hotaks444
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सलमा ने अपनी मौत निश्चित समझ कर अपनी आँखो को बंद कर लिया. वो अपने अल्लाह को याद करने लगी. उसे पूरा विश्वास था कि एक ना एक दिन अल्लाह का कोई बंदा आएगा और इस दुष्ट तांत्रिक को मार कर बुराई पर सच की जीत साबित करेगा.
कुल्हाड़ी का वार हुआ और सलमा का खूबसूरत चेहरा उसके सर के साथ उसके धड़ से अलग हो गया.
अर्जुन यह सब दहशत भरी निगाहो से देख रह था. उसके सामने उसकी प्रेमिका से बलात्कार कर के मार दिया गया और वह कुछ ना कर सका. करण का भी यही हाल था.
लेकिन काजल से यह घिनोना दृश्या देखा नही गया. सलमा का सर कट ते ही उसकी चीख निकल पड़ी. अर्जुन और करण ने जब तक काजल का मूह बंद किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी. त्रिकाल का ध्यान उस तरफ चला गया था जहाँ वो तीनो छुपे हुए थे.
“हे भगवान अब क्या करे....” अर्जुन बोला.
“अब तो भागने मे ही भलाई है....” करण बोला और भागने लगा. उसके पीछे अर्जुन भी था लेकिन काजल वही खड़ी रही. सलमा की मौत और बलात्कार को अपनी आँखो से देखने के बाद वो सदमे मे आ गई थी.
करण और अर्जुन जब तक वापस आते तब तक देर हो चुकी थी. उनके सामने त्रिकाल के दो शिष्य काजल को पकड़े खड़े थे.
“कमिनो जाने दो मुझे....भैया बचाओ मुझे...” काजल अपने आपको छुड़ाने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली.
“छोड़ दे हमारी बहन को वरना यह खंजर सीधा तेरे सीने के आर पार कर दूँगा...” अर्जुन जेब से खंजर निकालते हुए बोला.
तब तक त्रिकाल भी वहाँ आ गया. उसने अपना हाथ फेरा और काले जादू के असर से खंजर अर्जुन के हाथ से अपने आप निकल कर दूर जा गिरा. “कॉन है यह कुत्ते और यहाँ क्या कर रहे है...” त्रिकाल गुस्से मे गुर्राया.
“मालिक यह लोग हमे छुप कर तन्त्र साधना करते हुए देख रहे थे...शायद टीवी रिपोर्टर लगते है...” त्रिकाल के एक शिष्य ने कहा जो एक हाथ से काजल को पकड़ के रखा था.
“कमीने जिस लड़की का अभी तूने बलात्कार किया और उसे जान से मार दिया वो मेरी मंगेतर थी...” अर्जुन का खून पास मे पड़ी सलमा का कटा हुआ जिस्म देख कर उबल रहा था.
“जब तुम कुत्तो ने मुझे इतना करते देख ही लिया है तो आगे भी देख लो कि मैं कैसे अमर होता हू...हा हा हा....पकड़ लो इन दोनो को..” त्रिकाल ने भारी आवाज़ मे अपने शिष्यो को आदेश दिया.
करण और अर्जुन ने पलटवार करने की कोशिश की पर त्रिकाल के काले जादू के सामने उनके हाथ पैर वही जम गये और उसके शिष्यो ने करण अर्जुन को आसानी से पकड़ लिया.
त्रिकाल का समय खराब हो रहा था इसलिए उसने जल्दी से सलमा का कटा हुआ सर शैतान की खौफ्फ्नाक मूर्ति को अर्पण कर के तन्त्र साधना करने लगा.
“अब मैं अमर हू....मुझे कोई नही मार सकता...हा हा हा...पूरी दुनिया मे मेरा राज होगा..” तन्त्र साधना पूरी हो जाने के बाद त्रिकाल ठहाका लगा के हँसने लगा.
पर आश्चर्य की बात त्रिकाल के लिए यह थी कि शैतान ने उसे अभी तक दर्शन नही दिए. त्रिकाल का माथा चकरा गया कि आख़िर जब उसने आख़िरी लड़की की बलि चढ़ा दी तो शैतान उसे दर्शन क्यू नही दे रहा.
