Desi Porn Stories आवारा सांड़ - Page 4 - SexBaba
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Desi Porn Stories आवारा सांड़

अपडेट-16

राज :- तभी तो कहता हूँ जल्दी दिखा मुझे नही तो ये तेरी बच्चेदानी तक पहुच गयी तो फिर तू कभी माँ नही बन पाएगी. मुझे तेरी बहुत चिंता हो रही है और तू है की शरमाये जा रही है.

सोनम :- भैया आप कैसे ठीक करोगे...... ?

राज :- गाओं के बाहर नदी किनारे जो खंडहर है ना मैने वहाँ पर इस खुजली को दूर करने की दवाई का पेड़ लगा रखा है…..चल जल्दी से
वही पर तेरा जल्दी इलाज़ कर देता हूँ इससे पहले कि ये तेरी बुर के साथ साथ कोई और अंग मे फैल जाए.

सोनम :- आआआहह…..उूउउइमाआअ….भैयाअ…मुझे ठीक कर दो…..जैसा आप कहोगे मैं करूँगी…आआअहह अब तो खुजलाते खुजलाते मेरा हाथ भी दर्द करने लगा है और जलन भी होने लगी है वहाँ पर बहुत.

राज :- चल जल्दी से मेरे साथ वही खंडहर मे…..और किसी को बताना मत

सोनम :- चलो भैया....मुझे जल्दी ठीक कर दो

अँधा क्या चाहे दो आँखे…..सोनम के हाँ कहते ही मैने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर घर से बाहर साइकल मे बिठा कर खंडहर की तरफ सोनम को लेकर निकल गया.

अब आगे……..

खंडहर मे पहुचते ही मैने सोनम को नीचे उतार कर जल्दी से साइकल को अंदर रख दिया जिससे किसी को कुछ पता ना चले वरना ऐसे वीरान जगह पर साइकल या बाइक खड़ी दिखने पर आज कल के लड़को को तुरंत समझ आ जाता है कि आस पास चुदाई चल रही है, और
बीच मे बहती गंगा मे हाथ धोने दौड़े चले आते हैं…साले बहुत चोदु किस्म के लड़के पैदा होने लगे हैं आज के युग मे.

ये खंडहर दो मंज़िला था, मैं सोनम को गोद मे उठा कर उपर ले गया और टेरेस का दरवाजा बंद कर दिया…उपर वाले कमरे मे मैने पहले से ही गाओं के ही मुखिया के खेत मे बने मकान से चारपाई और गद्दा रज़ाई चुरा कर यहा बिच्छा रखी थी ऐसे ही कामो के लिए.

खंडहर होने की वजह से वैसे भी यहाँ कोई ज़्यादा आता जाता तो नही था….मेरे चुदाई कार्य क्रम के लिए सबसे बेस्ट जगह थी यह.

सोनम को लेकर मैं रूम मे आ गया जहाँ बिस्तर देख कर वह चौंक गयी और मुझे घूर्ने लगी जैसे कि कुछ पूछना चाह रही हो.

सोनम—भैया ये बिस्तर यहाँ कौन लाया…? यहाँ कौन रहता है….?

राज—अरे कोई नही रहता…ये तो उस दिन का बिस्तर है जब मैं मेडम का इलाज़ करने यहाँ पर उन्हे लाया था.

सोनम—तो फिर करो ना मेरा इलाज़, मैं इस खुजली से मरी जा रही हूँ.

राज—अभी करता हूँ मेरी गुड़िया बहन….चल जल्दी से मुझे दिखा वो जगह खुजली वाली और अब मत शरमाना नही तो मैं अच्छे से इलाज़
नही कर पाउन्गा.

सोनम—ठीक है भैया….नही शरमाउंगी, आप शुरू करो.

राज—तो फिर बता मुझे कहाँ पर खुजली हो रही है….?

सोनम—आपको पता तो है भैया.

राज—लेकिन मैं तुम्हारे मूह से सुनना चाहता हूँ.

सोनम—वो….वो….मेरी…..ब..उ…र…..में,..आप बहुत खराब हो भैया

राज—चल जल्दी दिखा मुझे अपनी बुर, चड्डी उतार दे

सोनम—ऐसे ही चड्डी के अंदर हाथ घुसेड कर दवा लगा दो ना भैया.....मुझे दिखाने मे शरम आती है.

मैने सोनम को लिटा कर जल्दी से उसकी चड्डी खीच कर उतार दी….चड्डी उतारने के बाद जैसे ही मैने उसके पैर फैलाए तो सोनम की जाँघो की जड़ो मे देखते ही मेरी आँखो मे चमक आ गयी….दिल बल्लियो उच्छलने लगा.

सोनम की बुर पर छोटी छोटी रेशम की जैसी मुलायम झान्टो का झुर्मुट उगा हुआ था….मुझे अपनी बुर को घूरते देख कर सोनम ने लज़्ज़ा वश दोनो हाथो से अपनी बुर को ढक लिया.

राज—हाथ हटाओ नही तो मैं चेक कैसे करूँगा…..?

 
सोनम—आपने मेरी चड्डी क्यो उतार दी….? मुझे लाज़ लग रही है.

राज—ठीक है तो फिर वापिस चलो, मैं इलाज़ नही कर सकता तुम्हारा.

सोनम—प्लीज़ भैया, ऐसा ना कहो....मैं खुजली से मर रही हूँ.....ठीक है, ये लो हटा दिया हाथ.....आप देख लो जी भर कर मेरी...

राज (खुश होते हुए)—मेरी क्या..... ? आगे क्या बोलने वाली थी….?

सोनम—मैं अब कुछ नही बोलूँगी…..आप को सब पता है….वोही जो आप देखना चाहते हैं….मेरी

राज—वही तो पूछ रहा हूँ मेरी बहन कि मेरी क्या…..?

सोनम—आपकी बहन की बुर……अब खुश

मैं सोनम की जाँघो मे हाथ फेरते हुए उनको जितना हो सकता था उतना चौड़ा करता गया….अपनी नज़रो को सोनम की हसीन बुर पर टिका दिया और उस पर हाथ चलाने लगा.

सोनम की बुर बिल्कुल एक दम गद्देदार पाव रोटी की तरह खूब फूली हुई थी…..बुर मे उपर से नीचे तक धागे के जैसी एक बारीक लकीर
बनी हुई थी जो कि उसके अब तक बिना चुदि होने की गवाही दे रही थी.

मैने सोनम की बुर मे उपर से नीचे तक सहलाने लगा…..उसकी बुर का भज्नासा (क्लिट) भी बहुत छोटा था जो कि किसी छोटे टापू की तरह
उसकी बुर के बीच मे उभरा हुआ थोड़ा सा बाहर दिख रहा था.

बुर को सहलाने से सोनम की सिसकिया निकलने लगी शायद उसको भी अपनी बुर सहलवाना अच्छा लग रहा था…..बुर मे हाथ फेरते हुए जैसे ही मैं उसकी क्लिट को रगड़ता तो गुदगुदी से वो उच्छल पड़ती सिसकी लेकर.

राज—सोनम कैसा लग रहा है….?

सोनम—बहुत गुदगुदी हो रही है भैया, जब आप वहाँ हाथ से छेड़ते हो तो.

राज—कहाँ छेड़ता हूँ तो.... ?

सोनम (हाथ रख के बताते हुए)—यहाँ टेंटा (क्लिट) पर.

राज—तुझे अच्छा लग रहा है ना जब मैं तेरी बुर सहलाता हूँ तो, बता ना मेरी लाडली बहन….?

सोनम—बहुत अच्छा लग रहा है भैया….ऐसा तो पहले कभी नही हुआ मेरे साथ.

राज—तू कहेगी तो मैं रोज तेरी बुर सहला दिया करूँगा.

सोनम—आआहह…..भैया….अच्छा भी लग रहा है और खुजली भी हो रही है, पर जब आप हाथ फेरते हो तब बहुत अच्छा लगता है और
खुजली भी उतनी नही होती जितना की मज़ा आता है…..आप दवा लगाओ ना जल्दी से भैया, अब और कितनी देर तक देखते रहोगे अपनी
बहन की बुर को

राज—बहुत ही खूबसूरत बुर है तेरी सोनम….मेरा तो दिल ही नही करता तेरी बुर से नज़र हटाने को.

