Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है - Page 9 - SexBaba
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Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

उन दिनो स्कूल लाइफ की कभी याद आ जाती हैं तो मूड उदास हो जाता हैं खैर ये सब तो पार्ट है लाइफ के उस टाइम स्कूल जाना बुरा लगता था स्कूल मे कुछ ख़ास दोस्त बन गये थे हमारा एक ग्रूप था जिसमे मैं, मिता, रीना , अजय भाई और नीनु थी अब साला पढ़ाई का प्रेशर भी पड़ने लगा था मुझपे खास कर 24 घंटे बहुत ही कम लगते थे पता ही नही चलता था कि कब अगला दिन आ गया था स्कूल मे एक्सट्रा क्लासस लगनी शुरू हो गयी थी घर आते आते अंधेरा हो ही जाता था बीच मे दो तीन बार शीला की चूत मार ली थी पर वो सब ऐसे ही जल्दी जल्दी मे हुआ था कोई मज़े वाली बात नही थी इसलिए उसका वर्णन नही करूँगा समय अपनी चाल चले जा रहा था

नवेंबर आ चुका था दिन बस कट रही लाइफ बिल्कुल झंड हो चुकी थी बस स्टडी स्टडी और स्टडी मूतने का भी वक़्त नही था चूत के बारे मे सोचना तो बड़ा गुनाह सा था 24 नवंबर को मिता का जनमदिन था मैं उसे कोई गिफ्ट देना चाहता था पर जेब खाली थी मैने घरवालो से 3000 रुपये माँगे उन्होने पूछा कि इतने पैसे क्यों चाहिए अब बता भी नही सकता था जबकि उसके लिए हर हाल मे उसके लिए गिफ्ट तो लेना ही था अब मेरी अंतिम आस मेरी प्यारी चाची थी पर उन्होने भी अपने हाथ खड़े कर दिए बोली पैसो का हिसाब मैं नही रखती पर उन्होने पूछा कि किसलिए चाहिए मैने बताया की मेरी दोस्त का जनमदिन हैं उसे गिफ्ट देना हैं मैने उन्हे मिता के बारे मे बता दिया

उन्होने कहा मैं कुछ करती हू उन्होने अपनी अलमारी खोली और एक चाँदी की चैन मुझे दे दी और बोली कि ये दे देना मैने कहा ये तो बहुत महँगी होगी चाची तो वो बोली तू ले ले और वो चैन मुझे दे दी मैं भी खुश हो गया अब बस इंतज़ार था 24 नवंबर का और आख़िर वो दिन आ ही गया बड़े ही जोरो से उसका बर्थ’डे सेलेब्रेट किया हमारे ग्रूप ने किराए पे कॅमरा लेके आए वो तस्वीरे आज भी जब देखता हू तो दिल मुस्कुरा देता हैं सारी तैयारी कर ही ली थी हम सब स्कूल कॅंटीन मे बैठे हुए थे काफ़ी मस्ती चल रही थी मिता उठी और बाहर की तरफ आ गयी मैं भी उसके पिछे पीछे आ गया मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा मैं उस से कुछ कहना चाहता था

पर हिम्मत नही हो पा रही थी वो बोली क्या कर रहे हो मैने कहा कुछ नही वो बस हल्का सा मुस्कुरा के रह गयी समझ तो गयी थी वो भी पर मेरे मूह से शब्द निकले ही नही फिर उसने कहा छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैने कहा देखने दो उसने पूछा क्या हक़ है तुम्हारा मैने बस इतना ही कहा कि अपने आप से पूछ लो वो हसी और अंदर चली गयी आज का दिन पूरी तरह मस्ती मे बीता सांझ ढले घर आया कपड़े बदले डिन्नर किया थोड़ी देर घर वालो से गप्पे लड़ाई और फिर अपने रूम की ओर चल पड़ा कमरा खोल के बस थोड़ा समान जो अस्त व्यस्त पड़ा था उसे सेट कर ही रहा था कि शीला ने दस्तक दी मैने कहा तू इस समय क्या????????????????????? तो वो बोली कि आज ये एक शादी मे गये हैं और सुबह ही आएँगे तो मुझे अकेले डर लगेगा आप आ जाओ तो और उसने बात को अधूरी छोड़ दिया मैने कहा तो क्या तो वो बस मंद मंद मुस्कुराने लगी ये एक तरह से उसका मुझे बुलावा था मैने कहा थोड़ा काम हैं और थका हुआ भी हू तो उसने बच्चों जैसे ज़िद करते हुए कहा मुझे नही पता आपको चलना ही पड़ेगा

अब चूत की ज़रूरत किसे नही होती थोड़े नखरे करने के बाद मान ना तो था ही मुझे मैने उसकी पप्पी ली और बोला तुम चलो मैं एक घंटे बाद आउन्गा वो क्या हैं अभी इतना टाइम नही हुआ है कोई आ निकला तो कही दिक्कत ना हो जाए वो खुश होके चली गयी कोई साढ़े 9 बजे मैने ताला लगाया और शीला के घर पहुच गया


जब मैं उसके कमरे मे गया तो वो बिस्तर को ठीक कर रही थी मुझे देख के उसकी आँखो मे चमक आ गयी और वो थोड़ा झुक के पलंग की चादर को ठीक करने लगी उसकी गान्ड मेरी तरफ थी जो हिलती हुई मुझे बुला रही थी मैने कुण्डी लगाई और शीला को पीछे से पकड़ लिया और सीधा उसके बोबो को पुचकार्ने लगा वो बोली आह इन्हे ऐसे ना दबाओ दर्द होता हैं
 
मैने कहा पर मज़ा भी तो आता है तो वो हंस पड़ी मैने बिना देर करते हुए नंगी करना शुरू किया कुछ ही पलो मे उसके बदन पे कपड़ो का नामो निशान भी नही था मैने अपने कपड़े भी उतार दिए शीला मुझे देखते हुए बोली आज तो बड़े उतावले हो रहे हो मैने कहा तेरी चूत मे कम आग लगी हैं क्या जो मुझे बुलाने पहुच गयी थी शीला मेरी ओर बढ़ी

और लंड को अपनी मुट्ठी मे भरते हुए बोली कि मैं तो इसके लिए गयी थी और मेरी गोलियो को भींच दिया मैने भी जोश मे आकर उसकी चूत के बालो को खींच दिया उसके बदन मे दर्द की लहर उठ गयी वो बोली ऐसे कोई करता है क्या मैने बोला तुम करो तो ठीक है मैं करू तो ग़लत मैं पलंग पे बैठा और उसे खींच के अपनी गोद मे बिठा लिया और उसके गालो को अपने दांतो मे दबा लिया मेरा लंड उसकी गान्ड मे सेट हो गया था

