hotaks444
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उन दिनो स्कूल लाइफ की कभी याद आ जाती हैं तो मूड उदास हो जाता हैं खैर ये सब तो पार्ट है लाइफ के उस टाइम स्कूल जाना बुरा लगता था स्कूल मे कुछ ख़ास दोस्त बन गये थे हमारा एक ग्रूप था जिसमे मैं, मिता, रीना , अजय भाई और नीनु थी अब साला पढ़ाई का प्रेशर भी पड़ने लगा था मुझपे खास कर 24 घंटे बहुत ही कम लगते थे पता ही नही चलता था कि कब अगला दिन आ गया था स्कूल मे एक्सट्रा क्लासस लगनी शुरू हो गयी थी घर आते आते अंधेरा हो ही जाता था बीच मे दो तीन बार शीला की चूत मार ली थी पर वो सब ऐसे ही जल्दी जल्दी मे हुआ था कोई मज़े वाली बात नही थी इसलिए उसका वर्णन नही करूँगा समय अपनी चाल चले जा रहा था
नवेंबर आ चुका था दिन बस कट रही लाइफ बिल्कुल झंड हो चुकी थी बस स्टडी स्टडी और स्टडी मूतने का भी वक़्त नही था चूत के बारे मे सोचना तो बड़ा गुनाह सा था 24 नवंबर को मिता का जनमदिन था मैं उसे कोई गिफ्ट देना चाहता था पर जेब खाली थी मैने घरवालो से 3000 रुपये माँगे उन्होने पूछा कि इतने पैसे क्यों चाहिए अब बता भी नही सकता था जबकि उसके लिए हर हाल मे उसके लिए गिफ्ट तो लेना ही था अब मेरी अंतिम आस मेरी प्यारी चाची थी पर उन्होने भी अपने हाथ खड़े कर दिए बोली पैसो का हिसाब मैं नही रखती पर उन्होने पूछा कि किसलिए चाहिए मैने बताया की मेरी दोस्त का जनमदिन हैं उसे गिफ्ट देना हैं मैने उन्हे मिता के बारे मे बता दिया
उन्होने कहा मैं कुछ करती हू उन्होने अपनी अलमारी खोली और एक चाँदी की चैन मुझे दे दी और बोली कि ये दे देना मैने कहा ये तो बहुत महँगी होगी चाची तो वो बोली तू ले ले और वो चैन मुझे दे दी मैं भी खुश हो गया अब बस इंतज़ार था 24 नवंबर का और आख़िर वो दिन आ ही गया बड़े ही जोरो से उसका बर्थ’डे सेलेब्रेट किया हमारे ग्रूप ने किराए पे कॅमरा लेके आए वो तस्वीरे आज भी जब देखता हू तो दिल मुस्कुरा देता हैं सारी तैयारी कर ही ली थी हम सब स्कूल कॅंटीन मे बैठे हुए थे काफ़ी मस्ती चल रही थी मिता उठी और बाहर की तरफ आ गयी मैं भी उसके पिछे पीछे आ गया मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा मैं उस से कुछ कहना चाहता था
पर हिम्मत नही हो पा रही थी वो बोली क्या कर रहे हो मैने कहा कुछ नही वो बस हल्का सा मुस्कुरा के रह गयी समझ तो गयी थी वो भी पर मेरे मूह से शब्द निकले ही नही फिर उसने कहा छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैने कहा देखने दो उसने पूछा क्या हक़ है तुम्हारा मैने बस इतना ही कहा कि अपने आप से पूछ लो वो हसी और अंदर चली गयी आज का दिन पूरी तरह मस्ती मे बीता सांझ ढले घर आया कपड़े बदले डिन्नर किया थोड़ी देर घर वालो से गप्पे लड़ाई और फिर अपने रूम की ओर चल पड़ा कमरा खोल के बस थोड़ा समान जो अस्त व्यस्त पड़ा था उसे सेट कर ही रहा था कि शीला ने दस्तक दी मैने कहा तू इस समय क्या????????????????????? तो वो बोली कि आज ये एक शादी मे गये हैं और सुबह ही आएँगे तो मुझे अकेले डर लगेगा आप आ जाओ तो और उसने बात को अधूरी छोड़ दिया मैने कहा तो क्या तो वो बस मंद मंद मुस्कुराने लगी ये एक तरह से उसका मुझे बुलावा था मैने कहा थोड़ा काम हैं और थका हुआ भी हू तो उसने बच्चों जैसे ज़िद करते हुए कहा मुझे नही पता आपको चलना ही पड़ेगा
अब चूत की ज़रूरत किसे नही होती थोड़े नखरे करने के बाद मान ना तो था ही मुझे मैने उसकी पप्पी ली और बोला तुम चलो मैं एक घंटे बाद आउन्गा वो क्या हैं अभी इतना टाइम नही हुआ है कोई आ निकला तो कही दिक्कत ना हो जाए वो खुश होके चली गयी कोई साढ़े 9 बजे मैने ताला लगाया और शीला के घर पहुच गया