सोनम—मैं खुजली से मर रही हूँ और आपको मेरी बुर देखने की पड़ी है……पहले मेरी खुजली तो मिटा दो फिर कभी बुर भी जी भर के देख लेना.

राज—तेरी बुर मे झान्टे निकल आई हैं…..कभी सॉफ की नही क्या…?

सोनम—नही भैया…..दवा लगाओ ना अब भैया.

राज—हाँ, अभी लाया

 
मैं वहाँ रूम से निकल कर के थोड़ा छत मे इधर से उधर टहलने लगा…हालाँकि खुजली मिटाने का ट्यूब मैं अपने साथ लेकर आया था
लेकिन अभी तो मेरा काम बाकी था तो छत मे कुछ देर टाइम बिता कर सोनम के पास आ गया.

सोनम—आआहह…..भैया लगाओ ना दवा अब….बहुत खुजली हो रही है.

राज (उदास होने की आक्टिंग)—क्या बताऊ गुड़िया…..वो खुजली मिटाने वाले पौधे पुर सूख गये हैं कयि दिन से पानी ना मिलने से…अब वो किसी काम के नही रहे.

सोनम—क्य्ाआ…..? अब मेरा क्या होगा…? मैं तो मर जाउन्गी इस खुजली से…और वो हो भी ऐसी जगह पर रही है कि किसी को बता भी नही सकती मैं.

राज—मेरे रहते तुझे कुछ नही होगा…..तेरा भाई है ना अभी….मैं तुझे ठीक करूँगा.

सोनम—अब तो जब वो दवा ही नही है तो आप कैसे ठीक करोगे…..?

राज—मुझे अब अपनी बहन की बुर और चूचियो को चूस चूस कर ठीक करना पड़ेगा अब.

सोनम—क्य्ाआअ….? अगर फिर भी खुजली ठीक नही हुई तो…..?

राज—फिर एक ही रास्ता बचता है और वो राम बान है.

सोनम—क्या रास्ता है वो….?

राज—मुझे लगातार पंद्रह दिनो तक अपनी सोनम बहन की बुर और गान्ड को रोज तीनो टाइम अपने लंड से चोदना पड़ेगा और चूचियो को खूब मसलना होगा....

सोनम—क्य्ाआआ.... ? नही ये पाप है....और आप बुर कैसे चुसोगे वो तो बहुत गंदी जगह है.....वहाँ से बदबू आती है.

राज—सोनम, मैं तुझ से बहुत प्यार करता हूँ....सच कहूँ तो मैं तुझे अपनी बीवी बनाना चाहता हूँ....तेरी कोई जगह गंदी हो ही नही सकती....मेरे लिए वो अमृत रस होगा जो तेरी बुर से निकलेगा....तेरी बुर का पानी पीने से मेरी आत्मा तृप्त हो जाएगी....तुझे ठीक करने के
लिए मैं दुनिया का हर पाप करने को तैय्यार हूँ.

सोनम (मन मे)—भैया मुझे इतना प्यार करते हैं कि मुझे ठीक करने के लिए मेरी गंदी जगह जहाँ से मैं मूतति हू उसको भी चूसने के लिए
तैय्यार हो गये....लोग वैसे ही मेरे भैया को बदनाम करते रहते हैं.....भैया कितने अच्छे हैं.....

राज—क्या सोचने लगी मेरी बहन..... ? अगर तुझे मेरा प्यार पाप लग रहा है तो कोई बात नही.

सोनम—नही भैया....मुझे आपकी बात का बुरा नही लगा.....बल्कि खुशी हो रही है कि मुझे मेरे भैया इतना प्यार करते हैं.....ठीक है भैया अब
आपको जैसे उचित लगे मेरा इलाज़ करिए मैं आपको किसी बात के लिए मना नही करूँगी.

राज—मतलब कि अब मैं तेरी बुर को चूस सकता हूँ.... ?

सोनम (हां मे गर्दन हिलाते हुए)—हहुउऊउउ

राज—अपनी बहन की बुर मे लंड घुसेड कर चोद सकता हूँ….?

सोनम (शरमा कर कान मे)—हाँ भैया…आपको जो मन करे वो कर लो अपनी छोटी बहन के साथ…मैं आपको कभी नही रोकूंगी.

राज—तेरी गान्ड मे लंड डाल के तेरी गान्ड मार सकता हूँ…..?

सोनम (धीरे से)—हां भैया, मार लो

राज—सोनम क्या मैं तुझे पूरी नंगी कर के देख लूँ.... ?

सोनम—अगर आपका मन अपनी बहन को पूरी नंगी देखने का कर रहा है तो उतार दो मेरे कपड़े और कर दो भैया अपनी बहन को पूरी तरह से नंगी.

राज—तेरी चूचियो को दबा दबा कर तेरे दूध पी सकता हूँ….?

सोनम—हां भैया, …लेकिन अभी उनमे दूध नही आता है और मेरे निपल भी नही निकले हैं तो आप चुसोगे कैसे…? केवल दबाते भर बनेंगे भैया.

राज—तू चिंता मत कर मेरी बहन….मैं तेरी चूचियो को जब खूब कस कस के दबाउन्गा और उन पर अपनी जीभ से चाटूँगा तो ना तेरे निपल अपने आप निकल आएँगे.

सोनम—सच भैया….फिर ठीक है आप को जितनी ज़ोर से मेरे दूध दबाने का मन करे आप दबा लेना….जब निपल निकल आए तब जी भर के चूस लेना.

राज—अब तक किसी ने तेरे दूध दबाए हैं….?

सोनम—नही भैया…मैने किसी को आज तक टच भी नही करने दी….आपकी बहन सर से पैर तक पूरी तरह से अन टच है भैया…..आज आप पहली बार मेरे साथ करोगे ये सब.

राज—सच मे सोनम तू बहुत सुंदर है….मेरी तो आदत ही बिगड़ जाएगी….रोज मन करेगा तुझे नंगी कर के चोदने का.. तब मेरा क्या होगा…..?

सोनम—अगर आपका रोज मन करेगा तो रोज नंगी कर के चोद लिया करना भैया अपनी इस बहन को.

मेरी बातो से सोनम पूरी तरह से गरम हो गयी थी…..उसको गरम और फुल चुदासी करने के लिए ही तो मैं सोनम से गंदी गंदी बाते कर रहा था साथ मे उसकी बुर मे हाथ भी फेरता जा रहा था……उसकी बुर गीली हो कर पानी बहाने लगी थी….जिससे मैं समझ गया कि मेरी बहन
की बुर अब लंड घुसेड कर चोदने लायक हो गयी है.

सोनम—आआहह…..भैया…अब कुछ करो ना.

राज—क्या करूँ पहले ये बता दो….?

सोनम—आपके मन मे जो करने को आए करो…..चाहे तो बुर चूस लो….चाहे दूध दबा दो….चाहे तो सीधे अपनी बहन को चोद डालो……पर आपने तो अभी तक मुझे नंगी भी नही किया है…..कर दो जल्दी से नंगी मुझे भैया और फिर अपना लंड अपनी छोटी बहन की बुर मे पूरा घुसेड कर बना लो उसे अपनी बीवी आज……मना लो सुहागरात भैया अपनी कुवारि बहन के साथ.
 
अपडेट-17

राज—सच मे सोनम तू बहुत सुंदर है….मेरी तो आदत ही बिगड़ जाएगी….रोज मन करेगा तुझे नंगी कर के चोदने का ... तब मेरा क्या होगा…..?

सोनम—अगर आपका रोज मन करेगा तो रोज नंगी कर के चोद लिया करना भैया अपनी इस बहन को.

मेरी बातो से सोनम पूरी तरह से गरम हो गयी थी…..उसको गरम और फुल चुदासी करने के लिए ही तो मैं सोनम से गंदी गंदी बाते कर रहा था साथ मे उसकी बुर मे हाथ भी फेरता जा रहा था……उसकी बुर गीली हो कर पानी बहाने लगी थी….जिससे मैं समझ गया कि मेरी बहन
की बुर अब लंड घुसेड कर चोदने लायक हो गयी है.

