hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
आज हम सहर मे रेस्टोरेंट मे मिलने वाले थे उसे देखते ही मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा बहुत देर तक हम दोनो बाते करते रहे वो बताती रही अपने कॉलेज के बारे मे पर एक बार भी ये नही कहा कि उसने मुझे कितना याद किया पर उसका साथ ही मेरे लिए बहुत था उसने पूछा तुम्हारी स्टडी कैसे चल रही है तो मैने कहा कॉलेज तो मैं कम ही जाता हूँ एनडीए के चक्कर मे हूँ तो वो हँसते हुए बोली फोजी बनोगे मुझे नही लगता तुम फौज मे टिक पाओगे तो मैने कहा ऐसा क्यू वो बोली देखो बुरा मत मान ना पर तुम में वो बात नही है तुम थोड़े कूल टाइप के हो और सोल्जर्स अलग टाइप के होते है मैने कहा यार मैं तो बस ट्राइ कर रहा हूँ अगर मिल जाएगी तो देखेंगे फिर मैने कहा मिता अगर मैं आर्मी मे चला गया तो क्या तुम मुझसे शादी कर लोगि
तो वो बेफिक्री से बोली कि पहले तुम काबिल तो बनो जितनी बड़ी बड़ी तुम बातें करते हो उतना ही कुछ करो तो सही देखो बुरा मत मान ना पर अभी तक तुम सीरीयस ही नही हो कि आगे तुम्हे लाइफ मे क्या करना है घर से बाहर निकलो और दुनिया को देखो कितनी प्रतियोगिता है और तुम अपना टाइम यूँ ही खराब कर रहे हो ना जाने क्यो मुझे उसकी बात चुंभ गयी पर बंदी कह तो रही थी सौ फीसदी सही ही वो बोली प्यार करने से ही ज़िंदगी नही चला करती है मैं खामोश ही रहा फिर उसने टॉपिक चेंज कर दिया पर मुझे सोचने पे मजबूर कर दिया
पर मैं तो ठहरा मैं चिकना घड़ा कुछ देर मे ही मैं वापिस अपने मूड मे आ गया था मैं अक्सर निशा और मिता की तुलना करता रहता था ऐसे ही एक दिन मैं निशा के साथ कॉलेज कॅंपस मे था तो मैने पूछा कि निशा तुम्हे क्या लगता है क्या मैं फोजी बन सकता हूँ या नही
तो निशा बोली देखो अगर तुम मे अबिलिटी है तो ज़रूर बन सकते हो बस उस दिशा मे मेहनत करते रहो निशा हमेशा मेरा हौसला बढ़ाती रहती थी समय तो बीत ही रहा था जैसे तैसे कर के आज कल मिता से भी बात चीत कम ही हो पाती थी ऐसे ही एक शाम को मैने शीला को सिग्नल दिया और अपने पास बुला लिया मैं बोला भाभी कई दिन हो गये है तुम तो कुछ करती ही नही हो तो शीला बोली आप ही मेरी तरफ ध्यान नही देते हो और मुझे ही दोष दे रहे हो तो मैने कहा तो कब हो सकता है तो वो बोली कल दोपहर मे घर आ जाओ मैने सोचा चलो इसको ही बजा लेंगे अगले दिन दोपहर को मैं शीला के घर चला गया शीला बस नहा के निकली ही थी और ब्रा और एक पतले से पेटिकोट मे ही थी मैने उसका मेन गेट बंद किया और उसके पास चला गया
मैने उसको उस रूप मे देखा और कहा भाभी अब नही रुका जाएगा तो वो बोली अरे मुझे तैयार तो हो जाने दो मैने कहा तैयार तो तुम अब चुदने के लिए हो जाओ और उसके पेटिकोट को खोल दिया अंदर उसने कच्छि नही पहनी थी तो बस एक ब्रा का टुकड़ा ही व्यवधान कर रहा था तो उसको भी उसके बदन से अलग कर दिया और उस नंगी को ही पकड़ लिया और उसकी चूचियो को दबाने लगा शीला का गीला बदन मेरा मन मोह रहा था मैं उसके गालो से टपकती हुई पानी की बूँदो को पीने लगा शीला का काला बदन पानी की बूँदो से चमक रहा था शीला बोली कमरे मे तो चलो अंदर पहुँचते ही मैने अपने कपड़ो का त्याग कर दिया और हम दोनो नंगे पलंग पे आ गये मैने उसके काले काले होंठ अपने मुँह मे ले लिए और चम्बन करने लगा
शीला ने अपनी आँखो को बंद कर लिया थोड़ी देर बाद मैं उसके हर एक अंग को चूम रहा था शीला के बदन की गर्मी बढ़ने लगी साथ ही साथ मेरी भी मेरा लंड तो कबका तनकर उसको सलामी दे रहा था मैने उसके छोटे छोटे चुतडो को सहलाया और उसको पोज़िशन मे कर दिया काले रंग की झान्टो से भरी हुई चूत मेरे लंड को आमंत्रण दे रही थी शीला ने अपनी टाँगो को फैला लिया और कामुक इशारा करने लगी मैने अपने लंड की टोपी को उसकी चूत पे रगड़ना शुरू कर दिया काफ़ी देर तक मैं बस उसको रगड़ता ही रहा शीला की हालत खराब होने लगी वो बोली देवर जी क्यो मज़ा खराब कर रहे हो अब कर भी दो ना अंदर तो मैने कहा अभी ले भाभी और थोड़ा सा लंड अंदर डाल दिया शीला का छेद थोड़ा चौड़ा हुआ मेरे लंड को रास्ता देने के लिए .
