hotaks444
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[color=rgb(184,]#20 The Engagement .......[/color]
अगले दिन सुबह ही चंदन आनंद के ऑफिस पहुंचा कर
चंदन: नमस्ते भाईसाब, कैसे हैं आप??
आनंद: आओ चंदन कैसे हो? और इंगेजमेंट की सब तैयारी हो गई? अपने घर वालों को बुलाया तुमने?
चंदन: जी कल शाम तक आ जायेंगे, वैसे है ही कौन मेरा बस एक मुंह बोली बहन सोनाली ही तो है, वही आएगी।
आनंद उसके हाथ पर हाथ रखते हुए: कोई नही अब हम सब हैं ना। हम ही तुम्हारी फैमिली हैं अब से।
चंदन: भाईसाब वो तो है, वैसे मैं एक बात करने आया हूं आपसे।
आनंद: बोलो।
चंदन: मुझे लगता है पृथ्वी भी अनामिका को पसंद करता हेयर वो मुझे फसाना चाहता है।
आनंद: वो पसंद करता है ये सही बात है, पर अब हमें कोई मतलब नहीं है उससे। और तुम ये कैसे कह सकते हो कि वो तुमको फसाना चाहता है?
चंदन: वो एक लड़की आई है होटल ग्रीन लेमन में, और वो मुझ पर डोरे डाल कर कुछ गलत करना चाहती है, मुझे लागत है कि वो उसी की भेजी हुई है, वो चाहता है की मैं बहक जैन और वो मुझे आप सब की नजर में मुझे गलत साबित कर सके।
आनंद: तुम कोमल की बात कर रहे हो?
चंदन: हैं? आप कैसे जानते हैं उसको?
आनंद: उसे पृथ्वी ने नही, मैने भेजा था। चंदन मुझे माफ कर दो, लेकिन उसी पृथ्वी के कारण मुझ ऐसा कारण पड़ा। उसने जाने से पहले मुझे तुम्हारे खिलाफ भड़काया था, इसीलिए मैंने...
चंदन: तो भाईसाब आप मुझ पर शक कर रहे हैं?
आनंद हाथ जोड़ते हुए: नही चंदन, मैं शर्मिंदा हूं अपनी इस हरकत के लिए, लेकिन मैं एक बार अपनी बहन के लिए धोखा खा चुका हूं, इस बार बस थोड़ी सावधानी बरत रहा था, खास कर पृथ्वी की बात सुन कर। मुझ माफ कर दो।
चंदन: अरे भाईसाब आप माफी मत मांगिए, मैं समझ सकता हूं। और उम्मीद करता हूं कि अब आप मुझे समझ गए होंगे।
आनंद: बिलकुल चंदन। तुम तो बहुत ही शरीफ निकले, मुझे फक्र है की मेरी बहन की शादी तुमसे होगी। अच्छा अब तुम अनामिका से मिलो, में जरा काम से बाहर जा रहा हूं।
आनंद बाहर की तरफ चल देता है, और चंदन अनामिका से मिलने चला जाता है। अनामिका किसी से फोन पर बात कर रही होती है, वो चंदन को आते देख फोन काट देती है।
चंदन: अरे अनामिका, फोन क्यों काट दिया? बात पूरी कर लेती।
अनामिका: फोन तुमसे ज्यादा जरूरी नहीं है न। और बताओ, शॉपिंग हो गई पूरी?
चंदन: हां, बस शेरवानी कल देगा। और तुम्हारी?
अनामिका: हां मेरी भी हो ही गई है, और बताओ दीदी कब आ रहीं है, कभी बात तो करवाए नहीं, कम से कम मिलवा ही दो जल्दी से।
चंदन: वो कल शाम तक आ जायेगी, फिर मिल लेना।
तभी चंदन का फोन हॉस्पिटल से आ जाता है और वो निकल जाता है।
अगले दिन शाम को चंदन रेलवे स्टेशन पर गाड़ी ले कर पहुंचता है और एक लड़की को देख कर मुस्कुराते हुए उसके गले लग जाता है।
चंदन उसके कान में: क्या कमाल लग रही है सोना जानेमन।
सोनाली: अरे खुले में ही शुरू हो रहे हो?