सोनम—आआहह…..भैया…अब कुछ करो ना.

राज—क्या करूँ पहले ये बता दो….?

सोनम—आपके मन मे जो करने को आए करो…..चाहे तो बुर चूस लो….चाहे दूध दबा दो….चाहे तो सीधे अपनी बहन को चोद डालो……पर आपने तो अभी तक मुझे नंगी भी नही किया है…..कर दो जल्दी से नंगी मुझे भैया और फिर अपना लंड अपनी छोटी बहन की बुर मे पूरा
घुसेड कर बना लो उसे अपनी बीवी आज……मना लो सुहागरात भैया अपनी कुवारि बहन के साथ.

अब आगे……..

सोनम की ऐसी बाते सुन कर मेरा मन रोमांचित हो गया, मैने देर ना करते हुए उसको जल्दी ही नंगी कर दिया और उसके नंगे जिस्म का दीदार करने लगा.

राज—वाउ ! सोनम मेरी बहन अब तक कहाँ छुपा रखा था इस मादक जिस्म को….क्या चुचियाँ हैं तेरी….एकदम कड़क हैं….बिल्कुल आम
की तरह, मन मे आ रहा है कि इन्हे चूस कर पूरा रस निचोड़ लूँ.

सोनम—पहले मुझे इस खुजली से छुटकारा तो दिलाओ भैया….फिर जितना मन करे चूस लेना मेरे दूध.

राज—खुजली भी मिटाउंगा बहन…..पहले तुझे नंगी तो जी भर के देख लूँ

सोनम—भैया…..जल्दी कुछ करो नाअ…! देखिए ना आपकी छोटी बहन की बुर मे कितनी खुजली हो रही है.

सोनम पूरी उतावली हो कर खुद ही टाँगे फैला के अपनी बुर दोनो हाथो से चीर कर मुझे दिखाने लगी……मुलायम झान्टो से सुसज्जित अपनी
छोटी बहन की कुवारि बुर देखते ही दिल खुश हो गया.

मैने झुक कर सोनम की एक चूची को अपने मूह मे भर लिया और दूसरी को अपनी मुट्ठी मे जकड कर मीसने लगा….आज उसकी जिंदगी मे पहली बार किसी ने सोनम की चूचियो को दबाया था….जिसके उन्माद मे वो बावरी सी हो गयी.

मैने उसके अर्ध विकसित निपल्स को मूह मे लेकर चुभालना शुरू कर दिया और दूसरी चूची को तोड़ा तेज़ी से दबाना चालू कर दिया…जिससे सोनम के आनंद की सीमा बढ़ती गयी.

सोनम—आआआअहह….भैया….बहुत गुदगुदी हो रही है, जब आप मेरा दूध चूस्ते हो तो

राज—सोनम तेरे दूध मुझे बहुत पसंद हैं…..मुझे रोज दबाने देगी ना अपने दूध….बता ना मेरी बहन… रोज .दबाने देगी ना अपने दूध अपने बड़े भैया को….?

सोनम—आआअहह…..ऊऊहह…माआ…….हाआआं भैयाअ आप रोज दबा लेना अपनी छोटी बहन के दूध…जब आपका दबाने का दिल करे तो पकड़ कर मसल देना मेरे दूध…..और दबाओ भैया….आआअहह…थोड़ा धीरे भैया…दर्द होता है जब आप तेज़ी से मसल्ते हो तो…..धीरे धीरे अपनी बहन की जवानी का मज़ा लो भैया

मैने उसकी एक ना सुनते हुए ज़ोर ज़ोर से उसकी चूचियो को मसलना जारी रखा, और साथ ही साथ बारी बारी से दोनो को चूस्ता भी जा रहा था.

सोनम के दूध एकदम गोरे थे….अभी उसकी चूचियो पर निपल तक नही बाहर आए थे लेकिन दोनो दूध बड़े बड़े ज़रूर हो गये थे खूब दबाने
और मसल्ने लायक.

मेरा मन ही नही भर रहा था सोनम के दूध दबाने से…..वो लगातार मुझे धीरे धीरे दबाने को कह रही थी किंतु मुझे तो ऐसे ही कस कस कर मीसने मे मज़ा आ रहा था.

सोनम—आआहह…भैया….आज ही पूरी निचोड़ दोगे क्या मुझे …..? आप को रोज दबाने को मिल जाएँगे भैया मेरे दूध…इतने ज़ोर ज़ोर से
मसलोगे तो उखड़ जाएँगे….देखो पूरे लाल पड़ गये हैं.

राज—बहन मैं तो तुम्हारा इलाज़ कर रहा हूँ…….खुजली मिटाने के लिए ये ज़रूरी है कि हर अंग को खूब कस कस कर रगड़ा जाए…..और वैसे भी तो तुम तो पूरी रगड़ने लायक हो गयी हो मेरी बहन.

सोनम—आआआआआ…….खुजली मुझे नीचे बुर मे हो रही है भैया…….जितना रगड़ना है तो रगड़ लो अपनी बहन की बुर को….दूध मे खुजली नही हो रही है भैया.

राज—मुझे तेरे दूध दबाने मे बहुत मज़ा आ रहा है सोनम……क्यो तुझे अच्छा नही लग रहा है….?

सोनम—अच्छा तो लग रहा है लेकिन बुर मे खुजली बहुत ज़्यादा हो रही है…..पहले उसका इलाज़ कर दो फिर दबा लेना अपनी बहन के दूध जितना दबाना हो…….मैं मना नही करूँगी अपने भैया को अगर उन्हे अपनी बहन के दूध दबाना इतना पसंद हैं तो.

राज—ये भी तो इलाज़ ही कर रहा हूँ तेरा पगली……तेरी चूचियो से निपल भी तो बाहर निकालना है कि नही….?

सोनम—एयाया…..हाआँ ये तो मैं भूल ही गयी थी..ठीक है आप दबाओ खूब ज़ोर ज़ोर से….खूब चूसो मेरे दूध जब तक आपकी बहन की
चूचियो मे चूचुक नही निकल के बाहर आ जाते तब तक मसल्ते चूस्ते रहो भैया.

 
सोनम की रज़ा मंदी मिलते ही मैं बिल्कुल खुले सांड़ की तरह उस पर चढ़ गया और उसकी जवानी को रगड़ने लगा... करीब एक घंटे तक मैं सोनम की चूचियो से खेलता रहा…वो भी पूरी गरम हो गयी थी….लगातार ज़ोर ज़ोर से मसले जाने के कारण उसकी चूचियो का दर्द अब ख़तम हो गया था और उसके चूचुक बाहर किसी मटर के दाने के बराबर उभर आए थे.
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सोनम सिसकारियाँ लेते हुए पूरी मदहोश हो चुकी थी…..मैने उसके होठों को चूमते हुए अब उसकी बुर का ध्यान करने लगा और चूची छोड़ कर नीचे जाने लगा…..चूची की रगड़ाई बंद होते ही सोनम ने मेरी तरफ घूर कर देखा जैसे शिकायत कर रही हो कि दूध दबाना बंद क्यो कर दिया….?

सोनम—भैया आपने दूध दबाना बंद क्यो कर दिया….? बहुत मज़ा आ रहा था मुझे…प्लीज़ और दबाओ ना भैया अपनी बहन की चूची को.

राज—तेरी बुर का इलाज़ भी तो करना है ना मेरी बहन…..देख अब तो तेरी चूचियो पर छोटे छोटे चूचुक भी निकल आए हैं.

सोनम—हाँ भैया…आप सच कहते थे….अब आप डेली दबाना और चूसना अपनी बहन की इन चूचियो को भैया… मेरी चूचिया अब सिर्फ़ मेरे भैया के लिए हैं.

राज—कल को तेरी शादी हो जाएगी तो उससे भी तो दबवाएगी ना अपनी चूचियो को…..? फिर मैं कैसे समझ लूँ कि ये सिर्फ़ मेरे लिए हैं…..?

