Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है - Page 13 - SexBaba
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Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

मैने देखा कि प्रीतम के बाडे का बल्व जल रहा था मैने सोचा कि कौन होगा यहाँ पर उसकी माँ फिर सोचा छोड़ कोई भी हो पर थोड़ी से उत्सुकता हो गयी थी मैने सोचा सुबह सुबह चान्स लिया जाए मैं निकला और उधर चला अंदर घुसा तो देखा कि ये तो ज्योति है वो भैंसो को चारा डाल रही थी मैने उसे पीछे से पकड़ लिया वो घबरा गयी पर जब मुझे देखा तो शांत हुई मैने कहा चलो एक चान्स हो जाय तो वो बोली अभी मर्वाओगे क्या मेरी भाभी आने वाली है यहाँ मामी के साथ पर मैं जल्दी ही टाइम सेट करूँगी और तुम्हे बता दूँगी अभी तुम वापिस जाओ तो मैं निकल आया अब कुछ होना तो था नही तो घर पहुँच गया जाते ही एक चाइ पी तो मम्मी बोली तेरे कपड़े कितने गंदे हुए पड़े है इन्हे धो भी ले आज कल पता नही तेरा ध्यान कहाँ रहता है


ये बात उन्होने कुछ ज़्यादा ही ज़ोर देकर कही थी पापा ने मुझे घूरा पर फिर अपनी नज़र हटा ली मैने कहा आज ही धो लूँगा और चाची के पास चला गया चाची भी आजकल मेरे फुल मज़े लेती थी वो बोली क्या बात है बेटा कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है प्रीतम जा रही है तो दुखी है मैने कहा क्या चाची एक बात को पकड़ के बैठी हो उसके सिवा और भी कई काम है मुझे अब वो जा रही है तो आप ही कुछ मेहरबानी कर दो ना वो बोली जितनी करती हूँ उतना ही ठीक है ज़्यादा सपने मत ले जा दुकान जा और ये समान ले के आ मैने पर्ची ली और दुकान पे चल पड़ा किस्मत से ज्योति दुकान पे टकरा गयी उसने जल्दी से कहा कि प्रीतम तुमसे मिलना चाहती है आज दोपहर मे हम तुम्हारे प्लॉट मे मिलेंगे तुम मॅनेज करना अब प्रीतम का क्या पंगा लग गया



घर पे समान रखा और कपड़े धोने लगा काफ़ी टाइम लग गया उनको धोने मे मैने कहा मम्मी कपड़े सूख जाए तो अलमारी मे रख देना और प्लॉट मे पहुँच गया थोड़ी ही देर मे वो दोनो भी आ गयी मैने कुण्डी लगाई प्रीतम दौड़ के मेरे सीने से लग गयी बोली कल मेरी शादी है मैने कहा हाँ मुझे पता है वो बोली जाने से पहले वो एक बार मेरे साथ थोड़ा टाइम बिताना चाहती है मैने कहा पर अगर कोई आ गया तो वो बोली डरता है क्या मैने कहा नही तेरे लिए कुछ भी डार्लिंग तो उसने कहा चल कुछ करते है उसने ज्योति को कहा तू थोड़ी देर इधर ही बैठ और प्रीतम मेरा हाथ पकड़ के अंदर कमरे मे आ गयी मैने कहा प्रीतम कल तेरी शादी है फिर पति के साथ ही कर लियो तो वो बोली मुझे गिफ्ट नही देगा क्या और मुझे किस करने लगी ना जाने कितने दिनो बाद उसके होंठो को छुआ था कितने प्यासे थे वो ,




प्रीतम पागलो की तरह मुझे चूमने लगी मैने कहा पगली सांस तो लेने दे पर उसने जैसे सुना ही नही बिल्कुल बेकाबू हो गयी थी वो काफ़ी देर तक बस किस ही चलती रही फिर वो हटी और अपनी सलवार और कच्छि को निकाल के नीचे से नंगी हो गयी पर उसने सूट नही निकाला पहले से बहुत ही ज़्यादा मोटी हो गयी थी वो मैने उसकी चूत को अपने हाथ से मसल दिया कुछ देर तक बस उसे मसलता ही रहा फिर उसे चारपाई पे लिटाया और उसकी टाँगो को चौड़ा कर दिया बिना बालो की चूत को देखने का ये लास्ट मौका था मैं अपने होंठो पे जीभ फेरी और प्रीतम की चूत की मस्त पंखुड़ियो को अपने मुँह मे ले लिया आज तो कयामत होनी थी प्रीतम बहुत ही ज़ोर से मोन करने लगी तो मैने कहा जान थोड़ा कंट्रोल कर पर आज वो बिल्कुल अलग ही मूड मे थी आज वो सब बंधन तोड़ने को बेताब थी