चंदन: यहां सबको तुम्हे बहाना बताया है, क्या बहन के गले भी नही लग सकता?
सोनाली: हाहहाहा बहुत चालक हो तुम, गले भी लगे रहो और कोई बोल भी न पाय, चलो चलते हैं अब।
चंदन: हम अभी नही मिल सकते, तुम्हारे रहने का इंतजाम आनंद ने अपने होटल में ही करवाया है।
सोनाली: देन हाउ वुल्ड यू एंजॉय माई थिंग्स बिटवीन द लेग?
चंदन आंख मरते हुए: कल शॉपिंग के बहाने आ जाना साथ में क्वालिटी टाइम बिताएंगे, हम तुम और जाम।
फिर दोनो वुड्स विला निकल गए, वहां पर सबने सोनाली का स्वागत किया और डिनर के बाद चंदन अपने फ्लैट चला गया।
अगले दिन वो वापस आ कर सोनाली को अपने साथ ले जाता है शॉपिंग का बोल कर, और दोनो सीधे चंदन के फ्लैट में पहुंचते ही एक दूसरे के चूमने काटने लगते हैं।
सोनाली चंदन की शर्ट उतरते हुए, "जो सोचा है वही करोगे ना अनामिका के साथ?"
चंदन उसके उरेज़ों को मसलते हुए, "जानेमन इतने दिन बाद मिले हैं, ये सारी बातें तो रोज होती है, इनको छोड़ो और आज हम दोनो को एक दूसरे को एंजॉय करने दो।" इतना बोलते ही वो सोनाली के टॉप को उतार देता है और बाएं स्तन को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगता है।
सोनाली एक हाथ से उसके बालों में उंगलियां घूमते हुए सिसकारी भरने लगती है और दूसरे हाथ से उसके लंड को मसलने लगती है, "उम्म सीईईईई आह कितने दिन बाद इसको लूंगी अपने अंदर, यार जो मजा तू देता है वो और कोई नही दे पाता है, हाय...."
चंदन, उसकी ब्रा उतरते हुए, "कितनों का ले लिया मेरी रानी इतने दिनों में, शांत से तो तू न ही बैठी होगी? वैसे भी कोलकाता के बियर बार में तेरे कितने ही आशिक हैं।"
सोनाली: "अरे वो मेरे दीवाने हैं, लेकिन मेरे को बस तेरी ही चाहत है जानेमन, और उनका लेती नही तो वहां अपना खर्चा कैसे निकलती, मेरे राजा? और तू बता, यहां रह कर तू भी तो शांति से नही ही रहा होगा? कितने लोग की चूत और गांड़ मारी?" और इसी के साथ उसने चंदन की पैंट के बटन खोल कर उसको नीचे गिरा दिया।
चंदन, उसके चुचकों को चूसते हुए, "बस एक की ही ले पाया, बताया तो था तुझे, वही हॉस्पिटल वाली नर्स, हुमच के देती है, पर तेरे जैसा मजा नही दे पाती जानेमन।"
सोनाली, उसकी अंडरवियर निकलते हुए, "और अनामिका ने नही दिया?"
चंदन: "नाम न लो उसका, साली हाथ भी नही लगाने देती, कहती है शादी के बाद ये सब करना। साली ने अभी तक एक किस भी नही दिया है।"
सोनाली जोर से हंसते हुए उसके लंड की चमड़ी को पीछे धकेल कर सुपाड़े को मुंह में लेकर लॉलीपॉप जैसा चूसने लगती है।
चंदन: आह क्या मजा देती है तू जानेमन, ये 3-4 दिन मौज हो जायेगी मेरी फिर चली जायेगी तू, हाय फिर मैं क्या करूंगा?