सोनम—आपको मेरी बात का भरोसा नही ना..तो ये लीजिए.

सोनम ने मेरी शर्ट से पेन निकाल कर अपनी दोनो गोरी गोरी चूचियो पर कुछ लिखने लगी….मैने ध्यान से देखा तो उसने लिखा था….कि

सोनम—ये लीजिए..अब तो ठीक है ना…हो गया आपको विश्वाश कि मेरी चूचिया सिर्फ़ आपके लिए हैं भैया…

राज—पढ़ के बता ना क्या लिखा है इनके उपर तूने.

सोनम—मैने लिखा है कि ‘’ मेरी चूचिया सिर्फ़ मेरे राज भैया के लिए हैं.....इन्हे दबाने, मसलने और चूसने का अधिकार केवल मेरे राज भैया
को है....मेरी चूचिया मेरे राज भैया की अमानत हैं.....मेरे भैया के अलावा इन पर किसी का भी हक़ नही है’’

सोनम की इस अदा से मैं बहुत खुश हुआ, उसके लिए सच मे आज पहली बार मुझे सच्चे दिल से प्यार आ गया....मैने झुक कर उसके होठों को चूम लिया.

सोनम—मेरे शरीर का हर अंग सिर्फ़ मेरे राज भैया के लिए है......मैं अपने जिस्म के हर अंग पर आपका नाम लिख दूँगी भैया.....अपनी बुर
पर भी आपका नाम लिख दूँगी बस गान्ड पर आपको लिखना होगा वाहा मुझ से लिखते नही बनेगा, वो पीछे जो है...हिहिहीही

राज—क्या लिख दोगि बुर पर.... ?

सोनम—यही कि ‘’ ये बुर सिर्फ़ मेरे राज भैया के चोदने के लिए है.....मेरे भैया को पूरा हक़ है कि वो जब चाहे मुझे नंगी कर के मेरी इस बुर मे लंड घुसेड कर अपनी इस छोटी बहन की बुर को चोद सकते हैं......ये बहन की बुर का छेद केवल अपने भाई के लंड को घुसेड कर
चोदने के लिए है.’’

मैं अब और बर्दास्त नही कर पाया और तुरंत सोनम की दोनो जाँघो को फैला कर उसकी बुर मे अपना मूह भिड़ा दिया... इस सुखद हमले से
सोनम सीत्कार उठी...उसकी बुर लबालब पानी छोड़ रही थी जो ये साबित कर रहा था कि मेरी बहन पूरी चुदासी है इस समय.

सोनम—आआअहह...भैया बहुत मज़ा आ रहा है......आपने पहले क्यो नही चोदा मुझे.... ? आपको जब मैं इतनी पसंद थी तो पहले ही क्यो पटक कर नही पेल दिया मुझे भैया... ? अब रोज खूब पेलना अपनी बहन को भैया.....रोज पूरी नंगी कर के खूब पेलना मुझे...आआहह

मैं सोनम की गोरी गोरी जाँघो के बीच छुपि पाव रोटी के जैसे फूली बुर को चीर चीर कर चूसे जा रहा था... आधा घंटा तक चूसने के बाद मैने
अपने कपड़े निकल कर नंगा हो गया और अपने लंड को सोनम की बुर के छेद पर लगा दिया.

सोनम—आआआअ...भैया बहुत मोटा और बहुत बड़ा है आपका लंड....ये मेरी बुर के छोटे से छेद मे कैसे घुसेगा... ?

राज—सब चला जाएगा मेरी बहन...तू चिंता मत कर...मैं हूँ ना.....बस थोड़ा दर्द होगा शुरू मे...उससे बर्दास्त कर लेना

सोनम—ठीक है भैया......आपको मेरी कसम है भैया, मुझे चाहे कितना भी दर्द हो आप लंड अपनी बहन की बुर के अंदर घुसेड़ना बंद मत करना जब तक की पूरा ना घुस जाए आप घुसेड़ते रहना.

मैने सोनम की बुर मे लंड टिका कर एक ज़ोर का धक्का लगाया तो वो फिसल कर उपर चला गया.....सोनम ने ये देख कर खुद ही अपने
हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर लगा दिया और मुझे ज़ोर से धक्का मारने का इशारा किया.

इस बार मैने तगड़ा झटका दिया तो लंड सोनम की बुर को ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर 3 इंच जा घुसा…..सोनम की दर्द की वजह से
चीख निकलने ही वाली थी कि मैने उसके लिप्स लॉक कर दिया.....सोनमकी आँखो के सामने अंधेरा छा गया.. . आँखो से पानी बहने लगा

उसके होठों को चूसने लगा साथ ही दोनो चूचियो को धीरे धीरे सहलाने और मसल्ने लगा…ऐसे ही कुछ देर तक करते रहने से उसकी हालत मे सुधार आने लगा.

जब मैने देखा कि अब वो कुछ ठीक है तब फिर से एक ज़ोर दर धक्का मार दिया उसकी बुर मे.....धक्का इतना ताकतवर था कि मेरा लंड
सोनम की बुर को फाड़ता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया....सोनम की बुर से खून का रिसाव होने लगा.

वो ज़ोर से चीखते हुए लगभग बेहोश हो गयी लेकिन मैने जल्दी ही उसके मूह पर पानी छिड़क कर होश मे ले आया...होश मे आते ही वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

सोनम (रोते हुए)—आअहह........मम्मीयीईयीयै....मररर गाइिईई......भैयाआ...बाहर निकाल लो...मुझे नही चुदवाना, आप सच मूच मे सांड़ हो......आपने अपनी ही छोटी बहन की बुर फाड़ डाली.....बहुत दर्द हो रहा है...प्लीज़ बाहर निकाल लो नही तो मैं आज मर जाउन्गी.....आपका ये लंड मेरी जान ले लेगा.

राज—बस मेरी बहन जो दर्द होना था हो चुका......ये दर्द तो हर लड़की को पहली बार बर्दास्त करना ही पड़ता है....अब केवल मज़ा लो मेरी बहन अपने भैया के लंड से....अब दर्द नही होगा.

मैने उसके दूध मूह मे भर कर पीने लगा और दूसरे हाथ से उसकी घुंडीयों को कुरेदने का काम करता रहा जिससे सोनम फिर से गरम होने
लगी....सोनम को फिर से उत्तेजित होते देख मैने धीरे धीरे लंड को उसकी बुर मे आगे पीछे सरकाना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर मे सोनम पूरी तरह से चुदासी हो कर मादक आहे भरने लगी और मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदने के लिए उकसाने लगी.

सोनम—आआआआ...भैयाअ....अब मज़ा आ रहा है....थोड़ा ज़ोर ज़ोर से चोदो अपनी बहन को.....ले लो मज़ा अपनी बहन की जवानी का .....लूट लो भैया अपनी छोटी कुवारि बहन की जवानी को....आआआआअ....और पेलो भैया मुझे....ज़ोर ज़ोर से पेलो अपनी बहन की बुर मे अपने लंड को

राज—हाय मेरी बहन कितनी टाइट बुर है तेरी....पूरा कसा कसा अंदर जा रहा है.

 
सोनम—टाइट है तो आप चोद चोद के ढीली कर दो भैया अपनी बहन की बुर को…आआआआअ…..ऐसा मज़ा मुझे पहले क्यो नही दिया आप ने……आप को मेरी कसम भैया, अब रोज पेलना मुझे ऐसे ही नंगी कर के.

राज—हाँ मेरी बहन अब तो मैं तुझे हर रोज नंगी कर के रगड़ा करूँगा.
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सोनम—आआहह….ऐसे ही…और ज़ोर से…..भैया आज से मैं जब भी मूतने जाऊं तो आप मुझे मूतते हुए मेरी बुर देखना……मैं आप के
सामने अपनी बुर चीर कर मूतना चाहती हूँ रोज……देखोगे ना भैया अपनी बहन को मूतते हुए…? बताओ ना भैया….?

राज—हाआँ, मेरी बहन आज से तू मेरे सामने ही मूतना दोनो जांघे फैला कर.