तो वो बेफिक्री से बोली कि पहले तुम काबिल तो बनो जितनी बड़ी बड़ी तुम बातें करते हो उतना ही कुछ करो तो सही देखो बुरा मत मान ना पर अभी तक तुम सीरीयस ही नही हो कि आगे तुम्हे लाइफ मे क्या करना है घर से बाहर निकलो और दुनिया को देखो कितनी प्रतियोगिता है और तुम अपना टाइम यूँ ही खराब कर रहे हो ना जाने क्यो मुझे उसकी बात चुंभ गयी पर बंदी कह तो रही थी सौ फीसदी सही ही वो बोली प्यार करने से ही ज़िंदगी नही चला करती है मैं खामोश ही रहा फिर उसने टॉपिक चेंज कर दिया पर मुझे सोचने पे मजबूर कर दिया
पर मैं तो ठहरा मैं चिकना घड़ा कुछ देर मे ही मैं वापिस अपने मूड मे आ गया था मैं अक्सर निशा और मिता की तुलना करता रहता था ऐसे ही एक दिन मैं निशा के साथ कॉलेज कॅंपस मे था तो मैने पूछा कि निशा तुम्हे क्या लगता है क्या मैं फोजी बन सकता हूँ या नही
तो निशा बोली देखो अगर तुम मे अबिलिटी है तो ज़रूर बन सकते हो बस उस दिशा मे मेहनत करते रहो निशा हमेशा मेरा हौसला बढ़ाती रहती थी समय तो बीत ही रहा था जैसे तैसे कर के आज कल मिता से भी बात चीत कम ही हो पाती थी ऐसे ही एक शाम को मैने शीला को सिग्नल दिया और अपने पास बुला लिया मैं बोला भाभी कई दिन हो गये है तुम तो कुछ करती ही नही हो तो शीला बोली आप ही मेरी तरफ ध्यान नही देते हो और मुझे ही दोष दे रहे हो तो मैने कहा तो कब हो सकता है तो वो बोली कल दोपहर मे घर आ जाओ मैने सोचा चलो इसको ही बजा लेंगे अगले दिन दोपहर को मैं शीला के घर चला गया शीला बस नहा के निकली ही थी और ब्रा और एक पतले से पेटिकोट मे ही थी मैने उसका मेन गेट बंद किया और उसके पास चला गया
मैने उसको उस रूप मे देखा और कहा भाभी अब नही रुका जाएगा तो वो बोली अरे मुझे तैयार तो हो जाने दो मैने कहा तैयार तो तुम अब चुदने के लिए हो जाओ और उसके पेटिकोट को खोल दिया अंदर उसने कच्छि नही पहनी थी तो बस एक ब्रा का टुकड़ा ही व्यवधान कर रहा था तो उसको भी उसके बदन से अलग कर दिया और उस नंगी को ही पकड़ लिया और उसकी चूचियो को दबाने लगा शीला का गीला बदन मेरा मन मोह रहा था मैं उसके गालो से टपकती हुई पानी की बूँदो को पीने लगा शीला का काला बदन पानी की बूँदो से चमक रहा था शीला बोली कमरे मे तो चलो अंदर पहुँचते ही मैने अपने कपड़ो का त्याग कर दिया और हम दोनो नंगे पलंग पे आ गये मैने उसके काले काले होंठ अपने मुँह मे ले लिए और चम्बन करने लगा
शीला ने अपनी आँखो को बंद कर लिया थोड़ी देर बाद मैं उसके हर एक अंग को चूम रहा था शीला के बदन की गर्मी बढ़ने लगी साथ ही साथ मेरी भी मेरा लंड तो कबका तनकर उसको सलामी दे रहा था मैने उसके छोटे छोटे चुतडो को सहलाया और उसको पोज़िशन मे कर दिया काले रंग की झान्टो से भरी हुई चूत मेरे लंड को आमंत्रण दे रही थी शीला ने अपनी टाँगो को फैला लिया और कामुक इशारा करने लगी मैने अपने लंड की टोपी को उसकी चूत पे रगड़ना शुरू कर दिया काफ़ी देर तक मैं बस उसको रगड़ता ही रहा शीला की हालत खराब होने लगी वो बोली देवर जी क्यो मज़ा खराब कर रहे हो अब कर भी दो ना अंदर तो मैने कहा अभी ले भाभी और थोड़ा सा लंड अंदर डाल दिया शीला का छेद थोड़ा चौड़ा हुआ मेरे लंड को रास्ता देने के लिए .