Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज - Page 6 - SexBaba
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Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज

जैकी , बंसल , शगुन और विभा उस इमारत की लिफ्ट के जरिए फोर्थ फ्लोर पर पहुंचे जिसके बाहर मेंरी गाड़ी खड़ी मिली थी ।
सब - इंस्पेक्टर को वापस थाने भेजा जा चुका था और शोफर नीचे गाड़ी में था । फोर्थ क्लोर की गैलरी में बढ़ते जैकी ने कहा ---- " आप तो इस तरह चली आ रही है जैसे हन्डरेड परसेन्ट मालूम हो वेद जी कहा है ? "
" वेद का तो फिलहाल नहीं लेकिन यह मालूम है बंसल साहब कहां आये थे ? "
" प्लीज । " जैकी ने कहा ---- " अब तो बता दीजिए । कैसे पता चला आपको ? "
" आप सब - इंस्पैक्टर द्वारा बनाई गई लिस्ट पर गौर करो --- साथ ही गौर करो मिस्टर बंसल की उस वक्त की मानसिकता पर ।

हमें मालूम है ---- इनकी सबसे बड़ी समस्या बल्लम की बजह से अपना सदिग्ध हो उठना था । जाहिर है , इन्हें किसी ऐसे शख्स की तलाश होगी जो उस समस्या से निजात दिलाने की क्षमता रखता हो । "
" अब बंसल साहब की जगह खुद को खड़ा करके , सोचो । तुम्हारे सामने यह प्राब्लम होती तो किसके पास जाते ?

" जैकी ने चंद सैकिण्ड सोचने के बाद कहा ---- " शायद किसी वकील के पास । "
" बिन्कुल सही सोचा तुमने । लेकिन लिस्ट देख चुके हो , इस बिल्डिंग में कोई वकील नहीं है । लिस्ट पर गौर करो जैकी । जवाब खुद मिल जाएगा । "
" प्राइवेट डिटेक्टिव " जैकी चुटकी बजा उठा ---- " इस बिल्डिंग में ऐरो डिटेक्टिव एजेन्सी का आफिस है । वकील के अलावा प्राइवेट डिटेक्टिव भी इस समस्या में मददगार हो सकता है । "
" हम वहीं खड़े हैं । विभा रुकती हुई बोली । जैकी ने देखा ---- वे सचमुच ऐरो डिटेक्टिव एजेन्सी के आफिस के गेट पर खड़े थे ।
होठों पर मुस्कान लिए विभा ने बंसल से पूछा ---- " हम लोग गलत जगह तो नहीं आये ? "

" हम यह दावे के साथ कह सकते हैं । बंसल बोला ---- " आपसे जिन्दगी में कभी कोई गलती नहीं हो सकती ।
" ये गलत है । " विभा ने कहा ---- " इन्वेस्टिगेटर का सारा खेल तर्कपूर्ण तिगड़मों पर होता है । और तर्क कभी - कभी इतना तगड़ा धोखा देते है कि इन्वेस्टिगेटर अंधेरे में ही हाथ - पांव मारता रहता है । "
" फिलहाल इस मामले में आप केवल रोशनी में नहीं रहीं बल्कि रोशनी की मीनार बनकर आई है । " कहने के साथ बंसल अंदर दाखिल हो गया ।

विभा , जैकी और शगुन उसके पीछे थे । . ' ऐरो डिटेक्टिव एजेंसी के संचालक का नाम रमेश गौतम था । एजेन्सी का प्रमुख जासूस भी वह था । अपने क्लाइन्ट के साथ पुलिस इंस्पैक्टर और एक अति प्रभावशाली महिला को देखकर थोड़ा सतर्क नजर आने लगा । बंसल ने विभा का परिचय दिया । वह प्रभावित हुआ । विभा ने पुछा ---- " क्या आप वेद प्रकाश शर्मा को जानते है ? " चंद सेकिण्ड सोचन में गंबाकर उसने कहा ---- " हां - हां , क्यों नहीं ! हिन्दुस्तान भर में प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं वे । अपने मेरठ के रहने वाले है। "

" कमाल है आप कुदकर उन तक कैसे पहुंच गये आप ? इस नाम के और भी बहुत लोग हो सकते हैं । "

" वेशक हो सकते हैं । गौतम ने कहा ---- " लेकिन सुबह के अखबार में उनके किडनैप की खबर छपी है । उस कालिज के प्रिंसपल , एक पुलिस इंस्पेक्टर और आप डिटेक्टिव एजेन्सी में आकर यह नाम लेती है तो मुझे समझ जाना चाहिए चर्चा किस के बारे में हो सकती है । " विभा हौले से मुस्कुराकर बोली ---- " चतुराई भरा जवाब देकर साबित कर दिया कि तुममें जासूसी के मैदान में काम करने के टेलेन्ट हो या न हो मगर ग्राहक को चंगुल में फंसाने के टैलेन्ट निसन्देह है । बरायमेहरबानी , अब जल्द से जल्द वेद से मिला दिजिए । "

" मैं- : " वह बौखलाया --- " मैं आपको वेद जी से मिला दूँ "

"एक्टिंग बेकार है . मिस्टर गौतम ! मैं समझ चुकी हूँ कि बंसल साहब के लिए वेद का अपहरण तुमने किया है । "
गौतम चौंका ।
हडबडाकर मत की तरफ देखा उसने । वैसे ही भाव बंसल के चेहरे पर भी थे ।
 
विभा की तरफ देखते उसने कहा ---- " ये आप क्या कह रही है ? विभा जी ?
वेदजी का अपहरण हमने किया है ? "
“ नहीं किया ? " विभा की आंखे मुड़कर गोल हो गई ।
गौतम बोला ---- " हरगिज नहीं किया । " जैकी गुर्राया ---- " स्मार्ट बनने की कोशिश तुम्हारा लाइसेंस रद्द करा सकता है मिस्टर गौतम । प्राइवेट डिटेक्टिव एजेन्सी चलाने के लिए लाइसेंस का मतलब ये नहीं कि तुम्हें लोगों के अपहरण करने का लाइसेंस मिल गया है । "