सोनाली चूसते हुए, "अनामिका को पटा किसी तरह, सगाई तो हो ही जाएगी कल। और वो हॉस्पिटल वाली है न तब तक, बस एक और महीने की बात है।"
चंदन उसके सर को अपने लंड पर दबाते हुए: हॉस्पिटल वाली तेरे जैसा मजा कहां देती है, और अनामिका शादी के पहले हाथ भी न लगाने देगी। खैर छोड़ो उस बात को, और अभी एंजॉय करो खुल कर।
ये कह कर चंदन सोनाली को उठा कर अपने बेड पर पटक देता है और एक झटके में उसको जींस और पैंटी दोनो निकला कर फेक देता है और दोनो 69 पोजिशन में एक दूसरे के गुप्तांगों में अपना मुंह दे देते हैं।
चंदन जहां अपनी जीभ से सोनाली की गांड से लेकर चूत तक चाट कर अपने लार से उसे गीला करने में लगा था, वहीं सोनाली इसके लंड को चूसते हुए हल्के से काट भी लेती और कभी जीभ से उसकी लंड के छिद्र को छेड़ देती, दोनो सीतकारते हुए एक दूसरे से रेस लगा रहे थे कि कौन किसको पहले निचोड़ देता है। 10 मिनिट बाद दोनो एक दूसरे के मुंह में झाड़ जाते हैं, और जोर से हांफने लगते हैं।
सोनाली: यार कितने दिन बाद मैं झड़ी हूं, वहां तो सब सीधे चूत में लंड हिला कर अपना निकल के चल देते थे। ओह चंदन, ये बता शादी के कितने दिन बाद उसको ठिकाने लगाओ, ताकि हम दोनो खुल कर एक दूसरे के हो सके?
चंदन, उसके स्तनों से खेलते हुए, " कम से कम 2 साल मान के चल। इंश्योरेंस का पैसा कम से कम 1 साल बाद मौत होने से ही मिलेगा, और जो प्रॉपर्टी रमाकांत जी ने उसके नाम की है, उसमे भी यही शर्त है कि उसकी मौत शादी के कम से कम 2 साल बाद हो, तभी मुझे वो मिल सकती है, वरना नही ही कुछ मिलेगा, बल्कि हत्या का मुकदमा अलग से चलने लगेगा मेरे ऊपर। इसलिए कहता हूं सोना रानी, कैसे रहूंगा मैं 2 साल तेरे बिना।"
सोनाली: बस ऐसे ही मिलते रहेंगे जानेमन, मैं भी पास के शहर में आ जाती हूं, वहां कोई जुगाड़ लगा कर कोई नौकरी दिलवा दे, फिर जब मन हो आ जाना, दोनो मजे करेंगे।
और ये बोल कर अपनी जीभ से उसके छाती को चाटते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगी। और थोड़ी देर में चंदन का मुरझाया लंड फिर से उसके मुंह में था, जिसमे थोड़ी जान वापस आने लगी थी।
चंदन ने थोड़ी देर बाद उसको नीचे लिटा कर उसकी दोनो टांगे अपने कंधों पर डाल कर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
सोनाली: सीईईई राजा, अब और मत तड़पाओ, बस अंदर डाल दो।
चंदन ने भी देर ना करते हुए एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और दोनो की एक साथ आह निकल गई, थोड़ी देर बाद उस कमरे में वासना का एक तूफान उठा और दोनो के चरम पर पहुंचते ही थम गया, दोनो एक दूसरे ने गुत्थम गुत्था हाफते हुए बिस्तर पर निढाल पड़ गए।
