Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - Page 35 - SexBaba
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Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही

उसने मुझे देखा ऑर फिर से बुक को अपने फेस के आगे रखने लगी लेकिन जब उसने देखा कि मैं
टी-शर्ट पहन चुका हूँ तो उसने एक बार मेरी तरफ देखा ऑर अपना ध्यान बुक की तरफ किया ऑर
नज़रे झुका कर स्टडी करने लगी,,,,

मैने वहाँ से कुछ कपड़े लिए ऑर नीचे मामा के रूम मे आके शवर लेके सो गया,,,आज जल्दी सोना
था लेकिन मैं लेट हो गया था,,सुबह जल्दी जो उठना था,,,कल से एग्ज़ॅम शुरू होने वाले थे,,,ऑर
कल पहला एग्ज़ॅम था,,,,मैं शवर लेके जल्दी से सो गया,,,,

नेक्स्ट डे कॉलेज से एग्ज़ॅम देके वापिस घर आया ऑर मामा के रूम मे बैठ कर अगले एग्ज़ॅम की तैयारी
करने लगा,,,तभी मुझे बाहर बेल बजने की आवाज़ सुनाई दी लेकिन मैं बाहर नही गया क्यूकी बाहर
माँ थी वो दरवाजा खोल देती,,,,,

तभी कुछ देर बाद माँ जल्दी से मेरे रूम मे आई,,, ऑर ज़ोर से बोलने लगी,,,,

तूने कुछ ग़लत काम किया है क्या सन्नी,,,,,

मैं तो एक दम से डर गया क्यूकी माँ बड़ी घबराई हुई थी,,,उनको पसीना भी काफ़ी आया हुआ था,,

मैं उनकी बात सुनके एक दम से चौंक गया ऑर कुछ नही बोल पाया,,,,तभी वो फिर से बोली,,,तूने
कुछ ग़लत काम किया है क्या सन्नी,,,,,

नही माँ मैने कुछ ग़लत काम नही किया,,लेकिन आप ऐसे क्यूँ पूछ रही हो ऑर इतना घबरा क्यूँ
रही हो,,,

तूने कोई ग़लत कम नही किया तो बाहर पोलीस क्यूँ आई है ऑर तेरे बारे मे क्यू पूछ रही है,,

पोलीस????? हमारे घर मे,,,,

हाँ हमारे घर मे ऑर नही तो क्या पड़ोसी के घर मे,,,,बोल क्या किया है तूने,,,,

माँ मेरे से पूछ रही थी लेकिन मैं कुछ नही बोला ऑर रूम से बाहर निकल आया ,,जब सामने
देखा तो दरवाजे पर इनस्पेक्टर ख़ान थे,,,,मैं एक दम से हँसने लगा अपनी माँ की हालत पे,,

मैं आगे बढ़ कर ख़ान भाई के पास गया ऑर उनसे हाथ मिलाके गले लग गया,,,,,

सलाम ख़ान भाई,,,

वालेकुम सलाम, सन्नी,,,,कैसे हो सन्नी ,,,,

मैं तो ठीक हूँ लेकिन आप आज मेरे घर कैसे,,,,ख़ैरियत तो है ख़ान भाई

कुछ नही बस इधर से गुजर रहा था तो सोचा एक बार मिल लूँ तेरे से,,,क्यूँ मैं तेरे से मिलने
नही आ सकता क्या,,,

ऐसी बात नही है ख़ान भाई बस आपको देख कर माँ थोड़ा डर गई थी,,,,ऑर मुझपे पर शक करने
लगी थी,,,,

ख़ान भाई मेरी बात सुनके हँसने लगे,,,,,ये पोलीस की वर्दी चीज़ ही ऐसी है पहले सिर्फ़ गुंडे डरते
थे लेकिन आज कल आम आदमी भी डरने लगा है,,,पता नही क्या होगा,,,

कुछ नही होगा ख़ान भाई कुछ लोगो ने इसका ग़लत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है इसलिए आम आदमी
भी आज कल गुंडे से ज़्यादा पोलीस से डरता है,,,,आप छोड़ो इन बातों को ऑर अंदर आओ,,,,

मैने ख़ान भाई को अपने साथ मामा के रूम मे ले गया,,,,

आप ऐसे ही मुझसे मिलने नही आए होगे ख़ान भाई ज़रूर कुछ बात होगी,,,

तुमको ऐसा क्यूँ लगा सन्नी,,,,मैं तो तुमसे ऐसे ही मिलने चला आया,,,

नही ख़ान भाई मैं जानता हूँ आप ऐसे ही नही आए कुछ बात करने आए होगे पक्का,,,,पोलीस
किसी के पास ऐसे ही नही जाती,,,

सही बोला सन्नी,,,मैं बस तेरे से पूछने आया था कि अब आगे क्या करना है,,,प्लान क्या है आगे
का,,

प्लान बहुत सिंपल है ख़ान भाई,,,बस उसके लिए मुझे एक बार सुमित से मिलना होगा,,कहाँ है
सुमित,,,,

सुमित उन्ही लोगो के पास है सन्नी जो तेरे कॉलेज मे आए थे,,,,

क्या सुमित उन गुन्डो के पास है,,,,मैने हैरान होते हुए बोला ,,लेकिन अपने तो बोला था उसको
किसी सेफ जगह रखने के लिए,,,,

ख़ान भाई हँसने लगे,,,,सन्नी वो गुंडे नही थे,,पोलीस वाले थे,,,वो लोग स्पेशल ब्रांच के लोग
थे ऑर ऐसे लोग गुंडे से कम नही होते,,,वो मेरे दोस्त है ऑर मेरे साथ इसी केस पर काम कर
रहे है,,,

ओह्ह अच्छा ,,लेकिन उन लोगो ने तो बहुत बुरी तरह से मारा था सुरेश ओर उसके दोस्तों को,,

सन्नी ये स्पेशल ब्रांच के लोग बहुत बुरी मार मारते है,,,पत्थर भी मुँह खोलने लगता है इनके
सामने,,,,अच्छा वैसे तुमको अब सुमित से क्यूँ मिलना है,,,

मुझे कुछ काम है उस से ,,,उस से एक बार मिलना होगा तभी प्लान आगे बढ़ पाएगा,,,,

ठीक है तो चलो अभी मिलवा देता हूँ,,,लेकिन मैं तुमको वहाँ नही लेके जाउन्गा,,,अगर किसी
ने तुमको मेरे साथ देख लिया तो पंगा होगा,,,

पंगा कैसा पंगा,,अभी भी तो आप मेरे घर पे आए हो अगर अभी कोई आप को आते देख लेता तो
क्या होता,,,,

अभी तो मैं बोल सकता हूँ कि मैं तुमसे कॉलेज की फाइट के बारे मे पूछ ताछ करने आया हूँ
लेकिन वहाँ जाते अगर किसी ने देख लिया तो मैं कुछ नही कह पाउन्गा,,,,

तो मैं वहाँ कैसे जाउन्गा,,,,

तभी ख़ान भाई ने अपने सेल से किसी को फोन किया ओर मुझे साथ लेके अपनी ज़ीप मे शहर से
डोर की तरफ चल पड़े,,,,हम लोग शहर से काफ़ी डोर आ गये थे,,ये जगह काफ़ी सुनसान थी तभी
ख़ान भाई ने एक कार के पास ज़ीप को रोक दिया ओर उतार कर कार की तरफ चलने लगे साथ मे मुझे
भी अपने साथ ले गये,,,

ख़ान भाई ने कार का अगला दरवाजा खोला ऑर मैं कार की अगली सीट पर बैठ गया ,,उसमे एक सरदार आदमी
बैठा हुआ था,,बड़ी बड़ी मुन्छे ,,बड़ी दाढ़ी,,,हटा कट्टा था एक दम पहलवान के जैसा,,,ख़ान
भाई ने मुझे अगली सीट पर बिठा दिया ऑर खुद पीछे वाली सीट पर बैठ गये,,,,

कार मे ब्लॅक काँच लगा हुआ था जिस से मैं बाहर तो देख सकता था लेकिन बाहर वाला कोई भी आदमी
कार के अंदर नही देख सकता था,,,,,

इस लड़के को अपने साथ ले जाओ ऑर दूसरे लड़के से मिलवा दो,,,ख़ान भाई ने इतना बोला ही था कि उस आदमी
ने अपनी जेब से एक कपड़े की पट्टी निकाली ऑर मेरी आँखों पर बाँधने लगा,,,तभी ख़ान भाई ने उसको
रोक दिया,,,,इसकी कोई ज़रूरत नही है,,,इस लड़के पर तुम उतना ही यकीन कर सकते हो जितना मुझ पर

ख़ान भाई ने इतना बोला तो उस आदमी ने पट्टी को वापिस अपनी जेब मे डाल लिया ऑर तभी ख़ान भाई भी
कार से उतर गये ऑर अपनी ज़ीप की तरफ चल पड़े,,,उस आदमी ने भी कार अपने रास्ते चलानी शुरू करदी
ऑर पता नही किन रस्तो से होता हुआ कहीं दूर बसी एक झोपड़-पट्टी के पास आके कार रोक दी,,,

फिर वो कार से उतरने लगा ऑर मेरे से बोला,,,,

ए लड़के तेरे पास रुमाल है क्या,,,,मैं कुछ नही बोला बस हाँ मे सर हिला दिया,,,,

ठीक है रुमाल को अपने फेस पर बाँध ले,,मैने भी जल्दी से पॉकेट से रुमाल निकाला ऑर अपने फेस
पर बाँध लिया ऑर फिर वो आदमी कार से उतरा ऑर मुझे भी उतरने को बोला,,फिर वो मुझे झोपड़-पट्टी
के अंदर तंग गलियों मे पता नही किधर किधर से एक घर मे ले आया,,,उसने घर के दरवाजे पर
नॉक किया ऑर दरवाजे के बीच मे से एक छोटी सी खिड़की खुली ऑर अंदर से एक आदमी ने बाहर देखा
ऑर दरवाजा खोल दिया,,मैं भी घर के अंदर चला गया,,,,घर के अंदर 2-3 लोग ऑर थे,,तभी वो
सरदार आदमी जो मेरे साथ आया था उसने अपनी दाढ़ी निकालनी शुरू की ऑर कुछ देर मे अपने असली रूप
मे आ गया,,मैं तो उसको देख कर दंग रह गया ये तो वही आदमी था जो उस दिन कॉलेज मे आया था

उसने मेरी तरफ एक बार देखा ऑर मुझे एक कमरे की तरफ इशारा किया जिसको बाहर से बंद किया हुआ
था ,,,मैं उस दरवाजे के पास गया ऑर दरवाजा खोलके अंदर चला गया,,,तभी सामने बेड पर सुमित
लेटा हुआ था,,,,वो मुझे देख कर एक दम से खुश हो गया ऑर उठकर मेरे गले लग गया,,,,

भाई ये कहाँ फसा दिया अपने मुझे,,,ये लोग मुझे रूम से निकलने ही नही देते ,,,,

अच्छी बात है नही निकलने देते इसी मे तेरी भलाई है,,,,बाहर अमित तुझे पागल कुत्ते की तरह तलाश
कर रहा है,,,शूकर मना छुपने की कोई जगह मिल गई तुझे,,,,अमित का नाम सुनके वो थोड़ा
डर गया,,,,

लेकिन भाई ये लोग बाहर भी नही जाने देते रूम से,,बैठा बैठा बोर हो गया हूँ मैं,,

क्यूँ बोर क्यू हो गया सब तो है तेरे पास ,,मैं रूम मे पड़े टीवी की तरफ इशारा किया जिसके साथ
डीवीडी प्लेयर भी पड़ा हुआ था,,,साथ मे टेबल पर शराब की बॉटल ऑर सिगरेट भी पड़ी हुई थी,,,इतना
सब कुछ है फिर क्यूँ बोर होता है तू,,,

भाई ये टीवी की बात कर रहे हो इसमे कुछ नही आता,,सुबह शाम वही बकवास शो आते रहते है,,ये
तो शूकर हो मेरा समान मिल जाता है मुझे वर्ना रहना मुश्किल हो जाता ,,इसी के सहारे कुछ मस्ती
कर लेता हूँ मैं,,,,

मुझे पता था तुझे मस्ती करनी है इसलिए मैं भी तेरे लिए कुछ मस्ती का समान लेके आया हूँ
तभी मैने बॅग से एक प्लास्टिक का छोटा बॅग निकाला ऑर उसको दे दिया जिसमे कुछ डीवीडी थी,,,

ये क्या है भाई,,,,,,,,

वही मस्ती का समान,,,,

मतलब वो वाली मूवीस,,,,,सुमित खुश हो गया,,,,भाई सच मे तू कितना ख़याल रखता है मेरा,,पहले
उन कमिनो से बदला लेने मे इतनी हेल्प की अब मस्ती के लिए ये सब ले आया तू,,,,इतना बोलकर वो मेरे
गले लग गया,,,,

ये ले इसको देख ऑर मस्ती कर,,ऑर हां याद रखना इस्पे कोई निशान नही पड़ने पाए ये मेरी फ़ेवरेट
मूवीस है,,,ध्यान से रखना इनको,,,मैने वो डीवीडी उसको दी ऑर उसको बोला कि मैं कुछ दिनो बाद
फिर आउन्गा ,,जब तक माहौल ठंडा नही हो जाता मैने उसको वहीं रुकने को बोला,,,फिर मैं वहाँ
से चल पड़ा ऑर वही आदमी सरदार के रूप मे मुझे वापिस मेरे घर तक छोड़ने आया लेकिन उसने
मुझे मेरे घर से काफ़ी पीछे ही कार से उतार दिया था,,,


आज मैं अपने प्लान के एक कदम ऑर करीब चला गया था,,
 
घर पहुँचा तो रात हो चुकी थी,,,उन लोगो ने सुमित को शहर से बहुत दूर रखा हुआ था इसलिए
घर आने मे इतना टाइम हो गया,,,,मैं घर आया तो डिन्नर लग गया था ,,मैं भी आके डाइनिंग टेबल पर
बैठ गया,,


डॅड,,,वो पोलीस वाला क्या करने आया था आज घर मे ,,,

डॅड ने इतना बोला ही था कि मैने मा की तरफ देखा तो माँ ने अपना सर झुका लिया,,,

कुछ नही डॅड वो मेरे दोस्त थे ,,,

तेरे दोस्त,,,,पोलीस वालों से कब्से दोस्ती करने लगा तू,,,,

दरअसल वो मेरे नही कविता के भाई सूरज के दोस्त थे मैं उनको उन्ही के ऑफीस मे मिला था,,,बस
इधर से गुजर रहे थे तो मिलने आ गये,,,,,

अच्छा तो फिर तू उनके साथ कहाँ गया था जो इतनी लेट घर आया,,,,

वो तो मुझे थोड़ा काम था इसलिए करण के घर जाना था तो ख़ान भाई ने बोला कि वो मुझे छोड़
देंगे करण के घर इसलिए मैं उनके साथ चला गया,,ऑर अभी करण मुझे ड्रॉप करके गया है,,,,
यकीन नही तो फोन करके पूछ 'लो....

तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,हाँ हाँ डॅड फोन करके पूछ लो करण से मुझे तो लगता है ये झूठ
बोल रहा है पक्का कोई ग़लत काम किया होगा इसने तभी तो पोलीस घर आई थी आज,,,,मैने उसकी तरफ
देखा तो समझ गया कि ये बात वो मज़ाक मे बोल रही थी,,लेकिन मेरे देखते ही वो चुप चाप खाना
खाने लगी,,,,,

तू अपनी बोलती बंद ही रख समझी,,,,मैं कोई ग़लत काम नही करता,,ऑर मेरे मामले मे बोलने की कोई
ज़रूरत नही तुझे,,,,,

मुझे भी शॉंक नही तेरे मामले मे टाँग लड़ाने का मैं तो इसलिए बोल रही थी कि आज तक इस घर
मे कभी पोलीस नही आई ऑर आज तेरी वजह से आई,,,

तो इसका मतलब मैने कुछ ग़लत किया क्या,,,

हाँ किया होगा मुझे क्या पता तू है ही ग़लत इंसान ,,,,मैं ऑर सोनिया फाइट करने लगे तभी डॅड
बीच मे बोल पड़े ऑर वो भी गुस्से से,,,

लगता है तुम दोनो की फाइट अभी तक ख़तम नही हुई,,,जब देखो बच्चों की तरह लड़ते रहते हो
कुछ तो शरम करो कितने बड़े हो गये हो अब,,,,डॅड इतना गुस्से से बोले कि मैं ओर सोनिया दोनो
डर गये,,,,माँ भी थोड़ा सहम गई,,,,

तभी मैने डॅड का गुस्सा कम करने के लिए बोला,,,,डॅड हम लोग लड़ थोड़ी रहे थे हम लोग तो
मज़ाक कर रहे थे जैसे अक्सर करते है,,,,मेरी बात सुनके सोनिया ने भी मेरी बात मे अपनी बात
मिला दी,,,हाँ डॅड हम दोनो तो मज़ाक कर रहे थे,,,,,

अच्छा ये मज़ाक था,,,तुम दोनो मे कोई फाइट नही चल रही क्या,,,,,डॅड ने ये बात भी गुस्से मे बोली

हम दोनो एक साथ बोल पड़े,,नही डॅड हम दोनो मे कोई फाइट नही चल रही ,,सब नॉर्मल है हम
तो मज़ाक करते है फाइट करने का,,,,

अच्छा अगर फाइट नही चल रही तो तुम दोनो आज अपने रूम मे सोना,,,जैसे पहले सोते थे,,,डॅड
ने इतना सब ऐसे बोला जैसे अपना हुकम सुना रहे हो,,,,

सोनिया मेरी तरफ देख कर डर गई लेकिन मैं उस से भी ज़्यादा डर गया,,,उस से तो खाना खाया जा
रहा था लेकिन मेरे से तो एक नीवाला भी अंदर नही निगला जा रहा था,,,

खैर ऐसे तैसे डिन्नर ख़तम हुआ ,,,मोम डॅड अपने रूम मे जाने लगे जबकि मैं ऑर सोनिया उपर की
तरफ,,,,,,,,,,तभी हम दोनो को पीछे से आवाज़ आई,,,,,तुम चलो मैं अभी आता हूँ तुम दोनो के
रूम मे कॉफी देने के लिए,,,साथ मे बैठ कर स्टडी जो करनी है तुम दोनो ने,,

ओके तो ये डॅड का प्लान था ताकि मेरी ऑर सोनिया की फाइट ख़तम हो जाए ऑर सोनिया मुझे स्टडी मे हेल्प
करे जैसे वो हर बार करती थी एग्ज़ॅम के दिनो मे,,,,

मैं ऑर सोनिया उपर गये सोनिया अपने बेड पर बैठ गई ऑर मैं अपने बेड पर,,तभी कुछ देर बाद
डॅड आए ऑर हम लोगो के लिए कॉफी लेके आए,,,,ये लो कॉफी पियो ऑर अच्छे से स्टडी करो दोनो भाई
बेहन मिलकर,,,,एक दूसरे की हेल्प करो स्टडी मे ऑर फाइट बिल्कुल नही करना,,,,,,,डॅड के सामने तो
मैं ऑर सोनिया ऐसे नाटक कर रहे थे जैसे हम कितने शरीफ है ऑर चुप चाप बैठे रहे लेकिन
डॅड के जाते ही सोनिया मुझे गुस्से से देखने लगी,,,,

ऐसी मत घूर मुझे,,,,,मुझे कोई शॉंक नही इस रूम मे सोने का,,,वो भी तेरे जैसे पागल के साथ
इतना बोलकर मैने अपना बॅग उठया ऑर साथ मे कॉफी का कप ऑर रूम से बाहर निकल कर साथ वाले
शोबा के रूम मे चला गया,,नीचे मामा के रूम मे जाता तो डॅड को पता चल जाता इसलिए शोबा
के रूम मे आके स्टडी करने लगा,,,,,फिर स्टडी करते हुए कब नींद आ गई पता ही नही चला,,,,

अगले दिन कॉलेज से छुट्टी थी इसलिए डॅड की कार लेके करण को साथ लेके शॉपिंग करने चला गया,,करण
को फोन करके मैने अपने घर पे बुला लिया था क्यूकी अगर खुद उसके घर जाता तो अलका ऑर शिखा
ने मुझे बिना चुदाई के जाने नही देना था,,,,,

शॉपिंग करके जब मैं ऑर करण वापिस घर आने क लिए कार मे बैठने लगे तभी मेरे शोल्डर पर
किस ने हाथ रखा ,,,मैने पीछे मूड के देखा तो एक आदमी ब्लॅक कलर की यूनिफॉर्म मे हाथ मे
एके47 लेके खड़ा हुआ था,,,,,

सुनिए सर,,,आपका नामा सन्नी है,,,,,वो बड़ी तमीज़ ऑर प्यार से बोला,,,,

जी मेरा नाम सन्नी है ,,,मैने भी बड़े प्यार से उसकी बात का जवाब दिया,,,बोलो क्या काम है

आपको हमारे सर बुला रहे है,,,,उसने इतना बोला ऑर मुझे एक कार की तरफ इशारा किया,,मैने देखा
कि वो लाल बत्ती वाली कार थी,,,,मैं उसके साथ चलके कार के पास चला गया,,,,

जैसे ही मैं कार के पास पहुँचा तो कार का शिक्षा नीचे होने लगा,,ऑर अंदर बैठा हुआ था
सुरेश का बाप ऑर साथ मे थी रितिका,,,,,

रितिका ने मुझे देखा ऑर नज़रे झुका ली,,,,

हेलो सर,,,,,मैने सुरेश के बाप को हेलो बोला ,,,,

हेलो बेटा,,हाउ आर यू,,,,

उसका बाप बोल तो बड़े प्यार से रहा था लेकिन फिर भी मुझे उसके बात करने का अंदाज़ ठीक नही
लग रहा था,,,,

आइएम फाइन सर,,हाउ आर यू,,,

मैं भी ठीक हूँ बेटा,,,,

तभी रितिका ने ने मुझे ही बोला तो मैने भी उसको हाई बोला,,,,उसके बाद उसने कोई बात नही की,,,हाई
भी उसने अपने बाप की वजह से बोला था शायद,,,,

अपने मुझे बुलाया क्यूँ था सर,,कोई काम था क्या,,,

हाँ सन्नी बेटा,,,मुझे तुमसे सुरेश के बारे मे बात करनी थी,,,,उस दिन जो फाइट हुई तुम लोगो के
कॉलेज मे उसके बारे मे कुछ जान-ना था तुमसे,,,,ऑर ख़ासकर सुमित के बारे मे,,,,सुमित का नाम
उसने थोड़े गुस्से से लिया था,,,

जी क्या पूछना है ,,,,,पूछ लीजिए,,,,

यहाँ नही घर चलो फिर बात करते है,,,उसने मुझे कार के अंदर आने का इशारा किया,,,ऑर उसने
इशारा ऐसे किया जैसे मुझे ऑर्डर दे रहा था,,,

नही सर अभी नही,,,अभी मैं थोड़ा बिज़ी हूँ ,,मुझे शॉपिंग करनी है,,,,ऑर वहाँ मेरा दोस्त मेरा
वेट कर रहा है,,,,जब फ्री होता हूँ तो बात करता हूँ ,,

उसका बाप थोड़ा चिड़ते हुए,,,,,कोई बात नही बेटा करो शॉपिंग,,,बात फिर कभी कर लेंगे,,मैं
तुमको कॉल कर दूँगा घर चले आना,,,,अभी मुझे भी थोड़ा काम है,,,

ओके सर तो मैं चलता हूँ,,,फिर बात होगी,,,,इतना बोलकर मैने उनसे अलविदा ली ऑर करण की तरफ
चल पड़ा,,
 
फिर मैं ऑर करण घर की तरफ चल पड़े,,,,रास्ते मे ही बारिश शुरू हो गई थी,,

करण भाई ये क्या कर रहा था यहाँ,,,,क्या कोई प्रोबलम है,,,,

अरे नही भाई इसको वही कॉलेज के पंगे के बारे मे जानकारी चाहिए थी,,,,मुझसे बोल रहा था
सुमित के बारे मे भी कुछ पूछना है,,,,,

मेरी बात सुनके करण हँसने लगा,,,,भाई ये सब तो ठीक है लेकिन अगर घर बुला कर इन लोगो ने कोई
पंगा किया तो,,,तुम मुझे भी साथ लेके चलना,,,,

अबे नही कोई पंगा नही होगा मैं जानता हूँ, ऑर वैसे अकेले गया तो शायद पंगा नही होगा लेकिन
अगर तुझे साथ लेके गया तो पंगा पक्का होगा,,,,देखा नही उसका बाप तुझे कितने गुस्से से घूर
राह था,,,,शायद उसको तेरे ऑर रितिका के बारे मे पता लग गया होगा,,,,

पता लगता है तो लगने दो,,मैं कोई डरता हूँ उस से,,,ऑर वैसे भी मुझे डर तब होगा जब रितिका
मेरे साथ नही होगी,,,,अब तो वो मेरे साथ है मुझे किसी का डर नही,,,,

क्या मतलब,,,,,

मतलब ये भाई कि मैं ऑर रितिका शादी करना चाहते है,,,,

अरे बाप रे,,ये क्या बोल रहा है तू,,,,क्या सच मे तू रितिका से शादी करेगा,,,,

मैं ही नही भाई वो भी मुझसे शादी करने को तैयार है,,,बस डर लगता है उसको अपने बाप से बात
करने मे,,,ऑर मेरी तो गान्ड फॅट जाती है उसके बाप का नाम सुनते ही,,,

चल कोई बात नही जब होनी होगी शादी हो जाएगी,,,,अभी तू कॉलेज मे है स्टडी पर ध्यान दे,,बाकी
टाइम पर छोड़ दे सब,,,,वैसे अगर तुम दोनो तैयार हो तो कोई नही रोक सकता तुम दोनो को शादी
करने से,,,,,

जनता हूँ भाई लेकिन उसका बाप बहुत पॉवेरफ़ुल्ल इंसान है,,,,उसके आगे मेरा क्या ज़ोर,,,

रितिका अगर तेरे साथ है तो डर मत,,,,जो भी होगा ठीक ही होगा,,,ज़्यादा टेन्षन मत ले,,,

ऐसे ही बातें करते हुए मैने करण को उसके घर ड्रॉप कर दिया,,,उसका बाइक तो मेरे घर पर था
लेकिन बारिश की वजह से उसका मूड बहुत मस्त हो गया था,,,वो घर जाके माँ ऑर बेहन के साथ
मस्ती करना चाहता था,,,,

मैने उसको उसके घर ड्रॉप किया ऑर खुद जल्दी से अपने घर की तरफ चल पड़ा क्यूकी मुझे भी घर जाके बारिश
मे एंजाय करना था,,,,

मैं घर पहुँचा ऑर जल्दी से कार से निकल कर घर के अंदर गया,,,बेल बजाने पर माँ ने दरवाजा
खोला तो मैं जल्दी से भाग कर उपर छत की तरफ जाने लगा,,,,माँ भी समझ गई कि मैं बारिश मे
भीगने के लिए छत पर जा रहा हूँ इसलिए माँ ने भी मुझे नही रोका,,,क्यूकी मैं रुकने वाला
भी नही था,,,मैने सीडियों मे भागते हुए ही अपने जूते निकाल दिए थे ऑर नंगे पैर जल्दी से
छत पर पहुँच गया लेकिन छत पर जाते ही मुझे एक झटका लगा,,छत पर जो दरवाजा था उसपे लॉक
लगा हुआ था,,,,मैं जल्दी से हल्के गुस्से से नीचे या,,,

माँ सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी,,,,,माँ ये उपर छत वाले दरवाजे को लॉक क्यूँ किया है,,,,

बेटा बारिश की वजह से,,,सोनिया भी बारिश मे भीगने की ज़िद कर रही थी,,अभी तो बीमार हुई थी
कुछ दिन पहले अब फिर से बीमार नही हो जाए इसलिए उसको रोकने के लिए मैने छत पर लॉक लगा
दिया था,,,,

अच्छा उसको रोक लो तुम लेकिन मुझे चाबी दो मुझे उपर जाना है,,,,

नही तुझे भी चाबी नही मिलने वाली,,,तुझे जाने दूँगी तो वो मेरे से झगड़ा करेगी,,,,

ठीक है मत दो चाबी मैं बाहर चला जाता हूँ,,,मैं घर के मेन दरवाजे के पास गया ऑर देखा कि
दरवाजा भी लॉक था,,,,

माँ पीछे से हँसने लगी,,,,,यहाँ भी लॉक लगा हुआ है बेटा,,,,सोनिया बाहर नही आ जाए इसलिए लॉक लगा
दिया था यहाँ भी,,,


माँ चालक थी लेकिन मैं माँ से भी चालाक था,,,मैं जल्दी से घर के पीछे वाले दरवाजे पर
चला गया जो पीछे की तरफ गार्डन मे खुलता था,,,,माँ समझ गई मैं पीछे वाले दरवाजे की तरफ
जा रहा हूँ तभी माँ भाग कर आगे आई मुझे रोकने के लिए लेकिन तब तक मैं दरवाजे से बाहर
चला गया ऑर बाहर जाके दरवाजे की कुण्डी लगा दी,,,

फिर गार्डन की घास पर नंगे पैर बारिश का लुफ्त उठाने लगा,,,,बारिश बहुत तेज हो गई थी,,उसकी
बूँदें बहुत तेज चोट कर रही थी बदन पर लेकिन फिर भी बारिश मे भीगने के बहुत मज़ा आ
रहा था मुझे,,,,मैने जल्दी से अपनी टी-शर्ट भी निकाल दी ऑर बारिश को फुल एंजाय करने लगा,,तभी
मेरा ध्यान गया उपर की तरफ,,उपर खिड़की पर सोनिया खड़ी हुई थी,,वो शोबा के रूम मे थी जिसकी
विंडो पीछे के गर्दन की तरफ थी,,,,,वो बारिश मे भीग तो नही सकती थी लेकिन बारिश को देख
कर ही एंजाय कर रही थी,,,वो बड़ी मायूस उदास ऑर गुम सूम खड़ी हुई थी,,,मुझसे उसकी हालत
देखी नही जा रही थी,,,,क्यूकी वो बारिश मे एंजाय करती हुई अच्छी लगती थी,,,ऐसे उदास खड़ी हुई नही,,,

उसका ध्यान मेरी तरफ था वो मुझे एक टक देखती जा रही थी,,मेरा उपर का जिस्म नंगा था,,मैं सिर्फ़
जीन्स मे था,,मैं भी एक टक उसकी तरफ देखने लगा,,,,आज उसकी आँखों मे मुझे गुस्सा नही दिख
रहा था,,,लेकिन अपने लिए प्यार भी नही दिख रहा था,,वो मुझे बड़ी अजीब नज़रो से देख रही थी
लेकिन चेहरे पर एक उदासी थी उसके,,,उसको देख मैं भी उदास हो गया,,फिर सोचने लगा कि अगर हम
दोनो मे हालात पहले जैसे होते तो मैं अभी उसको लेके बाहर गर्दन मे चला आता,,,मुझे माँ
की डाँट की कोई परवाह नही होती ऑर हम दोनो खूब मस्ती करते बारिश मे ,,जैसे पहले करते थे
लेकिन आज वो पहले वाली बात नही थी हम दोनो मे,,,क्या सेक्स ऑर वासना ने मुझे इतना बदल दिया था
कि मैं अपनी ही बेहन से खुल कर मौज मस्ती नही कर सकता था,,,,क्या सिर्फ़ सेक्स ही रह गया था मेरी
लाइफ मे,,,क्या फिर कभी मैं उसके साथ हँस खेल सकूँगा या नही,,,क्या सब कुछ पहले जैसा होगा या
नही,,,,इन्ही सवालो मे मैं इतना गुम हो गया कि बारिश की मस्ती को भूल ही गया,,,ऑर बस एक टक से
उसकी तरफ देखता रहा,,,,लेकिन तभी मुझे एक आइडिया आया सोनिया को गुस्सा दिलवाने का,,,वो मेरी किसी
हरकत से मुस्कुरा तो नही सकती लेकिन कम से कम गुस्सा तो हो ही सकती थी,,उदास होने से उसका गुस्से
मे होना ठीक था मेरे लिए,,,,इसलिए मैं जल्दी से गार्डन की घास पर लेट गया ऑर बच्चों की तरह
बारिश मे खेलने लगा,,जहाँ जहाँ भी बारिश का पानी जमा हुआ था वहाँ मैं अपने हाथों से
ज़ोर से ज़मीन पर मार करने लगा जिस से पानी उपर उछलने लगा,,मैं उसको दिखा रहा था कि मैं
फुल मस्ती कर रहा हूँ ऑर वो उदास होके खड़ी है खिड़की के पास,,,मेरा ये प्लान काम कर गया ऑर
जल्दी ही उसके चेहरे पर गुस्सा झलकने लगा क्यूकी वो भी समझ गई थी कि मैं उसको चिड़ा रहा हूँ
ऑर वो चिडने भी लगी थी,,,,,वो ज़्यादा देर नही रुकी वहाँ पर ऑर वहाँ से चली गई,,गुस्से मे मुझे
घूरती हुई,,,,,,उसके वहाँ से जाने के बाद मैं फिर से अपनी मस्ती करने लगा,,,लेकिन मैं भी ज़्यादा
देर तक मस्ती नही कर सका क्यूकी बारिश जल्दी ही रुक गई थी,,,शायद मैने सोनिया को रुसवा किया था ये
बात बारिश को अच्छी नही लगी इसलिए वो भी मेरे से रुसवा हो गई थी,,,,
 