बस वो मुझमे खो जाना चाहती थी उसने कहा चूसो मेरी मुनिया को तो मैं ईक बार फिर अपना मुँह उसकी टाँगो के जोड़ मे घूँसा दिया और उसकी रस से भरी चूत को पीने लगा प्रीतम बहुत ही ज़ोर से आहे भर रही थी उसकी पूरी चूत मेरे मुँह मे थी प्रीतम की सिसकारिया लगातार बढ़ती ही जा रही थी इतने दिनो बाद उसका साथ पाकर मुझे भी बहुत ही अच्छा लग रहा था उसकी चूत को अपने दांतो से काट ते हुए मैं चाटे जा राहा था प्रीतम ने अपनी टाँगो को टाइट कर लिया और पूरा मज़ा लेने लगी 15 मिनट तक चाटने के बाद उसने अपना पानी मेरे मुँह मे ही छोड़ा दिया मैने उसे पूरा चाट लिया प्रीतम जल्दी से उठी और मेरी पॅंट को खोल के लंड को बाहर निकाल लिया और जल्दी से अपने मुँह मे लेके चुँसने लगी




लंड चुँसने मे तो उसका डिप्लोमा ही था तभी ज्योति बाहर से बोली दीदी जल्दी करो काफ़ी देर लग रही है तो मैने अपने लंड को उसके मुँह से निकाला और उसे वही पे घोड़ी बना दिया उसके उभरे हुए चुतडो के बीच चूत को देख के मेरी लार टपक गयी मैने लंड पे थोड़ा थूक लगा के उसे चिकना किया और प्रीतम की कमर को थामते हुए अपने लंड को उसकी चूत मे डाल दिया और बस फिर फ़च पच की आवाज़ ही कमरे मे गूँज रही थी क्या गजब की चुदासी थी वो घोड़ी बनी चुद रही थी उसका चेहरा लाल हो गया था मैं पूरी ताक़त लगा के उसे चोद रहा था उसने अपने हाथ मजबूती से फर्श पे टिका लिए थे और अपनी चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी 10-12 मिनट तक ऐसे ही वो चुदती रही फर्श पे होने के कारण मेरे घुटने मे दर्द होने लगा था
 
तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे खड़ी करते हुए एक किस किया और उसको सीधा खड़ा कर दिया अब मैने उसकी एक टाँग को थोड़ा सा खोला और एक ही झटके मे दुबारा से लंड को अंदर घूँसा दिया प्रीतम ने अपने हाथ मेरे कंधो पे रख दिए और अपनी आँखो को बंद कर लिया मैं उसके चुतडो को थामे लगा उसकी लेने प्रीतम बोली मज़ा आ रहा है तुझे तो मैने कहा तेरे साथ की तो बात ही कुछ ओर है वो बस एक फीकी सी हँसी हँस दी अब उसकी टाँगो का कंपन बढ़ने लगा था मैं समझ गया था कि वो कुछ ही देर की मेहमान है तो मैने अपनी स्पीड को और तेज कर दिया और हम दोनो एक साथ से स्खलित हो गये कुछ देर हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों मे लिपटे खड़े रहे

फिर वो अलग हुई और अपनी सलवार पहन ने लगी वो बोली मेरा जाने का मन नही है मैनेकहा क्यो तो वो मेरे गले लग के रोने लगी बोली मुझे तुमसे प्यार हो गया है मैं नही रह पाउन्गि तेरे बिना तो मैने कहा पागल मत बन कल बारात आ जाएगी तेरी ऑर मेरी राहे अलग है तू भी जानती है पर तू हमेश इस दिल मे दोस्त के रूप मे रहेगी उसकी आँखो मे आँसू भर आए मैने उसे शांत किया और समझाया अब कैसे बता ता कि मेरा दिल तो मिता के लिए धड़कने लगा था जैसे तैसे प्रीतम को वापिस भेजा दिल तो मेरा भी भर आया था पर मेरी ज़िंदगी कही ओर थी कुछ रिश्तो की डोर इतनी गहरी उलझ चूँकि थी कि उन्हे सुलझाना बेहद मुश्किल था मेरी ज़िंदगी कई टुकड़ो मे बँट चूँकि थी बस एक दिल ही था जो मिता के लिए धड़कता था बाकी तो बस मेरे लंड की भूख का नतीजा थी


