hotaks444
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बहुत ही कामुक वातावरण हो गया था मैं दे दना दन गान्ड मारे जा रहा था और भाभी मस्ती से बिलबिला रही थी अब मैने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी पतली कमर को थामते हुवे अपने लंड को दुबारा से गान्ड मे डाल दिया और चुदाई करने लगा बीच बीच मे उनकी मोटी मोटी चूचियों भी भींच रहा था भाभी भी अपने चूतड़ मटका मटका के मेरे लंड का जोश बढ़ा रही थी
आधे घंटे तक करने के बाद मैने अपना पानी गान्ड मे ही छोड़ दिया और उनको लिए लिए ही बिस्तर पे लुढ़क गया..
आधे घंटे तक हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर अनिता उठी और पानी गरम करने के लिए रोड लगाने लगी तो मैने पूछा इस वक़्त पानी क्यों गरम कर रही हो तो उन्होने कहा कि वो अपने शरीर को सॉफ करना चाहती है मैने उन्हे कहा कि सर्दी का मोसम है इस और रात भी काफ़ी हो गयी है तो सुबह ही नहा लेना तो वो मान गयी और मैने उसे दुबारा बिस्तर पे लिटा दिया
अब हम दोनो रज़ाई के अंदर थे क्योंकि काफ़ी देर से हम नंगे ही बाहर थे भाभी मुझसे नागिन की तरह लिपटी हुवी थी अचानक से मैने पूछा कि क्या रवि उनको पूरी तरह से खुश करता है तो उन्हने कहा कि हाँ वो बिल्कुल उन्हे पूरी तरह संतुष्ट करता है और वो अपने पति से बहुत ही खुश है भाभी बोली कि तुम यह सोच रहे हो ना कि अगर मैं पूर्ण संतुष्ट हू तो तुमसे क्यों चुदवा रही हू.
तो उन्होने बताया कि मैं तुम्हे देख कर ना चाहते हुवे भी पिघल गयी हू तो मैने कहा कि पर भाभी मैं तो कुछ सुंदर, स्मार्ट भी नही हू तो वो हँसते हुवे बोली रे पगले रंग-रूप ही कुछ नही होता आदमी की सीरत भी कोई चीज़ होती है यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि अक्सर ज़िंदगी मे लोग तो ठग ते ही रहे थे ना कभी कोई सच्चा दोस्त मिला था जो भी मिला बस ऐसे ही मिले.
मेरी आँखो से आँसू छलच्छला गये आवाज़ रुआंसी सी हो गयी थी भाभी मुझसे और भी लिपट गयी और मेरे आँसू पोछते हुवे बोली तेरा मेरा रिश्ता इस जिस्म के रिश्ते से बहुत परे है मैं तेरी दोस्त हू और वादा करती हू कि मैं हर हाल मे तेरा साथ दूँगी चाहे कोई भी परिस्तिथि आए मैं हमेश तेरे लिए खड़ी रहूंगी पर हमारे इस जिस्मानी रिश्ते के बारे मे किसी भी हाल मे किसी को भी पता नही चलना चाहिए वरना मेरी गृहस्थि बर्बाद हो सकती है
मैने उनको विश्वास दिलाया कि मैं अपनी दोस्ती पे किसी भी तरह का संकट नही आने दूँगा और दुनिया के आगे उन्हे भाभी का पूरा सम्मान दूँगा ये सुनके भाभी खुश हो गयी और मेरे गालो पे पप्पी दे दी. मैने भाभी को अपने उपर लिटा लिया उनकी गोल मटोल बूब्स मेरे सीने मे धँस रहे थे और चूत मेरे लंड रगड़ खा रही थी
वो बोली सोना नही है क्या तुम्हारे चक्कर मे मेरी नींद भी पूरी नही होती है मैने कहा भाभी जान आज की ही तो रात है कल तो तुम्हार सास-ससुर वापिस आ जाएँगे फिर कहा मिल पाएँगे हम तो वो बोली असली मज़ा तो छुप-छुप के मिलने मे ही आता है तुम घबराओ मत कोई रास्ता मिल ही जाएगा. मैने अपने हाथ उनकी पीठ पे कस दिए जिस से उनकी चूचिया और अंदर तक मेरे सीने मे धँस गयी