" बही तो कहना चाहता हूँ । " गौतम ने कहा ---- " मै प्राइवेट डिटेक्टिव हूँ अपराधी नहीं । किसी का अपहरण करना आपराधिक कार्य है । में ऐसा नहीं कर सकता । पता नहीं यह वहम आपको कैसे हो गया ? सही बात ये है . मिस्टर बंसल मेरे पास आये । इन्होंने कहा मिस्टर वेद इन पर कालिज में हो रही हत्याओं का शक कर रहे हैं । संयोग से एक हत्त्या हुई भी इनके पुश्तैनी बल्लम से । पता नहीं उस बल्लम को इनके बेडरूम से किसने गायब किया । मेरे पास ये उस चोर का पता लगाने का केस सौपने आये थे । अपनी फीस लेकर मैंने केस लिया भी । इससे ज्यादा इस केस में मेरा अभी तक कोई इन्वाल्चमेन्ट नहीं है ।

" विभा ने बंसल से पुछा ---- " तुम्हारा पीछा करता वेद यहां नहीं पहुंचा था ? "
" यकीन कीजिए विभाजी , मुझे नहीं मालूम वे मेरे पीछे थे । " बंसल कहता चला गया --- " मैंने सिर्फ अपने बचाव की कोशिश की थी । अपहरण जैसे जुर्म के बारे में सोच भी नहीं सकता । "

जैकी गुर्राकर पुलिसिया भाषा पर उतरने वाला था कि विभा ने इशारे से रोका । बोली ---- " कुछ देर पहले मैंने कहा था इन्वेस्टिगेटर अंधेरे में ही हाथ - पांव मारता रहता है । लगता है इस मामले में मेरे साथ वैसा ही कुछ हो गया है । रामदीन के बयान से निकले तर्कों के आधार पर मैं आश्वस्त हो गयी थी कि अपने लिए मुसीबत बने वेद को मिस्टर बंसल ने ही गौतम की मदद से कहीं कैद कर लिया है । मैं यह सोचकर भी सुकून की दुनिया में थी कि इस अवस्था में वेद किसी खतरे में नहीं हो सकता लेकिन अगर ये सच है तो , वेद खतरे में है । जैकी बोला ---- " विभा जी , ये लोग झूठ भी तो बोल सकते है ? " विभा ने कुछ कहने के लिए मुंह खोला ही था कि जैकी का सेल्यूलर बज उठा।

जैकी ने उसे बेल्ट से निकालकर ऑन किया । बोला ---- " कौन ? "
" मि ० चैलेंज " दूसरी तरफ से आवाज उभरी । जैकी चौका --.- " मि ० चैलेंज "
" शायद तुम्हारे साथ विभा है । " दूसरी तरफ से कहा गया । " फोन उसे दो । "
उद्वेलित सा नजर आ रहा जैकी गुर्राया ---- " पहले अपना असली नाम बताओ । "
" बेवकूफानी बातें छोड़कर फोन विभा को दो जैकी । "
जैकी के बोलने से पहले विभा ने फोन उसके हाथ से ले लिया कहा ---- " विभा हीयर ! "
" मि ० चैलेंज । " " मतलब की बात बोलो । फोन क्यों किया ? "
" प्रिंसिपल एक नम्बर का झूठा है । " दूसरी तरफ से एक ही सांस में सब कुछ कहने की कोशिश की गयी ---- " वह आबूलेन चाट खाने नहीं , ऐरो डिटेक्टिव एजेन्सी में गया था । " " जानती हूँ । कोई नई बात बताओ ? "
" जानती है ? " थोड़ा आश्चर्य व्यक्त किया गया ---- " इस वक्त आप कहां है ? "
“ ऐरो रिटेक्टिव एजेन्सी के ऑफिस में । "
" तब तो सही जगह पहुंच गयीं । वाकई ब्रिलियेंट हैं आप । " कहने के बाद फोन डिस्कनेक्ट कर दिया गया ।
मोबाइल ऑफ करते वक्त बिभा के चेहरे पर जलजले के से भाव उभर आये । उसने ध्यान से सेल्यूलर की स्क्रीन पर चमक रहा नम्बर पढ़ा । अंगुलियों ने तेजी से मेरठ के कोड के साथ यह नम्बर डायल किया । दूसरी तरफ से एंगेज टोन उभरी । विभा ने रिडायल किया । स्वागत पुनः एंगेज टोन ने किया । जब बार - बार कोशिश के बावजूद दूसरी तरफ रिंग नहीं गई तो थोड़े उद्वेलित स्वर में बोली ---- " एक कागज पर नम्बर नोट कीजिए मिस्टर गौतम । "
" बोलिए । " गौतम ने पैन संभाला । नम्बर नोट कराने के बाद विभा ने कहा ---- " पता लगाइए कि नम्बर कहां का है ?
" गौतम ने टेलीफोन डिपार्टमेन्ट में अपने सूत्र को फोन किया । निर्देश देकर रिसीवर कैडिल पर रखता बोला ---- " पांच दस मिनट में पता लग जाता है । "
" यह बात तो आप सेल्यूलर पर ही रिडायल करके मालूम कर सकती हैं विभा जी । " जैकी ने कहा।
 
" वही कोशिश कर रही हूं । " विभा ने पुनः रिडायल वाला बटन दबाते हुए कहा ---- " लगातार एंगेज लग रहा है । "
" ओह ! शायद वह किसी और से बात कर रहा हो । "
" मेरे ख्याल से वह फोन खराब कर चुका है । "

विभा कहती चली गयी ---- " बच्चा भी जानता है कि यदि सेल्यूलर पर फोन किया जाये तो स्क्रीन पर उसका नम्बर आ जाता है । मि ० चैलेंज द्वारा किसी ऐसे फोन से तुम्हारे सेल्यूलर पर बात करने का सवाल ही नहीं उठता जिस पर उसे पकड़ा जा सके । हन्डरेड परसेन्ट ये फोन किसी पी ० सी ० ओ ० से किया गया होगा । वह यह भी जानता था कि उसके द्वारा फोन काटे जाते ही मैं रिडायल करके सम्बन्ध स्थापित करने की कोशिश करूंगी । यह कोशिश कामयाव न हो , इसके लिए उसने फोन ही डेड कर दिया । "

