hotaks444
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रूम में आते ही, जय ने अपना लंड निकाला और बोला की लाओ, मेरा डिज़र्ट दो…
मिनी – वेट करो, और मैंने हनी की बॉटल निकाली जो मैं अपने साथ ले के आई थी और जल्दी से, अपने सारे कपड़े निकाल के बेड पे लेट गई और हनी की शीशी को अपने चूत में डाल दिया.
मिनी – ये लो तुम्हारा डिज़र्ट… बीच पर अच्छे से नहीं चूस पाए थे ना.. लो अब एंजाय करो और मुझे भी मज़े दो…
जय ने भी अपने सारे कपड़े निकाल फेके और जल्दी से मेरे चूत में अपना मुंह दे दिया.
सारी हनी को वो “लॅप लॅप” कर के चाट गया और साथ में ही, मेरी चूत पे उसने ज़ोरदार प्रहार किया.
अपनी उंगलियों से, मेरी चूत में एंटर किया और मुंह से मूतने वाली प्लेस पे चाटने लगा.
बॉडी में एक अजीब ही सिहरन हो रही थी.
उसने अपनी उंगली का स्पीड और तेज़ किया और पूरी चूत को और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
मैं भी जल्द ही झड़ के पानी चोदड़ने लगी और वो पूरा पानी चूसता गया.
एक बार झड़ने के बाद भी वो मेरी चूत को आज छोड़ने वाला नहीं था.
उसने और भी तेज़ी से मेरी चूत को चूसना शुरू किया.
मैंने उसे 69 की पोज़िशन में आने को कहा और वो जल्दी ही पोज़िशन में आके फिर से मेरी चूत को खाने लगा.
मेरी चूत को वो ऐसे चूस रहा था जैसे कोई भूखा बाकचा अपनी मां की दूध के लिए चुचि को चूसता हो.
मैंने भी उसके लंड को अपने मुंह में डाला.
हनी की बॉटले पास में ही थी इसलिए मैंने भी थोड़ा हनी इस बार उसके लंड में लगाया और चाटने लगी.
हनी तो जल्द ही ख़त्म हो गई.
अब वो जितनी स्पीड से मेरी चूत चूस रहा था मैं भी उसके लंड को चूस रही थी.
मैंने लंड को मुंह से चूसते हुए उसके गाण्ड के होल में अपनी उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगी.
गाण्ड में उंगली जाते ही, उसकी बॉडी भी काँपने लगी.
मैंने भी अपनी स्पीड चालू रखी.
मुंह से लंड को चूस रही थी और उंगली से उसके गाण्ड को चोद भी रही थी.
साइड टेबल में केले रखे हुए थे.
मैंने उसमे से दो केले लिए. एक उसे दे दिया और दूसरे केले को मैं छील के उसकी गाण्ड में डालने लगी.
केला अंदर जाने से पहले ही टूट जा रहा था और टूटा हुआ पार्ट गाण्ड के अंदर चला जा रहा था.
फिर जब वो गाण्ड के छेद को खोलता केला का टुकड़ा वहाँ से बाहर आ जाता.
ऐसे ही मैंने, पूरे केले उसकी गाण्ड में डाले और उनसे गाण्ड से बाहर निकल दिया.
अब उसका गाण्ड का छेद काफ़ी स्लीपीरी हो गया था.
मैंने वाइब्रटर बाहर ही निकल के रखा था.
उसे मैंने उठाया और उसकी गाण्ड में घुसा दिया.
केले से जो फिसलन बनी थी उसकी कारण से 50% आसानी से उसके गाण्ड के अंदर चला गया.
मैंने एक बार और ज़ोर लगाया तो पूरा वाइब्रटर उसके गाण्ड में गया.
फिर मैंने उसका स्विच चालू कर दिया.
जब वो वाइब्रट करने लगा. जय भी वाइब्रट करने लगा.
मैंने वाइब्रटर को एक हाथ से पकड़ के लंड फिर से मुंह में लिया.
इस बार जय ही झड़ने की बारी थी.
उसने पूरा पानी मेरे मुंह छोड़ दिया पर इस बार उसका लंड लूस भी नहीं हुआ, इतने प्रोसेस में लंड अभी भी टाइट ही था.