जब मैं उसके कमरे मे गया तो वो बिस्तर को ठीक कर रही थी मुझे देख के उसकी आँखो मे चमक आ गयी और वो थोड़ा झुक के पलंग की चादर को ठीक करने लगी उसकी गान्ड मेरी तरफ थी जो हिलती हुई मुझे बुला रही थी मैने कुण्डी लगाई और शीला को पीछे से पकड़ लिया और सीधा उसके बोबो को पुचकार्ने लगा वो बोली आह इन्हे ऐसे ना दबाओ दर्द होता हैं
नवेंबर आ चुका था दिन बस कट रही लाइफ बिल्कुल झंड हो चुकी थी बस स्टडी स्टडी और स्टडी मूतने का भी वक़्त नही था चूत के बारे मे सोचना तो बड़ा गुनाह सा था 24 नवंबर को मिता का जनमदिन था मैं उसे कोई गिफ्ट देना चाहता था पर जेब खाली थी मैने घरवालो से 3000 रुपये माँगे उन्होने पूछा कि इतने पैसे क्यों चाहिए अब बता भी नही सकता था जबकि उसके लिए हर हाल मे उसके लिए गिफ्ट तो लेना ही था अब मेरी अंतिम आस मेरी प्यारी चाची थी पर उन्होने भी अपने हाथ खड़े कर दिए बोली पैसो का हिसाब मैं नही रखती पर उन्होने पूछा कि किसलिए चाहिए मैने बताया की मेरी दोस्त का जनमदिन हैं उसे गिफ्ट देना हैं मैने उन्हे मिता के बारे मे बता दिया
उन्होने कहा मैं कुछ करती हू उन्होने अपनी अलमारी खोली और एक चाँदी की चैन मुझे दे दी और बोली कि ये दे देना मैने कहा ये तो बहुत महँगी होगी चाची तो वो बोली तू ले ले और वो चैन मुझे दे दी मैं भी खुश हो गया अब बस इंतज़ार था 24 नवंबर का और आख़िर वो दिन आ ही गया बड़े ही जोरो से उसका बर्थ’डे सेलेब्रेट किया हमारे ग्रूप ने किराए पे कॅमरा लेके आए वो तस्वीरे आज भी जब देखता हू तो दिल मुस्कुरा देता हैं सारी तैयारी कर ही ली थी हम सब स्कूल कॅंटीन मे बैठे हुए थे काफ़ी मस्ती चल रही थी मिता उठी और बाहर की तरफ आ गयी मैं भी उसके पिछे पीछे आ गया मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा मैं उस से कुछ कहना चाहता था
पर हिम्मत नही हो पा रही थी वो बोली क्या कर रहे हो मैने कहा कुछ नही वो बस हल्का सा मुस्कुरा के रह गयी समझ तो गयी थी वो भी पर मेरे मूह से शब्द निकले ही नही फिर उसने कहा छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैने कहा देखने दो उसने पूछा क्या हक़ है तुम्हारा मैने बस इतना ही कहा कि अपने आप से पूछ लो वो हसी और अंदर चली गयी आज का दिन पूरी तरह मस्ती मे बीता सांझ ढले घर आया कपड़े बदले डिन्नर किया थोड़ी देर घर वालो से गप्पे लड़ाई और फिर अपने रूम की ओर चल पड़ा कमरा खोल के बस थोड़ा समान जो अस्त व्यस्त पड़ा था उसे सेट कर ही रहा था कि शीला ने दस्तक दी मैने कहा तू इस समय क्या????????????????????? तो वो बोली कि आज ये एक शादी मे गये हैं और सुबह ही आएँगे तो मुझे अकेले डर लगेगा आप आ जाओ तो और उसने बात को अधूरी छोड़ दिया मैने कहा तो क्या तो वो बस मंद मंद मुस्कुराने लगी ये एक तरह से उसका मुझे बुलावा था मैने कहा थोड़ा काम हैं और थका हुआ भी हू तो उसने बच्चों जैसे ज़िद करते हुए कहा मुझे नही पता आपको चलना ही पड़ेगा
अब चूत की ज़रूरत किसे नही होती थोड़े नखरे करने के बाद मान ना तो था ही मुझे मैने उसकी पप्पी ली और बोला तुम चलो मैं एक घंटे बाद आउन्गा वो क्या हैं अभी इतना टाइम नही हुआ है कोई आ निकला तो कही दिक्कत ना हो जाए वो खुश होके चली गयी कोई साढ़े 9 बजे मैने ताला लगाया और शीला के घर पहुच गया
जब मैं उसके कमरे मे गया तो वो बिस्तर को ठीक कर रही थी मुझे देख के उसकी आँखो मे चमक आ गयी और वो थोड़ा झुक के पलंग की चादर को ठीक करने लगी उसकी गान्ड मेरी तरफ थी जो हिलती हुई मुझे बुला रही थी मैने कुण्डी लगाई और शीला को पीछे से पकड़ लिया और सीधा उसके बोबो को पुचकार्ने लगा वो बोली आह इन्हे ऐसे ना दबाओ दर्द होता हैं