" इससे क्या फायदा ? "
" हम वो नहीं कर सकते जो कर सकते थे । "
" क्या कर सकते थे ? "
" मैं संचालक से यह कह सकती थी , उस शख्स को रोक ले जिसने अभी - अभी इस फोन से फलां नम्बर डायल कर मोबाइल पर बात की है ।

जैकी के जवाब देने से पहले गौतम की टेबिल पर रखे फोन की घंटी बजी । गौतम ने रिसीवर उठाया और बातें करने के बाद कहा ---- " आपका शक ठीक है विभा जी । ये नम्बर मोदीपुरम के एक पी ० सी ० ओ ० का है । "
" आओ । " विभा एक झटके से खड़ी हो गयी । गाड़ी में जैकी ने पूछा ---- " कह क्या रहा था वह ? " विभा ने बतला दिया ।

सुनकर बंसल ने कहा ---- " विभा जी , कोई हमें फंसाना चाहता है ! पहले हमारे बल्लम से चन्द्रमोहन की हत्या करना और अब ये कहना कि आप गौतम के ऑफिस तक पहुंच जायें । यह अलग बात है आप उसके द्वारा दी गई इन्फॉरमेशन से पहले ही पहुंच गइ मगर .... उसका ये फोन क्या इस बात का गवाह नहीं है कि वह हमें आपकी नजर में झूठा और संदिग्ध साबित करना चाहता है ? "

जैकी गुर्राया---- " वह तो तुम हो ही । "
" यह बात वाकई सौचने वाली है जैकी । " विभा ने कहा ---- " बंसल ने गौतम से अपनी भेंट को हमसे छुपाने की कोशिश की , इसमें शक नहीं । परन्तु मि ० चैलेंज क्यों चाहता है यह बात हमें पता लगे ? "
" आपके ख्याल से फोन के पीछे उसका क्या मकसद था ? "
" भायद वही जो मिस्टर बंसल कह रहे हैं । इन्हें संदिग्ध बनाना । बल्कि हमारे दिमाग में यह ढूंसना कि वेद के अपहरणकर्ता यही हैं । मगर जरूरत से ज्यादा चालाकी का दूसरा नाम ही दरअसल बेवकूफी है । न करने की बेवकूफी करके मि ० चैलेंज बता गया कि अभी वह कच्चा खिलाड़ी है । "

" मैं समझ नही विभा जी । "
" पका हुआ खिलाड़ी हर वक्त इन्वेस्टिगेटर को अपनी नालिज में रखता है , मि ० चेलेंज को इतना तक मालूम नहीं था की मै गौतम के ऑफिस में पहुंच चुकी हूं । "

किसी के कुछ पूछने से पहले राल्स रॉयल गौतम के निर्देश पर एक पी ० सी ० ओ ० बूथ पर रुकी । विभा के साथ सब लोग बाहर निकले । पी ० सी ० ओ ० का संचालक बीस - बाइस साल की उम्र का था । वह खाली बैठा उपन्यास पढ़ रहा था । पुलिस के साथ धड़धड़ाते लोगों को अंदर प्रविष्ट होते देख थोड़ा घबराया । जैकी ने कड़क आवाज में पूछा , फलां नम्बर कौन सा है ? लड़के ने एक केबिन की तरफ इशारा कर दिया । जब पूछा गया कि अंतिम बार उसका इस्तेमाल किसने किया तो लड़के ने कहा ---- " एक औरत ने । "
" औरत ? " जैकी उलझा । गौतम से पूछा ---- " जवान थी या बूढी ? हुलिया क्या था ? "
" ज - जी । मैं देख नहीं सका । वह बुर्के में थी । "
" कहां फोन किया था ? "
" अभी बत्ताता हूं । " कहने के साथ उसने रजिस्टर देखना शुरू किया । अगले पल उसमें दर्ज जैकी के मोबाइल का नम्बर बता दिया । जैकी उसे अपना मोबाइल दिखाता हुआ गुर्राया --- " इसका नम्बर है ये । वह एक अपराधी था । सुना तूने ---- थी नहीं था।
 
एक मर्द अगर बुर्का पहनकर आ जाये तो तू इतना भी नहीं जान सकता कि वह औरत नहीं मर्द था ? " लड़का ऐसा हकलाया कि जवाब नहीं सूझा उसे । विभा के होठो पर जैकी का रवैया देखकर मुस्कान उभर आई । बोली ---- " इस बेचारे को हड़काने से कोई फायदा नहीं जैकी । एक बार फिर कहूंगी ---- अपनी ये पुलिसिया हरकतें छोड़ दो । काम यो करो जिससे आगे बढ़ने का रास्ता मिले । "

जैकी चुप रहा । विभा ने उसे लड़के के सामने से हटाया और स्वयं उसका स्थान ग्रहण करती बोली ---- " घबराओ नहीं , मैं जानती हूँ तुम्हारा कुसूर नहीं है । अपना रजिस्टर देखकर बताओ ---- क्या बुर्के वाले ने मोबाइल पर फोन करने से पहले कोई और नम्बर भी मिलाया था "
“ जी नहीं । " कहने के साथ उस लड़के ने सुबूत के तौर पर रिकार्ड का रजिस्टर उसकी तरफ सरका दिया । विभा ने उस पर नजर मारने की कोशिश नहीं की । वह तेजी से मुड़ी और उस केबिन में घुस गई जिसमें उस नम्बर का फोन था । तार टेलीफोन इंस्ट्रमेन्ट से अलग पड़ा था।

विभा चौंकी । चौंकने का कारण वह कागज था जो क्रेडिल पर रखे रिसीवर और केंडिल के बीच फंसा था । कागज किसी की पाकेट डायरी का था । विभा ने उसे निकाला । लिखा था ---- " वेलकम विभा जिन्दल ! बेलकम हा ... हा ... हा .... " मि ० चैलेंज ।

