hotaks444
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मेरा नाम मिनी है.. मेरी उम्र 37 साल है और मेरी शादी के 20 साल हो गये हैं.. वो कहते हैं ना “नॉटी+ 40”, बस वोही हाल है मेरा..
चुदाई तो काफ़ी हुई है, मेरी चूत की.. कोई शिकायत नहीं है उसकी पर चुदाई से, अब तक मेरा मन नहीं भरा..
मेरे हज़्बेंड एक “इंजिनियर” हैं. उनकी उम्र, 41 की है.
उम्र भले ही, हम दोनों की ज़्यादा हो गई हो पर जब भी हम सेक्स करते हैं, बाइ लक मेरे हज़्बेंड काफ़ी अच्छा चोदते हैं.
लेकिन शादी के 20 साल बाद, लड़कें सोचें की 20 साल तक एक ही चूत चोदने को मिले और लड़कियाँ सोचें की 19 साल से, एक ही लंड आपकी प्यास बुझा रहा है.. तो, आपको समझ आ आएगा की क्यूँ, हम अच्छा सेक्स करके भी अब संतुष्ट नहीं थे..
वैसे बता दूँ की हमारा एक बेटा भी है, उसकी उम्र 18 साल है.
बात दीवाली के 2 महीने पहले की है.
मैं और मेरे पति, शनिवार रात्रि के सेक्स के बाद, एक दूसरे की बाहों में थे.
“सेक्स सेशन”, काफ़ी अच्छा था.
बड़े दिनों से, मेरा मन अब दूसरे लंड के लिए मचलने लगा था पर सीधे सीधे बोल भी नहीं सकती थी की रंगीला, मुझे अब कोई दूसरा लंड भी दिला दो… “रंगीला”, मेरे पति का नाम है..
पर मेरी किस्मत से, उस दिन रंगीला ने ही बात उठाई और मेरी सेक्स स्टोरी शुरू हो गई –
रंगीला – मिनी, तुमसे अच्छी वाइफ कोई नहीं हो सकती… आज, शादी के 20 साल होने वाले हैं, फिर भी तुम मुझे कभी मना नहीं करती… जब भी मुझे चूत चाहिए होती है, तुम मेरे लंड को कभी मना नहीं करती… इतने सालों में, हमने क्या क्या नहीं किया… याद है, तुम्हें पहले तो तुम मेरा लंड, मुंह में भी नहीं लेती थी… जब तुम से पहली बार “चूत” बोलने को कहा था तो तुम कितना नाराज़ हो गई थीं और धीरे धीरे, तुम अब उसे एंजाय करने लगी हो… जब तक अब “गंदी बातें” ना हो, तुम्हें मज़ा ही नहीं आता… गाण्ड भी तुम्हारी जी भर के चोदि मैने… और तो और, तुमने भी मेरी गाण्ड को “वाइब्रटर” से चोदा… तुम्हारी चुचि को तो ना जाने कितने बार, मैने चोदा होगा… तुम्हारे नाभि में भी, मैने लंड का पानी डाला… तुम्हारी चूत से निकली मूत तक का रसपान किया… अपने लंड का पानी, तुम्हें पिलाया… ओपन में भी सेक्स कर लिया… याद है तुम्हें, गोआ के “अगोडा बीच” पर… हज़ारों हज़ार “रोल प्ले” कर लिए… बचपन में, कैसे मेरी मामी ने मुझे सिड्यूस किया वो भी तुम्हें बताया… तुमने भी, अपनी “चुदाई के किस्से”, चटकारे ले ले कर सुनाए…
मैं (बीच में टोकते हुए) – क्या बात है, रंगीला… “सेक्स रेज़्यूमे”, क्यूँ बना रहे हो .?.