फिर उस दिन भी कुछ ख़ास नही हुआ,,,मैं डिन्नर के बाद पहले कुछ देर सोनिया के रूम मे रहा
ओर फिर जब माँ ऑर डॅड सो गये तो मैं शोबा के रूम मे जाके सो गया,,मैं जितना टाइम रहा सोनिया
के रूम मे जान भूज कर बारिश वाले सॉंग प्ले करता रहा लॅपटॉप पर ताकि उसको मेरे पर गुस्सा
आता रहे,,,,


अगले दिन भी कॉलेज से छुट्टी थी,,,कुछ खास नही था करने को,,,दाद ऑफीस चले गये थे,,मा
घर पर थी ओर सोनिया भी,,,तभी मा मेरे पास आ गई,,,,,

तूने कहीं जाना तो नही सन्नी बेटा,,माँ ने अंदर आते ही पूछा,,,,

नही माँ मुझे कहीं नही जाना,,,,क्यू माँ कोई काम था क्या,,,

हाँ बेटा काम था एक,,,,

क्या काम था माँ बोलो कर देता हूँ,,,,

बेटा तुझे तो पता है मुझे क्या काम होता है तेरे से लेकिन सोनिया घर पर है तो कुछ नही कर
सकते हम,,,

सोनिया की बात नही माँ वैसे भी मुझ स्टडी करनी है,,,,आज कुछ नही करने को दिल करता,,

जानती थी तू यही बोलेगा इसलिए मैं अलका के घर जा रही हूँ उन लोगो के साथ मस्ती करने,,,तुझे तो
सिर्फ़ बताने आई थी मैं,,,,

अलका का नाम सुनते ही लंड उछालने लगा था मेरा लेकिन मुझे स्टडी करनी थी ,,,कल एग्ज़ॅम जो था,,

फिर माँ वहाँ से चली गई ऑर जाते हुए मुझे नीचे बैठने को बोल गई क्यूकी घर पे कोई नही
था ,,,सोनिया अपने रूम मे थी ऑर स्टडी कर रही थी,,,,मैं नीचे जाके सोफे पर बैठ गया ऑर स्टडी
करने लगा,,लेकिन स्टडी मे कहाँ दिल लगना था मेरा जल्दी ही बोर हो गया ऑर लॅपटॉप पर गेम खेलने
लगा,,,,फिर सोचा कि माँ के साथ ही चला जाता तो मस्ती कर लेता ,,,घर पर बोर तो नही होना पड़ता


तभी कुछ देर बाद बाहर बेल बजी,,मैं ग़मे मे बिज़ी था लेकिन बेल की आवाज़ सुनते ही जल्दी से उठकर
दरवाजा खोलने चला गया लेकिन तभी मेरे पीछे से चलती हुई सोनिया तेज़ी से मेरे से आगे निकल कर
दरवाजे के पास पहुँच गई,,,,

उसने दरवाजा खोला तो सामने कविता थी,,,,इस से पहले कविता अंदर आती या मुझे मिलती या मैं उसको
मिलता सोनिया ने कविता का हाथ पकड़ा ऑर बाहर की तरफ ले गई,,,ऑर फिर दोनो घर के गेट की तरफ चली
गई,,मैं भी दरवाजा बंद करने के लिए बाहर निकला ऑर जाते जाते कविता को आवाज़ लगा दी,,,,,


कहाँ जा रही हो तुम,,,,मैने कविता से पूछा था

तभी सोनिया पीछे मूडी ओर गुस्से से बोली,,,,,,तुझे क्या लेना देना मैं जहाँ भी जाउ,,,

तेरे से नही पूछा मैने तो कविता से पूछा है,,,इतना सुनके वो ओर भी ज़्यादा गुस्से से मुझे देखने
लगी लेकिन कविता मेरे इस मज़ाक से खुश हो गई लेकिन जैसे ही सोनिया ने कविता की तरफ देखा तो कविता
चुप हो गई,,,

सन्नी हमारी एक क्लासमेट का बर्तडे है उसी के लिए गिफ्ट लेने जा रहे है हम लोग,,,ऑर अपने लिए भी
कुछ शॉपिंग करनी है,,,,

कविता अभी मेरे से बात कर ही रही थी कि सोनिया चिड़ते हुए बोली,,,,,,अब चल ना जल्दी से यहाँ बेकार
मे टाइम क्यू बर्बाद कर रही है,,,,,

सोनिया ने इतना बोला कि कविता अक्तिवा पर बैठ गई ऑर आक्टिव स्टार्ट करली ऑर सोनिया पीछे बैठ गई,,,कविता
ने एक बार हंस कर मुझे बाइ बोला ऑर तभी सोनिया ने फिर से उसकी पीठ पर हाथ मारा ऑर उसको चलने
के लिए बोलने लगी,,,कविता ने हंस कर मुझे देखा ऑर वहाँ से चलने लगी,,,

उनके जाने के बाद मैने गेट बंद किया ऑर घर के अंदर जाने लगा तभी मेरा ध्यान उपर आसमान
की तरफ गया,,बहुत बदल हो गये थे,,शायद बारिश होने वाली थी इसलिए मैं जल्दी से अंदर गया ऑर
अपना लॅपटॉप लेके घर के फ्रंट गार्डन मे बैठ गया,,,सोचा जब तक बारिश नही होती तब तक मौसम
का मज़ा लेते है ओर जब बारिश होगी तो लॅपटॉप को अंदर रखके बारिश का मज़ा लेंगे,,,,

लेकिन बारिश नही हुई,,बट मौसम बहुत अवेसम रहा ,,,,मैं 2-3 अवर्स तक बाहर गार्डन मे रहा
ऑर लॅपटॉप पर टाइम पास करता रहा,,,तभी कुछ देर बाद गेट खुला फिर सोनिया ऑर कविता अंदर आ
गई,,,उन दोनो के हाथ मे कुछ गिफ्ट पॅक पकड़े हुए थे ऑर साथ मे काफ़ी समान था,,,लगता है खूब
शॉपिंग करके आई थी दोनो,,,कविता मेरे पास आने लगी थी समान लेके लेकिन सोनिया उसको अपने साथ अंदर
ले गई,,,

मैं वापिस अपने लॅपटॉप पर बिज़ी हो गया,,तभी कुछ देर बाद ज़ोर से बादल गरजने की आवाज़ हुई ऑर
मेरा ध्यान उपर आसमान की तरफ गया लेकिन वहाँ तो 2-2 बिजलियाँ बैठी हुई थी,,,,सोनिया ऑर कविता दोनो
उपर वाले ड्रॉयिंग रूम मे बैठी हुई थी जिसकी खिड़की सामने वाले गार्डन की तरफ थी,,,वो दोनो
शायद कॉफी पी रही थी ऑर बातें कर रही थी साथ साथ मौसम का लुफ्त उठा रही थी,,,लेकिीन मैने
गौर किया कि कविता का ध्यान मेरी तरफ ही था जो बड़ी क़ातिल मुस्कान लिए मेरी तरफ देख रही थी वैसे
देख तो सोनिया भी रही थी लेकिन गुस्से से,,,,,फिर कॉफी ख़तम होने के बाद दोनो उठी ऑर वहाँ से
चली गई,,फिर कुछ देर बाद घर का मेन दरवाजा खुला ऑर कविता बाहर आ गई,,लेकिन सोनिया नही आई


कविता के हाथ मे कुछ समान पकड़ा हुआ था वो गेट की तरफ जा रही थी,,,,ओके बाइ सन्नी,,

अरे ऐसे कैसे बाइ,,,बाइ ऐसे बोलते है क्या,,,,

वो हँसने लगी,,,ऐसे नही तो कैसे बोलते है,,,,

भूल गई इतनी जल्दी,,,अभी कुछ दिन पहले तो बताया था तुझे कि बाइ कैसे बोलते है,,,लगता है फिर
से बताने परेगा,,,,,

वो मेरी बात समझ गई थी ऑर हँसने लगी,,,,,नही मुझे नही सीखनी तेरी वो बेहूदा बाइ श्यीई,,वो
हँसती हुई उपर खिड़की की तरफ देख रही थी,,,,लेकिन सोनिया खिड़की पर नही थी,,,इसलिए वो खुलकर
हँसने लगी थी,,,,,

अच्छा मत सीख लेकिन ये समान तो दिखा मुझे,,,मुझे भी तो पता चले तूने क्या शॉपिंग की है आज,,

वो बड़ी मस्ती से ऑर खुश होते हुए मेरे पास आ गई,,,जैसे नॉर्मल लड़कियाँ अक्सर करती है,,,उनको
अपना शॉपिंग का समान दिखाने मे बड़ा मज़ा आता है,,,फिर चाहे शॉपिंग से कुछ भी अजीब सा
समान क्यूँ ना लेके आई हो,,,,

कविता भी हँसते हुए मेरे पास आ गई ऑर मुझे समान दिखाने के लिए घास पर मेरे पास ही बैठ गई
लेकिन बैठते टाइम उसका ध्यान फिर से उपर गया तो खिड़की मे सोनिया बैठी हुई थी,,,वो पहले तो थोड़ा
डर गई क्यूकी अगर ये मेरे से बात करती तो पक्का था सोनिया इसको गुस्सा होती,,लेकिन शॉपिंग का समान
दिखाने की खुशी मे उसने सोनिया को इग्नोर कर दिया ये बात सोनिया भी समझ गई ऑर जैसे ही कविता ने
समान दिखाना शुरू किया सोनिया गुस्से से वहाँ से चली गई,,,,मैं कविता की इस हरकत से खुश हो
गया,,,,

कविता मुझे समान दिखाने लगी,,,,नये कपड़े थे उसमे,,,कुछ जीन्स थी कुछ टॉप थे,,ऑर सबसे
खूबसूरत थी एक लाइट ब्लू कलर की साड़ी,,जो सबसे अच्छी लगी मुझे,,,,

ये किसके लिए है,,,,,मैं साड़ी को हाथ मे पकड़ा ऑर पूछा,,,,

उसने शरमाते हुए बोला,,,,,मेरे लिए है,,,

तू साड़ी भी पहनती है,,,मैने हैरान होके बोला,,,,,

नही आज तक पहनी नही कभी लेकिन सोच रही हूँ एक बार पहन कर देखु,,भाभी ने बोला था
लेके आने को इसलिए लेके आई,,,,क्यू तुझे अच्छी नही लगती क्या साड़ी,,,,

नही कविता जी ऐसी बात नही है मुझे साड़ी बहुत अच्छी लगती है ऑर ख़ास कर वो लड़की जो साड़ी पहनती
है,,,,,

मैने इतना बोला तो कविता का फेस शरम से लाल हो गया,,,

तुझे साड़ी वाली लड़कियाँ अच्छी लगती है सन्नी,,,,उसने शरमाते हुए बोला,,,,

हाँ बहुत अच्छी लगती है लेकिन उस से भी ज़्यादा अच्छा लगता है मुझे वाइट गुलाब का फूल,,,

कविता खुश हो गई,,,,वो तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता है,,,,,,तुझे भी अच्छा लगता है क्या सन्नी,,

हाँ ना तभी तो एक न्यू वाइट रोज़ का प्लांट लगाया है मैने उस तरफ,,,मैने उंगली से एक तरफ
इशारा करते हुए बोला,,,,

सच मे,,,,वो खुश हो गई,,,,,हमारे घर पर तो नही है,,,भाई को बोला भी था लेकिन भाई सुनता
ही कहाँ है मेरी बात,,,

कोई बात नही तुम यहाँ से ले जाओ,,,,ऑर अपने घर लगा लेना,,,,चलो आओ तुमको दिखाता हूँ वो
प्लांट,,वो बड़ी खुशी से उठी ऑर मेरे साथ चलने लगी,,,उसने अपना सारा समान वहीं पड़ा रहने दिया
ऑर मेरे साथ चल पड़ी लेकिन जाते टाइम वो फिर उपर खिड़की की तरफ देखने लगी,,,

अरे आओ ना ,,क्या हो गया तुमको,,,वाइट रोज़ देखना है कि नही,,,

हां हां देखना है,,अभी आती हूँ,,,इतना बोलकर वो मेरे पास आ गई,,,मैं उसको खिड़की के पास
वाली दीवार के पास ले गया था,,,ऑर एक ट्री के पीछे खड़ा हो गया था,,,

कहाँ है वाइट रोज़ का प्लांट,,उसने मेरे करीब आके बड़ी खुशी से पूछा,,,,

ये रहा ना,,,,,मैं इशारा कर रहा था लेकिन वो ग़लत तरफ देख रही थी,,,

कहाँ है मुझे तो नही दिख रहा ,,वो ज़मीन की तरफ देखते हुए बोल रही थी,,,,,

दिखेगा कैसे,,,तुम ग़लत जगह जो देख रही थी,,,तभी उसने मेरी तरफ देखा ऑर मेरी उंगली थी उसकी
तरफ,,,क्यूकी उसने आज वाइट सूट पहना हुआ था,,,,खुली सी कमीज़ ऑर टाइट सलवार वाला,,,उसकी कमीज़
आगे से किसी फ्रॉक या लहंगे की तरह थी,,काफ़ी खुली हुई थी आगे से,,,ओर साथ मे टाइट चूद्दीदार सलवार
,,,,
 
उसने मेरी उंगली खुद की तरफ देखी तो शरमा गई,,,ऑर प्यार से हँसते हुए बोलने लगी,,,,तेरा नाम
ब्लककी नही फ्लर्टी होना चाहिए था सन्नी,,कितना फ्लर्ट करता है तू,,,

उसने इतना बोला ऑर वापिस पलट कर जाने लगी तभी मैने उसको पकड़ लिया ऑर दीवार के साथ लगा दिया
मैं उसको दीवार के पास इसलिए लेके आया था कि अगर मैं चांस मिलने पर कविता को अपनी बहहों
मे भर लूँ तो उपर से सोनिया हम दोनो को नही देख सके,,,,

मैने उसको पकड़ा ऑर दीवार से लगा दिया,,,,,आप जैसी खूबसूरत लड़की से भला कॉन फ्लर्ट करने की
कोशिश कर सकता है,,,हम कोशिश नही कर रहे ,,,हम तो फ्लर्ट कर रहे है ऑर खुल-म-खुला कर रहे है,,,इतना बोलकर मैं उसके लिप्स की तरफ बड़ा,,,,

सन्नी रुकजा,,,,उसने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे ऑर मुझे रोकने लगी,,,,उसके हाथ तो मुझे रोक
रहे थे लेकिन उसकी तेज हो चुकी साँसे जो उखाड़ने लगी थी बस पल भर मे ,मदहोश हो चुकी
आँखें जो एक ही पल मे नशीली हो गई थी,,उसके लिप्स जो एक दम सूख गये थे मस्ती की वजह से
वो सब चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे थे कि वो मुझे दूर नही बल्कि अपने करीब करना चाहती है ऑर
मैं भी उसके करीब होने लगा,,,मुझे हैरत थी कि अभी मैने उसको हल्के से छुआ था इतने मे ही
वो क़ाबू से बाहर हो गई थी,,,,

मैं उसके लिप्स की तरफ बढ़ने लगा उसकी हार्टबीट ऑर तेज होने लगी,,उसके हाथ जो मेरी चेस्ट पर थे
वो मुझे रोक नही रहे थे,,उसकी ज़ुबान भले मुझे रोक रही थी लेकिन पल-भर मे उसकी ज़ुबान
लड़खड़ाने भी लगी थी,,,सुउन्न्ञनयययी म्मात्त्त कारर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ उसकी आवाज़ से उसकी मद-होशी सॉफ-सॉफ
झलक रही थी,,उसकी तेज हो चुकी साँसे जो उसके बस मे नही थी उसकी हार्टबीट जो इतनी तेज थी कि मेरे
कानों तक उसके दिल की धड़कन सुनाई दे रही थी,,,मैं भी उसकी हरकत देख मस्त हो गया था ऑर मेरे
लिप्स उसके लिप्स की तरफ बढ़ने लगे थे,,अभी मेरे हाथ दीवार की दोनो तरफ थे ऑर वो मेरे हाथों
ऑर दीवार के बीच मे क़ैद थी,,,,,,मेरे लिप्स उसके लिप्स की तरफ बढ़ रहे थे तभी उसके हाथ जो मेरी
चेस्ट पर थे वो हाथ मेरी चेस्ट से उपर उठकर मेरे शोल्डर्स की तरफ बढ़ने लगे थे,,मैं उसकी
इस हरकत से हैरान था वो मुझे रोक रही थी लेकिन अपने करीब आने को उकसा भी रही थी,,मेरे लिप्स
उसके लिप्स से 2-3 इंच दूर थे हम दोनो की तेज ऑर गर्म साँसे एक दूसरे के लिप्स पर महसूस हो
रही थी,,,मेरी आँखें खुली हुई थी ऑर उसकी भी लेकिन जैसे ही मेरे लिप्स उसके लिप्स के करीब हुए ऑर मेरी
नज़रे उसकी नज़रो से मिली तो उसने बड़ी नज़ाकत से शरमाते हुए अपनी आँखें बंद करली ऑर आँखें बंद
होते ही मेरे लिप्स उसके लिप्स से टच हो गये,,,अभी लिप्स से लिप्स टच ही हुए थे कि उसने मेरे लिप्स को
अपने लिप्स मे भर लिया ऑर मेरे से पहले खुद मुझे किस करना शुरू कर दिया उसकी तरफ से किस का
रेस्पॉन्स मिलते ही,,(रेस्पॉन्स क्या मिलना ,,,,रेस्पॉन्स तो मुझे देना था उसको),,,,,जैसे ही मैने उसको
किस का रेस्पॉन्स देना शुरू किया मेरे हाथ दीवार से उठकर उसकी कमर पर आ गये ऑर मैने हल्के
से उसकी कमर की एक तरफ से उसकी कमीज़ को उपर करने की कोशिश की लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़
लिया ऑर अपने लिप्स से मुझे दूर कर दिया,,,,