विभा के जबड़े भिंच गये । कागज लिए केबिन से बाहर निकली। मि ० चैलेंज के चैलेंज को पढ़कर जैकी , गौतम और प्रिंसिपल भी दंग रह गये । प्रिंलिपल के मुंह से तो टिप्पणी भी निकल पड़ी ---- " मि ० चैलेंज तो हमसे खेल रहा है । " उस वक्त कागज जैकी के हाथ में था और यह मि ० चैलेंज द्वारा लिखी गई एकमात्र लाइन को बार - बार पढ़ रहा था जब विभा कागज पर इस तरह झपटी जैसे बाज कबूतर पर झपटा हो । अगले पल वह कागज को अपनी आंखों और ट्यूब के बीच किए बोली "
एक नम्बर नोट करो जैकी । " जैकी ने लड़के की मेज पर रखा रजिस्टर उठाते हुए कहा ---- " बोलिए । " बहुत ध्यान से पढ़ रही विभा ने एक नम्बर बताया । जैकी ने लड़के के रजिस्टर के ऊपरी किनारे पर नोट किया । यह वह नम्बर जिसका केवल अक्स मि ० चैलेंज के कागज पर नजर आ रहा था ।
विभा ने कहा --- ' ' यह नम्बर बाल पेन से डायरी के इससे ऊपर वाले पन्ने पर लिखा गया था । "
जैकी , प्रिंसिपल और गौतम मन ही मन उसकी पैनी नजर की तारीफ कर उठे । पी ० सी ० ओ वाले लड़के ने कहा ---- " ये नम्बर पल्लवपुरम का है । "
" चलो । " कहने के साथ विभा छलावे की तरह बाहर निकली । बाकी सब उसके पीछे लपके । पल्लवपुरम की तरफ उड़ी चली जा रही राल्स रॉयल में बैटी - बैठी विभा कह रही थी ---- " इस बात पर तब्सरा करने से कोई फायदा नहीं कि मि ० चैलेंज कैसे जानता था मैं पी ० सी ० ओ ० तक पहुंचुगी । आप सब समझ ही गये होंगे मगर जहां अब पहुंचने वाले हैं , वहां हमारे पहुंचने की कल्पना उसने ख्वाब तक में नहीं की होगी । "

सब चुप रहे । जैसे बोलने के लिए किसी के पास कुछ नहीं था । " ये फोन नम्बर जिसका भी है ! जाहिर है वह मि ० चैलेंज का परिचित होगा । " पुनः विभा ने ही कहा -- " तुम्हारी वर्दी के कारण वे टाइम से पहले सतर्क हो सकते हैं जैकी ।
अतः मेरे इशारे से पहले गाड़ी से बाहर नहीं निकलोगे । "
" ओ.के. जैकी ने कहा ।
सभी को लग रहा था अगले पड़ाव पर शायद किडनैपर से सामना हो ।
 
फेज टू में पहुंचकर एड्रेस ढूँढने में पांच मिनट लगे । वह एक एम ० आई ० जी ० मकान था । बल्कि वहां मौजूद सभी मकान एम ० आई ० जी ० थे । उन्हें एमडीए द्वारा एक बड़े पार्क के चारों तरफ बनाया गया था । उस वक्त सबके दिमागों में तरह - तरह के सवाल चकरा उठे जब उस मकान में एक फैमिली रहती पाई ।

गाड़ी मकान से थोड़ी दूर रोक दी गयी । विभा शगुन के साथ जैकी को सतर्क रहने और इशारे का इंतजार करने के लिए कहकर गाड़ी से उत्तरी । और एक मकान की तरफ बढ़ी । नेम प्लेट पर आर ० के ० शाडिल्य लिखा था । विभा ने कालबेल बजाई । खिड़की खुली । एक महिला ने पूछा- कौन ? "
" आपका फोन नम्बर 572030 है न ? " विभा ने कहा ।
" जी । " " एक मिनट के लिए बाहर आयेंगी । "

दरवाजा खुला । महिला बाहर आई । विभा कहा ---- " आप पढ़ी - लिखी लगती है । अखबार तो जरूर पढ़ती होगी "
असमंजस में फंसी महिला ने कहा ---- " हां पढ़ती हूँ । "
प्रसिद्ध उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा के अपहरण की खबर भी जरूर पढ़ी होगी । " कहते वक्त विभा महिला के चेहरे के हर उतार - चढ़ाव को बहुत ध्यान से देख रही थी ।

" हा ! पढी है । मगर आप कौन हैं और यह सब क्यों पूछ रही है ? "
" क्या हम अंदर बैठकर बात नहीं कर सकते ? " " सॉरी ! इस वक्त घर में केवल मै और पिंटू हैं ।

" तभी पिंटू बाहर आ गया । वह एक दस वर्षीय खूबसूरत लड़का था । " ओ ० के ० विभा ने कहा --- ' " मेरा सम्बन्ध पुलिस से है । शर्मा जी के किडनैपर की तलाश में हूं । समझ नहीं पा रही उनका आपसे क्या सम्बनध हो सकता है ? "
" किडनैपर का सम्बन्ध हमसे ? " वह बुरी तरह चौंकी ---- " ये क्या कह रही है आप ? भला हमारा किसी क्रिमिनल से क्या लेना - देना ? "

" वही तो मैं नहीं समझ पा रही । हमारे हाथ किडनैपर की डायरी लगी है ।डायरी में आपका नंबर है। जाहिर है वह आप का परिचित होगा । बुरी तरह हकला गई महिला । बोली -.- " - क्या कह रही है आप ?