तो वो बोली कि अरे मुझे छोड़ो साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही है तो मैने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली करदी अब वो बगल मे आ गयी थी मैने उनकी गर्दन पे हाथ डाला और अपनी ओर खींच के उनकी सुरहिदार गर्दन पे किस करने लगा भाबी और मेरी तरफ सरक गयी मेरे होंठ उनको चूमते चूमते उनके गुलाबी गुलाबी होंटो की ओर बढ़ने लगे मैने अपना मूह खोला और उनके निचले होंठ को अपने मूह मे भर लिया और दबा के चूसने लगा
भाभी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे अंडकोषो पे पहुचा दिया और गोलियो को अपनी मुट्ठी मे भर कर सहलाने लगी मैं पूरे मज़े से उनके अधरो का रस पी रहा था और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उनका हाथ मेरे लंड पे बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था जिस से मेरा मज़ा दुगना हो गया था भाभी ने अपने होंठ छुड़ाए और ढेर सारा थूक मेरे लंड पे लगा के उसे पूरा गीला कर दिया
और फिर से उसे अपनी मुट्ठी मे भर कर हिलने लगी अब मैने उनकी लेफ्ट साइड की चुचि को अपनी जीभ फेरते हुवे मूह मे भर लिया भाभी को चुचि चुसवाने मे बहुत मज़ा आता थॉ वो बोली देवेर जी जी भर कर मेरा दूध पियो अब मैं उनके उपर लेट के उनकी छातियों को चूस ने लगा भाभी के शरीर मे कामवासना जागने लगी थी 20 मिनिट तक चुचियो का मर्दन करने के बाद मैंने उनकी जाँघो को थोड़ा फैलाया और अपनी बीच वाली उंगली एक झटके से उनकी चूत मे घुसा दी
तो वो एकदम से चिहुन्क पड़ी मैं तेज़ी से उंगली अंदर बाहर करने लगा उनकी लाल लाल चूत से बहुत सा रस बह रहा था जिस से वो एकदम गीली हो गयी थी भाभी मोन करने लगी थी तभी उन्होने बताया कि जब मैं उनकी चूत चाट ता हूँ तो उन्हे बहुत ही मस्त अनुभूति होती है ये सुनते ही मेरी छाती चौड़ी हो गयी और मैने उनकी टाँगो को पूरी तरह फैलाया और उनकी जाँघो के बीच आ गया मैने भाभी के भूरे रंग के चूत के दाने को अपने मुँह मे भर लिया और उसपे जीभ फेरने लगा
जैसे ही मेरी जीभ चूत के दाने से टकराई भाभी के बदन मे 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया और उनकी जांघे कस गयी उनके दाने का स्वाद बहुत ही नमकीन था मैं पूरे जोश से उसे चूसे जा रहा था भाभी की आँहे बढ़ती हीजा रही थी उनका खुद पे कंट्रोल ख़तम हो रहा था उनके दोनो हाथ मेरे सर पे पहुच गये थे और वो मेरे चेहरो को खुद की चूत पे दबा रही थी अब मैने अपनी जीभ थोड़ी नीचे की और चूत की फांको को चूसने लगा दोनो फांके काम रस मे पूरी तरह भीगी हुवी थी
मैं पूरी तसल्ली से उनकी चूत का रस चाट रहा था अब मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और चूत मे जहाँ तक मैं घुसा सकता था घुसा दी भाभी की चूत भी जी भर के रस बहा रही थी जिस से मेरे होंटो और ठोडी पे बहुत सा रस लग भी गया था ना जाने मुझे क्या सूझा मैने अपनी जीभ को निकाला और थोड़ा नीचे उनकी गान्ड के छेद पे फेरने लगा
भाभी के चुतडो मे सिरहन दौड़ गयी और उन्होने अपनी गान्ड उपर की और उठा दी अब मेरी जीब उनकी चूत और गान्ड को बारी बारी से चूस रही थी भाभी अपनी गान्ड उठा उठा के मुझे अपना रस पिला रही थी 15 मिनिट तक मैं उनका रस चूस्ता रहा और वो मस्ती से आहे भरती रही अचानक उन्होने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह से कस लिया और लंबी लंबी आहे भरते हुवे अपना पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया कंटिन्यूड......