शाम को चंदन ने सोनाली को वापस वुड्स विला छोड़ दिया। अगले दिन अनामिका और चंदन की सगाई थी। रमाकांत जी के घर में काफी दिनो बाद कुछ अच्छा हो रहा था, और वो चाहते थे की धूम धाम से इसे मनाएं, मगर आनंद ने माना कर दिया था, उसका कहना था कि अभी साधारण तरीके से मना लेते हैं, शादी में धूम धड़ाका कर लेंगे, क्योंकि दोनो ही परिवार में दुर्घटना हुए अभी 1 साल भी पूरा नहीं हुआ था। रमाकांत जी मान गए थे, लेकिन उन्होंने अपने कुछ खास लोगों को बुलवाया था, जिसमे किशन राजदान भी आमंत्रित थे, वो अपने बड़े पोते आकाश और उसकी पत्नी निधि के साथ आए थे, और तीनो ने आनंद से हाथ जोड़ कर फिर से माफी मांगी।
आनंद, किशन जी का हाथ पकड़ते हुए: आप भी मेरे दादाजी के समान हैं, और जो भी हुआ उसमे आप लोग की कोई गलती नही, कृपया बार बार ऐसे हाथ जोड़ कर मुझे शर्मिंदा मत करिए, जिसे जाना था वो वापस नहीं आ पाएंगे अब।
किशन जी: जनता हूं बेटे, पर उनके जाने में हमारी बहुत बड़ी गलती है।
आनंद: बस दादाजी, हो गया, और वैसे भी हमने जो पृथ्वी के साथ किया वो भी तो गलत था। अब इस बात को खतम करिए।
किशन जी उसे गले लगा लेते है।
फिर सगाई के कार्यक्रम शुरू होते है, अनामिका एक बार फिर से दुल्हन की तरह सजी थी, और चंदन सोनाली के साथ एक शेरवानी में खड़ा था। रमाकांत जी ने सोनाली को चंदन की अंगूठी देते हुए उसे पहनने का इशारा किया। सोनाली जैसे ही अंगूठी लेकर चंदन की ओर मुड़ी, वैसे ही पूरे हॉल में अंधेरा हो गया......
अगले दिन सुबह ही चंदन आनंद के ऑफिस पहुंचा कर
चंदन: नमस्ते भाईसाब, कैसे हैं आप??
आनंद: आओ चंदन कैसे हो? और इंगेजमेंट की सब तैयारी हो गई? अपने घर वालों को बुलाया तुमने?
चंदन: जी कल शाम तक आ जायेंगे, वैसे है ही कौन मेरा बस एक मुंह बोली बहन सोनाली ही तो है, वही आएगी।
आनंद उसके हाथ पर हाथ रखते हुए: कोई नही अब हम सब हैं ना। हम ही तुम्हारी फैमिली हैं अब से।
चंदन: भाईसाब वो तो है, वैसे मैं एक बात करने आया हूं आपसे।
आनंद: बोलो।
चंदन: मुझे लगता है पृथ्वी भी अनामिका को पसंद करता हेयर वो मुझे फसाना चाहता है।
आनंद: वो पसंद करता है ये सही बात है, पर अब हमें कोई मतलब नहीं है उससे। और तुम ये कैसे कह सकते हो कि वो तुमको फसाना चाहता है?
चंदन: वो एक लड़की आई है होटल ग्रीन लेमन में, और वो मुझ पर डोरे डाल कर कुछ गलत करना चाहती है, मुझे लागत है कि वो उसी की भेजी हुई है, वो चाहता है की मैं बहक जैन और वो मुझे आप सब की नजर में मुझे गलत साबित कर सके।
आनंद: तुम कोमल की बात कर रहे हो?
चंदन: हैं? आप कैसे जानते हैं उसको?
आनंद: उसे पृथ्वी ने नही, मैने भेजा था। चंदन मुझे माफ कर दो, लेकिन उसी पृथ्वी के कारण मुझ ऐसा कारण पड़ा। उसने जाने से पहले मुझे तुम्हारे खिलाफ भड़काया था, इसीलिए मैंने...