रंगीला – बस यार, सोच रहा था की अब क्या नया किया जाए… मैं नहीं चाहता की हमारे में, सेक्स की “स्पार्क” कम हो जाए… इतने दिनों तक, कुछ कुछ ट्राइ करके हमने ये स्पार्क बनाए रखा है… अब सोच रहा हूँ की और क्या किया जा सकता है…
मैं – क्या सोच रहे हो… कुछ, नया ट्राइ करना है तो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…
रंगीला – मिनी, वो ही तो सोच रहा हूँ… कुछ नया, अब बचा नहीं है… जो हम ट्राइ करें… इतने साल से, हम एक दूसरे को चोद रहे हैं… तुम ही बताओ, क्या मिस करती हो, सबसे ज़्यादा…
मैं – रंगीला, तुम तो जानते ही हो… मैं सबसे ज़्यादा तुम्हारे लंड का मूठ पीना पसंद करती हूँ… वो तो मुझे मिल ही जाता है… पासिबल हो तो उसकी फ्रीक्वेन्सी बढ़ा दो… उसके बाद, मुझे कुछ नहीं चाहिए… और बाकी, तुम्हें पता ही है की मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…
रंगीला – हाँ, मैं जानता हूँ की तुम, मेरे लंड का पानी पीना कितना पसंद करती हो… चलो, मैं वादा करता हूँ की अब से मेरा चोदने का मन नहीं भी होगा तो भी एक बार, लंड तुम्हारे मुंह में दे ही दूँगा…
मैं – बस फिर, मुझे और क्या चाहिए…
रंगीला – पर एक बात बताओ… एक ही लंड से, इतनी बार रस पी के तुम्हें आज भी अच्छा लगता है…
मिनी – पानी भी तो हम रोज़ पीते हैं, तो अच्छा तो लगता है ना… अच्छा लगने से, इसका कोई मतलब नहीं है… बस, एक आदत सी हो गई है… तुम जब वीकडेस में थके हुए आते हो तो मैं बोलती नहीं, पर बहुत मन करता की एक बार, लंड चूस के रस निकल ही लूँ… वैसे, सब से ज़्यादा मज़ा जब आता है जब मैं तुम्हें शादी के बाद की वो मायके वाली चुदाई के बारे में बताती हूँ और तुम पानी छोड़ते हो… बाप रे, कितना पानी छोड़ता है तुम्हारा लंड, तब…
रंगीला – मिनी, हाँ बात तो सही है… मज़ा आ जाता है सोच कर, तुम कैसे चुदि होगी… पर तुम ही सोचो ना, केवल पानी पी के हमारा मन तो नहीं भरता ना, इसलिए तो हम कोक, ऐल्कोहॉल पीते हैं… ऐसा तो नहीं है ना की हमेशा, पानी पी के ही हम संतुष्ट हो जाते हैं…
मिनी – हाँ, वो तो है… मैं समझ रही हूँ तुम क्या कहना चाहते हो… इसलिए तो कभी कभी, मेरा भी मन करता है की किसी दूसरे लंड का रस मिल जाए… लंड नहीं, पर रस ही कहीं से मिल जाए… मैं जानती हूँ, तुम मेरी चुदाई देखना चाहते हो पर तुम्हारे सामने चुद्ना मुश्किल है, रंगीला… असल में, मेरा ही नहीं किसी भी बीबी का…
रंगीला – चुदने को, कौन बोल रहा है, जान… कहीं चलते हैं, जहाँ तुम्हें कोई दूसरा लंड मिल जाए चूसने के लिए… चुदाई तो तुमने की ही है ना, पहले भी… कम से कम लंड तो चूस ही सकती हो, मेरे सामने… तुम्हारा वो शादी के पहले का बॉय फ्रेंड था ना, शिव… उसका लंड, तुम्हें काफ़ी पसंद था… याद है… क्यूँ ना, उसको फेस बुक पर सर्च करें… पहले भी तो सेक्स किया ही, है ना… एक बार में, और क्या फ़र्क पड़ेगा… क्या तुम अपने पति की खुशी के लिए, इतना नहीं कर सकती…
