कहा यार मेरा घर वालो से झगड़ा हो गया है
तो अभी मेरा दिल भी नही कर रहा इधर रहने को तू रहने दे तेरे घर पे बोल अभी आ जाता हूँ बॅग उठा कर तो वो बोली ठीक है पर मामा के यहाँ से जल्दी ही आ जाना क्योंकि फिर मुझे भी जाना है अजमेर वापिस मैने कहा हाँ ठीक है वैसे भी अब मेरी छुट्टियाँ अजमेर ही कटेंगी तो वो बोली मैं नही रहने दूँगी तुम्हे अपने साथ और हँसने लगी फिर दो चार बातों के बाद मैने फोन रख दिया और बाहर आया
भूख लग आई थी तो खाना प्लेट मे डाला ही था कि तभी मम्मी भी बाहर से आ गयी और फिर से वो ही सब बाते शुरू हो गयी तो फिर हलक से नीवाला नीचे ना उतरा मैने प्लेट टेबल पर रख दी और बोला मम्मी आप टुकड़ो मे ना सूनाओ एक बार ही निकाल लो ना पूरी भडास तो वो बोली बस मैं एक बात ही चाहती हू कि अगर कोई मेरी बहू बने तो सिर्फ़ उर्वशी ही बने
और उसके गालो को चूमने लगा पर उसको बड़ी तकलीफ़ हो रही थी पर ये बस थोड़ी देर की ही तो बात थी मैं शांति से उसके उपर पड़ा रहा काफ़ी देर वो सूबकिया ले ले कर रोती रही फिर जब लगा कि कुछ शांत हुई है तो मैने लंड को बाहर की ओर खीचा तो फिर से वो दर्द मे भर गयी मैने कहा भाभी जब इतना दर्द सहा है तो बस थोड़ा सह लो और
और फिर से लंड को गान्ड मे धकेल दिया सोनू दर्द से रोती हुई बोली आज आज मारले आज के बाद मेरी गान्ड को तो तू भूल ही जाना मैने कहा भाभी अगली बार तुम खुद आओगी अपनी गान्ड को मरवाने और फिर मैने दो तीन तेज धक्के मारे तो सोनू बोली आज तो जान ही निकालेगा क्या मेरी देख नही रहा कितनी तकलीफ़ मे हूँ मैं और तू रुक नही सकता क्या
मैने कहा मैं तो रुक जाउ पर ये लंड कम्बख़्त सोता ही नही है ये तो अपनी मर्ज़ी करता है इसे तो बस छेद चाहिए घुसने को और जब छेद आप जैसी गरम औरत का हो तो फिर कहने ही क्या बताओ कैसे कंट्रोल हो मैं सोनू को बातों मे लगाते हुए उसकी गान्ड मे लंड को अंदर बाहर करने लगा था सोनू की गान्ड वास्तव मे बहुत ही शानदार थी
अब उस गान्ड की तारीफ मे मे क्या लिखू जिसमे पहली बार बस मेरा ही लंड गया हो उसकी गान्ड की सील तोड़कर मुझे एक अन्द्रुनि खुशी हो रही थी मैं अब हौले हौले अपने लंड को घर्षण करने लगा था जब लंड को बाहर करता तो गान्ड का छल्ला भी खिच जाता उसकी गान्ड को लंड को बुरी तरह से कसा हुआ था लंड का दम घुट रहा था पर वो भी पक्का शूर वीर था
अब मैं तो बुरी तरह से गरम था तो मैं बस लग गया पूरी ताक़त सी उसकी गान्ड चोदने को सोनू दर्द सी आह आह कर रही थी पर अब मैं उसकी नही सुन ने वाला था तो मैं बस धक्के पर धक्के लगाने लगा और धड़ धड़ करते हुए लंड उसकी गान्ड को चिरने लगा सोनू तो बस मेरे झड़ने का ही इंतज़ार कर रही थी और उसकी गान्ड ने इतना दबाव डाल रखा था लंड पर कि बस मेरा पानी अब निकला अब निकला
सोनू बोली कितनी देर लगाओगे मैं मरी जा रही हू जल्दी से मेरा पीछा छोड़ो ना मैं तेज तेज धक्के लगाते हुए बोला भाभी बस होने ही वाला है तुम बस 5 मिनट रूको मे बस झड ही रहा हूँ और फिर मैने अपने लंड को बाहर की ओर खीचा और भाभी की गोरे गोरी चुतडो को अपने वीर्य से नहला दिया और फिर तक कर साइड मे गिर गया
सुबा फिर चाइ नाश्ता कर के ही उसके घर से आया मैं, अपने घर आया तो किसी ने ना पूछा कि रात कहा था ना मैने कुछ ज़रूरत महसूस कि किसी से बात करने को सीधा अपने कमरे मे गया और सो गया दोपहर बाद मिता के फोन की रिंग से नींद टूटी तो आँख मल्ता हुआ मैं उठा और उबासी लेते हुए बात करने लगा तो पता चला कि उसने उसकी मम्मी से बात की थी
और उसकी माँ मुझसे मिलना चाहती है तो बताओ कब मैने कहा कल मैं मामा के घर जा रहा हूँ दो चार दिन के लिए आने के बाद मिलते है तो वो बोली अब तुम बहाने बना रहे हो पता है कितनी मुश्किल हुई मुझे मम्मी को ये सब बताने मे पर आख़िर मैने बोल ही दिया और अब तुम मामा के यहाँ तो बाद मे भी जा सकते हो मैने कहा यार मेरा घर वालो से झगड़ा हो गया है
तो अभी मेरा दिल भी नही कर रहा इधर रहने को तू रहने दे तेरे घर पे बोल अभी आ जाता हूँ बॅग उठा कर तो वो बोली ठीक है पर मामा के यहाँ से जल्दी ही आ जाना क्योंकि फिर मुझे भी जाना है अजमेर वापिस मैने कहा हाँ ठीक है वैसे भी अब मेरी छुट्टियाँ अजमेर ही कटेंगी तो वो बोली मैं नही रहने दूँगी तुम्हे अपने साथ और हँसने लगी फिर दो चार बातों के बाद मैने फोन रख दिया और बाहर आया
भूख लग आई थी तो खाना प्लेट मे डाला ही था कि तभी मम्मी भी बाहर से आ गयी और फिर से वो ही सब बाते शुरू हो गयी तो फिर हलक से नीवाला नीचे ना उतरा मैने प्लेट टेबल पर रख दी और बोला मम्मी आप टुकड़ो मे ना सूनाओ एक बार ही निकाल लो ना पूरी भडास तो वो बोली बस मैं एक बात ही चाहती हू कि अगर कोई मेरी बहू बने तो सिर्फ़ उर्वशी ही बने