hotaks444
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. अगले दिन मुझे प्रीतम मिली और उसने बताया कि दो दिन बाद उसका भाई ट्रैनिंग पे चला जाएगा फिर उसकी मा पशुओ के पास सोया करेगी और वो घर मे अकेली ये सुनके मैं खुश तो हो गया पर अब मेरा मन तो बस चाची की चूत मे ही बस गया था पर प्रीतम का ख्याल रखना भी ज़रूरी था आख़िर वो भी मुझे बहुत कुछ देती थी दो दिन ऐसे ही कट गये बिना कुछ ख़ास हुए अब स्कूल भी शुरू होने वाला था अब ये दोहरी जिंदगी मुझे पीसने को तैयार थी प्रीतम को लेटर लिखा कि कब आऊ उसके घर तो उसका जवाब बहुत ही निराशा जनक था उसने लिखा कि उसे मासिक आया हुवा हैं तो अभी कुछ नही कर सकते अब ऑर प्राब्लम खड़ी हो गयी
इधर चाची भी चूमा चाटी से आयेज नही बढ़ रही थी शायद उन्हे भी मुझे तड़पाने मे मज़ा आ रहा था इसी तरह कुछ दिन ऑर निकल गये नया स्कूल बहुत ही अच्छा था पर प्रतियोगिता बहुत ज़्यादा थी तभी किस्मत ने एक खेल ऑर दिखाया जब मैं लाइब्ररी जाने के लिए सीढ़िया चढ़ रहा था तो मेरी नज़र एक चेहरे पे पड़ी वक़्त जैसे एक पल के लिए ठहर ही गया था अरे यह तो वो ही लड़की थी जो उस दिन मेले मे मुझसे टकरा गयी थी उसकी साँवली सी रंगत दिल मे उतर गयी चलो ये तो पता चल ही गया था कि वो मेरे ही स्कूल मे पढ़ती थी
अब पता करना था किस क्लास में पढ़ती है अब पढ़ाई मे किसका ध्यान था अगले ही दिन उसका पीछा किया और पता कर लिया कि 10+2 सेक्षन सी मे थी और मैं ए मे. अब किताबो मे वो ही दिखती थी अब ना घर मे मन लगे ना कही ऑर प्रीतम भी कई बार मिलने का बोल चुकी थी पर मैने बहाना करते हुए मना कर दिया हम चाची से थोड़ी बहुत शरारत हो ही जाती थी मैने सेक्षन चेंज की अप्लिकेशन भी लगा दी थी पर उसमे कंडीशन थी तो हिस्टरी छोड़के पब्लिक आडमिन. सब्जेक्ट ले लिया और ए से सी मे पहुच गया
इत्तेफ़ाक़ से वो मेरे साइड वाले बेंच की शोभा बढ़ाती थी मेरा तो ध्यान पढ़ाई से ज़्यादा उसी पे रहता था उसका नाम भी पता चल गया था मिता साला दिल मे उतर गया वो बहुत ही ब्राइट स्टूडेंट थी और बहुत प्यारी भी थी समय पंख लगाए दौड़ रहा था एक महीना ऐसे ही गुजर गया था प्रीतम भी नाराज़ चल रही थी क्यों कि कई दिन से मैं उस से मिला नही था
पर वो कहते हैं ना कि भगवान के घर देर हैं पर अंधेर नही मामा का फोन आया तो उन्होने बताया कि वो सवामनि कर रहे हैं अब वहाँ सारे परिवार को जाना था प्रोग्राम से एक दिन पहले हम सब मामा के गाँव पहुच गये शाम को भजन का प्रोग्राम था और अगले दिन जीमना था चूँकि हम सब लंबा सफ़र करके आए थे तो थके भी थे तो चाची ने कहा कि वो भजन मे थोड़ी ही देर जाएँगी फिर थोड़ा सोएंगी और मेरी ओर निगाह डाली मैने सोच लिया कि ये उनका मुझे निमंत्रण है और खुश हो गया
हालाँकि उन्होने वो बात जनरली ही कही थी पर मैने उसका ग़लत अर्थ लगा लिया था मुझे पता तो था ही उनके सोने का इंतज़ाम सबसे अंदर वाले कमरे मे किया हुआ था मैं भजन मंडली मे बैठा था परंतु ध्यान चाची पे ही था मेरी आँखे उन्हे तलाश रही थी पर वो दिख नही रही थी तो मैने सोचा कि वो सोने गयी होंगी और बचते बचाते अंदर वाले कमरे मे पहुच गया वहाँ देखा कि वहाँ पे कुल 3 बिस्तर लगे थे दो पे तो कोई लड़किया सोई थी और एक पे एक बूढ़ी थी और एक पे कोई चादर ओढ़े हुए थे मैने सोचा ये ही चाची होंगी