मिनी – आपकी खुशी के लिए तो मैं जान भी दे सकती हूँ, जानेमन… लेकिन याद कीजिए, एक बार हमने उसे फेस बुक पर पहले भी ढूँढा था वो पुलिस में है… मज़े के लिए, कोई ऐसा काम क्यूँ करें जिसमें हम फँस जाएँ… पीछे लग गया तो कुछ कर भी नहीं पायेगें… और, मैं ये भी सोच रही थी की मैं लंड चूस सकती हूँ, अगर तुम्हें भी कोई दूसरी चूत मिले चूसने के लिए… तब मैं, कम्फर्ट फील कर सकती हूँ… ये कुछ नया भी होगा… पर मुश्किल ये है की ऐसा अरेंज्मेंट, कहाँ होगा… मैं किसी कॉल बॉय के साथ नहीं जाउंगी, और ना ही तुम्हें जाने दूँगी, किसी कॉल गर्ल के पास…
रंगीला – हाँ वो तो है… सच है, क्यूँ मुसीबत में पड़ना… चलो, ठीक है अब इतना तो डिसाइड हो गया की अब हमें क्या करना है… अब ये सोचना है की कैसे करें… सोच लो, तय रहा बाद में मना तो नहीं करोगी ना…
मिनी – हाँ… नहीं करूँगी… अगर दोनों करे तो… पर उसके लिए तो बेस्ट यही होगा ना की कोई दूसरा “कपल” हो और ये सब करने को, रेडी हो… कोई है, ऐसा तुम्हारे माइंड में…
रंगीला – हाँ, बेस्ट तो यही होगा… सेफ और सिक्योर… जो हमारे अच्छे दोस्त हैं, उनमे से कोई रेडी हो ये एक्सपेरिमेंट करने के लिए, तब ही ठीक होगा… या फिर हम गोआ चलें… वहाँ कोई ना कोई, कपल ज़रूर मिलेगा…
मिनी – हाँ, कितनी बार तो जा चुके गोआ… बड़े बनते हो यहाँ… वहाँ जा कर, टाय टाय फिस्स हो जाते हो… पर रंगीला, हम “स्वापिंग” की बात कर रहे हैं, कहीं राज (मेरा बेटा) को पता ना चल जाए, ना जाने क्या सोचेगा वो यदि उसे मालूम चला तो… मेरे हिसाब से, ये तुम सही कह रहे हो हम घर पे ना करें ये सब और कहीं बाहर जा के करें…
रंगीला – हाँ… वो तो है… घर पे तो नहीं कर सकते और सारी प्लानिंग तो हम कर लेंगे, सबसे पहले कोई कपल मिलना चाहिए जो हमारी तरफ ओपन हो… तेरी दोस्त है ना वो, कोमल… उससे बात करो… तुम लोग तो बात करती हो ना, ऐसे ओपन… देखो, यदि इंटरेसटेड हो वो लोग…
मिनी – मैं करूँ बात .?.
रंगीला – लड़कों में, ऐसी बात होती नहीं है… तुम ही तो बता रही थी की तुम लोग चुदाई की बातें भी कर लेती हो, डीटेल में… और मेरे सारे दोस्त तो तुम जानती हो, कितने हरामी हैं…
मिनी – उनसे तो तुम, रहने ही दो… चलो, अच्छा ठीक है… मैं बात करती हूँ, उससे… कोमल के मम्मे काफ़ी बड़े हैं इसलिए तुमने सजेस्ट किया ना उसका नाम… लगता है, भूले नहीं अभी तक अपनी “कमसिन मामी के मम्मे”…
रंगीला – हाँ और इसलिए भी की, क्यूँ की तुमने ही बताया था की कोमल बता रही थी की कैसे वो शादी चुदवाने की शौकीन है…
चुदाई तो काफ़ी हुई है, मेरी चूत की.. कोई शिकायत नहीं है उसकी पर चुदाई से, अब तक मेरा मन नहीं भरा..
मेरे हज़्बेंड एक “इंजिनियर” हैं. उनकी उम्र, 41 की है.
उम्र भले ही, हम दोनों की ज़्यादा हो गई हो पर जब भी हम सेक्स करते हैं, बाइ लक मेरे हज़्बेंड काफ़ी अच्छा चोदते हैं.
लेकिन शादी के 20 साल बाद, लड़कें सोचें की 20 साल तक एक ही चूत चोदने को मिले और लड़कियाँ सोचें की 19 साल से, एक ही लंड आपकी प्यास बुझा रहा है.. तो, आपको समझ आ आएगा की क्यूँ, हम अच्छा सेक्स करके भी अब संतुष्ट नहीं थे..
वैसे बता दूँ की हमारा एक बेटा भी है, उसकी उम्र 18 साल है.
बात दीवाली के 2 महीने पहले की है.
मैं और मेरे पति, शनिवार रात्रि के सेक्स के बाद, एक दूसरे की बाहों में थे.
“सेक्स सेशन”, काफ़ी अच्छा था.
बड़े दिनों से, मेरा मन अब दूसरे लंड के लिए मचलने लगा था पर सीधे सीधे बोल भी नहीं सकती थी की रंगीला, मुझे अब कोई दूसरा लंड भी दिला दो… “रंगीला”, मेरे पति का नाम है..