मैं सोचने लगा कि प्रीतम भी कल चली जाएगी जब उसे पटाया था तो उसे चोदने के लिए ही पर अब वो मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी मूड ऑफ हो गया था मैने प्लाट का गेट लॉक किया और घर की ओर चल दिया वहाँ पहुँचा तो एक नया तमाशा मेरा इंतज़ार कर रहा था मुझे देखते ही मम्मी लगी गलियाँ बकने और दो-चार झापड़ रसीद कर दिए मैने सोचा किसी कांड के बारे मे तो नही पता चल गया इनको मम्मी का टेंपर पूरा हाइ था फिर उन्होने मिता की तस्वीरे दिखाते हुए बोला कौन है ये लड़की और तेरी अलमारी मे इसकी इतनी सारी तस्वीरे क्यो है मैने कहा मम्मी उस दिन भी आपको बताया था कि ये मेरी प्रेरणा है जब भी पैंटिंग करता हूँ तो ये ही चेहरा बन जाता है वो बोली माँ हूँ तेरी मुझे सिखा मत और सब सच सच बता दे ये क्या चक्कर है



कही तू इसके चक्कर मे तो नही पड़ गया आज आने दे तेरे पापा को वो ही पूछेंगे अब मेरी गान्ड फट गयी मैने कहा मम्मी बिना बात का इश्यू मत बनाओ पर वो ना मानी और गुस्से मे उन सारी तस्वीरो को फाड़ दिया ओह माँ ये क्या कर दिया मुझे बहुत बुरा लगा पर कुछ कर भी नही सकता था ग़लती मेरी ही थी अगर मैं उनको कपड़ो को रखने को ना बोलता तो ना वो अलमारी खोलती और ना वो उन तस्वीरो को देखती टाइम थोड़ा खराब चल रहा था शाम को पापा के आगे शिकायत पहुँची तो उन्होने ज़्यादा कुछ नही किया दो-चार दुनिया दारी की बाते समझाई और स्टडी पे फोकस करने को कहा मैं भी खुश था कि चलो जान छूटी वहाँ से निकला ही था और चाची ने पकड़ लिया और लगी पूछने तो मैने उन्हे बता दिया कि वो तस्वीरें इस घर की होने वाली बहू की है


उनका मुँह खुला का खुला ही रह गया वो कुछ कहती उस से पहले ही मैं निकल लिया रात को मैने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं प्रीतम की शादी मे नही जाउन्गा अब छोटी-मोटी प्रेमकहानियो का अंत तो प्रेमिका की शादी के टेंट मे कुर्सिया लगाते लगाते ही हो जाता है और फिर अगले दिन सनडे भी था तो मुझे मिता से मिलने भी जाना था अगले दिन ठीक 9 बजे मैं मंदिर मे था 10 बज गये फिर 11 फिर 12 पर वो ना आई मैं हताश होने लगा पर तकदीर पे किसका ज़ोर दो बजे तक उसका इंतज़ार किया पर दर्शन ना दिए प्राणप्यारी ने तो अब वापिस जाना ही था हताश मन से चल पड़ा सोचते हुए कि क्यो ना आई वो पर दिल मे तो हुडक लगी थी वो माना ना तो आइडिया लगाया कि उसके गाँव का एक चक्कर मारा जाए क्या पता किसी घर मे उसके दर्शन हो जाए
 