वैसे आपके हसवेंड करते क्या है ? " " स - सी.डी.ए . में हैं । " वह घबरा गई ---- " म - मगर मैं आपको विश्वास दिला सकती हूं उनका सम्बन्ध किसी क्रिमिनल से नहीं हो सकता और फिर , वेद प्रकाश शर्मा के तो हम दोनों पति - पत्नी फैन हैं । उनके अपहरण के बारे में पढ़कर बहुत दुख हुआ । भला हमारा कोई परिचित उन्हें क्यों किडनैप करेगा ? "

विभा को वह महिला हर अक्षर सच बोलती नजर आई । हर बात पर उसकी प्रतिक्रिया वैसी ही थी जैसी साधारण घरेलू महिला को होनी चाहिए थी । मगर विभा के पास जो एकमात्र सूत्र था , उसे पूरी तरह खंगालना जरूरी था । उसने महिला को थोड़ा डराने के लिए गाड़ी की तरफ इशारा किया । जैकी के साथ प्रिंसिपल और गौतम भी बाहर निकले । यही हुआ जो विभा चाहती थी । वर्दीधारी पुलिस वाले को देखकर महिला आतंकित नजर आने लगी । अनिष्ट की आशंका ने उसे बुरी तरह हिला डाला था । गिड़गिड़ा उठी वह ---- " यकीन कीजिए , मेरा और मेरे पति का किसी क्राइम से कोई सम्बन्ध नहीं है । "

“ मैंने क्राइम से आपका सम्बन्ध नहीं बताया । केवल यह कहा है किडनैपर की डायरी से आपका नम्बर मिला है और फोन नम्बर केवल परिचितों के होते हैं । हमें उनकी लिस्ट बनाकर दे दे जिनके पास आपके टेलीफोन नम्बर है । "

" भ - भला ऐसी लिस्ट कैसे बनाई जा सकती है ? जाने किस - किसके पास नम्बर होगा । "

विभा जानती थी जो वह कह रही है यह बात व्यवहारिक नहीं है लेकिन जितना सूत्र उसके पास था , फिलहाल उसी पर खेलना मजबूरी था । बोली ---- " अगर आप लिस्ट नहीं देंगी तो मुसीबत में पड़ सकती है । "
 
जैकी , प्रिसिपल और गौतम उनके नजदीक पहुंच चुके थे । महिला के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी । अपनी गिरफ्तारी की आशंका उसे साफ नजर आ रही थी । बड़ी मुश्किल से कह सकी ---- " आप कहती है तो लिस्ट बनाने की कोशिश करती हूँ मगर ये काम है बहुत मुश्किल । अब देखिए न , इस कालोनी में अभी हमारे ही यहां फोन लगा है । बाकी लोगों ने भी अपने परिचितों को यही नम्बर दे रखा है । सबके फोन यहाँ आते हैं । कल ही की बात लीजिए ---- थर्टी सिक्स बटा टू में एम ० डी ० ए ० के लोग बिजली का काम कर रहे हैं । उन्होंने भी यही का नम्बर लिया । आज उनका फोन भी आया । मैंने बात करा दी । इस तरह .... विभा को ऐसा ही किसी इन्फारमेशन की तलाश थी । महिला की बात बीच में काटकर सवाल किया ---- " थर्टी सिक्स बटा टू नम्बर का मकान कौन - सा है ? "

" क्यो । " उसने अंगुली से इशारा किया ---- " पार्क के पार , सामने वाला । "

विभा सहित सबने उधर देखा ---- उसने करीब दो सौ मीटर दूर , सामने वाले मकान की तरफ इशारा किया था । उस मकान का मुख्य द्वार बंद नजर आ रहा था । विभा ने पुनः महिला से मुखातिब होते हुए पूछा ---- " कौन रहता है वहाँ ? "
" कोई नहीं
“ मतलब ? " " यहां सभी मकान एम ० डी ० ए ० के बनवाये हुए हैं । कुछ मकानों के कब्जे आबंटी ले चुके हैं । कुछ के नहीं । सामने वाला मकान अभी खाली है । तभी तो एम ० डी ० ए ० के बिजली वाले काम कर रहे हैं।

कहां कर रहे हैं ? " जैकी ने कहा -.- " हमें तो मकान बंद नजर आ रहा है । "
" चले गये होंगे । "
" नहीं मम्मी । " पिंट्ट कह उठा ---- " सिर्फ दो अंकल गये हैं . दो वहीं होंगे ।
" विभा ने महिला से पुछा ---- " उनके लिए कहां से फोन आया था ? "
" एम ० डी ० ए ० के ऑफिस से । कहा गया थर्टी सिक्स बटा टू में हमारे कुछ आदमी विजली का काम कर रहे है । कृपया उनमें से किसी को बुला दीजिए । मैंने पिंटू को भेजकर एक को बुला लिया । "
" और उसने आपके फोन पर बात की ? "
" कितनी देर ? "
" कह नहीं सकती । मैं किचन में चली गई थी । "
" मैं वहीं था । " पिंटू ने कहा ---- " बस थोड़ी - सी वात करी थी अंकल ने । हा हूँ करते रहे । उसके बाद फोन रखकर चल गये । कुछ देर सामने वाले मकान के अंदर रहे , फिर एक और अंकल के साथ बाहर निकले । "
" तुम्हे कैसे पता ये चार थे ? "
" जब मैं बुलाने गया था तब देखे थे ।
" विभा का अगला सवाल फिर महिला से था --- ' " उनका फोन कितनी देर पहले आया था ? "
" तीन बजे के करीब । "
" वहां कब से काम कर रहे है वे ? " " कल दोपहर बाद से " दस सैकिण्ड विभा ने जाने क्या सोचने में गंवाए । महिला से कहा ---- " ठीक है ! उनसे मिल लेते हैं । "

महिला ने राहत की सांस ली । विभा के साथ सभी सड़क पर आ गये । महिला राम - राम जपती पिंटू को लेकर चली गयी । शोफर राल्स रॉयल को विभा के इशारे पर उनके साथ - साथ चला रहा था । वे लोग पार्क के चारों तरफ बनी सड़क पर पैदल चल रहे थे । जैकी ने पूछा ---- " विभा जी , क्या जरूरी है उस मकान में यही लोग है जिनकी हमें तलाश है ? "
" कोई जरूरी नहीं है मगर ....
 