मैने उसके गालो को चूसना शुरू किया जी कर रहा था कि उन्हे कच्चा ही चबा जाउ आज मैं पूरी तस्सली से उसे चोदना चाहता था. लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और बस किसी छेद की तलाश कर रहा था. उसने अपने होठ मेरी तरफ बढ़ाए तो मैने भी रेस्पॉंड करते हुए उसके अधरो को अपने होंठो मे दबा लिया वो मेरे सर के बालो को सहलाने लगी शरीर गरम होने लगे थे होंठ ऐसे चिपके पड़े थे जैसे इस जनम मे तो अलग होंगे ही नही 15 मिनिट का लंबा चुंबन बस चलता ही रहा फिर वो बोली मेरी गान्ड मे ये चुभ रहा हैं

और मेरी गोदी से उतर गयी मैने उसेके हाथ पलंग की पुष्ट पे रखे और उसे चोपाया बना दिया उसके काले काले पर चिकने चूतड़ बाहर की तरफ़ निकल आए थे मैने अपनी जीभ उसकी गान्ड पे फेरनी चालू की उसकी खाल थोड़ी टाइट सी थी मेरे मूह से टपकता थूक उसके चुतडो को और भी चिकना कर रहा था शीला अपनी गान्ड मटका रही थी मुझे उत्तेजित करने के लिए अब मैने उसके चुतडो को थोड़ा फैलाया और और चूत मे एक उंगली उतार दी शीला
सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईीकारने लगी मैने एक झापड़ उसके कुल्हो पे लगाया और उसको थोड़ा और नीचे झुका दिया पानी टपकाती चूत अब मेरी रेंज मे आई , मैने नीचे बैठते हुए उसकी चूत को थोड़ा फैलाया और अपना मूह उस से सटा दिया शीला की टाँगे थोड़ा बॅलेन्स खोने लगी अब मैं पूरी तरह से उसकी टाँगो के बीच आ चुका था मैने अपने होठ उसकी झन्टो से भरी चूत पे रख दिए और उसे चूसने लगा वो

उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ करने लगी उसकी दोनो पंखुड़ियो को मैने अपने मूह मे भर लिया और उन्हे काट ते हुए चूसने लगा मेरे होंठ उसके खारे रस से पूरी तरह भीग चुके थे ज्यो ज्यो मैं उसकी चूत को चाट ता जा रहा था उसके चूतड़ हिलने लगे थे शीला मस्ता गयी थी अब उसकी हिलती गान्ड बड़ी ही प्यारी फीलिंग दे रही थी

इधर लंड भी आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था मैने उसपे थूक लगाया और शीला की कमर को पकड़ते हुए एक ही झटके मे पूरा लंड चूत मे पहुचा दिया शीला दोहरी हो गयी वो बोली आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ

फ़ाआआआआआााअद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड डियीयियैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैयियीयिकाइयेयीययाया हीयीईयी माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ

ऐसे कोई करता है क्या मैने लंड को थोड़ा पीछे खींचा और फिर से एक तगड़ा धक्का मार के उसे वापिस पहुचा दिया शीला कुछ बॅड बड़ाये जा रही थी मैने उसकी गर्दन को चूमते हुए कहा क्यो नखरे दिखाती हैं चूत तो रोड होती है लंड जैसे कितना ही ट्रॅफिक गुज़रे रोड का क्या बिगड़ता हैं

और अपनी कमर को हिलाते हुए चूत पे धक्के लगाने लगा लंड चूत मे अच्छी तरह सेट हो चुका था तो शीला भी अब मज़ा लेने लगी थी उसने अपना मूह थोड़ा पीछे घुमाया तो मैने उसके होंठो को एक बार थाम लिया और चूमने लगा चुदाई का नशा हम पर अब पूरी तरह छा गया था हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड मचका मचका कर दे रही थी कोई दस मिनिट तक चोदने के बाद मैने लंड को चूत से निकाला वो मेरी तरफ ऐसे देखनी लगी जैसे किसी कुत्ते के आगे से हड्डी छीन ली हो मैं पलंग पे लेटा और उसे अपने लंड पे बैठ ने को कहा उसने लंड को अपने हाथ मे लिया और चूत पे रगड़ने लगी थोड़ी देर तक रगड़ा फिर धीरे धीरे लंड पे बैठ गयी मैं उसकी चूचियों से खेलने लगा कुछ ही देर मे उसने गाड़ी को टॉप गियर मे लगा दिया और मस्ती से सारॉबार होते हुए लंड पे कूदने लगी चूत के रस से लंड पूरा चिकना हो गया था और बड़ी ही तेज़ी से चूत मे फिसल रहा था मेरे हाथ उसके चुतडो पे कसे हुए थे अब मैं अपनी एक उंगली को गीला किया और उसकी गान्ड मे डालने की कोशिस करने लगा पर गान्ड बहुत ही ज़्यादा टाइट थी तो वो जा नही पा रही थी
 
मैने दम लगाया तो थोड़ी सी उंगली गान्ड मे घुस गयी शीला के बदन मे दर्द की लहर चल पड़ी उसने अपनी गान्ड को भीच लिया और बोली क्या करते हो दर्द होता है तो मैने कहा थोड़ी ढीली तो करनी ही पड़ेगी ना आख़िर गान्ड भी तो मारनी है तुम्हारी तो वो बोली वो सब बाद मे देखेंगे अभी मेरी चूत की आग तो बुझाओ पहले तो मैने कहा हाँ मेरी जान तेरी आग बुझाने के लिए ही तो यहाँ हू और उसे अपने उपर से उतार दिया अब वो अपनी टाँगो को विपरीत दिशाओ मे फैलाए पलंग पे पड़ी थी

मैने उसकी गान्ड के नीचे तकिया लगाया और अपने लंड को चूत पे घिसने लगा बेकाबू लंड चूत मे खुद ही रास्ता ढूंढता चला गया अब मैं पूरी तरह शीला पे छा चुका था उसने अपनी बाहें कस दी थी पूरा मज़ा लेते हुए मुझे भी काम सुख प्रदान कर रही थी मेरे हर धक्के पे उसकी चूचिया उछल कूद मचा रही थी दिल कर रहा था कि ये रात कभी ख़तम ही ना हो मेरा लंड चूत का भुर्ता बना ने पे तुला हुवा था शीला की बाहें मुझे ऐसे जकड़े पड़ी थी कि मेरे पूरे शरीर को चूत मे घुसाना चाहती हो