पर दिमाग़ से काम लेते हुए सबसे पहले बल्ब को उतार दिया अब कमरे मे घुप अंधेरा हो गया मैं फॉरन ही उस चादर मे घुस गया और उनसे सट गया मेरा हाथ उनकी टाँगो पे फेरते हुए मैने साड़ी को उपर कर्दिया ऑर सीधा चूत पे हाथ रख दिया था वो घबराते हुए बोली कॉन हैं मैनी झप से उनके मूह पे हाथ रख दिया और बोला घबराओ मत मैं हू और फॉरन उनके उपर लेट गया वो अब मेरा हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी क्यों कि उन्हे भी पता था कि अब आगे क्या होगा वो मेरा विरोध करने लगी थी
पर मैने तो ठान ही लिया था कि अब नही तो कभी नही और थोड़ा ज़ोर मैं भी लगाने लगा किसी तरह अपनी ज़िप खोली और तने हुए लंड को निकाला उन्होने कच्छि पहनी नही थी तो सीधा लंड एक झटके से घुसा दिया वो उउउउउउउउउउउउउउउउउउउ उूुुुउउ कर रही थी बहुत ही धीमे धीमे क्यों कि आस पास ऑर लोग भी सोए हुए थे मैने धक्के मारने शुरू कर दिए कोई 7-8 मिनिट बाद वो भी नॉर्मल हो गयी क्यों कि चूत गीली होने लगी थी उनके चुतड थोड़े से उपर की ओर उठ गये थे अब मुझे भी थोड़ी तसल्ली हुई ऑर मैने उनकी मूह से अपना हाथ हटा लिया ओर फुसफुसाते हुए बोला कैसा लगा मेरी जान तो वो काँपति हुई बोली तुम कॉन हो हालाँकि कोई विरोध नही था
क्यों कि उन्हे भी मज़ा मिल रहा था अब मैं घबरा गया ये तो कोई और थी और चाची कहाँ थी पर मैने सोचा कोई भी हो चूत तो मिल ही रही है अभी तो इसे ही बजा देता हू और उसके होंटो पे अपने होंठ लगा दिए तो उसने फॉरन अपना मूह फेर लिया तो मैने उसके कान मे फुसफुसाते हुए बोला कि अब जो होना था वो तो हो ही गया हैं तुम भी थोड़ा मज़ा ले लो वो कुछ नही बोली और ऐसे ही पड़ी रही पर चूत और लंड तो कोई रिश्ता नही समझ ते हैं मैं लगातार उन्हे चोदे जा रहा था
इधर चाची भी चूमा चाटी से आयेज नही बढ़ रही थी शायद उन्हे भी मुझे तड़पाने मे मज़ा आ रहा था इसी तरह कुछ दिन ऑर निकल गये नया स्कूल बहुत ही अच्छा था पर प्रतियोगिता बहुत ज़्यादा थी तभी किस्मत ने एक खेल ऑर दिखाया जब मैं लाइब्ररी जाने के लिए सीढ़िया चढ़ रहा था तो मेरी नज़र एक चेहरे पे पड़ी वक़्त जैसे एक पल के लिए ठहर ही गया था अरे यह तो वो ही लड़की थी जो उस दिन मेले मे मुझसे टकरा गयी थी उसकी साँवली सी रंगत दिल मे उतर गयी चलो ये तो पता चल ही गया था कि वो मेरे ही स्कूल मे पढ़ती थी
अब पता करना था किस क्लास में पढ़ती है अब पढ़ाई मे किसका ध्यान था अगले ही दिन उसका पीछा किया और पता कर लिया कि 10+2 सेक्षन सी मे थी और मैं ए मे. अब किताबो मे वो ही दिखती थी अब ना घर मे मन लगे ना कही ऑर प्रीतम भी कई बार मिलने का बोल चुकी थी पर मैने बहाना करते हुए मना कर दिया हम चाची से थोड़ी बहुत शरारत हो ही जाती थी मैने सेक्षन चेंज की अप्लिकेशन भी लगा दी थी पर उसमे कंडीशन थी तो हिस्टरी छोड़के पब्लिक आडमिन. सब्जेक्ट ले लिया और ए से सी मे पहुच गया