" मगर ? " " फिलहाल उन्हीं लोगों के वहां होने के चांस ज्यादा है । दावे के साथ कह सकती हूं ---- महिला या उसके पति का क्रिमिनल से कोई सम्बंध नहीं है । जिस अंदाज में मि ० चैलेंज ने कागज पर लिखा हमें उनका फोन नम्बर मिला है . वह अपने आप बता रहा है लिखने वाले के लिए वह टेम्परेरी इस्तेमाल का था । क्योंकि न तो वह पेज टेलीफोन डायरेक्टरी का है और न ही नम्बर के आगे पीछे किसी का नाम लिखा है ।
परिचित के नम्बर को आदमी इस तरह नहीं बल्कि बाकायदा नाम लिखकर उसके सामने लिखता है । ऐसे अंदाज में वे नम्बर लिखे जाते हैं जिनको हमें एकाध बार इस्तेमाल करने के बाद भविष्य में कभी जरूरत पड़ने की संभावना नहीं होती ।
दूसरा प्वाइंट ---- बिजली वाले वहां कल दोपहर से काम कर रहे हैं और वेद का अपहरण , ग्यारह के आस - पास हुआ । हालांकि ये इतफाक भी हो सकता है मगर ऐसी हर चीज को खंगालना इस वक्त हमारी इयूटी है ।
" विभा जी । " जैकी ने पूछा---- " क्यों न मैं एम ० डी ० ए ० फोन करके पुछु कि थर्टी सिक्स वटा टू में उनके इलेक्ट्रिक डिपार्टमेन्ट का काम चल रहा है या नहीं ? "
" गुड आइडिया । क्या तुम्हारे पास एम ० टी ० ए ० का नम्बर है ? "
" वन नाइन सेवन से ले लेता हूँ । " कहने के साथ उसने अपनी बैल्ट से सैल्यूलर निकाला और अंगुलियां तेजी से काम करने के बाद उत्साह से भरा बोला ---- " उनका कहना है , फेज टू के किसी भी मकान में कोई काम बाकी नहीं बचा है । सारा काम एक महीने पहले कम्पलीट हो चुका है ।

" गौतम कह उठा--- " पक्का हो गया । मामला संदिग्ध है । जरूर ये मि ० चैलेंज के साथी हैं । उन्होंने एम ० टी ० ए ० के खाली पड़े मकान का इस्तेमाल किया और कॉलोनी में जो इक्का - दुक्का परिवार रह रहे हैं , उनमें प्रचार कर दिया कि एम ० डी ० ए ० के आदमी हैं । "

" पिंट्ट ने बताया वे चार थे ! दो चले गये ! दो वही है । "
मकान के सामने पहुंच चुकी विभा ने कहा ---- " मुमकिन है वेद भी यही हो । " मेरा जी चाहा चीखकर कहूं ---- " हाँ विभा ! मैं यहीं हूं । " मगर । बोल न सका । बोलने के प्रयास में मुंह से गूं - गू की आवाज निकली । उस आवाज में बाहर मौजूद विभा या किसी अन्य के कान तक पहुंचने का दम नहीं था । मेरे मुंह में रुई ठुसी हुई थी । होठो पर टेप चिपका था । मुझे एक फोल्डिंग पलंग पर लिटाकर उसके साथ बांधा गया था।
 
हाथ - पांव ही नहीं सारा जिस्म रेशम की डोरी से बंधा था । बाहर से बराबर उन लोगों की आवाज आ रही थी । उन आवाजों को मेरे अलावा वे दोनों भी सुन रहे थे जो इस वक्त कमरे में मौजूद थे ।

विभा एण्ड कम्पनी की आवाजें उनके होश उड़ाये हुए थी । दोनों के हाथों में रिवाल्वर थे । बंद दरवाजे के दांये - बांये दीवार से पीठ टीकाये खड़े थे । किसी भी खतरे से निपटने के लिए मुस्तैद । और मैं विभा आदि को कमरे में मौजूद खतरे का इल्म कराना चाहता था , साथ ही चाहता था ---- अपनी मौजूदगी का अहसास कराना ! सूझ न रहा था क्या करू ? "

यहाँ तो ताला लगा है । " आवाज जैकी की थी ।

विभा ने कहा --- " वे लोग चले गये लगते हैं । "
" मगर पिंटू के मुताविक वे चार थे गये केवल दो । " ये शब्द प्रिंसिपल ने कहे थे ---- " दो यहीं होने चाहिए थे । उन्हीं के साथ वेद जी भी होंगे । "
" वेद को लेकर दो बाद में निकल गये होंगे । " विभा ने कहा- " उन्हें जाते पिंटू देख न सका होगा । "

" इसका मतलब हम देर से पहुंचे ? " मुझे लगा ---- ये लोग निराश होकर जाने वाले है । कुछ और न सूझा तो पलंग पर उछलने कूदने की कोशिश करने लगा ।
फोलडींग पक्के फर्श पर सरका । आवाज पैदा हुई । ये तो नहीं कह सकता यह आवाज बाहर पहुंची या नहीं परन्तु कमरे में मौजूद दोनों व्यक्तियों के चेहरे पर भभका दिये उसने । उनमें से एक झपटकर मेरे करीब आया । रिवाल्वर मेंरी कनपटी से सटाकर सर्प की मानिन्द फुफकारा ---- " ज्यादा चालाकी दिखाई तो भेजा उड़ा दूंगा । "

अब बाहर से कोई आवाज नहीं आ रही थी । हम तीनों के कान बाहर ही लगे थे । कार स्टार्ट होने की आवाज आई । उसके बाद कार जाने की आवाज । उनके चेहरों पर राहत के भाव उभरे । मेरे दिलो - दिमाग पर निराशा छा गई । मुझ पर रिवाल्वर ताने शख्स गुर्राया ---- " ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश कर रहा था साले ! जी चाहता है तेरी खोपड़ी में हवा के आवागमन के लिए रोशनदान बना दूं।