मैने उसकी तरफ देखा तो वो ना मे सर हिला कर मुझे मना करने लगी ऐसा करने से,,,मैने भी कोई
ज़बरदस्ती नही की ऑर उस से पीछे हो गया,,,ऑर बता दिया कि मैं कुछ नही करूँगा,,मैं उस से दूर
हुआ ऑर पीछे हटके जाने लगा तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अपने करीब कर लिया,,मुझे
उसकी इस हरकत से बड़ा अजीब लगा,,,,उसने मुझे अपने करीब किया ऑर मुझे किस करने लगी,,,मैने
भी उसको किस करना शुरू कर दिया लेकिन अपने हाथ उसके जिस्म पर नही रखे ,,,मैने अपने हाथ वापिस
दीवार पर रख दिए थे,,,काफ़ी देर हम ऐसे ही किस करते रहे ,,,हम दोनो की हालत खराब थी
मेरा तो दिल कर रहा था कि अभी इसकी चुदाई शुरू कर दूं लेकिन मैं ज़ोर ज़बरदस्ती नही करता था


,,,क्यूकी सेक्स का असली मज़ा रज़ामंदी से होता है ना कि ज़ोर ज़बरदस्ती से,,उसके हाथ भी मेरे शोल्डर
पर थे,,,,फिर कुछ देर बाद हम अलग हुए क्यूकी बादल बहुत ज़ोर से गरजे थे,,,,वो डर गई क्यूकी
सोनिया घर पर थी,,,,उसने मेरी तरफ देखा तो मैने उसको फिर से किस करने की कोशिश की तभी उसने
मेरा हाथ पकड़ा ऑर शरमाते हुए अपनी नज़रे झुका कर अपने दूसरे हाथ से अपनी कमीज़ को थोड़ा
उपर किया ऑर अपनी कमर को थोड़ा नंगा कर दिया ऑर मेरे हाथ को अपनी नंगी कमर पर रख दिया
जैसे ही मेरा हाथ उसकी नंगी कमर पर लगा उसके मुँह से अहह निकल गई,,,ऑर साथ ही मेरा
नाम भी सुन्न्ञन्न्नययययययी,,,,,,मैने कमर पर हाथ रखते ही खुद के जिस्म मे तेज झटके महसूस
किए जो काफ़ी तेज थे,,,मुझे एक दम से पता नही क्या हो गया था मैने अपने दूसरे हाथ को उसकी कमर
की दूसरी तरफ किया तो उसने अपनी कमर को दूसरी तरफ से भी थोड़ा नंगा कर दिया ऑर मेरा हाथ उसकी
नंगी कमर पर दोनो तरफ से जकड़ा गया मैने ज़ोर से दोनो तरफ से उसकी कमर को कस्के दबा दिया
जिससे वो एक दम से सिहर गई,,,,उसकी गर्दन एक तरफ मूड गई ऑर उसका जिस्म रह रह कर झटके मारने
लगा,,तभी मैने आग मे आयिल डाल दिया ओर उसकी गर्दन पर अपने लिप्स रख दिए ऑर उसकी गर्दन पर किस
करने लगा मेरे बस इतना करने से उसकी हालत ऑर भी ज़्यादा खराब हो गई उसने जल्दी से अपने हाथ मेरे
सर पर रखे ऑर मुझे दूर करने लगी,,,

रूउक् जाऊओ ससुउन्नयी प्लज़्ज़्ज़ ,,,,अहह सुउन्नययययययययी ,,

उसने मेरे सर को तो दूर कर दिया लेकिन मेरे हाथ अभी भी उसकी कमर पर थे जिसको मैने प्यार से
सहलाना शुरू कर दिया था,,,

सुन्नयययी प्पल्लज़्ज़्ज़ मात्त काऊरर वरर्न्ना म्मूउस्शह्क्किल्ल हहू जाईज्गीइइ,,,,

कुछ मुश्किल नही होगी ,,,सब कुछ आसानी से होगा,,,,,

तभी उसने उपर खिड़की की तरफ देखा ऑर बोला,,,,नही सुउन्नययी म्मूउशह्क्किल्ल्ल हूगगीइइ भूत्त्
ज्जय्याअड्डा म्मूउस्शह्क्किल्ल्ल

मैं उसका इशारा समझ गया वो सोनिया की बात कर रही थी,,,,,लेकिन मुझे अब कोई परवाह नही थी
मैने उसकी बात नही सुनी ऑर अपने लिप्स को उसके लिप्स की तरफ ले गया ऑर फिर से हम दोनो की किस शुरू
हो गई,,,,उसके हाथ एक पल से पहले ही मेरी पीठ पर चले गये,,,मुझे समझ नही आ रहा था इस
लड़की का,,,,कहती कुछ है करती कुछ ऑर है,,,,मुँह से मना कर रही है लेकिन उसके जज़्बात मुझे ऑर
करीब आने को बोल रहे है,,तभी तो किस शुरू होते ही उसके हाथ मेरी पीठ पर चले गये ऑर उसने
किस का रेस्पॉन्स भी देना शुरू कर दिया,,,,अब मैने अगली चाल चली ऑर उसकी कमर को सहलाते हुए
अपने हाथों से उसके पैट को भी सहलाने लगा ऑर जल्दी ही मेरे हाथ उपर बढ़ने लगे उसके बूब्स की
तरफ लेकिन इस से पहले मैं उसके बूब्स की तरफ जाता उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया ऑर मैं एक दम
से पीछे जाके गिरा,,,,मुझे नही लगा था वो ऐसा करेगी एक बार फिर,,,,उसकी हालत से तो लग रहा था
वो तैयार है अब पूरी तरह से मेरे क़ाबू मे है लेकिन एक ही पल मे उसको पता नही क्या हुआ उसने
मुझे धक्का दिया ऑर भाग कर अपने समान की तरफ गई ऑर समान को बॅग्स मे डालने लगी जल्दी
से जबकि मैं खड़ा होके उसकी तरफ देखने लगा,,वो भी मेरी तरफ देख रही थी लेकिन साथ ही उसका
ध्यान उपर खिड़की की तरफ भी था,,,,मैं समझ गया कि ये सोनिया की वजह से डर गई थी,,,उसने जल्दी से
समान प्लास्टिक बॅग्स मे डाला ऑर मुझे एक बार हंस कर देखा ऑर वहाँ से भाग कर गेट की तरफ चली
फिर गेट खोलके अपनी अक्तिवा पर बैठ कर वहाँ से चली गई,,,,,जब तक मैं गेट तक पहुँचा वो
वहाँ से जा चुकी थी,,,,,,मैने गेट बंद किया ऑर पलट कर खिड़की की तरफ देखा तो सोनिया वहाँ नही
थी,,,,,,,,शूकर है वो वहाँ नही थी क्यूकी अगर उसको ज़रा सा भी शक हो जाता तो पता नही क्या करती
वो,,मेरा तो ठीक था लेकिन कविता के साथ क्या होता,,,,मुझे भी ये सोच कर डर लगने लगा,,,,उस टाइम
तो मैं मस्ती मे पागल हो गया था ऑर कुछ सोचने समझने की हालत मे नही था लेकिन अब सोच सोच
कर डर लगने लगा था कि अगर कविता का डर सही साबित हो जाता तो,,,,,,,,,अगर सोनिया हमे देख लेती
तो,,,यही सोच सोच कर डर लगने लगा मुझे,,,,,मौसम इतना अच्छा था लेकिन अब क्या फ़ायदा,,अब तो
डर से अंदर की दुनिया वीरान हो गई थी,,,,

सुबह डाइनिंग टेबल पर हम सब साथ थे,,,मैं,, सोनिया,,मोम,,डॅड,,,,,

सोनिया=== डॅड मेरे बाथरूम का शवर ऑर टॅब्स ठीक से काम नही कर रही आप किसी को बोलकर
ठीक करवा दो प्ल्ज़्ज़

डॅड===ये सन्नी है ना इसको बोल दे ये ठीक कर देगा,,,पहले भी तो कर देता था,,,आख़िर वो रूम
ऑर उसका बाथरूम तेरे साथ इसका भी तो है,,,

सोनिया गुस्से से मुझे घूरती हुई===डॅड इसको बोला था इसने कोशिश भी करली लेकिन कुछ फ़ायदा नही
हुआ इसलिए आपको बोल रही हूँ,,,,

मैने हंस कर उसकी तरफ देखा कि वो कितने मासूम चेहरा बना कर झूठ बोल लेती थी ऑर किसी को
पता भी नही चलता था,,

इस से पहले की मैं कुछ बोलता डॅड बोल पड़े,,,,,ठीक है मैं किसी को बुलवा कर सब ठीक करवा
दूँगा,,,,,वो सब तो मैं ठीक करवा दूँगा पहले ये बताओ कि एग्ज़ॅम कैसे चल रहे है,,,,

डॅड ने ये बात मेरे से पूछी थी लेकिन जवाब दिया सोनिया ने,,,

सोनिया== डॅड अभी तो एक ही एग्ज़ॅम हुआ है,,वैसे बहुत अच्छा हुआ मेरा एग्ज़ॅम,,,वो बड़ी खुश होके
बोल रही थी,,,,

डॅड== ऑर तुम सूनाओ सन्नी तुम्हारा एग्ज़ॅम कैसा हुआ,,,ऑर आगे के एग्ज़ॅम की तैयारियाँ कैसी चल रही है

डॅड के सवाल से मैं एक दम से थोडा सहम गया क्यूकी डॅड के सवाल पूछने का अंदाज़ थोडा गुस्से
वाला था,,,,

मैं=== जी डॅड एग्ज़ॅम बहुत अच्छा हुआ,,दिल लगा कर तैयारी की थी मैने,,आगे भी तैयारी दिल लगा कर ही
करूँगा,,,

डॅड खुश होते हुए,,,,अच्छे से तैयारी करना दिल लगा कर ,,,ऑर इस बार 65% से कम नंबर आए तो देख
लेना..........

डॅड ने देख लेना इतनी गुस्से से बोला कि मेरी तो पुँगी बज गई,,लेकिन माँ ऑर सोनिया हँसने लगी थी,,,

सोनिया=== बस डॅड 65% ,,इस से क्या होगा,,,,

डॅड == बेटी तेरे से तो मैं 95% की उम्मीद कर सकता हूँ क्यूकी मुझे पता है तू काफ़ी होनहार है
लेकिन इस नालयक के लिए 65% भी कॉलेज मे टॉप करने के बराबर है,,,,

डॅड ने इतना बोला ऑर हँसने लगे ऑर साथ मे मोम ओर सोनिया भी,,,

मैं=== डॅड मैं पूरी कोशिश करूँगा,,,,

डॅड== कोशिश नही मुझे 65 % चाहिए तेरे से वर्ना तुझे वो न्यू कार नही मिलेगी जो विशाल ने
ली है,,,,मैं अपनी कार सेल कर दूँगा ऑर खुद वो कार रख लूँगा,,,याद रखना,,,

मैं===ओके डॅड मैं 65% नंबर लेके ही आउन्गा,,पक्का,,,वादा करता हूँ आपसे,,,

तभी सोनिया मस्ती भरे अंदाज़ मे बोल पड़ी,,,मोम किसी का वादा टूटेगा ऑर न्यू कार डॅड की होगी,,
सोनिया ने इतना बोला तो मोम उसके साथ ही हँसने लगी,,,

तभी डॅड बोल पड़े,,,इतना खुश होने की बात नही है सोनिया बेटी,,,,अगर इसके 65% नंबर नही आए
तो याद रखना इसकी कार तो इसको नही मिलेगी लेकिन साथ मे तेरी न्यू आक्टिव न्यू लॅपटॉप ऑर न्यू
मोबाइल भी तुझे नही मिलना,,,

डॅड ने ये बात हँसते हुए बोली ऑर डॅड के साथ मैं भी खुश हो गया,,,लेकिन सोनिया का चेहरा उतर
गया,,,,,

ये क्या बात हुई डॅड,,पास ये नही होगा तो उसकी सज़ा मुझे क्यू,,,,

क्यूकी मुझे पता है तुम इसको स्टडी मे हेल्प नही कर रही,,,तुम दोनो की फाइट अभी भी चल रही
है,,,,तुम दोनो फाइट ख़तम होने का नाटक मेरे सामने मत किया करो मैं तुम्हारा बाप हूँ
,,तुमने अगर सही से सन्नी की हेल्प नही की तो सज़ा दोनो को मिलेगी,,,डॅड ने इतना बोला ऑर अपना नाश्ता
करके वहाँ से चले गये,,,,ऑर जाते जाते मेरे फेस पर खुशी ऑर सोनिया के फेस पर गुस्सा छोड़ गये,,,

मैं सोनिया की तरफ हंस कर देख रहा था लेकिन सोनिया गुस्से से मुझे घूर रही थी,,,माँ भी हम दोनो
को देख कर खुश हो रही थी क्यूकी उनको भी पता था हम लोगो की फाइट अभी ख़तम नही हुई,,
 
नाश्ते के बाद मैं बाहर गार्डन मे आके बैठ गया क्यूकी मौसम काफ़ी अच्छा था ,,,तभी सोनिया
भी अपनी बुक्स लेके गार्डन मे मेरे पास आ गई ऑर आके मेरे पास बैठ गई,,,,

तू यहाँ क्यू आई है,,जा यहाँ से ऑर कहीं ऑर बैठ कर स्टडी कर,,,,

मुझे भी शॉंक नही तेरे पास बैठने का,,ये तो डॅड ने बोला है इसलिए मैं तेरी हेल्प करने आई
हूँ स्टडी मे,,वर्ना तूने फैल हो जाना है ऑर तेरी वजह से मुझे भी मेरा समान नही मिलना
जो पास होके मिलने वाला था,,,

चल चल ,,मुझे ज़रूरत नही तेरी हेल्प की ऑर ना कोई परवाह है तेरी अक्तिवा ऑर लॅपटॉप की,,मैं
खुद अपने एग्ज़ॅम की तैयारी कर लूँगा,,,,मैने इतना बोला ऑर खुद वहाँ से उठकर चला गया
अभी मैं उठा ही था कि मेरा फोन बजने लगा,,,,ये कोई अननोन नंबर था,,,

हेलो सन्नी,,,,

हेलो,,मैं सन्नी बोल रहा हूँ आप कॉन,,,,

अच्छा अब मैं कॉन हो गई,,,आवाज़ भी नही पहचानता मेरी,,,मैं रितिका बोल रही हूँ,,,

ओह्ह सॉरी रितिका,,,वो पहले कभी फोन पर बात नही हुई है इसीलिए आवाज़ पहचान नही सका,,,ऑर
सूनाओ क्या हाल चाल है रितिका,,,

मैं ठीक हूँ सन्नी तुम सूनाओ,,,,क्या कर रहे थे,,,,

तभी मैने सोनिया की तरफ देखा जो मुझे गुस्से से देख रही थी,,,एक तो गुस्सा उसको इस बात का था
कि मुझे स्टडी मे उसकी हेल्प लेने से इनकार कर दिया था ऑर उसको अपनी अक्तिवा ऑर न्यू लॅपटॉप अपने
हाथ से जाता नज़र आ रहा था ,,,वो गुस्से मे लाल हो रही थी तभी मैने इस आग मे आयिल डाल दिया,,,,

कुछ खास नही रितिका मैं बस कुछ कमजोर बच्चों की हेल्प कर रहा था स्टडी मे,,,,तुमको तो
पता है मैं पढ़ने मे कितना होशियार हूँ,,मेरी इस बात से सोनिया ऑर गुस्सा हो गई ऑर गुस्से मे
पैर पटकती हुई वहाँ से चली गई,,,

खैर मेरी छोड़ो तुमने कैसे याद किया आज मुझे,,,

मैने नही सन्नी मेरे डॅड ने याद किया है,,,वो तुमसे कुछ बात करना चाहते है,,अगर फ्री हो
तो क्या मेरे घर आ सकते हो,,,,

हाँ हां अभी आ जाता हूँ,,,लेकिन तेरे डॅड ने बात क्या करनी है मेरे से,,,

वही सुरेश भाई ऑर कॉलेज के पंगे के बारे मे बात करनी है,,,,

उसकी बात सुनके मैं थोड़ा डर गया,,,क्यूकी करण ने बोला था कि अकेले मत जाना कोई पंगा हो सकता
है,,,,,,,,,,,,,,,,,ठीक है मैं अभी आता हूँ करण के साथ,,,