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करते हुए वो अपनी चूत मरवा रही थी वो बस पागलो की तरह आहे भरे ही जा रही थी मैने कहा थोड़ा धीरे कही कोई सुन ना ले तो वो बोली सुन ने दो आज मैं खुल के चुदुन्गि आज मैं अपने मन की करूँगी मैने सोचा ये मान ने वाली नही है

उसके नाख़ून ने मेरी पीठ को बुरी तरह खरोच डाला था वो बस आहें भरे जा रही थी मैं उसके होटो पे अपने दांतो से काटने लगा पर उसने बिल्कुल मना नही किया बोली कुचल दो मुझे आज लूट लो मुझे आज आज मैं दिल खोल के चुदुन्गि बस आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स
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चोदो चोदो मुझे मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी वो जंगली हो चुकी थी उसकी गान्ड पूरी तरह उपर उठी हुवी थी वो बड़े ही मज़े से चुद रही थी उसका कंपन बढ़ता जा रहा था मैं समझ गया था कि बस किसी भी पल वो झाड़ सकती है मैं पूरे दम से उसे चोदे जेया रहा था कुछ मिनिट ही बीते होंगे की उसने अपने शरीर को टाइट कर लिया वो बुरी तरफ से मुझसे चिपक गयी और एक ठंडी आह के साथ वो झड़ने लगी चूत से पानी बह चला आख़िर कब तक रुकता उसका चल ही रहा था कि मैं भी ढेर हो गया लंड से निकलती पिचकारी चूत के हर कोने को भिगोने लगी दोनो का पानी एक जगह इकट्ठा होने लगा मैने उसकी एक लंबी पप्पी ली और उसके उपर ही लेट गया .
 
मैने अपने होठ उसके चेहरे से हटाए और उसके उपर से उतार कर साइड मे लेट गया शीला ने अपना चेहरा मेरे सीने पे रख दिया मैं उसकी नंगी पीठ को सहलाने लगा मैने उस से पूछा भाभी तुम मेरे साथ रहोगी या औरो की तरह वक़्त आनेपे तुम भी पतली गली पकड़ के निकल जाओगी वो बोली जी देखो मैं सीधी सादी औरत हू, मुझे दुनिया दारी की इतनी समझ नही है मैं बस इतना ही कह सकती हू जब तक बस चलेगा आपके साथ रहूंगी मेरे चेहरे पे एक फीकी हँसी आ गयी मैं उठा थोड़ा पानी लिया और अपने सूखे गले को तर किया वो भी उठ के आँगन मे आ गयी और मूतने के लिए बैठ गयी

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र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करते हुए वो पेशाब कर रही थी मैं उसे देखे जा रहा था मूतने के बाद वो उठी नही बल्कि बैठे बैठे ही थोड़ी अदा से अपनी चूत को सहलाया और नखरे के साथ खड़ी हुवी

वो इठलाते हुए मेरी ओर आ रही थी उसकी हिलती चूचियो का कंपन मुझे महसूस होने लगा था हाइट थोड़ी छोटी होने के कारण वो और भी मस्त लग रही थी फिर उसने गिलास भरा और पानी पीने लगी उसके होटो से टपकती पानी की बूंदे उसे और भी सेक्सी बना रही थी थोड़ा पानी छलक के उसकी छातियो पे गिर गया था जो एक लकीर बनाते हुए उसकी नाभि तक पहुच गया था अब हम कमरे मे आ चुके थे वो मेरी गोद मे अपना सर रख के लेटी हुई थी मेरा लंड उसके गालो से टच हो रहा था उसने अपना मूह खोला और बड़े ही प्यार से मेरे सिकुडे हुए लंड को अपने मूह मे भर लिया और उसपे अपनी जीभ गोल गोल घुमाने लगी मेरे सोए पड़े लंड मे हरकत होने लगी

मैं अपने हाथो से उसके सर के बालो को सहलाने लगा वो वैसे ही लेटे लेटे मेरे लंड को चूसने लगी लंड का साइज़ अब बढ़ने लगा था मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और मुखमैथून का आनंद लेने लगा उसने अपने मूह को थोड़ा अड्जस्ट किया और एक बार फिर लंड पे टूट पड़ी एक सेकेंड के लिए भी वो उसे अपने मूह से बाहर नही निकाल रही थी थोड़ी देर और लंड चूसने के बाद मैने उसे हटाया और अपनी बाहों मे समेट ते हुए कहा भाभी गान्ड मारने दो गी क्या वो बोली मेरी गान्ड के पीछे क्यो पड़े हो मैने कहा सब मरवाती है मज़े ले लेकर और एक तुम हो जो मना करती रहती हो उसने कहा आजतक मेरे पति ने नही मारी फिर आपको क्यों दूं ??

मैने कहा आज तक मैने जितनी भी औरत या लड़कियो को चोदा है गान्ड ज़रूर मारी है तेरी भीमारूँगा बोल देगी या नही उसने काफ़ी देर तक कुछ सोचा फिर बोली बस एक बार मर्वाउन्गि मैने कहा हम ठीक है मेरी कॅटटो और जल्दी से उसे उल्टा लिटा दिया उसकी गान्ड लाजवाब थी अन्चुइ पर आज उसकी सील पक्का टूटने वाली थी मैने सरसो के तेल की शीशी उठाई और एक ढक्कन तेल उसकी गान्ड के छेद पे फैला दिया और अपनी उंगली को चिकना करके उसकी गान्ड मे डालने की कोशिश करने लगा मैने कहा भाभी थोड़ा ढीला करो चुतडो को वरना कैसे होगा उसने थोड़ी ढील दी मैने ज़ोर लगाते हुए एक इंच के लगभग उंगली गान्ड मे फसा ही दो वो बोली

आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ दर्द होता है बाहर निकालो

मैने कहा एक मिनिट रूको तो सही और थोड़ी उंगली ऑर अंदर सरका दी और हौले से अंदर बाहर करने लगा गान्ड काफ़ी टाइट थी थोड़ी दिक्कत हो रही थी उपर से शीला कुछ नखरे भी कर रही थी पर मुझे तो झंडा गाढ़ना ही था चाहे कुछ भी हो मुझ पे जुनून चढ़ गया था मैने ढेर सारा तेल अपने लंड पे लगा लिया और थोड़ा ऑर उसकी गान्ड पे ऊडेला मैने उसके कुल्हो को थोड़ा चौड़ा किया और लंड को गान्ड के छेद पे रख दिया अब बस घुसने की देर थी पर ये इतना आसान नही था
 