वॉस की तरफ से ऐसा करने की सख्त मनाही है । " दूसरा भी मेरे नजदीक आता बोला ।

" यही तो मजबूरी है । " पहला कसमसाया । " लेकिन इसके साथी यहां पहुंच कैसे गये ? " । धांय - धांय ! दो गोलियां एक साथ चली । फिजां में दोनों की चीख गूंजी और दोनों के रिवाल्वर दूर जा गिरे । मैंने पुनः चीखना चाहा --- " व - विभा । " मगर चीख न सका । वह फ्लैट के इस और अंदर वाले दरवाजे के बीचो - बीच खड़ी थी । गुलाबी होठों पर मुस्कान और हाथ में रिवाल्चर लिये । रिबाल्वर की नाल से अभी तक धूंआं निकल रहा था । सफेद लिवास में मां मरियम सी नजर आई मुझे ।

दोनों गुण्डे उनकी तरफ फटी - फटी आंखों से देख रहे थे । तभी भड़ाक की जोरदार आवाज के साथ एम ० टी ० ए ० का शानदार दरवाजा चौखट सहित कमरे में आ गिरा । ताला ज्यों का त्यों लगा था । उसे एक ही धक्के में शहीद करने वाला जैकी था । मौका अच्छा जानकर एक गुण्डे ने फर्श पर पड़े रिवाल्चर पर जम्प लगानी चाही । विभा के रिवाल्वर ने एक बार फिर खांसा । गोली उसकी पिण्डली में लगी । चीख के साथ त्यौराकर गिरा वह । जैकी ने झपटकर अपना जूता उसकी छाती पर रख दिया । विभा ने दूसरे से कहा ---- " तुम भी ट्राई मारो । " उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी । कमरे में गौतम , प्रिंसिपल और शगुन दाखिल हुए । " पापा ! " चीखता हुआ शगुन मुझसे आ लिपटा।
 
गौतम ने झपटकर दोनों गुण्डों के रिवाल्वर उठा लिये । प्रिंसिपल मुझे खोलने के लिए लपका । "

ठहरो ! " विभा ने कहा । प्रिसिपल ठिठका । फिर वह मेरी तरफ देखकर शरारती अंदाज में मुस्कराई ---- " अच्छे लग रहे हो ? "
बोलने से लाचार मैं कसमसा गया ।
" क्या पोज है ? " विभा मेरे नजदीक आई । शगुन से बोली ---- " क्यों बेटे ! पापा स्मार्ट लग रहे हैं न ? "
उसे मूड में देखकर जैकी , गौतम और प्रिंसिपल के होठो पर मुस्कान उभर आई ।

शगुन ने कहा --- " आप मजाक कर रही है आंटी ? " " मजाक और इनसे भला देश के ऐसे महान डिटेक्टिव से कौन मजाक कर सकता है जो दुनिया के सबसे बड़े क्रिमिनल का पीछा करता बहोश हुआ हो । चूम न लूं वतन के इस लाइले को । "

कहने के साथ उसने सचमुच मेरे मस्तक पर एक चुम्बन अंकित कर दिया । "

गाना गाने के लिए फड़फड़ा रहा है वेचारा । " वह मेरे होठो से टेप और मुंह से रूई निकालती हुई बोली ---- " सबसे पहले चोंच ही खोलती हूँ इसकी ! "
" व - विभा ! " बोलने के काबिल होते ही मै बोला --- " मुझे यकीन था तुम मुझे ढूंढ लोगी ।
" उसने मुझे बच्चे की तरह पुचकारते हुए कहा ---- " और क्या यकीन था तुम्हें ? "
" विभा प्लीज ! मुझे खोलो । "
" खोल दो प्रिंसिपल साहब ! काफी कष्ट झेल लिया मेरे दोस्त ने ।
" इधर मैं पलंग से उठा उधर गौतम ने कहा --- " विभा जी , फायरों की आवाज ने कॉलोनी के सभी लोगों को बाहर निकाल दिया है । "
" आगे की कार्यवाई यहां सम्भव नहीं है जैकी । " विभा बोली -...- " थाने चलो । "

सब यही चाहते थे । आदेश का पालन होने लगा । कालोनी के लोग धीरे - धीरे सरकते सरकते थर्टी सिक्स बटा टू के बाहर इकट्ठा हो गये थे ।

पिंटू को खुद से लिपटाये पिंटू की मां ने कहा ---- हे भगवान ! मैंने तो इन्हें बुलाने अपने पिंटू को भेज दिया था । घर से फोन पर भी बात करा दी । अगर ये हमें ही........
मुस्कराती हुई विभा ने उसकी बात काटी- " वह सोचकर मत घबराइए जो नहीं हुआ।

" विभा ! " मैंने उसके कान में कहा --- " थाने चलकर एक ऐसी बात बताऊंगा जिसे सुनकर तुम उछल पड़ोगी ।

" उसने सवालिया नजरों से मेरी तरफ देखा । वहां कुछ भी कहने का मौका न था । दोनों गुण्डे हवालात में थे । हम सब जैकी के ऑफिस में । जैकी ने जिद करके विभा को अपनी कुर्सी पर बैठाया था । स्वयं हमारे साथ मेज के इस तरफ बैठा । उसने विभा से पुछा---- " गुण्डों से आप अपने तरीके से पूछताछ करना चाहेंगी या हवालात में जाकर मैं अपना तरीका इस्तेमाल करूं ? "
मैं बोल उठा -- " उसकी जरूरत नहीं है । मैं उनसे ज्यादा जानता हूं । "
" क्या आप उनके बाकी दो साथियों के नाम पते भी जानते हैं ? "
" वे खुद भी नहीं जानते । "
" मतलब ? "
" ये जाल बड़ा गहरा था जैकी
मि ० चैलेंज ने ये दो गुण्डे कहीं और से अरेंज किये थे .... दो गुण्डे कहीं और से । सारे किराये के है । इन दो को उन दोनों का और उन को इन दोनों का नाम पता नहीं मालूम ।