नही नही सन्नी करण को साथ मत लेके आना,,,,अभी मैने तुम्हारा नंबर करण से ही लिया है ऑर
उसको सब बता दिया है,,,,दाद पहले ही थोड़े गुस्से मे है सुरेश भाई की वहज से ओर अगर कारण
साथ आ गया तो पता नही क्या होगा,,,,,डॅड को मेरे ऑर करण के बारे मे पता चल गया है शायद
तुम उसको मत लेके आना प्लज़्ज़्ज़,,

मैं उसकी बात को समझ नही पाया,,,मुझे कुछ अजीब लग रहा था,,,खैर देखते है क्या होता है

ओके रितिका मैं आता हूँ कुछ देर मे,,इतना बोलकर मैने फोन कट किया ऑर ख़ान भाई को फोन
कर दिया ऑर उनको सारी बात बता दी,,,,ख़ान भाई ने मुझे विश्वसस दिलाया कि कुछ नही होगा तुम
बिना किसी डर के जाओ ऑर अगर कुछ प्रोबलम हुई तो मुझे फोन कर देना,,,,ख़ान भाई की बात से
मुझे हिम्मत मिली ऑर मैं चेंज करके बाइक लेके रितिका के घर की तरफ चल पड़ा,,,



मैं रितिका के घर के बाहर पहुँचा ऑर बाइक गेट के आगे रोक दिया,,,,चलके गेट के पास गया,,

गेट पर नॉक किया तो गेट खुला ऑर एक आदमी सामने आया,,,,जी किसको मिलना है अपने,,वो गेट खोलकर
मेरे से बात कर रहा था ऑर मेरा ध्यान गया गेट के अंदर गार्डन मे टहलती हुई रितिका पर,,वो
कुछ परेशान लग रही थी तभी इधर उधर टहल रही थी,,,,तभी मैने देखा कि वो सर उठाकर
घर की एक बाल्कनी की तरफ देख कर कुछ एशारे मे बात कर रही थी,,मैने गेट से आगे होके
देखना चाहा कि रितिका किस से बात कर रही है तभी उस आदमी ने मुझे रोक दिया,,,,

आपने बताया नही किसको मिलना है अपने,,इस बार वो आदमी थोड़े गुस्से से बोला ऑर रितिका ने उसकी आवाज़
सुन ली,,,,,ऑर मेरे बोलने से पहले खुद बोल पड़ी,,,,

सिकुरिटी इनको अंदर आने दो,,,ये मेहमान है,,,,रितिका ने गेट की तरफ बढ़ते हुए बोला,,,

सॉरी सर मुझे नही पता था आप मेहमान हो,,,,इतना बोलकर वो मुझे सॉरी बोलते हुए गेट को
खोल कर मुझे अंदर आने को बोलने लगा,,,,,

मैं अंदर जाते हुए रितिका की तरफ देख रहा था जो बहुत परेशान लग रही थी,,,उसके माथे पर
पसीना भी आया हुआ था,,,वो कुछ डरी ऑर सहमी लग रही थी,,,तभी उसने एक बार पलट कर बाल्कनी
की तरफ देखा ऑर उसके साथ मेरा ध्यान भी बालकोनी की तरफ गया पर वहाँ कोई नही था,,मुझे कुछ
ठीक नही लगा,,,,,लगा कि कुछ गड़बड़ है,,,,फिर भी मैं हिम्मत करके आगे बढ़ गया,,,,

हाई रितिका,,,

हाई सन्नी,,,वो बड़े अजीब अंदाज़ मे ही बोली तो मुझे ठीक नही लगा,,,,

क्या हुआ रितिका तुम ठीक तो हो,,इतना पसीना क्यूँ आ रहा है तुमको,,,इतना डरी क्यूँ हुई हो तुम,,,

मैं,,मैं कहाँ डरी हुई हूँ,,,,ये पसीना तो गर्मी की वजह से आ रहा है,,,वो पसीना सॉफ
करती हुई बोली,,,,

लेकिन आज तो गर्मी नही है,,,,देखो कितना अच्छा मौसम है,,,धूप भी नही है,,फिर तुमको
गर्मी क्यू लग रही है,,,,

वू वू कुछ नही,,,,तुम अंदर चलो,,

वो इतना बोलकर आगे चलने लगी ऑर मैं उसके पीछे पीछे,,तभी वो घर के अंदर एंटर हुई तो मैं
उसका घर देखता ही रह गया,,,इतना बड़ा घर था ऑर रहने वाले शायद 4-5 लोग थे,,जबकि इतनी जगह
मे अगर ग़रीबो की बस्ती होती तो वहाँ 1000 लोग रह लेते आराम से,,,,

अरे वाह घर तो बड़ा शानदार है तुम्हारा रितिका,,,,ओह सॉरी ये घर नही ये तो महल है,,,कितने
लोग रहते है यहाँ,,,

वो सीडियाँ चढ़ते हुए उपर जाने लगी,,,,मैं उसके पीछे था,,,,

यहाँ बस हम तीन लोग है सन्नी,,,वो वापिस नही पलटी बस ऐसे ही चलते हुए बात करती रही,,,

बस तीन लोग,,,,,कॉन -कॉन,,,,

मैं,,मेरे डॅड,,,ऑर सुरेश,,,,उसने सुरेश को अपना भाई नही बोला,,,,वो ये भी तो बोल सकती थी कि
वो अपने बाप ऑर भाई के साथ रहती है ,,,लेकिन उसने अपने बाप को तो बाप बोल दिया लेकिन भाई को
भाई नही बोला,,,सुरेश बोला,,,,शायद वो सच मे अपने भाई से नफ़रत करती थी,,,

इस से पहले कोई ऑर बात होती वो एक रूम मे घुस गई ऑर उसके पीछे मैं,,,,

ये तुम मुझे कहाँ ले आई,,,,तुम्हारे डॅड कहाँ है,,,उस रूम मे कोई नही था,,,बस हम दोनो
थे,,,

डॅड घर पे नही है सन्नी,,वो अपने पार्टी मीटिंग के लिए देल्ही गये है,,,शाम को आएँगे,,

शाम को,,,,,,,,,क्या मतलब,,तुमने तो फोन पर कहा था कि तुम्हारे डॅड ने मुझे बुलाया है,,,

नही सन्नी मैने झूठ बोला था,,,,दरअसल डॅड ने नही मैने तुमको बुलाया है,,,मुझे लगा मेरे
कहने पर पता नही तुम यहाँ आओगे या नही ,,,,,इसलिए डॅड के बारे मे झूठ बोला था,,,

तुम्हारे कहने पर क्यू नही आउन्गा,,तुम मेरी दोस्त हो,,,,लेकिन तुमको झूठ बोलने की क्या पड़ी
थी,,,सीधी तरफ बोल देती तो भी मैं आ जाता,,,,अच्छा छोड़ो इन बातों को तुमने बुलाया क्यूँ है
मुझे यहाँ ये बोलो,,,,

वो इधर उधर देखने लगी,,,अपने हाथों को बारी बारी से मसल्ने लगी वो ऐसे लग रही थी जैसे
बहुत परेशान थी,,बहुत डरी हुई थी,,,,मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था,,

तभी मैं उसके पास गया,,,,क्या हुआ रितिका तुम परेशान क्यू हो,,,,,कुछ प्रोबलम है क्या,,,,

नही नही,,,कुछ भी तो प्रोबलम नही,,,वो मैं तो बस वो मैं बस वो,,,

क्या हुआ सीधी तरह बोलो,,,,डरो नही हम दोनो दोस्त है ना,,बोलो क्या बात है रितिका क्यू बुलाया
मुझे यहाँ,,,,

तभी उसने खिड़की की तरफ देखा जो बाल्कनी मे खुलती थी ऑर मेरे पीछे की तरफ थी,,,मैने भी
पलट कर उस तरफ देखा तो वहाँ कोई नही था,,,,बस करटन हिल रहे थे,,,शायद हवा से,,या
शायद वहाँ कोई था,,,,

क्या हुआ रितिका बोलो ना,,,,


तभी वो बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,,सन्नी क्या तुमने सुरेश को मारा था,,,,

मैं उसके सवाल से हैरान हो गया,,,,नही रितिका मैने उसको नही मारा,,1-2 बार पहले मेरी सुरेश
से फाइट ज़रूर हुई थी,,,लेकिन इस बार मैने कुछ नही किया,,,,

मैं जानती हूँ तुम झूठ नही बोलते सन्नी,,,,तुमने उसको नही मारा होगा लेकिन क्या तुम्हारा हाथ
है इस सबके पीछे,,,,


मैं कुछ देर चुप रहा,,,,कुछ नही बोला,,,,खुकी मैं झूठ नही बोल सकता था,,,वैसे मैं
बहुत झूठ बोलता था लेकिन रितिका इस टाइम बड़े यकीन से मेरे से बात कर रही थी ,,,

बोलो सन्नी,,,क्या ये सब तुमने करवाया है,,,,ऑर क्या ये सब तुम्हारे प्लान का हिस्सा है,,,

हां रितिका ,,,,,,,,मैने इतना बोला ही था कि वो मेरे करीब हो गई,,,,तो ये सच है,,तो ख़ान भाई
भी तुम्हारे साथ है ये भी सच है ना,,,,

ख़ान भाई का नाम सुनते मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,,,,,,तुमको कैसे पता ख़ान भाई भी मेरे
साथ है,,,,,,,,,,
 
मैने उस दिन हॉस्पिटल मे देखा था जब तुम ख़ान भाई को उन सभी लोगो को रिहा करने को बोल रहे
थे ,,,तब तुम लोगो की बातें सुनी भी थी मैने,,,,

तो इसमे क्या,,,,,ख़ान भाई तो पहले से तुम्हारे भाई ऑर उसके दोस्तो के पीछे लगे हुए थे,,उनके पास
कोई सबूत नही था,,,ऑर मेरे पास कोई ज़रिया नही था तुम्हारे भाई तक पहुँचने का,,ख़ान भाई
ऑर मैं मिल गये,,अब मेरे पास ज़रिया है ऑर ख़ान भाई के पास सबूत है,,इसमे कोई बड़ी बात नही
,,,तुम ये सब क्यो पूछ रही हो वैसे,,,,

जानती हूँ मैं ,,,,,ख़ान भाई की बेहन अक़्सा मेरी बड़ी अच्छी दोस्त थी,,,,दोस्त कम मेरी बेहन ज़्यादा
थी वो,,ऑर ख़ान भाई मुझे सुरेश से कहीं बढ़ कर है,,,

अगर ऐसी बात है तो तुम ये सब क्यू पूछ रही हो,,,,तुमको क्या चाहिए ये बोलो,,,

मैं बस यही चाहती हूँ सन्नी कि मैं भी तुम लोगो का साथ दूं ताकि सुरेश को सज़ा दिलवाके
मैं अपनी बेहन अक़्सा की मौत का बदला ले सकूँ ,,,,मैं भी तुम लोगो का साथ शामिल होना चाहती
हूँ,,,,

नही ये नही हो सकता ,,,हम तुमको अपने प्लान मे शामिल नही कर सकते,,,,

तभी वो मेरे पास आ गई ऑर मेरे हाथों को अपने हाथों मे पकड़ लिया,,,,,,क्यूँ ,,मैं तुम लोगो
के प्लान मे शामिल क्यूँ नही हो सकती,,,,,क्या तुमको मुझपे यकीन नही है,,,,क्या तुमको लगता है
मैं तुम लोगो को धोखा दूँगी,,,ये बोलते टाइम वो मेरे हाथों को बड़े प्यार से सहला रही थी,,
मुझे समझ नही आ रहा था वो क्या कर रही है,,,

नही ऐसी बात नही है रितिका,,,इस सब मे बहुत ख़तरा है,,,,मुझे भी इस सब से बहुत डर लगता है
कभी कभी,,,ये तो ख़ान भाई मेरे साथ हो गये इसलिए मेरा डर थोड़ा कम हो गया है,,,,

तो मुझे भी साथ कर्लो ना सन्नी,,,,तुम्हारी वजह से मेरा डर भी कम हो जाएगा,,,,इतना बोलकर वो
मेरे ऑर करीब आ गई,,,,अब भी उसके हाथ मेरे हाथों मे थे ऑर वो मेरे हाथों को बड़े प्यार
से सहला रही थी ,,,,उसके माथे पर पसीना ऑर चेहरे पर डर सॉफ नज़र आ रहा था,,,वो अभी भी
बहुत डरी हुई थी बहुत परेशन थी,,,,लेकिन जो सब वो कर रही थी उस से मैं भी परेशान होने लगा
था ,,उसका मुझे छूने का ऑर मेरे हाथों को सहलाने का अंदाज़ बहुत हल्की मस्ती की तरफ लेके जा
रहा था,,,,,लेकिन मुझे समझ नही आ रहा था वो ऐसा क्यूँ कर रही थी,,,वो मेरे इतने करीब थी की
उसका ऑर मेरा जिस्म बस 3-4 इंच दूर थे,,मेरे हाथ जो उसके हाथों मे थे ऑर हम दोनो के जिस्म
के बीच थे ऑर हम दोनो के पैट पर टच कर रहे थे,,,,तभी उसने कुछ ऐसा किया जिसकी मुझे
उम्मीद तक नही थी,,,,उसने मेरे हाथ पकड़े ऑर डरते हुए काँपते हाथों से मेरे हाथों को अपने
बूब्स की तरफ ले गई ऑर खुद अपने लिप्स को मेरे लिप्स के करीब ले आई,,,,इस से पहले मैं कुछ सोच
सकता या कुछ कर सकता मस्ती ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया था,,,,उसने जैसे ही मेरे हाथ अपने
बूब्स पर रखे ऑर अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रखे तो मुझे एक दम से झटका लगा ऑर मैने उसके
बूब्स को हल्के से मसल दिया तभी उसने मुँह खोल कर मेरे एक लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,,,लेकिन
तभी एक दम से मुझे पता नही क्या हुआ मैने उसको खुद से दूर कर दिया,,,,,

ये क्या कर रही हो तुम रितिका,,,,तुम्हारा दिमाग़ खराब है क्या,,,,ये क्या बत्त्मीजी है,,,,

तभी उसकी आँखों मे हल्के आँसू आ गये,,,,हां सन्नी मेरा दिमाग़ खराब है,,पता नही क्यूँ
जिस दिन से तुमको देखा है उसी दिन से मेरा दिमाग़ खराब हो गया है,,,अब तुम ही मेरा दिमाग़ ठीक
कर सकते हो,,,इतना बोलके वो फिर से मेरे पास आने लगी,,,लेकिन मैने उसको रोक दिया ऑर खुद उस से
दूर हो गया,,,,

क्या हुआ सन्नी ,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,क्या मैं तुमको खूबसूरत नही लगती,,,,

ये क्या कह रही हो रितिका,,,,ये सब क्यूँ कर रही हो तुम,,,,क्या हो गया है तुमको,,,

पहले मेरी बात का जवाब दो सन्नी,,,,वो रोने लगी थी,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,

ऐसी बात नही है रितिका तुम बहुत अच्छी हो,,,,मेरी दोस्त हो,,,,लेकिन तुम जो सब कर रही हो वो ग़लत
है,,,,,तुम करण की गर्लफ्रेंड हो,,,,ऐसा करके तुम करण को धोखा दे रही हो,,,,ऑर ऐसा करके मैं भी
करण को धोखा दे दूँगा,,,,

धोका तो करण ने भी मुझको दिया था,,,,,रितिका रोते हुए बोली,,,,

करण ने वो सब बदले की आग मे किया था रितिका,,,,उस सब मे उसकी कोई ग़लती नही थी,,,,

तो मैं भी ये सब इसलिए कर रही हूँ क्यूकी मैं तुमको लाइक करती हूँ,,,,उसने रोते हुए जल्दबाज़ी
मे ये सब बोल दिया,,,,

उसकी बात सुनके मैं हैरान हो गया,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,तभी मैं उसके पास गया
ऑर उसके आँसू पोछने लगा,,,,,तुम बहुत अच्छी लड़की हो रितिका,,,,मैं जानता हूँ तुम ये सब अंजाने
मे कर रही हो,,,,मैं ये भी जानता हूँ तुम कारण से बहुत प्यार करती हो,,

हाँ मैं करण से बहुत प्यार करती हूँ ,,,ऑर शादी भी करूँगी करण के साथ,,,,,वो रोते हुए बोलने
लगी,,,

अगर करण से प्यार करती हो शादी करना चाहती हो तो मेरे साथ ये सब क्यूँ कर रही हो,,,,क्यूँ जवानी
के जोश मे पागलपन करने लगी हो,,,,

क्यूकी मैं तुमको भी लाइक करती हूँ,,,लेकिन इसका मतलब ये नही कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ या
तुमसे शादी करना चाहती हूँ,,,,मैं बस एक बार तुमको पाना चाहती हूँ,,,तुमको अपनी बहहों
मे भरना चाहती हूँ ,,,एक बार तुमसे वो सब करना चाहती हूँ जो लड़की अक्सर उस लड़के के साथ
करती है जिस पर वो विश्वास करती है,,,,