मैने अपने हाथो से शीला को दबोच लिया और टाँगो को अपनी टाँगो मे उलझा लिया अब वो किसी कबूतारी की तरह मेरी गिरफ़्त मे थी पहली ट्राइ मे लंड फिसल गया दूसरी मे भी फिसल गया फिर ट्राइ किया सुपाडे को छेद पे सेट किया और इस बार धक्का लगाने पे आधा सूपड़ा अंदर चला ही गया भाभी चिल्लाईईईईईईईईईईईई ओह
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और मुझे हटने को कहने लगी पर मुझे पता था कि ये पहला और आखरी मौका है दुबारा वो हाथ नही लगाने देगी मैने उसे अपने शिकंजे मे कसा और एक झटका और मारा तो सुपाडा उनकी गान्ड को फाड़ते हुए अंदर घुस गया शीला की आँखे दर्द से पथारा गयी आँसू टपकने लगे पर मैने अपनी पकड़ ढीली नही की शीला रोने लगी और उसका विलाप बढ़ता ही जा रहा था मैने कहा बस हो गया भाभी हो गया पर वो दर्द से दोहरी हुई जा रही थी मैने दो –तीन झटके और लगाए और आख़िर पूरा लंड उसकी गान्ड मे डाल ही दिया उसकी हालत बहुत ही बुरी हो गयी थी शीला लगभग बेहोशी के कगार पे पहुच गयी थी अब मैने उसे दिलासा देना शुरू किया

मैने कहा भाभी देखो पूरा ले लिया तुमने अपनी गान्ड मे अब थोड़ी ही देर मे तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा पर उसकी तो सुध बुध ही खो गयी थी उधर अंदर उसकी गान्ड मेरे लंड पे बहुत ज़्यादा दबाव डाल रही थी मैं अपने हाथ नीचे ले जाते हुए उसके बोबो पे रखे और उसके गालो पे बहते आँसुओ को चाट ते हुए उसे किस करने लगा इन सब मे कोई दस मिनिट के लगभग बीत गये अब शीला थोड़ी नॉर्मल सी हुवी वो मरी सी आवाज़ मे बोली ये आपने अच्छा नही किया मेरे साथ मैने कहा भाभी एक बार तो दर्द होता ही है चाहे आगे से डालो या पीछे से वो बोली आप बहुत गंदे हो अब मैने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और फिर से वापिस धकेल दिया वो फिर से चिल्लाआआआआआआआईयईईईईई आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ दर्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड होता है ना

मैं उनके बदन को सहलाते हुए बोला बस भाभी समझो हो ही गया है थोड़ी देर बाद वो कुछ नॉर्मल हुई मैने अब अपनी कमर हिलानी शुरू की ऑर धीरे धीरे धक्के मारने लगा वो अब भी दर्द भरी आवाज़ निकाल रही थी पर उनका तड़पना कम हो गया था अब टाइम था मेरे ऐक्शन मे आने का मैं उनके कान को अपने दाँतों से काट ते हुए चूमने लगा उनके बदन मे गर्मी का संचार होने लगा था मैने अब स्पीड थोड़ी और बढ़ाई गान्ड तो बहुत मारी थी पर आज पता चला था सील पॅक गान्ड के मायने क्या होते है ऐसी चिकनी गान्ड मैं तो निहाल हो गया था पूरी तरह गान्ड की गर्मी मेरे लंड का दम घोंटने को तैयार खड़ी थी शीला अबहहाआआआआआआआआआआआआआआआअ
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करती हुवी गान्ड चुदवा रही थी शीला बोली कही मेरी टट्टी ना निकल जाए मैने कहा चुप रहो तुम ऐसा कुछ नही होता है बस तू चुदवाती रह मेरे झटके उसके चुतडो पे धड़ धड़ पड़ रहे थे आज तो मज़े की सारी इंतहा ही पार हो गयी थी पर थोड़ा दुख भी था शीला को दर्द देने की वजह से मैं उसके गालो को चूमते हुए गान्ड मार रहा था गान्ड का गुडगाँवा बन गया था आज उसका दर्द तो कम हो गया था शायद अब उसे भी गान्ड मराई का मज़ा आ रहा था पर अब भी वो कराहे ही जा रही थी पर अब वो मुझे ना तो रोक रही थी और ना ही लंड गान्ड से बाहर निकालने को कह रही थी उसके चूतड़ बिल्कुल शांत से पड़ गये थे

मैने अपने धक्के रोके और उस से कहा की भाभी अगर ज़्यादा प्राब्लम हो रही है तो बाहर निकाल लूँ तो उन्होने अपना चेहरा थोड़ा पीछे घुमाया और बोली जब मेरी गान्ड के दो टुकड़े कर रहे थे तब तो नही पूछा पूरी गान्ड तो फाड़ दी अब चापलूसी लगा रहे हो मैने कहा भाभी जब गान्ड फट ही गयी है तो अब क्या घबराना अब तो गान्ड मार के ही उतरूँगा तेरे उपर से शीला बोली तो मेरे कहने से कोन सा रूको गे बस जल्दी से कर्लो

और मेरा पीछा छोड़ो मैने अब तबाद तोड़ धक्के लगाने शुरू किए हैवानियत जैसे मेरी आँखो मे उतर आई थी वो आह आह आह करे जा रही थी पर मैने ध्यान ना देते हुए अपनी चुदाई चालू रखी कोई बीस-बाइस मिनिट तक लगातार गान्ड मारने के बाद जब मैने अपना गाढ़ा सफेद पानी उसकी गान्ड मे छोड़ा तो बहुत ही अच्छा महसूस हुआ मैने लंड को बाहर निकाला तो वीर्य भी बाहर निकल आया और गान्ड से बहते हुए चुतडो के नीचे जाने लगा जैसे ही लंड गान्ड से निकला शीला ने चैन की सांस ली मैं साइड मे लेट गया