दो चक्कर मारे पर सारे प्रयास मिथ्या दुखी मन से वापिस आ गया सर मे दर्द सा हो रहा था तो बस आते ही लेट गया थोड़ी ही देर हुई थी कि चाचा आ गये बोले बेटे मुझे ऑफीस के काम से कल सुबह जल्दी जाना है अगर तुझे कोई प्राब्लम ना हो तो तू कुन्वे पे सो जइयो फसल मे नील गाय घुस आती है थोड़ा ध्यान रख लियो कल मैं संभाल लूँगा मैने कहा ठीक है चाचा जी मुझे भी ठीक लगा क्यों कि मैं प्रीतम के यहाँ नही जाना चाहता था तो मैने साइकल ली और निकल पड़ा तभी मुझे कुछ याद आया तो वापिस घर गया और जो पैसे मुझे सरोज ने दिए थे वो मैने पर्स मे डाले और चल दिया कुन्वे पे गया साइकल खड़ी की ऑर गीता के घर की ओर चल पड़ा



जब मैं पहुँचा तो वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थी मुझे देख के वो बहुत खुश हो गयी और बोली आज मुझे ग़रीब के घर कैसे मैने तो सोचलिया था कि तुम मुझे भूल गये होंगे तो मैने कहा कि अपनो को कोई भूलता है क्या गीता शरमाते हुए मेरे गले लग गयी कुछ तो कशिश थी उस औरत मे उस से टच होते ही मेरा लंड अपना काबू खोने लगा मैने वो पैसे निकाले और उसके हाथ मे दे दिए गीता बोली वो ये नही लेगी तो मैने अधिकार पूर्वक कहा कि आप रख लो कुछ काम आ जाएँगे पर वो मना करने लगी पर मैने उन्हे वो पैसे दे ही दिए गीता बोली खाना बना रही हूँ तुम भी साथ ही खा लेना मैने कहा आप बना लो तब तक मैं कुन्वे पे राउंड मार लेता हूँ काम कुछ ख़ास था नही साइकल को कमरे के अंदर खड़ा किया और खाट पे लेट गया



थोड़ा थकान सी महसूस हो रही थी अंधेरा भी छाने लगा था मैने कमरे को बंद किया और पैदल चलते हुए गीता के घर हो लिया फिर हम डिन्नर करने लगे उसने मुझे दूध का गिलास पकड़ाया और बोली मैं अभी नहा कर आती हूँ फिर आराम से बातचीत करेंगे और चली गयी मैं दूध पीने लगा अब उसके मकान की दशा पहले से बहुत ही बेहतर लग रही थी हर चीज़ सलीके से सजी पड़ी थी कोई 20-25 मिनट बाद वो आई मैं तो उसे देखते ही रह गया बेहद पतले से पेटिकोट मे उसकी गीली टांगे जो सॉफ सॉफ नुमाया हो रही थी और उसके गीले बाल जो उसके चुतडो तक पहुँच रहे थे कसम से आज तो गीता भी रोल मे थी वो मुस्कुराते हुए बोली आज यही रहोगे ना तो मैने कहा अब तुम रोकोगि तो रुकना ही पड़ेगा गीता तौलिए से अपने गीले बदन को पोंछने लगी



मैने गेट को अंदर से बंद कर दिया और अपने कपड़ो को उतरने लगा पूरा नंगा होने के बाद मैं गीता के पीछे जाके खड़ा हो गया और उसके पेटिकोट के नाडे को खोल के उसे हटा दिया मेरा लंड उसके गौरे चुतडो से सट गया मैने अपने हाथ उसके उभारो पे रखे और ब्लाउस को भी अलग कर दिया अब हम दोनो पूर्ण नंगे हो चुके थे उसके गीले बालो से आती शॅमपू की खुश्बू मेरे नथुनो मे सामने लगी मैं उसके बालो को सहलाने लगा उसकी गदराई जवानी मेरी बाहों मे आने को बेताब हो रही थी मैं अब उसके चेहरे को अपनी ओर किया और बिना कुछ बोले उसके गुलाबी होंटो को चूमने लगा गीता के प्यासे होंठ अपना रस मुझे पिलाने लगे नीचे लंड उसकी जाँघो के बीच घूँसा हुआ था बहुत देर तक बस उसके होंठो का रस ही पिया
 