चंदन: तो भाईसाब आप मुझ पर शक कर रहे हैं?
आनंद हाथ जोड़ते हुए: नही चंदन, मैं शर्मिंदा हूं अपनी इस हरकत के लिए, लेकिन मैं एक बार अपनी बहन के लिए धोखा खा चुका हूं, इस बार बस थोड़ी सावधानी बरत रहा था, खास कर पृथ्वी की बात सुन कर। मुझ माफ कर दो।
चंदन: अरे भाईसाब आप माफी मत मांगिए, मैं समझ सकता हूं। और उम्मीद करता हूं कि अब आप मुझे समझ गए होंगे।
आनंद: बिलकुल चंदन। तुम तो बहुत ही शरीफ निकले, मुझे फक्र है की मेरी बहन की शादी तुमसे होगी। अच्छा अब तुम अनामिका से मिलो, में जरा काम से बाहर जा रहा हूं।
आनंद बाहर की तरफ चल देता है, और चंदन अनामिका से मिलने चला जाता है। अनामिका किसी से फोन पर बात कर रही होती है, वो चंदन को आते देख फोन काट देती है।
चंदन: अरे अनामिका, फोन क्यों काट दिया? बात पूरी कर लेती।
अनामिका: फोन तुमसे ज्यादा जरूरी नहीं है न। और बताओ, शॉपिंग हो गई पूरी?
चंदन: हां, बस शेरवानी कल देगा। और तुम्हारी?
अनामिका: हां मेरी भी हो ही गई है, और बताओ दीदी कब आ रहीं है, कभी बात तो करवाए नहीं, कम से कम मिलवा ही दो जल्दी से।
चंदन: वो कल शाम तक आ जायेगी, फिर मिल लेना।
तभी चंदन का फोन हॉस्पिटल से आ जाता है और वो निकल जाता है।
अगले दिन शाम को चंदन रेलवे स्टेशन पर गाड़ी ले कर पहुंचता है और एक लड़की को देख कर मुस्कुराते हुए उसके गले लग जाता है।
चंदन उसके कान में: क्या कमाल लग रही है सोना जानेमन।
सोनाली: अरे खुले में ही शुरू हो रहे हो?
चंदन: यहां सबको तुम्हे बहाना बताया है, क्या बहन के गले भी नही लग सकता?
सोनाली: हाहहाहा बहुत चालक हो तुम, गले भी लगे रहो और कोई बोल भी न पाय, चलो चलते हैं अब।
चंदन: हम अभी नही मिल सकते, तुम्हारे रहने का इंतजाम आनंद ने अपने होटल में ही करवाया है।
सोनाली: देन हाउ वुल्ड यू एंजॉय माई थिंग्स बिटवीन द लेग?
चंदन आंख मरते हुए: कल शॉपिंग के बहाने आ जाना साथ में क्वालिटी टाइम बिताएंगे, हम तुम और जाम।
फिर दोनो वुड्स विला निकल गए, वहां पर सबने सोनाली का स्वागत किया और डिनर के बाद चंदन अपने फ्लैट चला गया।
अगले दिन वो वापस आ कर सोनाली को अपने साथ ले जाता है शॉपिंग का बोल कर, और दोनो सीधे चंदन के फ्लैट में पहुंचते ही एक दूसरे के चूमने काटने लगते हैं।
सोनाली चंदन की शर्ट उतरते हुए, "जो सोचा है वही करोगे ना अनामिका के साथ?"
चंदन उसके उरेज़ों को मसलते हुए, "जानेमन इतने दिन बाद मिले हैं, ये सारी बातें तो रोज होती है, इनको छोड़ो और आज हम दोनो को एक दूसरे को एंजॉय करने दो।" इतना बोलते ही वो सोनाली के टॉप को उतार देता है और बाएं स्तन को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगता है।
सोनाली एक हाथ से उसके बालों में उंगलियां घूमते हुए सिसकारी भरने लगती है और दूसरे हाथ से उसके लंड को मसलने लगती है, "उम्म सीईईईई आह कितने दिन बाद इसको लूंगी अपने अंदर, यार जो मजा तू देता है वो और कोई नही दे पाता है, हाय...."