पर मेरी किस्मत से, उस दिन रंगीला ने ही बात उठाई और मेरी सेक्स स्टोरी शुरू हो गई –
रंगीला – मिनी, तुमसे अच्छी वाइफ कोई नहीं हो सकती… आज, शादी के 20 साल होने वाले हैं, फिर भी तुम मुझे कभी मना नहीं करती… जब भी मुझे चूत चाहिए होती है, तुम मेरे लंड को कभी मना नहीं करती… इतने सालों में, हमने क्या क्या नहीं किया… याद है, तुम्हें पहले तो तुम मेरा लंड, मुंह में भी नहीं लेती थी… जब तुम से पहली बार “चूत” बोलने को कहा था तो तुम कितना नाराज़ हो गई थीं और धीरे धीरे, तुम अब उसे एंजाय करने लगी हो… जब तक अब “गंदी बातें” ना हो, तुम्हें मज़ा ही नहीं आता… गाण्ड भी तुम्हारी जी भर के चोदि मैने… और तो और, तुमने भी मेरी गाण्ड को “वाइब्रटर” से चोदा… तुम्हारी चुचि को तो ना जाने कितने बार, मैने चोदा होगा… तुम्हारे नाभि में भी, मैने लंड का पानी डाला… तुम्हारी चूत से निकली मूत तक का रसपान किया… अपने लंड का पानी, तुम्हें पिलाया… ओपन में भी सेक्स कर लिया… याद है तुम्हें, गोआ के “अगोडा बीच” पर… हज़ारों हज़ार “रोल प्ले” कर लिए… बचपन में, कैसे मेरी मामी ने मुझे सिड्यूस किया वो भी तुम्हें बताया… तुमने भी, अपनी “चुदाई के किस्से”, चटकारे ले ले कर सुनाए…
मैं (बीच में टोकते हुए) – क्या बात है, रंगीला… “सेक्स रेज़्यूमे”, क्यूँ बना रहे हो .?.
रंगीला – बस यार, सोच रहा था की अब क्या नया किया जाए… मैं नहीं चाहता की हमारे में, सेक्स की “स्पार्क” कम हो जाए… इतने दिनों तक, कुछ कुछ ट्राइ करके हमने ये स्पार्क बनाए रखा है… अब सोच रहा हूँ की और क्या किया जा सकता है…
मैं – क्या सोच रहे हो… कुछ, नया ट्राइ करना है तो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…
रंगीला – मिनी, वो ही तो सोच रहा हूँ… कुछ नया, अब बचा नहीं है… जो हम ट्राइ करें… इतने साल से, हम एक दूसरे को चोद रहे हैं… तुम ही बताओ, क्या मिस करती हो, सबसे ज़्यादा…
मैं – रंगीला, तुम तो जानते ही हो… मैं सबसे ज़्यादा तुम्हारे लंड का मूठ पीना पसंद करती हूँ… वो तो मुझे मिल ही जाता है… पासिबल हो तो उसकी फ्रीक्वेन्सी बढ़ा दो… उसके बाद, मुझे कुछ नहीं चाहिए… और बाकी, तुम्हें पता ही है की मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…
रंगीला – हाँ, मैं जानता हूँ की तुम, मेरे लंड का पानी पीना कितना पसंद करती हो… चलो, मैं वादा करता हूँ की अब से मेरा चोदने का मन नहीं भी होगा तो भी एक बार, लंड तुम्हारे मुंह में दे ही दूँगा…
मैं – बस फिर, मुझे और क्या चाहिए…
रंगीला – पर एक बात बताओ… एक ही लंड से, इतनी बार रस पी के तुम्हें आज भी अच्छा लगता है…
मिनी – पानी भी तो हम रोज़ पीते हैं, तो अच्छा तो लगता है ना… अच्छा लगने से, इसका कोई मतलब नहीं है… बस, एक आदत सी हो गई है… तुम जब वीकडेस में थके हुए आते हो तो मैं बोलती नहीं, पर बहुत मन करता की एक बार, लंड चूस के रस निकल ही लूँ… वैसे, सब से ज़्यादा मज़ा जब आता है जब मैं तुम्हें शादी के बाद की वो मायके वाली चुदाई के बारे में बताती हूँ और तुम पानी छोड़ते हो… बाप रे, कितना पानी छोड़ता है तुम्हारा लंड, तब…
रंगीला – मिनी, हाँ बात तो सही है… मज़ा आ जाता है सोच कर, तुम कैसे चुदि होगी… पर तुम ही सोचो ना, केवल पानी पी के हमारा मन तो नहीं भरता ना, इसलिए तो हम कोक, ऐल्कोहॉल पीते हैं… ऐसा तो नहीं है ना की हमेशा, पानी पी के ही हम संतुष्ट हो जाते हैं…