मैं भी लंड चूसती रही और उसके स्पर्म का एक एक बूँद चट्टी रही.
उधर वो केले को मेरे चूत में डाल के फिर उसी केले को मुंह से निकल के खा भी रहा था.
मैं भी फिर से गरम हो रही थी और पानी छोड़ने को तैयार थी.
जय ने अपनी स्पीड अभी भी बरकरार रखी थी.
मैं फिर पानी छोड़ने लगी, इस बार बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा मैंने..
जय फिर से सारा पानी चूस रहा था.
मिनी – जय, मुझे मुतना है..
जय – मुझे भी, गाण्ड से निकालो वो वाइब्रटर नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगा…
फिर मैंने वाइब्रटर उसकी गाण्ड से निकल दिया.
उसके लंड को थोड़े देर छोड़ दिया ताकि वो मूतने के लिए नॉर्मल हो सके.
वो बेड पे लेट गया.
मिनी – आ जा मेरे मुंह में मूत… मुझे तुम्हारी मूत पीनी है…
यहाँ मैंने फिर उसके मुंह में अपनी चूत को रखा और मूतने लगी.
मूत रुक रुक के आ रही थी और काफ़ी आवाज़ के साथ निकल रही थी.
जय पूरा मूत पी भी नहीं पा रहा था.
फिर मैंने उसके पूरे चेहरे को कोमलना बना के मुतना शुरू किया और उसके पूरे चेहरे को गीला कर दिया.
काफ़ी देर तक मैं मूतती रही.
फिर जय खड़ा हुआ और मेरे मुंह को कोमलना बना के मूतने लगा.
मैं भी उसके मूत की धार को पूरी तरह से नहीं पी पा रही थी. इसलिए वो बीच बीच में अपने लंड को पकड़ के मेरे पूरे बॉडी में मूतने लगा.
उसकी मूत से उसने मुझे, पूरा नहला दिया था.
मूत से नहाने से पूरे शरीर पर कभी फुंसी, फोड़े या कोई इन्फेक्षन नहीं होता और तो और चुदाई के टाइम पर निकली मूत से बहुत सी क्रोनिक बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं…
अपने पति के सफेद दाग होने पर मैने उनके उपर महीने भर तक मुता था और जो असर कोई दवाई नहीं कर पाई वो मेरी मूत कर गई..
शुरू में तो रंगीला ने उल्टी तक की पर मैने हार नहीं मानी और अब तो वो जय की तरह गट गट मेरी मूत पी जाते हैं…
यहाँ फिर मैंने जय को बेड पे लिटाया और और उसके लंड को फिर से अपने कब्ज़े में ले लिया.
थोड़ी देर चूसने में ही उसका लंड फिर से फंफनाने लगा.
इस बार मैं उसके ऊपर बैठ गई और अपनी चूत को उसके लंड ने कोमलने पे रखा और लंड चूत में ले लिए.
फिर मैं धीरे धीरे उनसे लंड को राइड करने लगी.
उसने भी मेरे चुचियों को पकड़ के मसलना शुरू किया.
धीरे धीरे और भी गरम होने लगी तो मैंने अपनी स्पीड बधाई और उसके लंड को राइड करने लगी.
जब चूत नीचे जाती तो पूरा लंड अंदर ले रही थी.
बुरी तरह थक गई थी पर ये मज़ा लेना भी ज़रूरी था.
कल से तो फिर अपने ही हज़्बेंड का लंड मिलने वाला था इसलिए बिना रुके और भी ज़ोर ज़ोर से उसके लंड पे अपनी चूत देने लगी.
उसने मेरी चुचि को पूरी ताक़त से दबा के रखा था.
फिर मैंने अपनी चुचि को उसकी हाथ से अलग किया और उसके लंड पे सीधे बैठ के अपने हाथों को पीछे करके लंड की सवारी करने लगी.
मेरी चुचियाँ मेरे स्पीड के साथ ही बाउन्स कर रही थी.
जय से रहा नहीं गया और थोड़ा उठ के उसने मेरी चुचियों को फिर से दबोच लिया और मसलने लगा.
मैंने और भी तेज़ी से उसके लंड पे धक्का देना शुरू किया.
वो थक चुका था और थक के अब लेट गया था.