सोनम—और मुझे रोज स्कूल जाने से पहले नंगी कर के चोदा करना…..नही तो मैं स्कूल नही जाउन्गी.

राज—चिंता मत कर मेरी बहन, अब तो मैं तुझे बहुत जल्दी ही फुक्कला कर दूँगा चोद चोद के…..तेरी चूचियो को दबा दबा कर क़ालीनदार (गर्मी मे बिकनेवाला एक तरह का बड़ा फल) बना दूँगा और तेरी गान्ड मार मार के फुटबॉल जैसी कर दूँगा मेरी छोटी बहना बस तुम अपने भैया को ऐसे ही रोज अपनी देती रहना.

लगभग एक घंटे तक मैं सोनम को दनादन चोदता रहा…इस दौरान वो तीन चार बार झड गयी…आख़िर मे लंबे लंबे धक्के लगाते हुए मैं भी
सोनम की बुर मे ही झड गया.
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सोनम की बुर मेरे गरम पानी को पीकर एक बार फिर से झड गयी…..उसकी पूरी बुर लबालब भर गयी थी मेरे लंड के पानी से…..वो मुझे पागलो की तरह चूमने लगी.

सोनम—भैया आइ लव यू……मैं अब आप के बिना नही रह पाउन्गी……प्लीज़ मेरा साथ कभी मत छोड़ना….मैं तो आप की दीवानी हो चुकी हूँ.

राज—तू चिंता ना कर मेरी बहन…एक दिन मैं तुझे अपनी बीवी बनाउन्गा और अपने बच्चो की माँ भी.

सोनम—सच भैया……आप बहुत अच्छे हैं

राज—अब चल जल्दी यहाँ से….और ये ले टॅबलेट….इससे तुझे दर्द कम होगा….घर मे चाची इंतज़ार कर रही होंगी….अगर वो कुछ पूछे कि कहाँ गयी थी और लंगड़ा के क्यो चल रही है तो कुछ भी बहाना बना देना.
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सोनम—वो सब मैं संभाल लूँगी भैया.

मैने अपनी रुमाल से सोनम की बुर को सॉफ किया और उसको दर्द की गोली खिला कर कपड़े पहनाए…..फिर उसे घर छोड़ कर मैं कॉलेज के लिए निकल गया.

मैं अभी कॉलेज जा ही रहा था कि रास्ते मे एक सांड़ एक दुबली पतली गैया (काउ) के उपर ज़बरदस्ती चढ़ गया और उसकी बुर मे अपना एक हाथ का लंड ठूंस कर हचक हचक कर पेलने लगा.

मुझे ये सीन देख कर बड़ा मज़ा आया तो मैं वही रुक कर उन दोनो की चुदाई का आनंद उठाने लगा पर तभी किसी की आवाज़ ने मेरे इस अलौकिक आनंद मे खलल डाल दिया.

‘’ए मिस्टर. ये सांड़ मारता है क्या…..?’’ किसी लड़की ने पीछे से आवाज़ लगा कर मुझ से पूछा.

मैं पीछे पलट कर देखा तो एक खूबसूरत कन्या बिल्कुल मेरे करीब आ कर खड़ी थी....एक दम तीखे नैन नक्श... जवानी से पूरी तरह से
लबालब , बिल्कुल गोरी चिट्टी…मेरी आँखे उसके जिस्म को आँखो के ज़रिए टटोलने लगी.

लड़की—मैने पूछा कि क्या ये सांड़ मारता है क्या..... ?

राज—सामने वाली गाय (काउ) की तो खूब हचक हचक कर मार रहा है लेकिन आप की मारेगा की नही मारेगा ये पता नही है अभी मुझे.

लड़की—ईडियट, बदतमीज़ कहीं का, लफंगा...सांड़

वो लड़की मुझे अपनी सुरीली आवाज़ मे ऐसे ही मेरी तारीफ करते हुए वहाँ से चली गयी....उसके जाने के बाद मैं पलटा तो देखा वो सांड़ भी
अपना काम ख़तम कर के काउ के उपर से उतर आया था.

लिहाजा मैं भी आगे बढ़ गया तो रास्ते मे मुझे बाकी दोस्त भी मिल गये...हम पैदल ही चलने लगे बस स्टॉप की ओर... कॉलेज हमारे गाओं से
दस किलो मीटर की दूरी पर था सिटी मे.

रवि—यार मैं अपनी गर्ल फ्रेंड से बात करना चाहता हूँ….कैसे करूँ….कोई आइडिया दो ना तुम लोग…..?

राज—अगर मिल जाए तो बुला लो उसको मिलने अकेली

रवि—अगर ना मिले अकेली तो….?

राज—अगर ना मिले अकेली तो पकड़ लो उसकी सहेली.

आनवार—अगर ना मिले सहेली तो…..?

राज—‘’अगर मिल जाए तो बुला लो उसको मिलने अकेली
अगर ना मिले अकेली तो पकड़ लो उसकी सहेली
अगर ना मिले सहेली तो …तो.....तो
फिर ज़िंदा बाद हथेली…! ‘’

आयुष—हाहहहाहा…वाह..वाह

रवि—साला कमीना, हमेशा उल्टे सीधे ही आइडिया देता है ये..सांड़ कही का

थोड़ी देर मे हमारी बस आ गयी तो हम बस से कॉलेज आ गये….. रॅगिंग जोरो से चल रही थी…..लेकिन हम सब पीछे की बाउंड्री कूद कर सीधे क्लास मे घुस गये.

हम क्लास मे बैठ कर बातो मे मगन हो गये….तभी किसी ने क्लास मे प्रवेश किया जिसे देख कर सभी खड़े हो गये मेरा ध्यान उस तरफ नही था, तो मैं बैठा ही रहा

रवि—साले खड़ा हो जा…., ये हमारी इंग्लीश की मेडम हैं

मेडम सुन कर मेरा लंड जैसे नीद से जाग उठा….मैने उत्सुकतावश जैसे ही पलट कर सामने देखा तो मेरा मूह खुला का खुला रह गया.

राज (शॉक्ड)—क्याआअ…..ये मेडम हैं……? लौन्डे लग गये अब तो….
 
अपडेट-18

हम क्लास मे बैठ कर बातो मे मगन हो गये….तभी किसी ने क्लास मे प्रवेश किया जिसे देख कर सभी खड़े हो गये मेरा ध्यान उस तरफ नही था, तो मैं बैठा ही रहा

रवि—साले खड़ा हो जा…., ये हमारी इंग्लीश की मेडम हैं

मेडम सुन कर मेरे लंड जैसे नीद से जाग उठा….मैने उत्सुकतावश जैसे ही पलट कर सामने देखा तो मेरा मूह खुला का खुला रह गया.

राज (शॉक्ड)—क्याआअ…..ये मेडम हाईईइ……? लौन्डे लग गये अब तो….

अब आगे………

रवि ने जैसे ही कहा कि ये हमारी मेडम है तो मैने उत्सुकतावश अपना चेहरा मेडम की तरफ घुमा लिया….मेडम का चेहरा देखते ही मुझे जोरदार शॉक लगा.

क्यों कि ये मेडम कोई और नही बल्कि वोही लड़की थी जो कॉलेज आते समय मुझसे बाते कर रही थी और मैने अपनी ही चिर परिचित शैली
मे उसकी बात का जवाब दिया था जिससे वो मुझे भला बुरा कहते हुए गुस्सा हो कर वहाँ से चली गयी थी.

वो मेरा चेहरा ना देख पाए इसलिए मैं जल्दी से बैठ गया और सर को झुका लिया….लेकिन शायद आज किस्मत मुझ पर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान थी….कुछ ही पल मे मेरे कानो मे उस लड़की (मेडम) की सुरीली आवाज़ सुनाई देने लगी जो सभी स्टूडेंट्स से कुछ बोल रही थी.

मेडम—मेरा नाम किरण है….मैं आपको आज से इंग्लीश पढ़ाउंगी….पर सबसे पहले आप सब अपना अपना इंट्रोडक्षन मुझे दो जिससे किसी को पहचानने मे मुझे कोई दिक्कत ना हो.