मिनी – हाँ, वो तो है… मैं समझ रही हूँ तुम क्या कहना चाहते हो… इसलिए तो कभी कभी, मेरा भी मन करता है की किसी दूसरे लंड का रस मिल जाए… लंड नहीं, पर रस ही कहीं से मिल जाए… मैं जानती हूँ, तुम मेरी चुदाई देखना चाहते हो पर तुम्हारे सामने चुद्ना मुश्किल है, रंगीला… असल में, मेरा ही नहीं किसी भी बीबी का…
रंगीला – चुदने को, कौन बोल रहा है, जान… कहीं चलते हैं, जहाँ तुम्हें कोई दूसरा लंड मिल जाए चूसने के लिए… चुदाई तो तुमने की ही है ना, पहले भी… कम से कम लंड तो चूस ही सकती हो, मेरे सामने… तुम्हारा वो शादी के पहले का बॉय फ्रेंड था ना, शिव… उसका लंड, तुम्हें काफ़ी पसंद था… याद है… क्यूँ ना, उसको फेस बुक पर सर्च करें… पहले भी तो सेक्स किया ही, है ना… एक बार में, और क्या फ़र्क पड़ेगा… क्या तुम अपने पति की खुशी के लिए, इतना नहीं कर सकती…
मिनी – आपकी खुशी के लिए तो मैं जान भी दे सकती हूँ, जानेमन… लेकिन याद कीजिए, एक बार हमने उसे फेस बुक पर पहले भी ढूँढा था वो पुलिस में है… मज़े के लिए, कोई ऐसा काम क्यूँ करें जिसमें हम फँस जाएँ… पीछे लग गया तो कुछ कर भी नहीं पायेगें… और, मैं ये भी सोच रही थी की मैं लंड चूस सकती हूँ, अगर तुम्हें भी कोई दूसरी चूत मिले चूसने के लिए… तब मैं, कम्फर्ट फील कर सकती हूँ… ये कुछ नया भी होगा… पर मुश्किल ये है की ऐसा अरेंज्मेंट, कहाँ होगा… मैं किसी कॉल बॉय के साथ नहीं जाउंगी, और ना ही तुम्हें जाने दूँगी, किसी कॉल गर्ल के पास…
रंगीला – हाँ वो तो है… सच है, क्यूँ मुसीबत में पड़ना… चलो, ठीक है अब इतना तो डिसाइड हो गया की अब हमें क्या करना है… अब ये सोचना है की कैसे करें… सोच लो, तय रहा बाद में मना तो नहीं करोगी ना…
मिनी – हाँ… नहीं करूँगी… अगर दोनों करे तो… पर उसके लिए तो बेस्ट यही होगा ना की कोई दूसरा “कपल” हो और ये सब करने को, रेडी हो… कोई है, ऐसा तुम्हारे माइंड में…
रंगीला – हाँ, बेस्ट तो यही होगा… सेफ और सिक्योर… जो हमारे अच्छे दोस्त हैं, उनमे से कोई रेडी हो ये एक्सपेरिमेंट करने के लिए, तब ही ठीक होगा… या फिर हम गोआ चलें… वहाँ कोई ना कोई, कपल ज़रूर मिलेगा…
मिनी – हाँ, कितनी बार तो जा चुके गोआ… बड़े बनते हो यहाँ… वहाँ जा कर, टाय टाय फिस्स हो जाते हो… पर रंगीला, हम “स्वापिंग” की बात कर रहे हैं, कहीं राज (मेरा बेटा) को पता ना चल जाए, ना जाने क्या सोचेगा वो यदि उसे मालूम चला तो… मेरे हिसाब से, ये तुम सही कह रहे हो हम घर पे ना करें ये सब और कहीं बाहर जा के करें…
रंगीला – हाँ… वो तो है… घर पे तो नहीं कर सकते और सारी प्लानिंग तो हम कर लेंगे, सबसे पहले कोई कपल मिलना चाहिए जो हमारी तरफ ओपन हो… तेरी दोस्त है ना वो, कोमल… उससे बात करो… तुम लोग तो बात करती हो ना, ऐसे ओपन… देखो, यदि इंटरेसटेड हो वो लोग…
मिनी – मैं करूँ बात .?.
रंगीला – लड़कों में, ऐसी बात होती नहीं है… तुम ही तो बता रही थी की तुम लोग चुदाई की बातें भी कर लेती हो, डीटेल में… और मेरे सारे दोस्त तो तुम जानती हो, कितने हरामी हैं…
मिनी – उनसे तो तुम, रहने ही दो… चलो, अच्छा ठीक है… मैं बात करती हूँ, उससे… कोमल के मम्मे काफ़ी बड़े हैं इसलिए तुमने सजेस्ट किया ना उसका नाम… लगता है, भूले नहीं अभी तक अपनी “कमसिन मामी के मम्मे”…
रंगीला – हाँ और इसलिए भी की, क्यूँ की तुमने ही बताया था की कोमल बता रही थी की कैसे वो शादी चुदवाने की शौकीन है…