इत्तेफ़ाक़ से वो मेरे साइड वाले बेंच की शोभा बढ़ाती थी मेरा तो ध्यान पढ़ाई से ज़्यादा उसी पे रहता था उसका नाम भी पता चल गया था मिता साला दिल मे उतर गया वो बहुत ही ब्राइट स्टूडेंट थी और बहुत प्यारी भी थी समय पंख लगाए दौड़ रहा था एक महीना ऐसे ही गुजर गया था प्रीतम भी नाराज़ चल रही थी क्यों कि कई दिन से मैं उस से मिला नही था
पर वो कहते हैं ना कि भगवान के घर देर हैं पर अंधेर नही मामा का फोन आया तो उन्होने बताया कि वो सवामनि कर रहे हैं अब वहाँ सारे परिवार को जाना था प्रोग्राम से एक दिन पहले हम सब मामा के गाँव पहुच गये शाम को भजन का प्रोग्राम था और अगले दिन जीमना था चूँकि हम सब लंबा सफ़र करके आए थे तो थके भी थे तो चाची ने कहा कि वो भजन मे थोड़ी ही देर जाएँगी फिर थोड़ा सोएंगी और मेरी ओर निगाह डाली मैने सोच लिया कि ये उनका मुझे निमंत्रण है और खुश हो गया
हालाँकि उन्होने वो बात जनरली ही कही थी पर मैने उसका ग़लत अर्थ लगा लिया था मुझे पता तो था ही उनके सोने का इंतज़ाम सबसे अंदर वाले कमरे मे किया हुआ था मैं भजन मंडली मे बैठा था परंतु ध्यान चाची पे ही था मेरी आँखे उन्हे तलाश रही थी पर वो दिख नही रही थी तो मैने सोचा कि वो सोने गयी होंगी और बचते बचाते अंदर वाले कमरे मे पहुच गया वहाँ देखा कि वहाँ पे कुल 3 बिस्तर लगे थे दो पे तो कोई लड़किया सोई थी और एक पे एक बूढ़ी थी और एक पे कोई चादर ओढ़े हुए थे मैने सोचा ये ही चाची होंगी
पर दिमाग़ से काम लेते हुए सबसे पहले बल्ब को उतार दिया अब कमरे मे घुप अंधेरा हो गया मैं फॉरन ही उस चादर मे घुस गया और उनसे सट गया मेरा हाथ उनकी टाँगो पे फेरते हुए मैने साड़ी को उपर कर्दिया ऑर सीधा चूत पे हाथ रख दिया था वो घबराते हुए बोली कॉन हैं मैनी झप से उनके मूह पे हाथ रख दिया और बोला घबराओ मत मैं हू और फॉरन उनके उपर लेट गया वो अब मेरा हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी क्यों कि उन्हे भी पता था कि अब आगे क्या होगा वो मेरा विरोध करने लगी थी
पर मैने तो ठान ही लिया था कि अब नही तो कभी नही और थोड़ा ज़ोर मैं भी लगाने लगा किसी तरह अपनी ज़िप खोली और तने हुए लंड को निकाला उन्होने कच्छि पहनी नही थी तो सीधा लंड एक झटके से घुसा दिया वो उउउउउउउउउउउउउउउउउउउ उूुुुउउ कर रही थी बहुत ही धीमे धीमे क्यों कि आस पास ऑर लोग भी सोए हुए थे मैने धक्के मारने शुरू कर दिए कोई 7-8 मिनिट बाद वो भी नॉर्मल हो गयी क्यों कि चूत गीली होने लगी थी उनके चुतड थोड़े से उपर की ओर उठ गये थे अब मुझे भी थोड़ी तसल्ली हुई ऑर मैने उनकी मूह से अपना हाथ हटा लिया ओर फुसफुसाते हुए बोला कैसा लगा मेरी जान तो वो काँपति हुई बोली तुम कॉन हो हालाँकि कोई विरोध नही था
क्यों कि उन्हे भी मज़ा मिल रहा था अब मैं घबरा गया ये तो कोई और थी और चाची कहाँ थी पर मैने सोचा कोई भी हो चूत तो मिल ही रही है अभी तो इसे ही बजा देता हू और उसके होंटो पे अपने होंठ लगा दिए तो उसने फॉरन अपना मूह फेर लिया तो मैने उसके कान मे फुसफुसाते हुए बोला कि अब जो होना था वो तो हो ही गया हैं तुम भी थोड़ा मज़ा ले लो वो कुछ नही बोली और ऐसे ही पड़ी रही पर चूत और लंड तो कोई रिश्ता नही समझ ते हैं मैं लगातार उन्हे चोदे जा रहा था