रश्मि की बाते सुनते ही सभी खड़े होकर बारी बारी से अपना इंट्रोडक्षन देने लगे….मैं सबसे लास्ट वाली बेंच पर बैठा था….ये हम दोस्तो की
फ़ेवरेट जगह थी पीछे बैठने की…इसके कयि फ़ायदे हैं जो आगे आप को पता चल ही जाएगा.

हमारी आगे की सभी बेंच मे बैठे मुरझाए लंड वाले लड़के और कुछ चोदि चादि फटी, कुछ अब तक बिना चोदि चादि बिन फटी चूत वाली
लड़कियो ने जब अपना परिचय दे दिया तो हमारी बेंच की भी बारी आ गयी.

रवि, आयुष, कल्लू, अनवर के परिचय चालू हो गये.…लेकिन मैं चुप चाप बैठा रहा, सिर झुकाए नीचे देखते हुए…मुझे बड़े जोरो की सूसू लगी हुई थी रोकना मुश्किल हो रहा था.

तभी मेरी नज़र अपने सामने की बेंच पर बैठी लड़की की पानी की बॉटल पर पड़ी जो उसने साइड मे रखा हुआ था… जिसे देखते ही मुझे अपनी समस्या का समाधान मिल गया.

राज (धीरे से)—कल्लू वो बॉटल उठा ना.

कल्लू (फुसफुसाते हुए)—अबे वो उस लड़की का है....तुझे पानी पीना है तो थोड़ी देर मे चलते हैं.

राज—अबे तू उठा ना पहले...यहाँ मेरी जान जा रही है.

कल्लू (धीरे से उस लड़की का बॉटल उठा कर)—ये ले...बुझा ले अपनी प्यास...लेकिन इसमे तो थोड़ा सा ही पानी है...वो बेचारी क्या पिएगी.... ?

मगर मैने उसकी बात का जवाब दिए बिना ही जल्दी से पॅंट की चैन खोल कर लंड बाहर निकाला और बॉटल का ढक्कन खोल के उसके
छेद मे भिड़ा दिया.

कल्लू (शॉक्ड)—अबे भोसड़ी के..ये क्या कर रहा है तू... ?

राज—आआआ....साले गान्डू...असली सुख का एहसास मूतने के बाद ही महसूस होता है

मैं अपनी पानी की टंकी उस लड़की के बॉटल मे खाली करने लगा....जब सब का परिचय हो गया तो मेरा भी नंबर आ गया, लेकिन मैं अपने काम मे मगन था.

रश्मि—हेलो, तुम भी अपना इंट्रो दो…और सर नीचा कर के क्यो बैठे हो…? कोई तकलीफ़ है क्या…..?

रवि—अबे छोड़ू सांड़ खड़ा हो जा….वो तुझ से ही कह रही हैं…साले सांड़ ये क्या कर रहा है…? अबे साले वो लड़की वंदना हमारे गाओं के ठाकुर साहब की भतीजी है…अगर उसने तेरी ये हरकत कहीं घर मे बता दी तो ठाकुर साहब हम सबको परिवार सहित ज़मीन के अंदर
गढवा देंगे….उपर से उसका भाई यहाँ का बहुत बड़ा दादा है..तुझे से ही बोल रहा हूँ चूतिए…..वो हमारा यहाँ जीना हराम कर देगा.

मैं रवि की बात सुन कर उसकी ओर देख कर मुश्कुरा दिया और जैसे ही मेरा काम हो गया तो लंड को अंदर कर के बॉटल चुप चाप सामने जहाँ की तहाँ रख दी और पॅंट की चैन बंद किया और खड़ा हो गया….लेकिन बोला कुछ नही….अपना सर झुकाए खड़ा हो गया…..ये देख
मेडम हँसने लगी.

रश्मि (हँसते हुए)—अब कुछ बोलोगे भी…कि किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह शरमाते ही रहोगे…..?

स्टूडेंट्स—हाहहाहा

राज (सर उठा कर सामने देखते हुए)—हिहिहिहिहीही

मेरा चेहरा देखते ही रश्मि मेडम के चेहरे की मुश्कान ही गायब हो गयी….वो बस आँखे फाडे मुझे देखती रही लेकिन उनके होठ मुझे कुछ
हिलते हुए महसूस हुए…हो सकता है कि शायद वो मन ही मन मेरी तारीफ कर रही होगी.

रश्मि (मन मे)—ये सांड़ यहाँ भी आ गया….मेरा स्टूडेंट बन कर…..बहुत ही बदतमीज़ किस्म का लड़का है….इसकी तो क्लास मे मैं अच्छी खबर लूँगी….सब के सामने कुछ बोल भी नही पाएगा.

 
राज—मेडम जी…मेरा नाम राज है

रश्मि (मूह बनाते हुए)—अच्छा नाम है

राज—शुक्रिया मेडम जी…वैसे आपका भी नाम बहुत अच्छा है……रश….मी (रश्मि)….आपको पता है मेडम जी कि इसका मतलब क्या होता है.

रश्मि—बस..बस तुम्हारा इंट्रो हो गया…..(फिर मन मे)…कितना कमीना है…सब के सामने मुझ से कैसे बात करता है सीधा सीधा मुझे लाइन मार रहा है….सांड़ क्या बोला ….कि रश…मी…मतलब मैं रश से भरी हुई हूँ और उसको रश पिलाऊ अपना…साला कमीना….पूरा सांड़
है….कितनी बेशर्मी से सुबह उस गाय और सांड़ को करते हुए देख कर अपना हिला रहा था मुझे देख देख के.

राज—नही मेडम जी…मैं बता ही देता हूँ.

रश्मि—आज की क्लास ख़तम….ओके कल से मैं पढ़ाना स्टार्ट करूँगी.

राज—मेडम मेरी बात तो सुनती जाओ पूरी पहले.

इतना कह कर रश्मि तुरंत क्लास से बाहर निकल गयी मुझे घूरते हुए जैसे मैने उसकी गान्ड मार ली हो….मेडम के जाते ही मैं उनकी गान्ड को घूरता रहा.

उसके बाद कुछ खास नही हुआ….क्लास से निकल कर हम कॅंटीन मे आ गये….तभी मेरी नज़र सामने बैठी वही लड़की वंदना पर गयी…एकदम कड़क माल थी…उठी हुई चुचिया, फूले हुए चूतड़, बोले तो चोदने लायक पर्फेक्ट कंचा माल थी वो….गोरी चिटी, शॉर्ट स्कर्ट पहने थी
जिसमे से उसकी गोरी गोरी जाँघो के साथ साथ वाइट कलर की पैंटी भी नज़र आ रही थी.

अब मेरी तो ठहरी गिद्ध की आँखे…भला ऐसा नज़ारा मेरी आँखो से कैसे बच सकता था….मैं आँखे गढ़ा कर उसकी पैंटी के अंदर छुपि चूत की कल्पना करने लगा…उसके साथ मे कुछ लड़किया और भी बैठी हुई थी जो आपस मे बातचीत कर रही थी.

लड़की 1—वंदना.. ये कैसा पानी है….? अजीब टेस्ट है इसका, कुछ मिलाया है क्या इसमे….?

वंदना—क्या बात करती हो चारू…? प्‍योर् मिनरल वॉटर है…मैं ऐसा वैसा यहाँ का गंदा पानी नही पीती तुझे पता है ना…?

लड़की 2—अरे इसको क्या पता कि डिसटिल वॉटर क्या होता है...हिहीही... ?

चारू—तो ले तू खुद ही पी कर देख ले, सोनिया.

सोनिया (पानी पीते हुए)—हुउऊ...बात तो सही है तेरी...टेस्ट तो बड़ा अजीब है.

मेरी नज़र वंदना की पैंटी पर ही चिपकी हुई थी….अचानक उसकी पैंटी वाइट से लाल रंग मे बदलने लगी…शायद उसको एमसी हो गयी थी लेकिन उसको ध्यान नही था.

आयुष—अबे सांड़ क्या देख रहा है बड़े ध्यान से….?