तभी शैतान की मूर्ति से एक आवाज़ आई, “मूर्ख त्रिकाल तूने मेरी काम वासना तो शांत कर दी पर जिस लड़की की बलि तूने चढ़ाई है वो कुवारि नही है...उसका कौमार्य पहले ही भंग हो चुका था...”
कुल्हाड़ी का वार हुआ और सलमा का खूबसूरत चेहरा उसके सर के साथ उसके धड़ से अलग हो गया.
अर्जुन यह सब दहशत भरी निगाहो से देख रह था. उसके सामने उसकी प्रेमिका से बलात्कार कर के मार दिया गया और वह कुछ ना कर सका. करण का भी यही हाल था.
लेकिन काजल से यह घिनोना दृश्या देखा नही गया. सलमा का सर कट ते ही उसकी चीख निकल पड़ी. अर्जुन और करण ने जब तक काजल का मूह बंद किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी. त्रिकाल का ध्यान उस तरफ चला गया था जहाँ वो तीनो छुपे हुए थे.
“हे भगवान अब क्या करे....” अर्जुन बोला.
“अब तो भागने मे ही भलाई है....” करण बोला और भागने लगा. उसके पीछे अर्जुन भी था लेकिन काजल वही खड़ी रही. सलमा की मौत और बलात्कार को अपनी आँखो से देखने के बाद वो सदमे मे आ गई थी.
करण और अर्जुन जब तक वापस आते तब तक देर हो चुकी थी. उनके सामने त्रिकाल के दो शिष्य काजल को पकड़े खड़े थे.
“कमिनो जाने दो मुझे....भैया बचाओ मुझे...” काजल अपने आपको छुड़ाने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली.
“छोड़ दे हमारी बहन को वरना यह खंजर सीधा तेरे सीने के आर पार कर दूँगा...” अर्जुन जेब से खंजर निकालते हुए बोला.
तब तक त्रिकाल भी वहाँ आ गया. उसने अपना हाथ फेरा और काले जादू के असर से खंजर अर्जुन के हाथ से अपने आप निकल कर दूर जा गिरा. “कॉन है यह कुत्ते और यहाँ क्या कर रहे है...” त्रिकाल गुस्से मे गुर्राया.
“मालिक यह लोग हमे छुप कर तन्त्र साधना करते हुए देख रहे थे...शायद टीवी रिपोर्टर लगते है...” त्रिकाल के एक शिष्य ने कहा जो एक हाथ से काजल को पकड़ के रखा था.
“कमीने जिस लड़की का अभी तूने बलात्कार किया और उसे जान से मार दिया वो मेरी मंगेतर थी...” अर्जुन का खून पास मे पड़ी सलमा का कटा हुआ जिस्म देख कर उबल रहा था.
“जब तुम कुत्तो ने मुझे इतना करते देख ही लिया है तो आगे भी देख लो कि मैं कैसे अमर होता हू...हा हा हा....पकड़ लो इन दोनो को..” त्रिकाल ने भारी आवाज़ मे अपने शिष्यो को आदेश दिया.
करण और अर्जुन ने पलटवार करने की कोशिश की पर त्रिकाल के काले जादू के सामने उनके हाथ पैर वही जम गये और उसके शिष्यो ने करण अर्जुन को आसानी से पकड़ लिया.
त्रिकाल का समय खराब हो रहा था इसलिए उसने जल्दी से सलमा का कटा हुआ सर शैतान की खौफ्फ्नाक मूर्ति को अर्पण कर के तन्त्र साधना करने लगा.
“अब मैं अमर हू....मुझे कोई नही मार सकता...हा हा हा...पूरी दुनिया मे मेरा राज होगा..” तन्त्र साधना पूरी हो जाने के बाद त्रिकाल ठहाका लगा के हँसने लगा.
पर आश्चर्य की बात त्रिकाल के लिए यह थी कि शैतान ने उसे अभी तक दर्शन नही दिए. त्रिकाल का माथा चकरा गया कि आख़िर जब उसने आख़िरी लड़की की बलि चढ़ा दी तो शैतान उसे दर्शन क्यू नही दे रहा.
तभी शैतान की मूर्ति से एक आवाज़ आई, “मूर्ख त्रिकाल तूने मेरी काम वासना तो शांत कर दी पर जिस लड़की की बलि तूने चढ़ाई है वो कुवारि नही है...उसका कौमार्य पहले ही भंग हो चुका था...”