गीता तो मेरे आने से ही खुस हो गयी थी मैने अपने हाथो को उसकी मुलायम गान्ड पे कस दिया था और उसे मसल्ने लगा फिर उसने किस तोड़ी और अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगी मैने उसे पलंग पे लिटा दिया और फिर चूमने लगा मैं इतना उतावला हो गया था कि जैसे पहली बार किसी को चोदने जा रहा हूँ होंठो को छोड़के गालो पे आया और उन्हे अपने दाँतों से काटने लगा गीता मस्ती से सिसकने लगी वासना उसके शरीर मे भरने लगी उसने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उस से खेलने लगी नहाने के बाद उसका बदन और भी मादक हो गया था अब मैं उसकी गर्दन पे जीभ चलाने लगा गीता उत्तेजित हो गयी थी थोड़ा नीचे आते हुए मैं अब उसके 36इंची बोबो पे आ चुका था एक को तो मैने अपने मुँह मे भर लिया और दूसरे को सख्ती से दबाने लगा



कुछ ही मिनट मे गीता की चूचिया पूरी तरह से तन चूँकि थी मैं नीचे सरकते हुए उसके पेट पे आया और पूरे पेट को चूमने लगा गीता मोन कर रही थी अब मैं उसकी नाभि तक आ गया था थोड़ी देर वहाँ रुका फिर सीधा उसकी मखमली छूट पे आ पहुँचा आज तो वहाँ पे एक भी बाल नही था शायद उसने नहाते हुए ही सॉफ किए थे एक दम खिली हुई चूत ने मेरा मन मोह लिया था मैने कहा जान आज तो आग लगा रही हो तो वो बोली तुम्हारे लिए ही इसे चमकाया है मैने ईक जोरदार चुम्मि ली गीता की चूत की तो गीता बहुत ही गरम हो गयी वो बोली चाट लो ना इसे और अपनी टाँगो को चौड़ा कर लिया मैने उस रस से भारी प्याली पे अपने होंठ टिका दिए गीता के बदन मे भूंकंप आ गया उसने अपनी मुठ्थियों को कस लिया और बोली मेरे सरताज अपनी इस प्यारी की चूत को आज मज़े से भर दो जब से तुम गये हो मैं इस कामग्नी मे जल रही हूँ आज अपने प्यार की बारिश से मेरी अगन को बुझा दो मुझ अधूरी को फिर से पूर्ण कर दो

मैं बेफिकरि से उसकी चूत को चाट रहा था मैने सोच लिया था कि इसको ऐसे ही झाड़ दूँगा एक बार तो मैं लगा मैने पूरी जीभ उसकी चूत मे डाल दी खुरदरी जीभ ने अंदर जाते ही आतंक मचा दिया गीता की चूत ने गाढ़ा पानी छोड़ना शुरू कर दिया गीता की टांगे मचल रही थी हर गुज़रते पल के साथ गीता के बदन की कंपकपाहट बढ़ती ही जा रही थी मेरी जीभ अंदर और दाँत उसके छोटे से दाने पे लगे पड़े थे गीता को बहुत ही मज़ा मिल रहा था



वो बस हाई हाई करे जा रही थी गीता का बदन अब उसके काबू मे नही था और ऐसे ही करते हुए वो झाड़ गयी उसका पानी मेरे चेहरे पे लग गया था मैने अपनी बनियान से मुँह को पोंच्छा और गीता पे चढ़ गया उसने मेरे लंड को खुद अपनी चूत पे सेट किया और बोली जल्दी से डालो पहले धक्के मे ही आधा लंड गीता की चूत मे पहुँच गया गीता ने अपनी बाहों को मेरी पीठ पे कस लिया और अपने होंटो को गोल कर लिया एक और धक्के के साथ पूरा लंड चूत की गहराई मे उतर गया अब मैने शुरू की गीता की रेल बनानी गीता की चूत दुबारा गीली होने लगी थी गीता बोली बहुत ही बढ़िया लग रहा है मैने कहा बढ़िया तो लगेगा ही जानेमन और उसको किस करने लगा गीता भी बेकरारी के साथ चुदने लगी थी गीता को चोदना मेरे स्वर्णिम पल था पूरे आधे घंटे तक उसकी रेल बनाई जम के उसने इस बीच एक बार और अपना छोड़ दिया था मैने कहा पानी कहाँ निकालु तो उसने कहा प्यासी हूँ तो पिला ही दो तो मैने लंड को निकाला और उसके मुँह मे दे दिया और लपा लॅप चुँसने लगी दो मिनट मे ही मैने उसके मुँह को भर दिया जिसे वो बड़े ही चाव से पी गयी