फिर भी मैंने अपनी स्पीड बनाए रखी.
मिनी – वेट करो, और मैंने हनी की बॉटल निकाली जो मैं अपने साथ ले के आई थी और जल्दी से, अपने सारे कपड़े निकाल के बेड पे लेट गई और हनी की शीशी को अपने चूत में डाल दिया.
मिनी – ये लो तुम्हारा डिज़र्ट… बीच पर अच्छे से नहीं चूस पाए थे ना.. लो अब एंजाय करो और मुझे भी मज़े दो…
जय ने भी अपने सारे कपड़े निकाल फेके और जल्दी से मेरे चूत में अपना मुंह दे दिया.
सारी हनी को वो “लॅप लॅप” कर के चाट गया और साथ में ही, मेरी चूत पे उसने ज़ोरदार प्रहार किया.
अपनी उंगलियों से, मेरी चूत में एंटर किया और मुंह से मूतने वाली प्लेस पे चाटने लगा.
बॉडी में एक अजीब ही सिहरन हो रही थी.
उसने अपनी उंगली का स्पीड और तेज़ किया और पूरी चूत को और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
मैं भी जल्द ही झड़ के पानी चोदड़ने लगी और वो पूरा पानी चूसता गया.
एक बार झड़ने के बाद भी वो मेरी चूत को आज छोड़ने वाला नहीं था.
उसने और भी तेज़ी से मेरी चूत को चूसना शुरू किया.
मैंने उसे 69 की पोज़िशन में आने को कहा और वो जल्दी ही पोज़िशन में आके फिर से मेरी चूत को खाने लगा.
मेरी चूत को वो ऐसे चूस रहा था जैसे कोई भूखा बाकचा अपनी मां की दूध के लिए चुचि को चूसता हो.
मैंने भी उसके लंड को अपने मुंह में डाला.
हनी की बॉटले पास में ही थी इसलिए मैंने भी थोड़ा हनी इस बार उसके लंड में लगाया और चाटने लगी.
हनी तो जल्द ही ख़त्म हो गई.
अब वो जितनी स्पीड से मेरी चूत चूस रहा था मैं भी उसके लंड को चूस रही थी.
मैंने लंड को मुंह से चूसते हुए उसके गाण्ड के होल में अपनी उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगी.
गाण्ड में उंगली जाते ही, उसकी बॉडी भी काँपने लगी.
मैंने भी अपनी स्पीड चालू रखी.
मुंह से लंड को चूस रही थी और उंगली से उसके गाण्ड को चोद भी रही थी.
साइड टेबल में केले रखे हुए थे.
मैंने उसमे से दो केले लिए. एक उसे दे दिया और दूसरे केले को मैं छील के उसकी गाण्ड में डालने लगी.
केला अंदर जाने से पहले ही टूट जा रहा था और टूटा हुआ पार्ट गाण्ड के अंदर चला जा रहा था.
फिर जब वो गाण्ड के छेद को खोलता केला का टुकड़ा वहाँ से बाहर आ जाता.
ऐसे ही मैंने, पूरे केले उसकी गाण्ड में डाले और उनसे गाण्ड से बाहर निकल दिया.
अब उसका गाण्ड का छेद काफ़ी स्लीपीरी हो गया था.
मैंने वाइब्रटर बाहर ही निकल के रखा था.
उसे मैंने उठाया और उसकी गाण्ड में घुसा दिया.
केले से जो फिसलन बनी थी उसकी कारण से 50% आसानी से उसके गाण्ड के अंदर चला गया.
मैंने एक बार और ज़ोर लगाया तो पूरा वाइब्रटर उसके गाण्ड में गया.
फिर मैंने उसका स्विच चालू कर दिया.
जब वो वाइब्रट करने लगा. जय भी वाइब्रट करने लगा.
मैंने वाइब्रटर को एक हाथ से पकड़ के लंड फिर से मुंह में लिया.
इस बार जय ही झड़ने की बारी थी.
उसने पूरा पानी मेरे मुंह छोड़ दिया पर इस बार उसका लंड लूस भी नहीं हुआ, इतने प्रोसेस में लंड अभी भी टाइट ही था.
मैं भी लंड चूसती रही और उसके स्पर्म का एक एक बूँद चट्टी रही.