शीला बड़ी ही मुश्किल से बिस्तर से उठी ऐसा लग रहा था जैस किसी ने टाँगो की जान ही निकाल दी हो उसने अपना हाथ गान्ड पे लगाया और देखने लगी गान्ड का छेद बुरी तरफ से छिल गया था थोड़ा सा खून भी निकल गया था शीला ने बुरा सा मूह बनाया और कहा ये क्या कर दिया मैं तो बर्बाद हो गयी हू अब कल जब वो वापिस आ जाएँगे तो मैं उन्हे क्या मूह दिखाउन्गि और रोने लगी बात तो टेन्षन की ही थी मैने कहा घबराओ मत इतना ज़्यादा नुकसान नही हुआ है मैं दवाई लगा देता हूँ वो रोते हुए वापिस बिस्तर पे पड़ गयी मैने कपड़े पहने और अपने रूम मे आ गया ढूँढने पर एक सॉफ़्र्मयसयणे की ट्यूब मिल गयी मैं तुरंत ही वापिस गया चूल्हा जलाया और थोड़ा गरम पानी किया और एक डब्बे मे लेके अंदर गया शीला अब भी सूबक रही थी मैने कहा अपने चुतडो को थोड़ा चौड़ा कर तो उसने अपने हाथों से उन्हे फैला दिया अब गान्ड का छेद मेरे सामने था पूरा सूज गया था और काफ़ी खुल भी गया था मैने रूई को गरम पानी मे भिगोया और शीला की गान्ड पे लगाया उसकी सिसकारी निकल गयी पूरी तरह से गान्ड को सॉफ किया और फिर क्रीम लगाई गरम पानी की सिकाई से उसको बहुत आराम मिला अब दर्द भी थोड़ा कम हो गया था फिर मैं उसे अपनी बाहों मे लिए लिए ही सो गया
 
सुबह थोड़ी देर से आँख खुली 6 बजे थे मैं फटाफट उसके घर से निकला और सीधा अपने घर पहुच गया चाची रसोई मे डेरा डाल चुकी थी उन्होने मुझ कप दिया और बोली आज रात भी बाहर ही कहीं मूह मार रहा था ना तू मुझे झटका सा लगा मैने कहा मैं तो पूरी रात अंदर ही था वो बोली थोड़ी देर पहले मैं गयी थी तुझे चाइ देने पर ताला लगा था मैने झूट बोलते हुए उन्हे बताया कि वो मैं फ्रेश होने चला गया था हालाँकि उन्हे मेरी बात का थोड़ा कम ही विश्वास था पर उन्होने उस वक्त और ज़्यादा कुछ नही पूछा चाइ के बाद मैने मोका देख कर चाची के होंटो को चूम लिया और बोबो को भी दबा दिया फिर तैयार होने मे घंटा भर लग गया स्टॅंड पे पहुचा और शहर के लिए टेंपो पकड़ लिया जैसे ही टेंपो उनके स्टॅंड पे रुका मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी

हमारी नज़रो ने एक दूसरे को सलाम किया बड़ी ही नज़ाकत से वो बैठ गयी उसकी इसी सादगी का मैं कायल था लड़किया तो बहुत थी दुनिया मे खूबसूरत भी होंगी एक से बढ़कर एक परंतु उसकी सादगी पे मर मिटा था टेंपो वाला भी उपर से रोमॅंटिक गाने बजा के चिंगारी को शोलो मे बदलने का प्रयास कर रहा था अब तो डेली का ये ही रुटीन था मिता की शरारती मुस्कान मेरे दिल को मजबूर कर देती थी प्यार का धुआ सुलगने लगा था



मैने उस टाइम बिल्कुल सोचा ही नही था कि ये हँसी ठिठोली जिंदगी के मायने ही बदल देगी आज ठंड भी कुछ ज़्यादा ही पड़ रही थी वो शॉल मे सीमटे हुए मेरे साथ साथ चल रही थी पर आज ना जाने क्यों हम दोनो खामोश थे मैने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा क्या बात है उदास लग रही हो वो बोली थोड़ी सर्दी लग गयी है

मैने कहा तो घर पर ही आराम करना चाहिए था क्या ज़रूरत थी स्कूल अटेंड करने की वो बोली स्कूल भी तो ज़रूरी है ऐसे ही बातें करते हुए हम स्कूल पहुच गये क्लास शुरू हुई दिसंबर टेस्ट सर पे आ चुके थे तो टाइम बिल्कुल ही नही था हर दिन और और व्यस्त होता जा रहा था स्टडी की टेन्षन चेहरे पे सॉफ दिखयी देती थी उपर से मिता मेरिट मेरिट करती रहती थी वो हमेशा मेरिट मे आती थी टॉपर थी स्कूल की और मैं बस फर्स्ट डिवीजन. मे ही खूष हो जाता था कंप्लीशन का पता तो सिटी मे आके चला वरना गाँव के स्कूल मे तो बस गान्ड ही घिसाई थी शाम को वापिस आया तो सबसे पहले शीला का हाल चाल पूछा वो लंगड़ा के चल रही थी उसने बताया कि दर्द तो कम हो गया है पर अजीब सा लगता है जब चलती हू मैने कहा थोड़े दिनो मे ठीक हो जाएगा मैने पप्पू के बारे मे पूछा तो उसने बताया कि वो तो दोपहर को ही आ गया था उसने कहा मैं अड्जस्ट कर लूँगी मैने उसे 500रुपये दिए वो खुश हो गयी मैं अपने रूम मे आ गया कुछ दिन और गुजर गये दिसंबर आ गया था 1 को मेरा बर्थ’डे था पर हर साल की तरह खाली सा ही बीत गया खैर यूनिट टेस्ट शुरू होने वाले थे तो मैने स्कूल जाना बंद कर दिया था बस स्टडी और स्टडी एक कमरे मे क़ैद होके रह गया था जैसे तैसे करके टेस्ट भी ख़तम हो गये थोड़ा प्रेशर से आज़ादी मिली इनके स्कोर से हमे हमारी औकात का पता चलना था अब 20 दिन की छुट्टिया थी अगली सुबह बहुत देर तक सोया घर वालो ने भी नही जगाया उठा तो दस बज रहे थे पर धुन्ध छाई हुवी थी मम्मी ने कहा अगर तुझे ठीक लगे तो आज खेतो की तरफ चक्कर लगा आ मैने कहा ठीक है साइकल ली और चल पड़ा चला ही था कि दुकान के पास प्रीतम दिख गयी उसने मेरा हाल पूछा मैने भी जवाब दिया थोड़ी बात की तो उसने बताया की उसकी शादी की डेट फिक्स हो गयी है मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है वो बहुत ही चहक रही थी उसे खुश देख के अच्छा लगा उसने बताया कि शादी जनवरी 2 को है तू आयगा तो मैने कहा हम अब तो आना ही पड़ेगा और फिर मैं चल दिया रास्ते भर प्रीतम के बारे मे ही सोच ता रहा कुवे पे पहुचा आज काफ़ी दिनो बाद आया था सरसों काफ़ी लंबी हो गयी थी थोड़ा जयजा लिया फिर गेहू की फसल की ओर बढ़ा तो पगडंडी पे विमला काकी मिल गयी मुझे देख के खुश होते हुए बोली कि लाला उस रात के बाद तो दर्शन ही ना दिए तूने तो मैने कहा टाइम ही नही मिलता क्या करूँ तो वो अपने होटो पे जीभ फेरते हुए बोली लाला तू कहे तो कोठरे पे आ जाउ मैने कहा आप चलो मैं गेहू देख के आता हू तो वो बोली वो तो बाद मे देख लियो अभी तो इसकी आग मिटा और अपना घाघरा उठा के मुझे अपनी नंगी चूत दिखाने लगी मैने कहा काकी तू बड़ी कमिनि है मैने उसे आगे चलने को कहा दरअसल मैं उसकी मटकती तरबूज़ो जैसी गान्ड को देखना चाहता था वो भी कुछ ज़्यादा ही लचक के चल रही थी मैने वही पड़ी हुवी एक टहनी उठाई और उसकी गान्ड पे हल्के से मारा उसने मूड के देखा और हँसने लगी कुछ ही देर मे हम कुँए पे पहुच गये