तभी मैं एक दम उसकी बातें सुनकर उस से दूर हो गया,,,ये क्या बक रही हो तुम ,तुमको होश तो
है,,,ऐसा करके तुम ना सिर्फ़ करण को बल्कि अपने आप को भी धोखा दे रही हो,,,,तुम समझती क्यू
नही ये सब ग़लत है,,,अगर करण को पता चल गया तो क्या होगा,,,

मुझे परवाह नही ,,,करण को पता लगता है तो लगने दो,,

तुम ये सब जवानी के जोश मे बोल रही हो रितिका,,,ये इस उमर का पागलपन है जो तुमको बहका रहा
है,,,अभी भी वक़्त है होश मे आ जाओ,,,,इस उमर की मद-होशी मे अगर कोई ग़लती हो गई तो उसको
सुधारना बहुत मुश्किल हो जाएगा ,,,,

तो जो ग़लती तुमने की थी उस दिन डॅन्स क्लब मे पायल भाभी के साथ,,,उसको सुधारना आसान था क्या तुम्हारे
लिए,,,,,,

मेरी तो गान्ड ही फॅट गई ये सुनके,,,,इसको कैसे पता वो सब का,,,शायद पायल भाभी ने ही बताया होगा
इसको,,,,

वो भी एक ग़लती थी ,,,मैं उदास होके बोला,,,,,उसको सुधारने का कोई मोका नही मिला मुझे,,,ऑर वैसे
भी वो कोई ग़लती नही थी,,,,मैं जवान लड़का हूँ अक्सर ऐसी ग़लतिया कर सकता हूँ ऑर इस सब मे पायल
भाभी की भी उतनी ही ग़लती थी जितनी मेरी,,,,

तो ऐसी ही एक ग़लती मेरे साथ भी कर्लो,,,,,वो फिर से मेरे करीब आने लगी,,,,

नही,,,वो ग़लती अंजाने मे हुई थी,,,लेकिन ये ग़लती तुम जान-भूज कर करने जा रही हो,,पायल भाभी
की बात है जहाँ तक वो शायद अपने पति से खुश नही है,,इसलिए वो मेरे साथ ,,,,,,,,,,

तो मेरी भी कोई ग़लती नही है सन्नी,,,मैं भी कुछ ऐसी ही वजह से तुम्हारे साथ वो सब करना चाहती
हूँ,,,,,,,,तुमने मेरी इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा ,,,उस दिन करण के घर जब मैं नंगी दीवार के पास
बैठ कर रो रही थी तो तुम अगर चाहते तो मेरे साथ कुछ भी कर सकते थे,,,जैसे चाहे वैसे मेरे
जिस्म से खेल सकते थे,,लेकिन तुमने मेरे नंगे जिस्म से खेलने की जगह मेरे उस नंगे जिस्म पर एक
चद्दर ओढ़ा दी थी,,,मैं उस टाइम वर्जिन थी ऑर आज मैं यही चाहती हूँ कि जिस इंसान ने मेरी
इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा मैं अपनी इज़्ज़त उसके हवाले कर दूं,,,,मैं अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स तुम्हारे
साथ करना चाहती हूँ सन्नी,,,,

तुम सच मे पागल हो गई हो रितिका,,,,मेरी एक अच्छी बात देख कर तुम मुझे अच्छा इंसान मत समझो
मैं कोई अच्छा इंसान नही हूँ,,,,मैं भी इस दुनिया का इंसान हूँ,,,मतलबी ऑर दगाबाज ,,,

नही सन्नी तुम ऐसे नही हो,,,मैं जानती हूँ,,,तुम बहुत अच्छे हो ,,,मैने अक्सर करण से भी तुम्हारे
बारे मे अच्छी बातें ही सुनी है,,,,,,लेकिन मुझे लगता है तुम मुझे अच्छी लड़की नही समझते या शायद
तुम मुझे खूबसूरत नही मानते ,,,,या मैं तुमको पायल भाभी की तरह हॉट ऑर सेक्सी नही लगती

प्ल्ज़्ज़ बस करो रितिका,,,,तुम बहुत अच्छी हो,,,बहुत खूबसूरत हो,,,हर कोई मर्द जो तुमको एक बार देख
लेता होगा मन मे यही सोचता होगा कि किस बहाने से वो तुमको एक बार अपने बिस्तेर तक लेके जा सकता
है,,,,हर कोई मर्द बहाने तलाशता होगा तुमसे बस एक बार सेक्स करने के लिए,,,ऑर शायद मैं भी ऐसा
हो सोचता हूँ ,,,लेकिन मैं तुम्हारे साथ कुछ ग़लत नही करना चाहता,,,ऑर ना ही अपने दोस्त को
धोखा देना चाहता हूँ,,,,

प्लज़्ज़्ज़ सन्नी ऐसे मत बोलो,,,तुम भी अगर बाकी मर्दो की तरह मुझे हॉट आंड सेक्सी मानते तो अब तक
मेरी बात मान लेते ,,,,

ओह्ह गॉड तुम समझती क्यू नही,,,,ये सब ग़लत है,,,,तुम करण से प्यार करती हो ऑर उस से शादी भी
करना चाहती हो ,,,फिर तुम अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स मेरे साथ क्यू करना चाहती हो,,,,जबकि तुमको
अपना पहला सेक्स करण के साथ करना चाहिए ऑर उसको शादी का सबसे अच्छा तोहफा देना चाहिए,,इस से
करण के दिल मे एक यकीन बन जाएगा तुम्हारे लिए जो सारी उमर तक बना रहेगा,,,,

करण मेरा यकीन करता है सन्नी,,लेकिन उस से भी ज़्यादा वो तुम्हारा यकीन करता है,,,ऑर अब मैं
भी करण से ज़्यादा तुम्हारा यकीन करने लगी हूँ,,तभी तो,,,,,,,,,,

बस बहुत हो गया रितिका,,,,अब ऑर नही,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ समझने की कोशिश करो,,,,ये सब ग़लत है,,,,

मुझे कुछ नही समझना सन्नी,,,जो मैं चाहती हूँ वही करती हूँ,,,

तो ठीक है,,,अभी करण को फोन करो ऑर बोलो उसको कि मैं सन्नी एक साथ सेक्स करने लगी हूँ एक
वही है जो तुमको समझा सकता है फिर,,,शायद उसकी बात तुम समझ जाओ,,,,,

करण तो खुद यही चाहता है सन्नी,,,,तभी तो उस दिन उसने मुझे कुछ नही कहा बल्कि मुझे
तुम्हारे लिए बचा कर रखा,,,,ताकि मेरे साथ पहली बार सेक्स तुम कर सको,,,,,ऑर मुझे कोई नही
समझा सकता करण भी नही,,,,

कोई तो होगा जो तुमको समझा सकता है,,,,,

नही सन्नी इसको कोई नही समझा सकता,,,,,ये आवाज़ मेरे पीछे से आई थी,,,,बाल्कनी की तरफ से,,,मैने
पीछे मूड के देखा तो पायल भाभी हम दोनो के करीब आ रही थी,,,

इसको कोई नही समझा सकता सन्नी,,,,मैने भी बहुत कोशिश की लेकिन कोई फ़र्क नही पड़ा इसमे,,,ऑर वैसे
भी इसको समझाना क्या है,,,ये कॉन्सा कुछ ग़लत कर रही है,,,ये तो बस इतना ही चाहती है कि जिस इंसान
ने इसकी इज़्ज़त बच्चाई वही उसकी इज़्ज़त का असली हक़दार बने,,,,तो इसमे क्या ग़लत बात है सन्नी,,,,,,,,
 
ये क्या भाभी,,,,आप इसको समझाने की जगह इसका साथ दे रही हो,,,,,

नही सन्नी,,मैं इसका नही सही इंसान ऑर सही बात का साथ दे रही हूँ,,,,अभी मैने सुना जो तुमने
बोला था,कि पायल भाभी अपने पति से खुश नही होगी तभी उन्होने ऐसी हरकत की,,,ये बात सही है
सन्नी,,मेरे पति से कुछ नही होता,,,अगर होता ऑर मुझे टेस्ट-ट्यूब बेबी नही होता,,,ऑर ना ही मैं
तुम्हारे साथ वो सब करती,,,मैं किसी ऐसे की तलाश मे थी जिसका यकीन कर सकूँ ऑर जब मुझे
रितिका ने करण के घर हुई सारी बात बताई ऑर फिर तुम्हारे बारे मे बताया तो मुझे लगा तुम अच्छे
इंसान हो ,,,,इसलिए मैने तुम्हारे साथ वो सब किया,,,,,वैसे मैं चाहती थी कि रितिका उस दिन तुमको
अपने लिए मना ले लेकिन टेबल के नीचे से रितिका का पैर लगने के बावजूद तुम मेरे पर शक करते
रहे ऑर इसी बात का फ़ायदा उठा कर मुझे वो सब करने मे आसानी हुई,,,,

तो उस दिन आप दोनो का प्लान था,,,,वो सब आप दोनो ने मिलकर किया,,,,

हाँ सन्नी,,,,ओर आज भी मेरे कहने पर रितिका ने तुमको यहाँ बुलाया है,,,,,ताकि वो तुमको अपने दिल
की बात बोल सके,,,ओर जो सब ये बोल रही है वो सच है ओर मुझे ठीक भी लगता है,,

ये ठीक लगती है आपको,,,क्यूकी ये आपकी ननद है,,,,,मैं आपको ठीक नही लगता क्या,,,मैं ग़लत हूँ जो
अपने दोस्त करण को धोखा नही देना चाहता,,,,,,

नही सन्नी मैने ऐसा तो नही बोला,,,,,तुम भी अपनी जगह ठीक हो लेकिन ग़लत रितिका भी नही है,,,जो
वो बोल रही है ऐसा हर लड़की सोचती है,,,लड़की के लिए उसकी इज़्ज़त सबसे बड़ी चीज़ होती है ऑर उस इज़्ज़त
की क़दर करने वाला उस लड़की के दिल मे सबसे ज़्यादा जगह बना लेता है,,,,,,जैसे रितिका प्यार तो करण
से करती है लेकिन एक जगह जो उसने तुम्हारे लिए अपने दिल मे बना ली है वो करण के प्यार से कहीं
ज़्यादा है,,,,


नही भाभी वो जगह प्यार यकीन या किसी ऑर चीज़ की नही ,,,वो जगह है वासना की जवानी के जोश की
,,ये तो पागल हो चुकी है जवानी एक जोश मे ,,,,लेकिन आप तो इसको समझा सकती हो,,,आप तो बड़ी हो हम
दोनो से,,,,,,

नही मैं नही समझा सकती,,,,ना तुमको ऑर ना ही इसको,,,,,इतना बोलकर भाभी वहाँ से पीछे हो गई
अब तुम दोनो सॉल्व करो इस प्रोबलम को,,मुझे कुछ नही कहना,,,,

रितिका रोती जा रही थी,,,,तभी मैं उसके पास गया,,,देखो रितिका मैं जानता हूँ तुम अपनी जगह सही
हो लेकिन ग़लत मैं भी नही,,,तुम समझने की कोशिश करो,,,,ये सब मैं नही कर सकता,,मैं करण
को धोखा नही दे सकता ऑर मेरी अच्छी दोस्त होने की खातिर मैं तुमको भी करण को धोखा नही
देने दूँगा,,,,,,,इसके अलावा तुम कुछ भी कहो मैं करने को तैयार हूँ,,,,,

तभी रितिका हल्के गुस्से से,,,,तो ठीक है,,तुम कुछ भी कर सकते हो ना मेरे ऑर करण के लए,,,,तो तुम
हम दोनो की शादी करवा दो,,,,तुमको लगता है मेरे दिल मे तुम्हारे लिए कोई इज़्ज़त नही बस वासना
ऑर जवानी का जोश है ,,मेरे जिस्म मे जवानी की आग लगी हुई है तो ठीक है ऐसा ही समझो सन्नी ऑर जल्दी
से मेरी शादी करण से करवा दो नही तो मैं इस जवानी के जोश मे अपने जिस्म मे जलने वाली जवानी की
आग भुजाने के लिए किसी ऑर को तलाश कर लूँगी,,,इतना बोलकर रितिका जाके अपने बेड पर गिर गई ऑर एक पिल्लो
को अपने फेस पर रख कर रोने लगी,,इतने मे पायल भाभी उसके बेड के पास चली गई ऑर उसको चुप
करवाने लगी लेकिन रितिका चुप नही हो रही थी,,,तभी पायल भाभी ने मुझे इशारा किया ऑर मैं रितिका
के बेड के पास चला गया ओर जाके बेड की एक तरफ बैठ गया,,,मैने उसके चेहरे से पिल्लो उठाने की
कोशिश की लेकिन उसने पिल्लो को नही छोड़ा,,,,तो मैने पिल्लो के उपर से उसके हाथ पर अपना हाथ रखा
ऑर उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया,,,,,,,,,,,,,,,,तुम यही चाहती हो ना कि तुम्हारी ऑर कारण की
शादी जल्दी हो जाए,,,,,तो ठीक है मैं करवा दूँगा तुम दोनो की शादी ,,जितना जल्दी हो सकता है,,,लेकिन
प्लज़्ज़्ज़ तब तक कोई ऐसी ग़लती मत करना कि तुमको सारी उमर पछताना पड़े,,,,ये एक दोस्त अपने दोस्त से
वादा कर रहा है ओर बदले मे उस से भी वादे की उमीद करता है,,,,,इतना बोलकर मैं वहाँ से उठा
ऑर अपना बाइक लेके घर की तरफ चलने लगा,,,


रास्ते भर मैं यही सोचता रहा कि ये सब क्या हो गया आज,,,,रितिका वो सब क्यूँ कर रही थी ,,ऑर मैं जो
वादा करके आया हूँ रितिका के साथ उसकी ऑर करण की शादी का वो मैं कैसे पूरा करूँगा,,ये सब आख़िर
मेरे साथ ही क्यूँ हो रहा है,,,,जब एक मुश्किल से निकालता हूँ तो दूसरी मे फँसाने लगता हूँ,,,अब
मैं करूँ भी तो क्या करूँ,,,,,साला दिमाग़ फटा जा रहा था मेरा,,,,कुछ समझ नही आ रहा था
अब क्या होगा,,,,कैसे मैं करण ऑर रितिका की शादी करवा सकता हूँ,,,ऑर ये शादी करवाना अब मेरे
लिए बहुत ज़रूरी हो गया था क्यूकी रितिका ने मुझे धमकी दी थी वो कुछ भी ग़लती कर सकती थी ऑर अगर
सच मे वो कोई ग़लती कर देती जवानी के जोश मे तो वो ग़लती उसकी नही मेरी ग़लती होती,,,क्यूकी वो ये सब
मेरी वजह से करने वाली थी इसलिए मुझे ऑर भी ज़्यादा परेशान होना पड़ रहा था,,,,सला कुछ भी
समझ मे नही आ रहा था,,,,

नेक्स्ट डे कॉलेज मे एग्ज़ॅम के बाद मैं कॅंटीन मे गया जहाँ करण एग्ज़ॅम के बाद मेरा वेट कर
रहा था,,,,,

जैसे ही मैं कॅंटीन मे घुसा मैने देखा कि करण टेबल पर बैठा हुआ था ऑर उसके पास अमित
खड़ा हुआ था अपने 2-3 चमचो को लेके,,,,,

अमित करण से== कहाँ है तेरा दोस्त ऑर उसका वो हरामी कुत्ता,,,

अमित करण से मेरे ऑर सुमित के बारे मे पूछ रहा था इस से पहले करण कुछ जवाब देता मैं
वहाँ अमित के पीछे पहुँच गया ऑर करण ने मुझे देख लिया,,,,,

करण हँसते हुए,,,,मुझे नही पता वो कहाँ है

अमित हल्के गुस्से से,,,,साले हँसता क्या है,,,,सीधी तरह बता दे वर्ना मैं पूछने पे आया तो सब
उघलवा लूँगा तेरे से,,,,अमित ने हाथ ज़ोर से टेबल पर मारा,,,,,करण उसकी इस हरकत से उठकर उस
से फाइट करने वाला था लेकिन मेरी वजह से करण चुप रहा,,,,


साले हरामी मेरे से क्या पूछता है,,,,तेरा बाप तेऱे पीछे खड़ा है उसी से पूछ ले,,,,

करण ने इतना बोला था ऑर तभी मैने पीछे से अपने हाथ अमित के शोल्डर्स पर रख दिए,,,ऑर इतने
मे अमित मेरी तरफ पलट गया,,,,उसके चेहरे का रंग उड़ गया ऑर उसके जो चम्चे थे उसके साथ वो '
उसको छोड़ कर वहाँ से भाग गये,,,,,