हम दोनो निढाल पड़े थे गीता के मन मे एक बार और चुदने की थी पर मैने कहा जान पिछले कई दिनो से मेरी नींद है और कल मुझे स्कूल भी जाना है तो अभी सो जाओ मैं फिर कभी तुम्हारी पूरी तस्सली कर दूँगा तो वो मान गयी सोने की कोशिश की तो प्रीतम की याद फिर से आ गयी एक अजीब सी कशमकश मे फस गया था गीता बोली क्या बात है तो मैने उसे अपनी परेशानी बताई वो बोली ये जीवन का सफ़र बड़ा ही अजीब होता है ना जाने कितने मुसाफिर मिलते है पर हमसफ़र तो कोई एक ही बन ता है जितना इन सब के बारे मे सोचोगे उतना ही परेशान होवोगे फिर उसने मेरा सर दबाना शुरू किया थोड़ा आराम मिला और ना जाने कब मैं सो गया सुबह 6 बजे उसने मुझे जगाया मैने कपड़े पहने और उसको मस्त चूमा और अपने कुन्वे पे आ गया साइकल ली और घर चल पड़ा जल्दी से तैयार हुआ और बिना नाश्ता किए ही बस स्टॅंड चल पड़ा
 
टेंपो पकड़ा नियत समय पे वो मिता के गाँव के स्टॅंड पे रुका बड़ी ही नज़ाकत से मेरी प्रेयसी चढ़ि और ठीक मेरे सामने बैठ गई आँखो से आँखे टकराई सिटी आए और किराया अदा कर के स्कूल की तरफ चल पड़े मैने पूछा कल तुम मंदिर क्यो नही आई तो वो बोली पहले तुम बताओ तुम कहाँ थे दो हफ़्तो से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी थोड़ी सी डिप्रेस्ड थी और कुछ मेहमान भी आए हुए थे सो कल नही गयी उस तरफ तो मैने उसे बताया कि मामा के घर जाना पड़ा था मजबूरी थी ऐसे ही बातें करते हुए हम स्कूल तक पहुँच गये लंच तक एक मिनट की फ़ुर्सत ना मिली हर टीचर हद से ज़्यादा प्रेशर डाल रहा था जैसे आगे चलके हमे ही दुनिया को बदलना था



लंच मे हमारा पूरा ग्रूप इकट्ठा हुआ और टाइम पास करने लगे सब अपनी अपनी छुट्टियों की बाते बता रहे थे पर मेरा ध्यान तो मिता पे ही था जब वो हँसती थी तो उसकी मुस्कान सीधा मेरे दिल मे उतर जाती थी मिता का जादू मुझ पे चल चुका था उस दिन कुछ ज़्यादा कुछ ख़ास नही हुआ बस पढ़ाई और पढ़ाई फिर वो स्टुपिड सी एक्सट्रा क्लास दिमाग़ का दही हो गया पूरी तरह से पर ये तो लाइफ थी उस टाइम स्कूल लाइफ बहुत ही बुरी लगती थी पर आज वो पल याद आके दिल मे एक टीस जगा देती है और उपर से बाली उमर का इश्क़ जो आने वाले समय मे मोहबत की एक नयी इबारत लिखने वाला था अगले 15-20 दिन कब गुजर गये मुझे पता ही नही चला बस स्टडी और स्टडी मुझे जुनून था मेरिट लाने का खाना पीना सब कुछ छूट गया था सेक्स तो बहुत दूर उसका ख्याल भी नही किया था



दिनचर्या बस सिमट सी गयी थी शीला कभी कभी आ धमकती थी पर उसे कड़े शब्दो मे समझा दिया था कि अभी कुछ नही होगा बस लाइफ घिसट ते हुए कट रही थी जनवरी का लास्ट चल रहा था मैं स्कूल से आया तो देखा कि रवि और अनिता भाभी आए हुए थे मैने उन्हे नमस्ते किया भाभी मुझे देख के खुश हो गयी तो रवि ने बताया कि कंपनी ने उसकी पोस्टिंग बॅंगलॉर कर दी है 6-7 महीने वो उधर ही काम करेगा और अनिता गाँव मे ही रहेगी मैने कहा चलो ठीक है इधर रहेगी तो हमारा भी मन लगा रहेगा भाभी ने गहरी नज़र से मेरी ओर देखा शाम का टाइम उन लोगो के साथ ही स्पेंड किया फिर डिन्नर करके मैं अपने अड्डे मे पहुच गया