अंदर पहुचते ही मैने अपनी पेंट और कच्छा उतार दिया कुण्डी लगाई और विमला को पकड़ लिया और उसकी पपीते सी चूचियों को मसल्ने लगा काकी बोली लाला कई दिनो से लंड नही लिया है आज तसल्ली कर्दे मैने उनका ब्लाउस खोलते हुए कहा चिंता मत कर


और ब्लाउज को उनके बदन से आज़ाद कर दिया इतनी विशाल छातिया जितना निहारो उतना कम पड़ जाए मैने अपना हाथ बढ़ाया और घाघरे का नाडा खीच दिया काकी पूर्ण रूप से जनम्जात अवस्था मे खड़ी थी मैने उन्हे अपने से चिपकाया और मोटे मोटे चुतडो को पकड़ते हुए अपनी ओर खीचा
 
मेरा लंड उनके पेट पे टकरा रहा था मैं लगातार उसके कुल्हो को मसले जा रहा था फिर काकी नीचे बैठी और लंड को अपने मूह मे लेके चूसने लगी मेच्यूर औरतो को चोदने का भी एक अलग ही मज़ा है काकी अपनी जीभ से मेरी गोलियो को चाट रही थी उनकी लिज़लीज़ी जीभ जब वहाँ पे टच होती तो बहुत ही मजेदार गुदगुदी होती थी


काकी पूरे मन से लंड को चूस रही थी लंड भी अब पूरी तरफ तैयार हो चुका था तभी उन्होने लंड को मूह से निकाला और अपनी चूचियो की घाटी मे दबा लिया क्या सुखद अहसास था वो ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने दो बड़े बड़े गुबारो को लंड पे डाल दिया हो


फिर वो अपनी काले अंगूर से निप्पल्स को मेरे सुपाडे पे रगड़ने लगी मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैने काकी को इशारा किया तो वो उठी और अपनी टाँगे चौड़ी कर के खाट पे लेट गयी झान्टो से भरी चूत मुझे बुला रही थी मैने कहा कभी इन बालो को सॉफ भी कर लिया करो वो बोली करूँगी



मैने उनकी टाँगे अपने कंधो पे रखी और लंड को चूत मे घुसा दिया काकी बोली आहियीई थोड़ा धीरे से , मैने ईक धक्का और मारा और पूरा लंड उनके अंदर समा गया चुदाई का खेल शुरू हो गया था काकी बोली लाला इतनी जल्दी काहे मचा रहा है थोड़ा आराम से कर मुझ भी कुछ मज़ा लेने दे मैने कहा तुझे मज़ा दे तो रहा हू


और उसकी जाँघो को पूरी मस्ती से थामते हुए उसकी चूत मारने लगा चूत की अंधेरी घाटियो मे लंड सैर कर रहा था कई देर तक ऐसे ही उनको रगड़ने के बाद मैने उनकी टाँगे नीचे उतारी और उनको फैलाते हुए दुबारा चोदने लगा काकी की उछलती हुई चूचिया मेरे धक्को की सफलता की कहानी कह रही थी उन्होने अपने बोबे को मेरे मूह मे डाल दिया जिसे मैं पूरे जोश से चूसने लगा था

उपर उनका बोबा मेरे मूह मे था और नीचे लंड चूत मे अपने कमाल दिखा रहा था बिम्ला की गान्ड नीचे से उचकते हुए मेरा साथ दे रही थी मैने कुछ देर चुचि चूसने के बाद मूह से निकाली और उनके होटो को अपने मूह मे भर लिया काकी के मोटे मोटे होंठ पीने मे बहुत ही मज़ा आ रहा था हमरी सांसी एक दूसरी मे घुल रही थी काकी ने अपनी टाँगो को गोल किया और मेरी कमर पे लपेट दी जिस से उनकी चूत और भी अच्छी तरफ से लंड पे कस गयी


अब वो थोड़ी कड़क लग रही थी गॅप गॅप लंड अंदर बाहर हो रहा था हमे लगे लगभग आधे घंटे से उपर हो गया था काकी तो पूरी खिलाड़ी थी चुदाई मे डिप्लोमा था उनके पास तो मैने अब अपनी स्पीड और भी ज़्यादा की खाट चरमरा रही थी कुछ 20-25 झटके मारे ही थे कि काकी की चूत ने मैदान छोड़ दिया काकी अपनी उखड़ी हुवी सांसो की डोर को पकड़ने लगी तो मैने अपना लंड बाहर निकाला और उनके मूह मे दे दिया काकी बड़े ही प्यार से अपनी चूत के रस से सने हुए मेरे लंड को चाट रही थी

मैने पूछा काकी कैसा लगा तेरी चूत के पानी का स्वाद वो बोली लाला अब कहाँ स्वाद बचा है इसमे अब तो ये भोसड़ी बन गयी है बस गुज़ारा ही होता है अब तो अब पहले जैसी बात कहा रही और उन्होने पूरे लंड पे लगे चूत के रस को चाट के सॉफ कर दिया काकी थोड़ी थक सी गयी थी मैने उन्हे घोड़ी बना दिया और थोड़ा थूक उनकी गान्ड पे थूका और कुछ अपने लंड पे लगाया काकी की गान्ड पे लंड को टीकाया और उसे अंदर डाल दिया


काकी का बदन बस एक सेकेंड के लिए टाइट हुआ फिर नॉर्मल हो गया उनकी गान्ड मैं पहले भी मार चुका था फिर काकी तो शौकीन थी ही उन्होने अपनी कमर को पीछे कर लिया ताकि मैं अच्छे से गान्ड मार सकु मैं उनके चुतडो को सहलाते हुई पूरी गति से गान्ड चोद रहा था काकी घोड़ी बनी मेरा पूरा साथ दे रही थी कमरे मे पूरी तरह खामोशी छाई हुई थी