राज—जाँघो के बीच चड्डी के अंदर से रिस रिस के पानी लाल आता है,
मैं ये सोच सोच के परेशान हूँ कि क्या भोसड़ा भी पान ख़ाता है

अनवर—अबे भोसड़ी के..तुझे भोसड़ा,बुर, चूची के अलावा भी कुछ दिखता है कभी…?

राज—अब इसमे मेरी क्या ग़लती है….जो दिखता है वही बताया….अच्छा मैं बाथरूम से आता हूँ..तुम लोग कुछ नाश्ता ऑर्डर करो तब तक.

मेरा लंड वंदना की गोरी चिकनी जांघे देख कर टनटना गया था…तो सोचा क्यो ना उसको थोड़ा रेस्ट दे दूं….मैं वहाँ से उठ कर बाथरूम चला गया….लेकिन बेखायाली मे मैं जेंट्स की जगह लॅडीस टाय्लेट मे घुस गया.

जेंट्स टाय्लेट समझ कर मैने दरवाजे की सिट्कॅनी भी नही लगाई और सीधा लंड बाहर निकाल कर मूठ मारना चालू कर दिया कभी रश्मि
मेडम की फूले हुए चूतड़ आँखो के सामने थिरकने लगते तो कभी वंदना की गोरी चिकनी जांघे दिखाई देने लगती.

मैं अपनी आँखे बंद कर के रश्मि और वंदना को याद करते हुए सटासट लंड राज की मालिश किए जा रहा था कि तभी किसी ने भड़ाक से दरवाजा खोला और सामने देखते ही चिल्ला उठी.

‘’तुम्हे पता नही कि ये महिलाओं (लॅडीस) के लिए है” उसने चिल्लाते हुए कहा.

‘’तो ये कौन सा मसाला कूटने के लिए है, ये भी तो महिलाओं के लिए ही है’’ मैने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा.

‘’मैं अभी जाकर प्रिन्सिपल से बोल के तुम्हे कॉलेज से बाहर करवाती हूँ’’ उसने ज़ोर से कहा.

मैने अभी तक अपनी आँखे नही खोली थी…लेकिन जैसे ही उसने मेरी शिकायत प्रिन्सिपल से करने की बात कही तो मैने तुरंत आँखे खोल
दी…मेरी तो किस्मत ही आज खराब लग रही थी…ये वंदना थी…जो शायद अपनी चूत मे पॅड लगाने आई होगी.

उसने तुरंत दरवाजा ज़ोर से बंद कर के वहाँ से चली गयी और मैं अपना मूह लटका के खड़ा रहा….लंड तो पहले ही शिकायत की बात
सुनकर सिकुड कर छुहारा हो गया था.

मैने जल्दी से उसको पॅंट के अंदर बंद किया और बाथरूम से निकल कर कॅंटीन मे आ गया…किंतु वहाँ पहुचते ही मैने जो देखा तो मेरा दिमाग़ ही चकरा गया.
 
अपडेट-19

‘’तुम्हे पता नही कि ये महिलाओं (लॅडीस) के लिए है” उसने चिल्लाते हुए कहा.

‘’तो ये कौन सा मसाला कूटने के लिए है, ये भी तो महिलाओं (लॅडीस) के लिए ही है’’ मैने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा.

‘’मैं अभी जाकर प्रिन्सिपल से बोल के तुम्हे कॉलेज से बाहर करवाती हूँ’’ उसने ज़ोर से कहा.

मैने अभी तक अपनी आँखे नही खोली थी…लेकिन जैसे ही उसने मेरी शुकायत प्रिन्सिपल से करने की बात कही तो मैने तुरंत आँखे खोल
दी…मेरी तो किस्मत ही आज खराब लग रही थी…ये वंदना थी…जो शायद अपनी चूत मे पॅड लगाने आई होगी.

उसने तुरंत दरवाजा ज़ोर से बंद कर के वहाँ से चली गयी और मैं अपना मूह लटका के खड़ा रहा….लंड तो पहले ही शिकायत की बात
सुनकर सिकुड कर छुहारा हो गया था.

मैने जल्दी से उसको पॅंट के अंदर बंद किया और बाथरूम से निकल कर कॅंटीन मे आ गया…किंतु वहाँ पहुचते ही मैने जो देखा तो मेरा दिमाग़ ही चकरा गया.

अब आगे…….

कॅंटीन मे जाकर मैं बैठा ही था कि मेरी नज़र सामने से आती हुई शीतल दीदी (मेरी दूसरी बड़ी बहन) और रश्मि मेडम पर गयी…दोनो एक
दूसरे से हँस हंस कर बाते कर रही थी…..ये देख कर तो मेरा दिमाग़ ही चकरा गया.

मेरी फॅमिली मे सिर्फ़ शीतल दीदी ही थी जो कॉलेज की पढ़ाई कर रही हैं….हालाँकि वो कॉलेज बहुत ही कम आती हैं….वो बेहद खूबसूरत
हैं…..केवल एक वोही हैं जिनके लिए मेरे मन मे कभी कोई ग़लत विचार नही आया.

मैं अगर किसी से डरता हूँ तो सिर्फ़ शीतल दीदी से……वो मुझसे कभी ठीक से बात भी नही करती….इसका कारण ये था कि दीदी की एक सहेली मुझे बेहद पसंद थी…मैं हमेशा उसको पेलने के जुगाड़ मे लगा रहता था.

एक बार दोस्तो ने मुझे गांजा पिला दिया….तो मैं उसके नशे मे मदहोश होकर उनकी सहेली के घर पहुच गया पर मुझे उनकी वो सहेली तो नही मिली तो उनकी मम्मी को ही पटक के पेलने लगा.

ठीक उसी समय दीदी और उनकी सहेली आ गयी……ये देख कर दीदी ने मुझे बहुत मारा…..तब से वो मुझ से बहुत ही कम बात करती हैं….बस कभी कभार ही किसी के कहने पर.

पिछले कुछ समय से शीतल दीदी मुझे काफ़ी परेशान परेशान दिख रही थी जैसे किसी उलझन मे हो….लेकिन उन्होने किसी को कुछ बताया नही अपनी परेशानी के बारे मे.

आज उनको ऐसे हँसते मुश्कूराते देख मुझे बहुत अच्छा फील हुआ मगर एक टेन्षन भी हो रही थी की दीदी और रश्मि मे इतनी घनिष्ठता कैसे.

रवि—अबे चोदु कहाँ खो गया…..?

आयुष—कहाँ होगा, सोच रहा होगा किसी की चूत के बारे मे.

राज—कुछ नही यार…..

थोड़ी देर मे बाते करते हुए दोनो अंदर चली गयी….हम समोसा खाने मे लग गये…..तभी वहाँ कुछ सीनियर स्टूडेंट्स आ गये और जूनियर्स
को परेशान करने लगे जिनमे लड़किया भी थी.

अनवर—चलो यहाँ से जल्दी से निकल लेते हैं…नही तो हमारी भी रॅगिंग हो जाएगी.

राज—अबे चुतिये बैठ जा बे…..ये क्या हमारी रॅगिंग लेंगे…सालो की लुल्ली झान्ट बराबर और रॅगिंग करेंगे.

अनवर और रवि उठ कर जाने लगे तभी उनमे से किसी लौन्डू की नज़र इन पर पड़ गयी….तो उसने दोनो को आवाज़ देकर अपने पास
बुलाया….दोनो के दोनो मुरझाए लंड जैसे चेहरा लटकाए किसी आग्याकारी बालक की तरह उनके सामने जा कर खड़े हो गये.

लड़का 1—जूनियर हो दोनो….? न्यू अड्मिशन…?

रवि—जी भाई

लड़का 2—ओई..गान्डू..भाई नही आज से सर बोलने का…इतनी भी तमीज़ नही है क्या तेरे मे….? चलो अपना नाम बताओ दोनो…?

रवि—सर माइ नेम ईज़ रवि शर्मा.

लड़का 3—अबे छिल्के….अंग्रेज की औलाद….हिन्दी मे बोल

रवि—सर, मेरा नाम रवि शर्मा है.

आनवार—और मेरा नाम अनवर अली.