आधे घंटे तक करने के बाद मैने अपना पानी गान्ड मे ही छोड़ दिया और उनको लिए लिए ही बिस्तर पे लुढ़क गया..
आधे घंटे तक हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर अनिता उठी और पानी गरम करने के लिए रोड लगाने लगी तो मैने पूछा इस वक़्त पानी क्यों गरम कर रही हो तो उन्होने कहा कि वो अपने शरीर को सॉफ करना चाहती है मैने उन्हे कहा कि सर्दी का मोसम है इस और रात भी काफ़ी हो गयी है तो सुबह ही नहा लेना तो वो मान गयी और मैने उसे दुबारा बिस्तर पे लिटा दिया
अब हम दोनो रज़ाई के अंदर थे क्योंकि काफ़ी देर से हम नंगे ही बाहर थे भाभी मुझसे नागिन की तरह लिपटी हुवी थी अचानक से मैने पूछा कि क्या रवि उनको पूरी तरह से खुश करता है तो उन्हने कहा कि हाँ वो बिल्कुल उन्हे पूरी तरह संतुष्ट करता है और वो अपने पति से बहुत ही खुश है भाभी बोली कि तुम यह सोच रहे हो ना कि अगर मैं पूर्ण संतुष्ट हू तो तुमसे क्यों चुदवा रही हू.
तो उन्होने बताया कि मैं तुम्हे देख कर ना चाहते हुवे भी पिघल गयी हू तो मैने कहा कि पर भाभी मैं तो कुछ सुंदर, स्मार्ट भी नही हू तो वो हँसते हुवे बोली रे पगले रंग-रूप ही कुछ नही होता आदमी की सीरत भी कोई चीज़ होती है यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि अक्सर ज़िंदगी मे लोग तो ठग ते ही रहे थे ना कभी कोई सच्चा दोस्त मिला था जो भी मिला बस ऐसे ही मिले.
मेरी आँखो से आँसू छलच्छला गये आवाज़ रुआंसी सी हो गयी थी भाभी मुझसे और भी लिपट गयी और मेरे आँसू पोछते हुवे बोली तेरा मेरा रिश्ता इस जिस्म के रिश्ते से बहुत परे है मैं तेरी दोस्त हू और वादा करती हू कि मैं हर हाल मे तेरा साथ दूँगी चाहे कोई भी परिस्तिथि आए मैं हमेश तेरे लिए खड़ी रहूंगी पर हमारे इस जिस्मानी रिश्ते के बारे मे किसी भी हाल मे किसी को भी पता नही चलना चाहिए वरना मेरी गृहस्थि बर्बाद हो सकती है
मैने उनको विश्वास दिलाया कि मैं अपनी दोस्ती पे किसी भी तरह का संकट नही आने दूँगा और दुनिया के आगे उन्हे भाभी का पूरा सम्मान दूँगा ये सुनके भाभी खुश हो गयी और मेरे गालो पे पप्पी दे दी. मैने भाभी को अपने उपर लिटा लिया उनकी गोल मटोल बूब्स मेरे सीने मे धँस रहे थे और चूत मेरे लंड रगड़ खा रही थी
वो बोली सोना नही है क्या तुम्हारे चक्कर मे मेरी नींद भी पूरी नही होती है मैने कहा भाभी जान आज की ही तो रात है कल तो तुम्हार सास-ससुर वापिस आ जाएँगे फिर कहा मिल पाएँगे हम तो वो बोली असली मज़ा तो छुप-छुप के मिलने मे ही आता है तुम घबराओ मत कोई रास्ता मिल ही जाएगा. मैने अपने हाथ उनकी पीठ पे कस दिए जिस से उनकी चूचिया और अंदर तक मेरे सीने मे धँस गयी
तो वो बोली कि अरे मुझे छोड़ो साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही है तो मैने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली करदी अब वो बगल मे आ गयी थी मैने उनकी गर्दन पे हाथ डाला और अपनी ओर खींच के उनकी सुरहिदार गर्दन पे किस करने लगा भाबी और मेरी तरफ सरक गयी मेरे होंठ उनको चूमते चूमते उनके गुलाबी गुलाबी होंटो की ओर बढ़ने लगे मैने अपना मूह खोला और उनके निचले होंठ को अपने मूह मे भर लिया और दबा के चूसने लगा