मैने अपने हाथो को थोड़ा आगे सरकाया और उनकी छातियो की घुंडीयों को मसल्ने लगा गान्ड मारने का मज़ा दुगना हो गया था काकी की गान्ड का छेद हर धक्के पे खुल और बंद हो रहा था कोई 15 मिनिट तक गान्ड मारने के बाद अब मेरा टाइम आ गया था मैने लंड को बाहर निकाला और उनके चुतडो पे अपना पानी गिरा दिया
 
मैने काकी के घाघरे से अपने लंड और उनके चुतडो को सॉफ किया फिर काकी उठी और अपने कपड़े पहन ने लगी तो मैने कहा अभी तो एक राउंड ही हुआ है तो वो बोली तेरे काका घर है मैं बस थोड़ी देर की कह के आई थी कही वो इधर ही ना आ निकले और फिर आज मेरी लड़की भी आने वाली है काकी बोली लल्ला एक आध दिन मे फिर चक्कर लगा लियो मैं कहाँ भागने वाली हूँ तो मैने उनके बोबो को मसला और फिर वो चली गयी हालाँकि दोपहर का टाइम था पर धुन्न्ध और भी ज़्यादा गहेरा गयी थी लगता था कि शायद बारिश ना हो जाए मैने भी अपनी पेंट पहन ली और बाहर की तरफ आ गया


मोटर चला के पानी की हौदी भरी और फिर पानी खेतो मे ज़रूरत के हिसाब से छोड़ दिया कुछ नयी नालिया वग़ैरह बनाई काफ़ी टाइम लग गया सर्दी और फिर उपर से ठंडे पानी मे काम करना मुझ पे थोड़ा ठंड का असर होने लगा था मैने कुछ सूखा ईंधन इकट्ठा किया और आग जला ली टाइम शायद शाम के चार के लगभग होगा पर दिन ऐसा हो रहा था जैसे की शाम हो चूँकि हो कुछ तो धुन्न्ध का असर और कुछ मौसम जो टपकने को तैयार खड़ा था मेरी आग ने मुझे बस गरम ही किया था कि तभी बारिश आ पड़ी घनघोर बारिश शुरू हो गयी


मैने सोचा चलो अच्छा हुआ फसल की पानी की पूर्ति हो जाए गी पर थोड़ी ही देर मे तेज हवा चलने लगी आसमान पूरी तरह से काला हो गया था मैने बल्व जला दिया ठंडी हवा के थपेडो से मेरा बदन काँपने लगा बारिश होते काफ़ी टाइम बीत गया था पर आज बदल कहाँ रुकने वाले थे मैने कलाई घड़ी मे टाइम देखा तो साढ़े पाँच बज रहे थे अब ऐसे मौसम मे घर भी नही जा सकता था काकी के घर उसकी लड़की आ गयी होगी और ऐसे मौसम मे काका भी काम पे नही जाएगा तो ये विचार कॅन्सल किया और वही खड़ा होके बारिश की टपकती बोछारो को देखने लगा


सर्दी बहुत तेज लग रही थी हवा से पेड़ बुरी तरह हिल रहे थे सायययी सायययययययययययययययी यइईईईईईईईई का शोर कानो मे गूँज रहा था आज अच्छी मुसीबत मे फसा तभी मुझे ख्याल आया तो मैने साइड वाले कमरे का ताला खोला उसमे बिस्तर मिल गया अब थोड़ी जान मे जान आई पर वो थोड़ा धूल से भरा था मैने सोचा माँ चुदाये दुनिया दारी अभी तो ये ही जान बचाएगा और उसे उठाया और बिना ताला लगाए ही वापिस आ गया बिस्तर बिछाया पेंट गीली हो चूँकि थी तो उसे उतार दिया ठंडी हवा से मेरी टाँग काँप रही थी

हवा से बचने के लिए मैं किवाड़ को बंद ही कर रहा था कि मैने देखा कि एक औरत भागती हुई हमारे कुन्वे की तरफ आ रही थी पूरी तरह भीगी हुई कुछ ही देर मे वो आ पहुँची और कमरे मे घूंस गयी वो बुरी तरह हाँफ रही थी ऑर ठंड से काँप रही थी मैने पूछा आप कौन हो तो उसने मुझे हाथ के इशारे से रोका और अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगी मैने पानी का गिलास भरा और उसे पिलाया कुछ मिनट बाद उसे थोड़ा साँस आया मैने फिर पूछा आप कौन हो और यहाँ पे इस हाल मे कैसे आक्च्युयली मैं थोड़ा कंफ्यूज हो गया था उसे इस तरह की स्थिति मे उसने बताया कि उसका नाम गीता है और परली तरफ उसका खेत है उसके पति के मरने के बाद उसके घर वालो ने उसे निकाल दिया था तो वो अपने हिस्से के एक खेत मे ही रहती है


और इस तूफान की वजह से उसकी टीन शेड उड़ गयी है उसने बताया कि वो मेरी मम्मी को बहुत ही अच्छी तरह से जानती है और कई बार हमारे खेतो मे काम भी कर चूँकि है मैने कहा वो तो ठीक है पर यहाँ क्यों
 
मैने कहा तुम्हारी मर्ज़ी मैने चाइ को गिलास मे डाला और उसे दी वो सटा सॅट पी गयी मैने खाने का डिब्बा खोला और उसे भी खाने को कहा तो उसने पहले मना किया पर फिर ले लिया आख़िर भूक तो सब को ही लगती है ना कुछ ही देर मे पूरा खाना सॉफ हो चुका था बदन मे थोड़ी ऊर्जा का संचार हुआ अब मैने उसे थोड़ा गौर से निहारा कद काठी से सामान्य ही थी रंग थोड़ा उजला था कोई 40 के फेर की होगी कुछ कुछ बाल सफेद भी थे पर ठीक ही थी मैने सोचा अगर ये दे दे तो रात मस्त कट जाएगी अब बारी थी उसे शीशे मे उतारने की मैने कहा बिस्तर तो एक ही है अगर आप चाहो तो मेरे साथ सो जाना एक रात की ही तो बात है अड्जस्ट तो करना ही पड़ेगा