उधर वो केले को मेरे चूत में डाल के फिर उसी केले को मुंह से निकल के खा भी रहा था.
मैं भी फिर से गरम हो रही थी और पानी छोड़ने को तैयार थी.
जय ने अपनी स्पीड अभी भी बरकरार रखी थी.
मैं फिर पानी छोड़ने लगी, इस बार बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा मैंने..
जय फिर से सारा पानी चूस रहा था.
मिनी – जय, मुझे मुतना है..
जय – मुझे भी, गाण्ड से निकालो वो वाइब्रटर नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगा…
फिर मैंने वाइब्रटर उसकी गाण्ड से निकल दिया.
उसके लंड को थोड़े देर छोड़ दिया ताकि वो मूतने के लिए नॉर्मल हो सके.
वो बेड पे लेट गया.
मिनी – आ जा मेरे मुंह में मूत… मुझे तुम्हारी मूत पीनी है…
यहाँ मैंने फिर उसके मुंह में अपनी चूत को रखा और मूतने लगी.
मूत रुक रुक के आ रही थी और काफ़ी आवाज़ के साथ निकल रही थी.
जय पूरा मूत पी भी नहीं पा रहा था.
फिर मैंने उसके पूरे चेहरे को कोमलना बना के मुतना शुरू किया और उसके पूरे चेहरे को गीला कर दिया.
काफ़ी देर तक मैं मूतती रही.
फिर जय खड़ा हुआ और मेरे मुंह को कोमलना बना के मूतने लगा.
मैं भी उसके मूत की धार को पूरी तरह से नहीं पी पा रही थी. इसलिए वो बीच बीच में अपने लंड को पकड़ के मेरे पूरे बॉडी में मूतने लगा.
उसकी मूत से उसने मुझे, पूरा नहला दिया था.
मूत से नहाने से पूरे शरीर पर कभी फुंसी, फोड़े या कोई इन्फेक्षन नहीं होता और तो और चुदाई के टाइम पर निकली मूत से बहुत सी क्रोनिक बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं…
अपने पति के सफेद दाग होने पर मैने उनके उपर महीने भर तक मुता था और जो असर कोई दवाई नहीं कर पाई वो मेरी मूत कर गई..
शुरू में तो रंगीला ने उल्टी तक की पर मैने हार नहीं मानी और अब तो वो जय की तरह गट गट मेरी मूत पी जाते हैं…
यहाँ फिर मैंने जय को बेड पे लिटाया और और उसके लंड को फिर से अपने कब्ज़े में ले लिया.
थोड़ी देर चूसने में ही उसका लंड फिर से फंफनाने लगा.
इस बार मैं उसके ऊपर बैठ गई और अपनी चूत को उसके लंड ने कोमलने पे रखा और लंड चूत में ले लिए.
फिर मैं धीरे धीरे उनसे लंड को राइड करने लगी.
उसने भी मेरे चुचियों को पकड़ के मसलना शुरू किया.
धीरे धीरे और भी गरम होने लगी तो मैंने अपनी स्पीड बधाई और उसके लंड को राइड करने लगी.
जब चूत नीचे जाती तो पूरा लंड अंदर ले रही थी.
बुरी तरह थक गई थी पर ये मज़ा लेना भी ज़रूरी था.
कल से तो फिर अपने ही हज़्बेंड का लंड मिलने वाला था इसलिए बिना रुके और भी ज़ोर ज़ोर से उसके लंड पे अपनी चूत देने लगी.
उसने मेरी चुचि को पूरी ताक़त से दबा के रखा था.
फिर मैंने अपनी चुचि को उसकी हाथ से अलग किया और उसके लंड पे सीधे बैठ के अपने हाथों को पीछे करके लंड की सवारी करने लगी.
मेरी चुचियाँ मेरे स्पीड के साथ ही बाउन्स कर रही थी.
जय से रहा नहीं गया और थोड़ा उठ के उसने मेरी चुचियों को फिर से दबोच लिया और मसलने लगा.
मैंने और भी तेज़ी से उसके लंड पे धक्का देना शुरू किया.
वो थक चुका था और थक के अब लेट गया था.
फिर भी मैंने अपनी स्पीड बनाए रखी.