उन्हें यह भी नहीं पता कि उन्हें अरेंज करने वाला मि ० चैलेंज था । ये उसे ' बॉस ' कहते थे । "
" यानी आगे बढ़ने का रास्ता मिलने की उम्मीद नहीं है ? "
" रास्ता क्यों नहीं मिलेगा ? " मैंने अपने होठों पर भेदभरी मुस्कान बिखेरी ---- " जब उन्हें अरेंज करने वाला मेन मुजरिम पानी मि ० चैलेंज यहां मौजूद है तो रास्ता छोड़ो , मंजिल भी मिलेगी । "
" य - यहां ? " एक साथ सब चौके ---- "मि ० चैलेंज यहां मौजूद है ? "
" वेशक ! " मेरी मुस्कराहट गहरी हो गयी । विभा कह उठी ---- “ मारे सस्पैंस के अब तो दिमाग फटने वाला है यार ! उगल ही दो नाम । "

" ये सारा खेल प्रिंसिपल साहब खेल रहे हैं । "

" ह - हम ? " बंसल उछल पड़ा । चौंके सभी थे । विभा भी ।
मैं दांत पीसकर कह उठा ---- " हाँ बंसल ! तुम्हीं को कह रहा हूं । हालांकि मुझसे मिलते वक्त तुमने चेहरे को नकाब के पीछे छुपाने की भरसक चेष्टा की परन्तु बेवफूफी भरी कुछ ऐसी बातें कह गये जिनसे मैं तुम्हें पहचान गया । "
 
" य - यकीनन आपको गलतफहमी हुई है वेद जी । " वह बुरी तरह हकला रहा था ---- " व - विभा जी , सोचिए तो सही लगातार मैं आपके साथ हूं । "
" यही तो खेल खेल रहे थे तुम । इधर विभा के साथ मुझे खोजने का नाटक , उधर चौंगे और नकाब के पीछे खुद को छूपाकर मुझसे मिलना ! दोनों जगह तुम थे । "
" अगर मै मि ० चैलेंज हूँ तो मेरे सामने उसका फोन कैसे आ गया ? और विभा जी , क्या पी ० सी ० ओ ० पर मुझे केविन में कागज प्लांट करने का टाइम मिला था ? "

" इने भरमाने के लिए दोनों काम तुमने किराये के वैसे ही गुण्डे से कराये जैसे हवालात में बंद हैं । "
“ अब ---- अब इसका तो मेरे पास कोई जवाब नहीं है । "
" जबाव होगा भी कैसे ? मेरे पास तुम्हारे मि ० चैलेंज होने का सुबुत जो है । "
" स - सुबूत ? क्या सुबुत है आपके पास ? "

मेरे कुछ कहने से पहले विभा बोल उठी ---- " मैं समझ सकती हूँ वेद ! कोई न कोई कारण जरूर है जो तुम इतनी बड़ी बात इतने विश्वासपूर्वक कर रहे हो । शुरू से आखिर तक बताओ —- तुम्हारे साथ क्या हुआ ? कैसे इनके चंगुल में फंसे ? और वो कौन - सा सुबूत है जिसके बेस पर बंसल मि ० चैलेंज सिद्ध होते हैं ? "
" इमारत की चौथी मंजिल पर पहुंचते ही मेरे सिर पर किसी कठोर वस्तु का जोरदार प्रहार हुआ । मैंने लिखा बहुत है कि फलां करेक्टर की आखों के सामने आतिशबाजी का नजारा चकरा उठा मगर मेरे साथ पहली बार ऐसा हुआ । "

मैं कहता चला गया ---- " आंख खुलने पर मैंने खुद को थर्टी सिक्स वटा टू के कमरे में उसी पोजीशन में पाया जिसमें तुम लोगों को मिला था । वे दोनों गुण्डे पहरे पर थे जो इस वक्त हवालात में बंद हैं । हालांकि ये एक दूसरे का नाम लेकर बातें नहीं कर रहे थे मगर मैंने उनकी बातों से अंदाजा लगाया कि मेरा अपहरण किसी ने कराया है । उसके खास निर्देश थे ---- यदि मैं भागने की कोशिश करूं तो अच्छी तरह मरम्मत कर दी जाये । परन्तु किसी भी हालत में जान से नहीं मारना है । ऐसे ही निर्देश दूसरी शिफ्ट के गुण्डों को थे । इन चारों का अरेंजमेंट केवल मुझे कैद में बनाये रखने के लिए किया गया था ।

मि ० चैलेंज के निर्देश पर इनमें से एक सामने वाले मकान का फोन नम्बर ले आया था । मि ० चैलेज ने वह नम्बर अपनी पाकेट डायरी में नोट करते हुए कहा था ---- प्लान के मुताबिक तुम लोगों ने यहां खुद को एम ० डी ० ए ० के कर्मचारी प्रचारित किया है । मुझे कोई निर्देश देना होगा तो इसी नंबर पर एम ० डी ० ए ० का अफसर बनकर दूंगा । जिस वक्त उसका फोन आया , वह दोनों ग्रुप्स की ड्यूटी चेंज का टाइम था । इसलिए चारों मौजूद थे । फोन के बाद वे दोनों चले गये । "

" फोन पर मि ० चैलेंज ने क्या निर्देश दिया था ? "
" जिसने सामने वाले मकान में जाकर मि ० पैलेंज से बात की , उसने वापस आकर बाकी तीन से कहा -बॉस का कहना है , जिन्दलपुरम से विभा जिन्दल नामक इसकी फ्रेन्ड आ चुकी है । सुना है ---- खोजवीन करने के मामले में उसे महारत हासिल है । उम्मीद तो नहीं है कि वह यहां पहुंच सकेगी । फिर भी , एक्स्ट्रा एलर्ट रहने की जरूरत है ।
इनमें से एक ने कहा ---- " तुम्हारी - शिफ्ट खत्म हो चुकी है , हमारी ड्यूटी शुरू ! तुम जाओ । एक लेडी से बॉस डरता होगा ! हम नहीं । वह यहां पहुंच भी गये तो बॉस ने केवल इसे न मारने का हुक्म दिया है , इसके दोस्तों को नहीं । "
" क्या मि ० चेलेंज भी वहां आया था ? "
" केवल एक वार ! तभी तो मुझे मालूम है कि मेरा अपहरण मि ० चैलेंज ने कराया था । "
" क्या बात की उसने ?
 
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