चंदन, उसकी ब्रा उतरते हुए, "कितनों का ले लिया मेरी रानी इतने दिनों में, शांत से तो तू न ही बैठी होगी? वैसे भी कोलकाता के बियर बार में तेरे कितने ही आशिक हैं।"
सोनाली: "अरे वो मेरे दीवाने हैं, लेकिन मेरे को बस तेरी ही चाहत है जानेमन, और उनका लेती नही तो वहां अपना खर्चा कैसे निकलती, मेरे राजा? और तू बता, यहां रह कर तू भी तो शांति से नही ही रहा होगा? कितने लोग की चूत और गांड़ मारी?" और इसी के साथ उसने चंदन की पैंट के बटन खोल कर उसको नीचे गिरा दिया।
चंदन, उसके चुचकों को चूसते हुए, "बस एक की ही ले पाया, बताया तो था तुझे, वही हॉस्पिटल वाली नर्स, हुमच के देती है, पर तेरे जैसा मजा नही दे पाती जानेमन।"
सोनाली, उसकी अंडरवियर निकलते हुए, "और अनामिका ने नही दिया?"
चंदन: "नाम न लो उसका, साली हाथ भी नही लगाने देती, कहती है शादी के बाद ये सब करना। साली ने अभी तक एक किस भी नही दिया है।"
सोनाली जोर से हंसते हुए उसके लंड की चमड़ी को पीछे धकेल कर सुपाड़े को मुंह में लेकर लॉलीपॉप जैसा चूसने लगती है।
चंदन: आह क्या मजा देती है तू जानेमन, ये 3-4 दिन मौज हो जायेगी मेरी फिर चली जायेगी तू, हाय फिर मैं क्या करूंगा?
सोनाली चूसते हुए, "अनामिका को पटा किसी तरह, सगाई तो हो ही जाएगी कल। और वो हॉस्पिटल वाली है न तब तक, बस एक और महीने की बात है।"
चंदन उसके सर को अपने लंड पर दबाते हुए: हॉस्पिटल वाली तेरे जैसा मजा कहां देती है, और अनामिका शादी के पहले हाथ भी न लगाने देगी। खैर छोड़ो उस बात को, और अभी एंजॉय करो खुल कर।
ये कह कर चंदन सोनाली को उठा कर अपने बेड पर पटक देता है और एक झटके में उसको जींस और पैंटी दोनो निकला कर फेक देता है और दोनो 69 पोजिशन में एक दूसरे के गुप्तांगों में अपना मुंह दे देते हैं।
चंदन जहां अपनी जीभ से सोनाली की गांड से लेकर चूत तक चाट कर अपने लार से उसे गीला करने में लगा था, वहीं सोनाली इसके लंड को चूसते हुए हल्के से काट भी लेती और कभी जीभ से उसकी लंड के छिद्र को छेड़ देती, दोनो सीतकारते हुए एक दूसरे से रेस लगा रहे थे कि कौन किसको पहले निचोड़ देता है। 10 मिनिट बाद दोनो एक दूसरे के मुंह में झाड़ जाते हैं, और जोर से हांफने लगते हैं।
सोनाली: यार कितने दिन बाद मैं झड़ी हूं, वहां तो सब सीधे चूत में लंड हिला कर अपना निकल के चल देते थे। ओह चंदन, ये बता शादी के कितने दिन बाद उसको ठिकाने लगाओ, ताकि हम दोनो खुल कर एक दूसरे के हो सके?