क्या पूछना है अमित भाई मेरे से पूछ लो ना,,,,मैने अमित को बड़े प्यार से बोला,,,,

अमित का रंग पीला पड़ गया था,,,,साले मे दम नही था पानी भरा हुआ था,,,,साथ मे 2-4
लड़के लेके बदमाशी करता था लेकिन अकेले की गान्ड फॅट जाती थी,,,,

कुछ न्ंहिी ससुउन्नयी ब्बाहहीी म्मैलईन्न तो कररंण क्कू अपपक्की बररी म्मी पूच्छ र्राहा
था,,,,

ले मैं आ गया तेरे सामने अब पूछ ले मेरे बारे मे जो भी पूछना है,,,,ऑर किस कुत्ते की बात
कर रहा था तू,,,

कुउच्च नन्ही बाहहीी मायन्न तू उूओ ससूउम्मिट्त की बाररी म्मी पूच्छ राहहा था

उसके बारे मे करण से क्यूँ पूछ रहा था जो पूछना है मेरे से पूछ,,,सीधी तरह,,,

भाई मैं तो पूछ र्राहहा थ्हा क्कीी सम्मूउईत्त क्काहहन्न हाई मुउजझी उस से क्कुच्छ बात
काररननीी हाइी,,कब्बसी ढ़हूंदड़ राहहा हूँ कोल्लाग्गी बहीी नाहही आय्या क्यइी डिन्न ससीए
र ना हिी कीसीई क्कू पत्ता हाइी वू काहन हाई,,,,,,म्मूउजझी लग्गा स्शईीद्ड अप्पकू पाता
हूगा,,,,,,

मुझे नही पता अमित भाई ,,मैं उस से बड़े प्यार से बात कर रहा था,,,,ऑर अगर पता होता तो मैं
आपको नही बताता अमित भाई मैं आपके पिता जी को बता देता,,,,ऑर जिस दिन पता चला उस दिन मैं खुद
आपके पिता जी को सुमित के बारे मे बता दूँगा,,,,इतना बोलकर मैने अमित को छोड़ दिया ऑर वो जल्दी
से चलता हुआ कॅंटीन से बाहर की तरफ जाने लगा ऑर जाते जाते अपने अंदाज़ मे बोलने लगा,,

हां हान्ं ठीक है ,,,जब पता चले उस कुत्ते के बारे मे तो बता देना मुझे,,,,नही तो मेरे
बाप को,,,ऑर वैसे भी अब मेरा बाप ही तेरे से बात करेगा ,,,,,वो अपने नखरे वाले अंदाज़ से बोलता
हुआ कॅंटीन से बाहर चला गया,,,वो लोगो को अपना गुस्सा दिखा रहा था इसी लिए अपने अंदाज़ से बोल
रहा था मुझे कोई फ़र्क नही पड़ा उसके गुस्से से लेकिन जाते जाते वो मुझे ऑर करण को गाली दे गया जो
मुझसे सुनी नही गई,,,,मैं बहुत गुस्से मे आ गया था एक दम से,,,,अभी तक मैं उसकी बातों को
मज़ाक मे टाल रहा था लेकिन गाली देने से मेरा गुस्सा भड़क गया ऑर मैं उसकी तरफ भागने लगा
तभी करण ने मेरा हाथ पकड़ लिया,,,

जाने डे सन्नी भाई,,,गुस्सा मत कर बेचारा अमित बावला हो गया है....

मैं करण की बात समझ गया ऑर मान भी गया ऑर उसके साथ भी बैठ गया लेकिन मुझे अभी भी अमित
पर बहुत गुस्सा था,,,मैं कुछ भी बर्दाश्त कर सकता था बट गाली नही,,,,

करण भी समझ गया था मैं गुस्से मे हूँ इसलिए वो बात घुमाने लगा,,,,,,अच्छा तो आज का क्या
प्लान है तेरा सन्नी भाई,,,,

क्या प्लान ऑर कैसा प्लान ,,,घर जाउन्गा ऑर जाके बोरियत से स्टडी करूँगा ऑर क्या करना है,,,,

अबे मतलब आज की पार्टी का क्या प्लान है,,,,

कॉन्सी पार्टी,,,,कैसी पार्टी,,,,,मैं करण से बात तो कर रहा था लेकिन अभी भी मैं गुस्से मे था

लगता है तुझे इन्वाइट नही किया है उसने तभी तू ऐसे बोल रहा है,,,जानता है वो पार्टी किसकी है

मुझे नही पता वो पार्टी किसकी है ऑर जिसकी भी है भाड़ मे जाए वो,,,अच्छा हुआ जो उसने मुझे इन्वाइट
नही किया वर्ना उसका इन्वाइट करना बेकार जाता ,,,मुझे नही जाना किसी पार्टी वार्टी मे,,,,,मैने ये बात
गुस्से मे बोली तो करण समझ गया कि मेरा मोड़ ऐसे ठीक होने वाला नही उसने फिर पार्टी की कोई बात
नही की,,,,
 
अच्छा भाई गोली मार पार्टी को,,,चल मूवी देखने चलते है,,,,तेरे फ़ेवरेट हीरो की मूवी लगी है,,ये
सुनकर मैं खुश हो गया क्यूकी मुझे वो हीरो बहुत अच्छा लगता था,,,,मेरा गुस्सा भी कम हो गया
था ,,,ये बात करण भी जानता था इसलिए उसने टॉपिक चेंज करके मूवी की बात की थी,,,फिर मैं
ऑर करण मूवी देखने चले गये ,,जब मूवी ख़तम हुई तो हम दोनो अपने अपने घर की तरफ
चले गये,,,,करंण चाहता तो मुझे अपने घर लेके चला जाता लेकिन उसको पता था गुस्से मे मेरा दिल
चूत मारने को भी नही करता इसलिए वो मूवी के लिए ले गया था मुझे,,

वापिस घर जाते टाइम करण ने मेरे से पार्टी की कोई बात नही की थी ऑर ना ही मैने उस से पूछा पार्टी
के बारे मे,,,,मैं सीधा अपने घर चला गया,,,,

घर पहुँचा तो देखा कि डॅड की कार घर पर थी,,,,डॅड आज जल्दी आ गये थे शायद ऑफीस से फिर
मेरी नज़र पड़ी अक्तिवा पर ये आक्टिव कविता की थी,,,,,,ये यहाँ क्या कर रही है,,,,शायद स्टडी करने
आई होगी,,,,मैं सोच ही रहा था तभी दरवाजा खुला ऑर सामने माँ थी,,माँ ने दरवाजा खोला
ऑर मैं अंदर चला गया,,,

बहुत ठीक टाइम पर आए हो बेटा,,,,मैने देखा कि सोफे पर डॅड बैठे हुए थे वो मेरे को बोल
रहे थे,,,,

क्या मतलब मैं सही टाइम पर आया,,,,ऑर आप आज ऑफीस से जल्दी कैसे आ गये डॅड,,,,

अरे बेटा वो सोनिया ऑर कविता की किसी फ्रेंड का बर्तडे है उनको लेके जाना है पार्टी मे,,,मैं तो
मना कर रहा था कि मैं पार्टी मे क्या करूँगा लेकिन वो नही मानी बोलने लगी कि हमे वहाँ
छोड़कर वापिस आ जाना,,,,

कविता अपने भाई सूरज को बोल देती वो ले जाता इन लोगो को वहाँ,,

डॅड कुछ बोलते इस से पहले ही कविता नीचे आ गई ऑर बोल पड़ी,,,,,सूरज भाई को ज़रूरी काम था वर्ना
मैं भाई को ही बोलती,,,,,ऑर वैसे भी अंकल आप सोनिया के डॅड हो तो क्या मेरा इतना भी हक़ नही बनता
आपको कुछ कहने का,,,,

मेरा ध्यान कविता पर गया ऑर मैं उसको देखता ही रह गया,,,,उसने आज स्काइब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई
थी जो उसमे बहुत जच रही थी,,,बाल खुले हुए ,,,शायद स्टेट किए थे,,,आँखों पर हल्का आइलाइनर ऑर हल्का
,,लिप्स पर हल्के पिंक कलर की लिपस्टिक ,,,पलटा सा फिगर ,,,ब्लाउस मे से झाँकते 2 छोटे छोटे बूब्स एक
दम कमाल लग रहे थे,,,,,मैं तो बस खो हो गया था कविता मे,,,,


तभी एक आवाज़ ऑर हुई,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यू नही बोल सकते ,,,मेरे डॅड है तो क्या हुआ तेरे भी तो कुछ लगते है
तेरा पूरा हक़ है इनको कुछ भी काम बोलने का,,,,ऑर वैसे आज तूने नही मैने इनको बोला है हमे पार्टी
मे लेके जाने के लिए,,,,हम खुद भी चले जाते अक्तिवा पर लेकिन कपड़े खराब हो जाते ऑर बाल भी आंड
वैसे भी पार्टी बहुत दूर है ऑर रात को अकेले आने से हमे डर लगता है वहाँ से,,,

ये आवाज़ थी सोनिया की,,,,ऑर जैसे ही मेरी नज़र पड़ी सोनिया पर तो मैं कविता को जैसे भूल ही गया,,,सोनिया
ने लाइट पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी,,उसका फिगर भी कविता जैसा ही था लेकिन वो बहुत ज़्यादा सेक्सी
लग रही थी,,,उसने कोई मेक-अप नही किया था,,ना फालतू का आइलाइनर ना कोई लिपस्टिक ,,उसके लिप्स वैसे ही
पिंक थे,,बाल खुले हुए जो बार बार फॅन की हवा से उड़ रहे थे ओर उसको तंग करते हुए उसके चेहरे
पर आ रहे थे,,,वो बार बरा अपने हाथ से अपने बालों को अपने कान के पीछे से अटका रही थी लेकिन
उसके रेशमी बाल कान से फिसल कर बाहर निकल रहे थे,,जितनी ज़िद्दी वो थी उस से कहीं ज़्यादा ज़िद्दी थे
उसके बाल जो उसको तंग कर रहे थे,,,,

2-2 जवान हुस्न देख कर दिल बावला होने लगा था लेकिन पता नही कैसे मैने खुद को क़ाबू मे किया
हुआ था,,,

अच्छा बाबा रहम करो मुझपर ,,,मैं तो सिर्फ़ इतना बोल रहा था कि मैं तुम लोगो के साथ जाके क्या करूँगा
तुम इस सन्नी को ले जाओ,,,,,ये तुम लोगो को वहाँ पार्टी मे छोड़ कर आएगा,,,,

नही ये हमे छोड़ कर नही आएगा,,,,ये बात सोनिया ने बोली थी,,,,ऑर तभी डॅड बोल पड़े,,,,लगता है
सोनिया बेटी तुम्हारा अक्तिवा ऑर बाकी सब समान कॅन्सल करना पड़ेगा क्यूकी तुमने अभी तक फाइट ख़तम नही
की,,,

नही नही डॅड मेरे कहने का मतलब था कि ये हमे छोड़ कर वापिस क्यूँ आएगा ये तो हम लोगो के साथ
वहीं रहेगा,,,क्यू सन्नी भाई हमारे साथ चलोगे ना,,,,सोनिया ने नकली प्यार से मेरे से पूछा था ऑर
ये बात सबको पता थी इसलिए सब लोग हँसने लगे,,,,

ठीक मैं चला जाउन्गा लेकिन मैं पार्टी मे नही जाने वाला ऑर मैं इन्ही कपड़ो मे जाउन्गा,,वैसे
जाना कहाँ है,,,,



इतना बोलते ही कविता ऑर सोनिया दरवाजे की तरफ चली गई ऑर डॅड ने पीछे से मुझे भी इशारा कर दिया उनके
साथ जाने का क्यूकी मैं उनको लेके जाता ऑर डॅड घर पर माँ के साथ पार्टी करते,,,,

मैं भी घर से बाहर आ गया ऑर आके कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया ,,सोनिया ऑर कविता दोनो पीछे की
सीट पर बैठ गई,,,,

हेलो लिशिन,,,,मैं तुम्हारा ड्राइवर नही हूँ जो ऐसे बैठ कर जा रही हो,,,एक मेरे साथ आगे बैठो
वर्ना मैने नही जाना तुम लोगो के साथ,,,

तभी सोनिया बोली,,,,ड्राइवर ही लगता है और कपड़े भी ड्राइवर जैसे है ,,,ऑर नखरा देखो,,,उसने इतना बोला ऑर
दोनो हँसने लगी,,,,

कोई आएगा आगे या मैं उतर जाउ कार से,,,,

तभी कविता मेरी सीट के पीछे से मेरे करीब आई ऑर मुझे गले लगा लिया,,,,,चल ना सन्नी प्ल्ज़्ज़ ऐसे ही
चल हम दोनो को एक साथ बैठना है,,,,क्या तू एक दिन के लिए ड्राइवर नही बन सकता उसने इतना बोला ऑर मेरे
लिप्स पर हल्की सी ज़ुबान फिरा दी सोनिया से छुपकर,,,,,मेरे लिए इतना ही काफ़ी था,,,,तू तो कितना हॅंडसम है
सन्नी ऑर आज के बाद मैं तुझे ब्लॅकी भी नही बोलूँगी,,,,

ठीक है ठीक है ,,इतना मस्का भी मत लगा अब,,,बैठ जा आराम से ,,मैं ड्राइवर बन जाता हूँ आज के
लिए,,,

मैने कार स्टार्ट की ऑर वहाँ से चल पड़ा,,,,कविता ने कान पर ज़ुबान फिरा कर मुझे मना लिया था ऑर
सोनिया एक सामने झूठी तारीफ करके सोनिया को ये जता दिया था कि मैं झूठी तारीफ सुनके जाने को रेडी
हुआ हूँ,,,,,काफ़ी तेज थी कविता ,,मेरी सोच से भी ज़्यादा तेज,,,,अभी मैं सोच ही रहा था कविता के बारे
मे तभी मेरा ध्यान उपर वाले मिरर पर गया जिसमे मुझे कविता ऑर सोनिया दोनो नज़र आ रही थी दोनो
'हंस हंस कर बाते कर रही थी,,बात तो कोई नही सुन रही थी मुझे लेकिन हँसी बहुत तेज थी दोनो की,,शायद
दोनो मेरा मज़ाक बना रही थी,,,,

मालकिन जी अब ये तो बता दो कि जाना कहाँ है,,,मैने मिरर मे से देख कर कविता से पूछा,,,,

ओह्ह सॉरी ड्राइवर जी मैं तो भूल ही गई,,,,ओर वैसे जाना कहाँ है ये तो मुझे भी नही पता,,,तुझे पता
है क्या सोनिया,,,,तभी सोनिया ने भी ना मे गर्दन हिला दी ऑर मैने मिरर मे देख लिया था,,,

जाना कहाँ है पता नही ऑर पार्टी खाने चलो हो,,कैसी अजीब लड़कियाँ हो तुम,,,,

तभी सोनिया ने अपने फोन से किसी को फोन किया,,,,,हां हां बाबा आ रही हूँ बस मुझे अड्रेस्स नही
पता पार्टी का ,,,,,,


हां अभी घर से निकली हूँ,,तुम अड्रेस्स बताओ ज़रा,,,,,तभी दूसरी तरफ वाला अड्रेस्स बताने लगा ऑर सोनिया
को कुछ समझ नही आया,,,,वैसे भी वो घूमती फिरती कहाँ थी,,घर से कॉलेज ऑर कॉलेज से घर,,


मुझे समझ न्ही आ रहा तुम मेरे ड्राइवर को बता दो,,,,सोनिया ने इतना बोला ऑर फोन मेरी तरफ बढ़ा दिया

इस से पहले मैं कुछ बोलता सोनिया ऑर कविता दोनो हँसने लगी,,,,,फिर मैने फोन पर बात की ऑर अड्रेस्स
समझने लगा,,,,ये अड्रेस्स शहर से बाहर था कम से कम 90 मिनट लगने थे वहाँ जाने मे,,,पूरे
रास्ते कविता ऑर सोनिया अपना मज़ाक करती रही ऑर मैं दोनो के हँसते चेहरे देखता रहा मिरर मे,,,,


पार्टी वाली जगह पर पहुँचे तो दूर से ही पार्टी नज़र आ रही थी,,,,खूब लाइट्स लगी हुई थी,,,कार की
पार्किंग तो दूर दूर तक थी,,ये कोई घर ये रिज़ॉर्ट नही लग रहा था मुझे,,,ये तो कोई फार्म लग रहा
था,,,,क्यूकी बहुत बड़े बड़े फार्म थे यहाँ ,,,लगता था पार्टी किसी बड़े पैसे वाले के घर मे थी,,,

मैने कार साइड पार्क की तो इतने मे सोनिया ऑर कविता उतर कर आगे चली गई,,,उनको कॉलेज की कुछ दोस्त मिल
गई थी,,,,मैने भी कार से उतरा ऑर आगे की तरफ चल पड़ा,,,जैसे ही मैं गेट से अंदर गया देख कर दंग
रह गया ,,क्या पार्टी थी,,,,क्या घर था,,,घर नही था ये तो फार्महाउस था,,,घर मे एक बड़ा स्वीमिंग
पूल था ,,,बड़ा सा खुला गार्डन था,,ऑर सबसे हैरत वाली बात थी कि मेरे कॉलेज के बहुत सारे दोस्त थे
यहाँ पर,,,मैं हैरान था कि ये पार्टी किसकी है जिसने सब को बुला लिया ऑर मुझे नही बुलाया,,अभी मैं
सोच ही रहा था कि तभी मेरे शोल्डर पर किसी ने हाथ रखा ऑर मैं पीछे पलट गया,,,,