वो बोली कि वो कौने मे बैठ के ही रात काट लेगी मैने कहा तुम्हारी मर्ज़ी मैने बिस्तर रेडी किया ऑर उसमे घूंस गया और अपने गीले कच्छे को उसे दिखाते हुए बाहर फेंक दिया वो मुझे देखती ही रह गयी अब मैं नीचे पूरा नंगा था उसने अपना मुँह फेर लिया और आग तापने लगी मेरी नज़र उसकी पीठ पे थी बारिश तो रुकने का नाम ही नही ले रही थी आग की तपिश भी अब ठंडी पड़ने लगी थी और लकड़ियाँ थी नही और बाहर की लकड़िया तो गीली हो चुकी थी कोई एक घंटे बाद आग बस नाम मात्र की ही थी अब ठंड ने अपना खेल दिखया कुछ उसके गीले कपड़े उसकी हालत टाइट होने लगी मैने कहा आप भी आ जाओ इधर थोड़ा अड्जस्ट तो करना ही पड़ेगा


उसने कुछ सोचा और खाट के सिरहाने आके खड़ी हो गयी वो बेचारी किस्मत के खेल के आगे विवश थी मैने कहा गीले कपड़ो मे आप सो नही सकते हो क्यों कि फिर बिस्तर भी गीला हो जाएगा और वो मेरे सामने कपड़े उतारे कैसे नारी की शरम तभी मैने एक निर्णय लिया और रज़ाई को हटा ते हुए उसके सामने नंगा खड़ा हो गया वो चोन्क्ते हुए बोली ये ईईए तुम क्या कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर च्ीईीईईईईईईईईईईई तो मैने कहा देखो शरम करने से कुछ नही होगा मैं नंगा हूँ हर आदमी ऐसा ही होता है अंदर से और हर औरत तुम्हारे जैसी अभी तुम शरम करके क्या पाओगि गीली रहोगी पूरी रात फिर बीमार हो जाओगी पति तुम्हारा है नही कौन तुम्हे संभाले गा यहाँ मैं और तुम ही हैं मैं किसी से जिकर करूँगा नही और तुम भी किसी को नही बताओगि ये तो मजबूरी है बाकी आप जानो या तो शरम छोड़ के आराम से गरम बिस्तर मे सो ओ या अपनी शरम को ओढ़ के पूरी रात ठंड मे मरो वो बोली बात तो ठीक है पर?
 
मैने कहा पर वर कुछ नही आओ सो जाओ तभी कही दूर बिजली काड्की पर गर्जना से पूरा महॉल थर्रा उठा हवा के ज़ोर से किवाड़ चरमराने लगा वो काफ़ी देर तक सोचती ही रही फिर उसने चिमनी को बुझा दिया अगले कुछ पलो तक बस उसकी सांसो की ही आवाज़ आती रही फिर वो झट से रज़ाई मे घुस गयी ज्यों ही उसका तन मुझ से छुआ मेरे रोम रोम मे करंट दौड़ गया दो जिस्म नंगे एक बिस्तर मे

तभी उसका हाथ मेरे लंड से टकराया उसने फॉरन अपना हाथ हटा लिया मैं उस से बाते करने लगा चूँकि हमारे शरीर आपस मे टच थे तो मेरा लंड खड़ा होने लगा जो उसे भी महसूस हो रहा था तभी उनसे मुझसे कहा क़ि तुम मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा तो नही करोगे ना मैने अंजान बनते हुए कहा ऐसा वैसा क्या .?

उसने कहा जो एक आदमी औरत करते हैं मैने कहा क्या सीधे सीधे बताओ तो उसने कहा चुदाइ मैने कहा अगर तुम्हारे मन मे है तो कर लूँगा और अगर तुम मना करो गी तो नही करूँगा तो वो कहने लगी कि उसके पति को मरे 3 साल हो चुके है कइयो ने उसे पटाने की कोशिश की पर उसने आज तक अपने को हवस के भेड़ियो से बचा के रखा है



मैने कहा कि देखो मिलती चूत को कोई छोड़ दे तो वो तो बेवकूफ़ ही है पर तुम मजबूरी मे मेरे साथ इस हालत मे हो और मैने आज तक किसी की मजबूरी का फ़ायदा नही उठाया है और आज तुम मेरे सहारे हो तो बिना तेरी मर्ज़ी के मैं ऐसी कोई हरकत नही करूँगा और अगर नींद मे ग़लती से हाथ लग जाए तो माफी दे देना तुम पूरी निश्चिंत रहो मैं खुशी से चूत मारता हूँ पर किसी का फ़ायदा नही उठाया आज तक वो बहुत ही प्रभावित हो गयी हालाँकि मेरा लंड पूरी तरह तन चुका था काफ़ी देर हम बात चीत करते रहे इधर लंड साला अपनी औकात पे आए बिना मान ही नही रहा था कुछ देर मैने अड्जस्ट किया पर मेरा मन बेकाबू होने लगा था

मैने अपने लंड को हाथ मे लिया और उसे हिलाने लगा वो बोली ये तुम क्या कर रहे हो तो मैने कहा ठंड बहुत लग रही है तो शरीर को गरम कर रहा हूँ

गीता बोली ये तो ग़लत बात है मैने कहा हाँ पर अभी और कोई चारा भी नही है और ज़ोर से लंड हिलाने लगा वो बोली ऐसा मत करो तो मैने अपने हाथ लंड से हटा लिए और उस से थोड़ा और चिपक सा गया अब मेरा लंड उसके चुतडो पे घिस रहा था उसके चूतड़ बहुत ही मुलायम थे उसे भी ये पता था पर वो इग्नोर कर रही थी तभी मैने पूछा इतने दिनो से बिना चुदे कैसे रही हो तुम क्या मन नही करता तो वो बोली शुरू शुरू मे दिक्कत होती थी पर फिर आदत हो गयी है कभी ज़्यादा ही ज़ोर उठता है तो उंगली से ही खुद को शांत कर लेती हूँ

पर किसी पराए मर्द की तरफ नही गयी मैने कहा अगर कोई पराया मर्द तुम्हारे पास आ जाए तो ………………..उसने कुछ जवाब नही दिया मैने अपना हाथ उसकी चूची पे रखा और उस से कहा कि देखो आज मौसम बहुत ही घातक है ये पुरानी रज़ाई कुछ खास गर्मी नही दे पाएगी अगर तुम राज़ी हो तो क्यों ना हम एक दूसरे के शरीर से थोड़ी गर्मी प्राप्त कर ले तो वो बोली मैं समझ रही हूँ कि तुम मेरे साथ करना चाहते हो तो मैने कहा इसमे ग़लत क्या है और फिर मज़ा तो दोनो को ही मिलेगा ना मैने उसकी चूची को हल्का सा दबा दिया उसने कहा पर ये ग़लत है वो साली काबू मे ही नही आ रही थी अब हम दोनो खामोश थे मैं लगातार उसकी चूची को सहलाए जा रहा था उसके निप्पल्स मे तनाव आना शुरू हो गया था रज़ाई के अंदर तापमान बढ़ने लगा था
 
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