लड़का 1 (हमारी तरफ इशारा करते हुए)—ओये…तुम दोनो भी यहाँ आओ

आयुष—यस सर…मेरा नाम आयुष बघेल है

लड़का 4—घर मे कौन कौन है….?

आयुष—मम्मी, पापा, और दो बड़ी बहने.

लड़का 3—बहनो की शादी हो गयी….?

आयुष—अभी नही.

लेकिन मैं अभी भी समोसा खाने मे ही जुटा रहा…..उनमे से एक लड़का किसी न्यू लड़की के साथ बदज़मीज़ी करने लगा....वो बेचारी एक पैर से विकलांग थी.

 

लड़का 1—क्या नाम है तेरा….?

लड़की—जी शिल्पा साहू.

लड़का 2—चल जल्दी से हम सब को एक एक चुम्मि दे.

शिल्पा—ये क्या बदतमीज़ी है….मैं प्रिन्सिपल को शिकायत करूँगी.

लड़का 1—हाहहाहा…सुना भाई लोगो..ये हमारी शिकायत प्रिन्सिपल से करेगी…? तब तो तुझे बहुत कुछ देना पड़ेगा…अब तो चुम्मि से काम नही चलेगा…

एक लड़के ने उसकी बैसाखी छुड़ा कर दूर फेक दी जिससे वो नीचे गिर गयी…इसके बाद दोनो लड़के उसको उठा कर बाथ रूम की ओर ले जाने लगे.

शिल्पा (रोते हुए)—मुझे छोड़ दो….मैं किसी से कुछ नही कहूँगी.

लड़का 2—ज़रूर छोड़ देंगे…हमे भी तुझसे शादी थोड़ी ना करनी है….बस थोड़ी देर मे तेरा रस चखने के बाद छोड़ देंगे..फिर अपनी लूटी हुई इज़्ज़त की कहानी जिसको चाहे बताना…हाहहाहा

शिल्पा (ज़ोर से रोते हुए)—बचाओ….कोई तो बचाआूऊ…..मेरी मदद करो..कोई तो बचाओ…आआआआ…नहियीईई

लड़का 3—क्यों बे..तू अभी तक उठा नही झान्टू…लगता है तुझे चर्बी चढ़ गयी है…?

राज (उठाते हुए)—हाथ धोकर अभी आता हूँ.

लड़का 4—अबे लौन्डु…उधर जाना माना है अभी….पहले इधर आ.

मैं पलट कर उनके पास जाने लगा..तभी मेरे कानो मे शिल्पा के ज़ोर से चीखने की आवाज़ आई….मैं वापिस बाथरूम की ओर मूड गया.

लड़का 4—अबे म*****द तुझे………….चातत्तटटत्त्ताआक्ककककककक

जैसे उसने मूह से गाली निकली मैने खीच के एक थप्पड़ उसके दाहिने गाल पर धर दिया…..वो धडाम से नीचे गिर गया… कॅंटीन मे एकदम पिंड्रॉप साइलेंट हो गया.

मैं सीधे वहाँ से बाथरूम चला गया…जैसे ही वहाँ पहुचा दोनो उस लड़की पर अपनी ज़ोर आज़माइश करने मे लगे हुए थे…..उसका कुर्ता पूरी तरह से फॅट चुका था…शिल्पा लगातार रोए चिल्लाए जा रही थी…..एक लड़के ने जैसे ही उसकी ब्रा को खिचने के लिए हाथ आगे बढ़ाया वैसे ही…

लड़का 1—आआअहह

हुआ ये कि जैसे ही उसने हाथ आगे किया मैने उसकी कनपटी मे एक लात ज़ोर से मारी जिससे वो सीधे सामने की वॉश बेसिन से जा टकराया…दूसरा लड़का तुरंत खड़ा होकर जैसे ही पलटा…चाआटत्त्ताअक्कककक

लड़का 2—आआआआ….मर गयाआ

लड़का 1—कौन है बे तू बहन ………चाआत्त्ताअक्कककककक…आआअहह

राज—मैं कौन हूँ…ये घर जाकर अपनी बहनो से पूछ लेना…….आस पास के सभी गाओं की लड़किया मुझे बहुत अच्छी तरह से पहचानती हैं.

लड़का 2—तू अब नही बचेगा…तू नही जानता किससे पंगा लिया है तूने…?

वो तेज़ी से मुझे मारने के लिए दौड़ा अपनी जेब से चाकू निकाल कर.....लेकिन जैसे ही वो मेरे पास आया मैने नीचे बैठ कर अक्षय कुमार की स्टाइल मे उसके पैरो मे एक जोरदार किक मारी जिससे वो फर्श पर मूह के बल धडाम से नीचे गिरा....तब तक वहाँ चार पाँच और भी लड़के आ गये चाकू लेकर जिनमे वो दोनो पहले वाले लड़के भी थे.

लड़का 4—मारो साले को.....

लड़का 3—अब तुझे पता चलेगा...तेरी चर्बी उतारते हैं अभी....

राज (हाथ की उंगली घूमाते हुए)—सब के सब वही रुक जाओ.....

‘’कोई गान्डू गान्ड नही हिलाएगा ‘’

मगर वो कहाँ मानने वाले थे….लातों के भूत बातो से थोड़ी मानते हैं…..जब मैने उनको अपनी तरफ आते देखा तो मैने पास मे लगा हुआ
वॉश बेसिन उखाड़ कर एक लड़के के सिर मे ज़ोर से मारा…बेचारे का सिर फॅट गया….वहाँ फर्श मे खून की नदी बहने लगी.

अपने साथी का ये हाल देख कर सभी ठिठक कर खड़े हो गये….अपनी जान सब को प्यारी होती है…..और जब किसी ऐसे पागल ख़ूँख़ार
सांड़ से पाला पड़ जाए तो डरना लाज़िमी है.

फिर भी किसी तरह से हिम्मत बटोर कर एक लड़का आगे बढ़ा लेकिन अंज़ाम उसका भी यही हुआ…मैने उसका सिर भी फोड़ दिया..और उनकी तरफ बढ़ने लगा…लेकिन अब उनमे पास मे आने की हिम्मत टूट चुकी थी मेरा ऐसा ख़तरनाक वहशियाना रूप देख कर.

राज—मैने कहा था ना कि ..

"कोई गान्डू गान्ड नही हिलाएगा’’

लड़का 3—तुझे हम देख लेंगे

राज—इधर आ मादरचोद…..ले देख..देखेगा…

लेकिन जैसे ही मैं उनकी तरफ तेज़ी से बढ़ा तो सभी भाग दिए……अपने साथियो को वही छोड़ कर….तब तक वहाँ कॉलेज की पूरी भीड़ जमा हो चुकी थी….एक कोने मे दीदी मुझे गुस्से से देख रही थी.

मैने अपना शर्ट उतार कर शिल्पा को पहनाया और उसको उठा कर बाहर कॅंटीन मे ले आया….अनवर ने उसकी स्टिक उसको दे दी

शिल्पा (रोते हुए)—आपका बहुत बहुत शुक्रिया…अगर आज आप मेरी इज़्ज़त नही बचाते तो शायद मैं स्यूयिसाइड कर लेती.

राज (धीरे से)—किसने कहा कि तुम्हारी इज़्ज़त बच गयी….मेरी नज़र तो पड़ गयी है उस पर.

लेकिन शायद उसने मेरी बात सुन ली लेकिन कुछ कहा नही…कॅंटीन मे तालियो की गड़गड़ाहट होने लगी…लेकिन मेरी नज़र तो शीतल दीदी पर टिकी हुई थी..जो खा जाने वाली आँखो से मुझे गुस्से से घूर रही थी.

रवि—तूने ये ठीक नही किया राज…..वो सब ठाकुर साहब के आदमी हैं…अब पंगा बढ़ेगा.

राज—ये सब लुल्ली झान्ट बराबर हैं…तू चिंता मत कर…इनमे से कोई गान्डू गान्ड नही हिलाएगा.

तभी मुझे याद आया कि आज मैने लाला की छोटी बहू सरला को चोदने के लिए बुलाया है खेत वाले बगीचे मे.....मैं तुरंत वहाँ से खिसक लिया एक नयी बुर मे लंड पेलने.
 
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