वाह जी वाह,,हमने कहा तो पार्टी का नाम तक नही सुन रहे थे ऑर यहाँ पार्टी मे पहुँच भी गये
ऑर वही पुराने कपड़ो मे,,,मैने पीछे मूड के देखा तो ये करण था,,,

साले तू यहाँ क्या कर रहा है,,,,,

अबे मुझे तो इन्वाइट किया गया है,,,ऑर ये सवाल तो मुझे करना चाहिए तेरे से कि तू यहाँ क्या कर रहा है

मैं तो सोनिया ऑर कविता का ड्राइवर बनके आया हूँ यार,,,ऑर वैसे पार्टी किसकी है ऑर तुझे किसने इन्वाइट किया
जिसने मुझे इन्वाइट नही किया,,,,

अबे मुझे भी इन्वाइट नही किया सन्नी भाई मैं तो उसके साथ आया हूँ,,तभी करण ने एक तरफ इशारा
किया ऑर मैने देखा कि सामने से रितिका ऑर पायल भाभी चलके हम लोगो की तरफ आ रही थी,,,,

करण को रितिका लेके आई है सन्नी,,पायल; भाभी ने पास आके बोला,,,,इसी ने इन्वाइट किया था करण को ,,,ये
तुझे भी इन्वाइट करने वाली थी लेकिन इसने बोला कि तुम तो खुद चले आओगे क्यूकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड जो यहाँ
आने वाली है,,,,ऑर अब तुम लोगो की बातों से पता चल गया कि तुम अपनी गर्लफ्रेंड के ड्राइवर बनके आए हो ,,पायल
भाभी ने इतना बोला ऑर मेरे कपड़ो की तरफ इशारा करके हँसने लगी,,साथ मे करण ऑर रितिका भी,,,

मैं एक बात तो समझ गया था कि रितिका ने मुझे इन्वाइट क्यूँ नही किया था क्यूकी वो मेरे से गुस्सा थी ऑर
अब ये मेरी गर्लफ्रेंड कविता को बोल रहे थे,,लेकिन मुझे ये पता नही चल रहा था कि पार्टी किसकी है ऑर बर्थडे
किसका है,,,,,

कविता मेरी गर्लफ्रेंड नही है पायल भाभी ये तो आपको करण ने भी बता दिया होगा,,,आंड रितिका ने मुझे इन्वाइट
क्यू नही किया ऑर आपको भी इन्वाइट नही करने दिए इसके पीछे तो एक ही वजह थी,,,रितिका डर गई होगी कि
अगर सन्नी भी पार्टी मे आ गया तो उसके बाय्फ्रेंड की तरफ कोई ध्यान नही देगा ,,सब लड़कियाँ सन्नी को ही देखती
रहेंगी,,,,,,,मैने इतना बोला तो करण ऑर पायल भाभी हँसने लगे लेकिन रितिका मेरे से गुस्सा ही रही,,,,

अच्छा अब ये तो बता दो की पार्टी किसकी है,,,,,क्या ये पार्टी रितिका की है,,,,बट ये मेरी बेहन ऑर कविता को
कैसे जानती है,,,,
 
नही सन्नी रितिका की पार्टी नही है ये ऑर ना ही रितिका का बर्थडे है,,,ये पार्टी मेरी छोटी सिस के बर्थडे की है
इसलिए तो मैं कुछ दिन के लिए यहाँ आई हूँ ताकि पार्टी अटेंड कर सकूँ,,,,मेरी छोटी सिस तुम लोगो के
कॉलेज मे है,,सोनिया ऑर कविता की क्लास मे,,,,

अब समझ आया मुझे सब कुछ,,,साला मैं तो परेशान ही हो गया था,,,,,अभी हम सब बातें करने लगे
तभी करण रितिका को लेके पार्टी मे एंजाय करने चला गया जबकि पायल भाभी मेरे पास ही खड़ी रही,,,

लगता है पार्टी मे यंग लोग ही आए है,,,,कोई घर का बड़ा नही है,,,,

यंग लोगो से नफ़रत है क्या तुमको,,,जो बड़े बुजुर्ग लोगो को याद कर रहे हो,,,

नही पायल भाभी ये बात नही ,,मेरा कहने का मतलब था की अपने मोम डॅड नही है क्या यहाँ

वो लोग अंदर बैठकर अपनी उमर वालों के साथ पार्टी कर रहे है सन्नी,,,,बाहर की ये पार्टी हम जैसे
जवान लोगो के लिए है,,,,अभी हम लोग मस्ती मज़ाक कर ही रहे थे कि मुझे एक आवाज़ सुनाई दी जिस से मुझे
गुस्सा आ गया,,,,ये आवाज़ थी कमिने अमित की,,,,

ये यहाँ क्या कर रहा है,,,,अमित ने आते ही पूछा,,,,

तुमसे मतलब,,,,,ये मेरा दोस्त है इसलिए यहाँ आया है,,,,पायल ने जवाब दिया,,,

मैं गुस्से मे आ गया था अमित को देख कर,,,अमित भाई चला जा यहाँ से इस से पहले मैं अपना आपा खो
दूं,,,,

जानता था तू यही बोलेगा इसलिए तेरे को किसी से मिलवाने के लिए लाया हूँ,,,उसने इतना बोला ऑर तभी पीछे
से अमित ऑर सुरेश के बाप भी आ गये,,,,


क्या सन्नी बेटा तुझे मैने बुलाया था अपने घर पर तू आया ही नही,,,,ये सुरेश का बाप था,,,

मुझे कुछ काम था अंकल इसलिए नही आ सका,,,,बोलिए क्या बात है,,,

बात जो भी है बेटा यहाँ करने वाली नही,,,,तुम कभी आओ हमारे घर अकेले बैठ कर बात करते
है,,,,ये बात अमित का बाप बोला,,,

तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,,,,ठीक है अंकल आप जब बोलो मैं आ जाउन्गा लेकिन बात इन जनाब
के घर पर नही आपके घर पर होगी,,,,मैं अमित के बाप की तरफ इशारा करके बोला,,,


ठीक है बेटा ,,,जब फ्री हो तो आ जाना मेरे घर पर,,,अभी फिलहाल पार्टी एंजाय करो,,,,ऑर खाना ज़रूर
खाकर जाना,,,,,अमित का बाप जाते जाते अपना एक तीर मेरे पर छोड़ गया था लेकिन उसको नही पता था जो
तीर मैं चलाने वाला हूँ वो सब लोगो की माँ चोद कर रख देगा,,,,,

ये सब लोगो तेरे घर पर क्या कर रहे है,,,,,

रितिका के पापा तो मेरे इन लॉस की तरफ से आए है बट ये अमित ऑर उसका बाप मेरे पापा के अच्छे दोस्त है
इसलिए पापा ने इसको भी इन्वाइट किया था,,,,ये सब लोग तो अंदर बैठ कर बात कर रहे थे अब तुमको देख
कर बाहर क्यूँ आ गये,,,ऑर ये क्या बात करना चाहते है तुमसे,,,,कहीं वो कॉलेज के पंगे वाली बात तो
नही,,,,

मैं सुनकर दंग रह गया,,,,,क्या आपको पता है सब बात का,,,,

हां सन्नी,,,रितिका मेरे से कभी कुछ नही छुपाती,,,मुझे सब पता है जितना भी तुमने रितिका को बताया
है,,,,,,,,,,,

मैं कुछ सोच मे पड़ गया ऑर टेन्षन मे आ गया था,,,मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था जो सब हो रहा
था,,,मुझे टेन्षन मे देख कर पायल ने मेरे सर पर हाथ रखा ऑर प्यार से सहलाते हुए बोलने लगी,,,,

मैं जानती हूँ तुम क्या सोच रहे हो सन्नी,,,तुम जो सोच रहे हो जो टेन्षन ले रहे हो वो ठीक है,तुमको
किसी पर यकीन नही है ये अच्छी बात है,,,क्यूकी यकीन नही करने वाला खुद ही हर तरफ से बचा हुआ
होता है सुरक्षित होता है,,,आंड जो सब तुम अब कर रहे हो या करने वाले हो वो भी कोई हिम्मत वाला
ही कर सकता है,,,जिसमे दम होगा वही ये सब कर सकता था,,,तुम बिल्कुल ठीक कर रहे हो सन्नी ऑर इसलिए तो
तुम मुझे अच्छे लगे,,,विश्वास के क़ाबिल लगे ऑर उसी विश्वास की खातिर मैने अपना जिस्म भी तुमको सोप
दिया था,,,,क्यूकी रितिका को तुमपर बहुत यकीन है ऑर अब रितिका मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन चुकी है,,,मेरी
इतनी दोस्ती अपनी रियल सिस से नही है जितनी रितिका से है,,,



बात करते करते पायल एक दम से बोली,,,,ओह्ह्ह माइ गॉड,,,क्या डॅन्स करती है वो ऑर कितनी खूबसूरत
है,,,

किसकी बात कर रही हो तुम पायल भाभी,,,

पायल कुछ नही बोली बस मेरे सर पर हाथ रखा ऑर दूसरे हाथ से एक उंगली का इशारा करते हुए मेरे सर
को भी उसी तरफ घुमा दिया,,,


ऑर जैसे ही मैने उस तरफ देखा तो एक दम दिल खुश हो गया,,,,वो कविता थी जो अपनी दोस्तो के साथ डॅन्स
कर रही थी,,,ऑर साथ मे सोनिया भी थी लेकिन सोनिया को डॅन्स नही आता था बस वो कविता ऑर बाकी की फ्रेंड्स
के साथ हल्का हल्का डॅन्स करने की कोशिश कर रही थी ,,लेकिन कविता का डॅन्स अच्छा था,,,,

कितनी खूबसूरत है दोनो,,,,तय करना मुश्किल है कॉन ज़्यादा खूबसूरत है,,,,वाउ दोनो की साड़ी का
कलर ऑर डिज़ाइन कितना अच्छा है,,,,,

जैसे पायल भाभी बड़ी उत्सुकता से उनको देख कर खुश हो रही थी वैसे ही मैं भी उनको देख कर कहीं
गुम हो गया था,,,,

देख रहे हो ना सन्नी कितनी अच्छी है दोनो,,,,तुमको कॉन्सी ज़्यादा अच्छी लग रही है,,,सन्नी,,,सुन्नयययी

कहाँ खो गये सन्नी,,,,

कुच्छ नही भाभी बस ऐसी ही,,,

हाँ हाँ जानती हूँ दोनो बहुत खूबसूरत है जो भी देखे बस खो ही जाए,,,,सच मे कितनी क्यूट है
दोनो,,,,बता ना तेरे को कॉन्सी अच्छी लगी,,,,पिंक साड़ी वाली या ब्लू वाली,,,,

मुझे दोनो ही अच्छी लग रही है पायल भाभी ,,क्यूकी एक मेरी दोस्त है ऑर दूसरी मेरी बेहन है,,,,

मेरी बात सुनके पायल भाभी चुप हो गई,,,,लेकिन फिर बोलने लगी,,,,,ओह्ह्ह तो इनमे से एक तेरी गर्लफ्रेंड
है,,,,,

गर्लफ्रेंड नही है भाभी बस दोस्त है,,,,हम लोग साथ स्कूल जाते थे ऑर अब कॉलेज भी साथ है,,,वो मेरी ऑर
मेरी सिस सोनिया की अच्छी दोस्त है ,,,,

अच्छा बता ना कॉन है वो,,ब्लू साड़ी वाली या पिंक वाली,,,,

ब्लू वाली,,,,वो कविता है आंड पिंक साड़ी मे सोनिया है मेरी बेहन,,,,


मानना पड़ेगा सन्नी दोनो की दोनो बहुत अच्छी लग रही है,,,मैने तो अब देखा उनको,,,पार्टी मे सबसे
ज़्यादा खूबसूरत है दोनो,,,,देख तो ज़रा हर कोई उनको ही देख रहा है,,,

देखेगा भी क्यू नही भाभी,,,,वो दोनो है ही इतनी खूबसूरत,,,,ऑर सबसे बड़ी बात है दोनो साड़ी मे
है,,,,बाकी लड़कियों की तरह छोटे छोटे टॉप ओर छोटी छोटी स्कर्ट्स मे नही,,,,,मैने ये बात भाभी की
तरफ इशारा करके बोली तो भाभी थोड़ा गुस्सा कर गई,,क्यूकी पार्टी मे बाकी लड़कियों की तरह भाभी ने
भी टॉप-स्कर्ट पहना हुआ था,,,,

सही बोला तूने साड़ी की बात कुछ ऑर है,,लेकिन इस टॉप-स्कर्ट की बात तो साड़ी से भी कहीं ज़्यादा है,,लोग
इन कपड़ो मे लड़कियों को देख कर ज़्यादा खुश होते है,,,,

हां ये बात भी है भाभी,,क्यूकी मर्द की नज़र ही गंदी होती है ऑर छोटे कपड़े तो ज़्यादा उकसाते है
मर्दो को,,,,ऑर जिन लड़कियों ने ऐसे कपड़े पहने होते है मर्द उनको एक लज़्ज़तदार आइटम समझता है इज़्ज़त
के क़ाबिल नही,,

मेरी बात सुनके भाभी गुस्से से वहाँ से चली गई,,,,मैं समझ गया ये गुस्सा कर गई है मेरी बात का
मैने भी उसको जाने दिया रोकने की कोशिश तक नही की,,,

फिर मैं साइड पर बने एक बार की तरफ चला गया,,ऑर बार टेबल पर बैठ गया ऑर कोल्ड्ड्रिंक पीने लगा
ऑर साथ साथ मेरा ध्यान था कविता पर जो आज सच मे बहुत खूबसूरत लग रही थी ऑर डॅन्स तो गजब
का कर रही थी,,,नाचते हुए एक से बढ़ कर एक ठुमका लगा रही थी अपनी पतली ऑर लछादार कमर से ,,सोनिया
भी पास मे थी लेकिन उसको अच्छा डॅन्स नही आता था,,आख़िर बेहन किसकी थी,,,,


तभी कुछ देर बाद म्यूज़िक ऑफ हो गया ऑर पता चला कि केक काटने वाला है इसलिए म्यूज़िक ऑफ हुआ है,,बाद
मे म्यूज़िक फिर शुरू होगा,,,सब लोग केक वाली जाग पर जाने लगे ,,मैं भी उठकर चला था फिर सोचा
मैं वहाँ जाके क्या करूँगा इसलिए वहीं बैठा रहा,,,,

तभी मेरे पास एक सारी मे लिपटी हुई हसीन मूरत आके खड़ी हो गई,,,मैं उस मूरत को देखता रह गया
,वो कोई ओर नही पायल भाभी थी,,मैं उसको देखता ही रह गया ऑर पता नही कहाँ खो गया,,

क्यू कहाँ खो गये सन्नी ,,,,,भाभी हँसते हुए बोली,,,,

उूओ मैं वूऊ

क्यू बोलती बंद हो गई क्या,,,भाभी मज़ाक मे बोलने लगी,,,

सच मे भाभी आपने मेरी बोलती बंद करदी,,,,,कुछ नही बोलने को अब मेरे पास ,,दिल करता है बस
देखता ही रहूं,,,,

बोलती बंद करवानी ज़रूरी थी तेरी सन्नी,,औरत जैसे भी कपड़े मे रहे जिस मर्द की आँख गंदी होती है
वो गंदी ही रहती है,,फिर औरत साड़ी मे हो सूट मे हो टॉप-स्कर्ट मे हो या बुर्क़े मे हो,,हम लोग अपना
जिस्म ढक कर भी रखे तो मर्द की नियत को धोखा नही दे सकती,,,जानती हूँ छोटे कपड़े अजीब लगते
है लेकिन मॉडर्न सोसाइटी मे ये आज कल का फेशन बन गया है ,,,,

सॉरी भाभी मैं समझ गया आपकी बात,,,,मेरी ग़लती थी बस,,,अब तो खुश हो आप,,,,

तभी केक कट गया ऑर म्यूज़िक फिर से शुरू हो गया,,,,,

ऐसे खुश नही होने वाली मैं,,,डॅन्स कर मेरे साथ अगर मुझे खुश करना है तो,,चल अब तो
म्यूज़िक भी शुरू हो गया है,,,,

डॅन्स ऑर यहाँ,,,इतने लोगो के सामने ऑर वो भी आपके साथ,,,,नेवेर,,,मुझसे नही होगा भाभी,,मैने
डरते ओर शरमाते हुए बोला,,,,आंड वैसे भी मुझे डर लग रहा था ख़ासकर कविता ऑर सोनिया से
 
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