भाभी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे अंडकोषो पे पहुचा दिया और गोलियो को अपनी मुट्ठी मे भर कर सहलाने लगी मैं पूरे मज़े से उनके अधरो का रस पी रहा था और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उनका हाथ मेरे लंड पे बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था जिस से मेरा मज़ा दुगना हो गया था भाभी ने अपने होंठ छुड़ाए और ढेर सारा थूक मेरे लंड पे लगा के उसे पूरा गीला कर दिया
और फिर से उसे अपनी मुट्ठी मे भर कर हिलने लगी अब मैने उनकी लेफ्ट साइड की चुचि को अपनी जीभ फेरते हुवे मूह मे भर लिया भाभी को चुचि चुसवाने मे बहुत मज़ा आता थॉ वो बोली देवेर जी जी भर कर मेरा दूध पियो अब मैं उनके उपर लेट के उनकी छातियों को चूस ने लगा भाभी के शरीर मे कामवासना जागने लगी थी 20 मिनिट तक चुचियो का मर्दन करने के बाद मैंने उनकी जाँघो को थोड़ा फैलाया और अपनी बीच वाली उंगली एक झटके से उनकी चूत मे घुसा दी
तो वो एकदम से चिहुन्क पड़ी मैं तेज़ी से उंगली अंदर बाहर करने लगा उनकी लाल लाल चूत से बहुत सा रस बह रहा था जिस से वो एकदम गीली हो गयी थी भाभी मोन करने लगी थी तभी उन्होने बताया कि जब मैं उनकी चूत चाट ता हूँ तो उन्हे बहुत ही मस्त अनुभूति होती है ये सुनते ही मेरी छाती चौड़ी हो गयी और मैने उनकी टाँगो को पूरी तरह फैलाया और उनकी जाँघो के बीच आ गया मैने भाभी के भूरे रंग के चूत के दाने को अपने मुँह मे भर लिया और उसपे जीभ फेरने लगा
जैसे ही मेरी जीभ चूत के दाने से टकराई भाभी के बदन मे 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया और उनकी जांघे कस गयी उनके दाने का स्वाद बहुत ही नमकीन था मैं पूरे जोश से उसे चूसे जा रहा था भाभी की आँहे बढ़ती हीजा रही थी उनका खुद पे कंट्रोल ख़तम हो रहा था उनके दोनो हाथ मेरे सर पे पहुच गये थे और वो मेरे चेहरो को खुद की चूत पे दबा रही थी अब मैने अपनी जीभ थोड़ी नीचे की और चूत की फांको को चूसने लगा दोनो फांके काम रस मे पूरी तरह भीगी हुवी थी
मैं पूरी तसल्ली से उनकी चूत का रस चाट रहा था अब मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और चूत मे जहाँ तक मैं घुसा सकता था घुसा दी भाभी की चूत भी जी भर के रस बहा रही थी जिस से मेरे होंटो और ठोडी पे बहुत सा रस लग भी गया था ना जाने मुझे क्या सूझा मैने अपनी जीभ को निकाला और थोड़ा नीचे उनकी गान्ड के छेद पे फेरने लगा
भाभी के चुतडो मे सिरहन दौड़ गयी और उन्होने अपनी गान्ड उपर की और उठा दी अब मेरी जीब उनकी चूत और गान्ड को बारी बारी से चूस रही थी भाभी अपनी गान्ड उठा उठा के मुझे अपना रस पिला रही थी 15 मिनिट तक मैं उनका रस चूस्ता रहा और वो मस्ती से आहे भरती रही अचानक उन्होने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह से कस लिया और लंबी लंबी आहे भरते हुवे अपना पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया कंटिन्यूड......