चंदन, उसके स्तनों से खेलते हुए, " कम से कम 2 साल मान के चल। इंश्योरेंस का पैसा कम से कम 1 साल बाद मौत होने से ही मिलेगा, और जो प्रॉपर्टी रमाकांत जी ने उसके नाम की है, उसमे भी यही शर्त है कि उसकी मौत शादी के कम से कम 2 साल बाद हो, तभी मुझे वो मिल सकती है, वरना नही ही कुछ मिलेगा, बल्कि हत्या का मुकदमा अलग से चलने लगेगा मेरे ऊपर। इसलिए कहता हूं सोना रानी, कैसे रहूंगा मैं 2 साल तेरे बिना।"
सोनाली: बस ऐसे ही मिलते रहेंगे जानेमन, मैं भी पास के शहर में आ जाती हूं, वहां कोई जुगाड़ लगा कर कोई नौकरी दिलवा दे, फिर जब मन हो आ जाना, दोनो मजे करेंगे।
और ये बोल कर अपनी जीभ से उसके छाती को चाटते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगी। और थोड़ी देर में चंदन का मुरझाया लंड फिर से उसके मुंह में था, जिसमे थोड़ी जान वापस आने लगी थी।
चंदन ने थोड़ी देर बाद उसको नीचे लिटा कर उसकी दोनो टांगे अपने कंधों पर डाल कर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
सोनाली: सीईईई राजा, अब और मत तड़पाओ, बस अंदर डाल दो।
चंदन ने भी देर ना करते हुए एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और दोनो की एक साथ आह निकल गई, थोड़ी देर बाद उस कमरे में वासना का एक तूफान उठा और दोनो के चरम पर पहुंचते ही थम गया, दोनो एक दूसरे ने गुत्थम गुत्था हाफते हुए बिस्तर पर निढाल पड़ गए।
शाम को चंदन ने सोनाली को वापस वुड्स विला छोड़ दिया। अगले दिन अनामिका और चंदन की सगाई थी। रमाकांत जी के घर में काफी दिनो बाद कुछ अच्छा हो रहा था, और वो चाहते थे की धूम धाम से इसे मनाएं, मगर आनंद ने माना कर दिया था, उसका कहना था कि अभी साधारण तरीके से मना लेते हैं, शादी में धूम धड़ाका कर लेंगे, क्योंकि दोनो ही परिवार में दुर्घटना हुए अभी 1 साल भी पूरा नहीं हुआ था। रमाकांत जी मान गए थे, लेकिन उन्होंने अपने कुछ खास लोगों को बुलवाया था, जिसमे किशन राजदान भी आमंत्रित थे, वो अपने बड़े पोते आकाश और उसकी पत्नी निधि के साथ आए थे, और तीनो ने आनंद से हाथ जोड़ कर फिर से माफी मांगी।
आनंद, किशन जी का हाथ पकड़ते हुए: आप भी मेरे दादाजी के समान हैं, और जो भी हुआ उसमे आप लोग की कोई गलती नही, कृपया बार बार ऐसे हाथ जोड़ कर मुझे शर्मिंदा मत करिए, जिसे जाना था वो वापस नहीं आ पाएंगे अब।
किशन जी: जनता हूं बेटे, पर उनके जाने में हमारी बहुत बड़ी गलती है।
आनंद: बस दादाजी, हो गया, और वैसे भी हमने जो पृथ्वी के साथ किया वो भी तो गलत था। अब इस बात को खतम करिए।
किशन जी उसे गले लगा लेते है।
फिर सगाई के कार्यक्रम शुरू होते है, अनामिका एक बार फिर से दुल्हन की तरह सजी थी, और चंदन सोनाली के साथ एक शेरवानी में खड़ा था। रमाकांत जी ने सोनाली को चंदन की अंगूठी देते हुए उसे पहनने का इशारा किया। सोनाली जैसे ही अंगूठी लेकर चंदन की ओर मुड़ी, वैसे ही पूरे हॉल में अंधेरा हो गया......