स्टडी टेबल पे बैठ तो गया था पर ध्यान बार बार अनिता भाभी की ओर ही जा रहा था मैं सोचने लगा कि उस दिन उनके साथ रिश्ता तोड़ लिया था तो अब वो देगी या नही क्या पता दुबारा बात बन जाए ये सोचते सोचते मैं सो गया सुबह मैं तैयारी कर रहा था कि पापा बोले चल आजा आज मैं तुझे स्कूल छोड़ देता हूँ और तेरे टीचर्स से प्रोग्रेस रिपोर्ट भी ले लूँगा मेरा दिल तो नही था पर क्या करता स्कूल पहुँचते ही मैं सीधा क्लास मे चला गया और पापा प्रिन्सिपल ऑफीस चले गये थोड़ी देर बाद मिता भी आ गयी और बोली आज जल्दी आ गये मैं तो सोच रही थी कि तुम शायद छुट्टी करोगे तो मैने कहा कि आज पापा आए है प्रिन्सिपल ऑफीस मे है प्रोग्रेस रिपोर्ट ले रहे है वो बोली ओह! थोड़ी देर मे क्लास स्टार्ट हो गयी



और फिर वो ही बोरिंग टाइम लंच मैने उसके साथ किया हम खा ही रहे थे कि रीना आ गयी और बोली आज तो भाई भाभी साथ ही खा रहे है तो मिता बुरी तरह झेंप गयी मैने रीना को लताड़ा कहा क्या कुछभी बोलती है पागल है क्या मिता का चेहरा शरम से लाल हो गया काफ़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई मैने रीना को समझाया कि अभी ऐसा कुछ नही है बस दोस्ती से थोड़ा ज़्यादा है जब होगा तो मैं ज़रूर बताउन्गा पर अंदर ही अंदर मैं बड़ा खुश हो रहा था
 
अनिता भाभी से कभी कभी आँख मिल जाती थी पर ताइजी उसके सर पे मंडराती रहती थी तो मैं भी ज़्यादा रिस्क नही लेना चाहता था स्कूल की दो दिन की छुट्टी थी तो मैने सोचा कि गीता से मिल आउ वैसे भी काफ़ी दिन हो गये थे तो शाम को मैं गीता से मिलने चल पड़ा आज मैं पैदल ही था कुन्वे के पास मुझे बिम्ला काकी मिल गयी बोली लल्ला इधर का रास्ता तो भूल ही गये हो तुम थोड़ा हम ग़रीबो का भी ख्याल कर लिया करो कई दिन हो गये तेरे लौडे का स्वाद चखे हुए घर पे भी कोई नही है चलो आ जाओ हो जाए दो-दो हाथ और मुझे अपने घर ले आई मैं पूछा काका कहाँ गये तो उसने बताया कि वो मेरी लड़की के ससुराल गया हुआ है काकी ने अपने सामान को रखा और बोली तुम कमरे मे चलो मैं अभी आई कुछ देर बाद वो आ गयी




काकी नेआते ही सीधा मेरी ज़िप खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और उसे सहलाते हुए बोली लल्ला आज आएगा मज़ा कुछ देर उसे हिलाने लगी लंड मे तनाव आ गया फिर वो खड़ी हुई और तुरंत ही नंगी हो गयी अन्द्रूनि कपड़े तो वो कभी पहनती ही नही थी मैने काकी को लिटा दिया और अपने कपड़े उतारने लगा मैं काकी की छूट पे उगे बालो के जॅंगल मे अपना हाथ फेरते हुए बोला कभी इन्हे काट भी लिया करो इन्हे वो बोली टाइम ही नही मिला और फिर इनसे मेरी ये छुपी रहती है कोई इस्पे अपनी बुरी नज़र नही डालता है तो मैने कहा इस्पे कोई बुरी नज़र कैसे डालेगा तुम खुद ही चुदने को तैयार रहती हो तो वो हँसने लगी बोली इसमे आग ही इतनी लगती है मैं क्या करू और अब तो आदत हो गयी है अब तो मरने पे ही ये आदत छूटे गी मैं चूत पे हाथ फेरने लगा उसके झान्टो पे अपनी उंगली गोल गोल घुमाने लगा काकी बोली ऐसा मत करो बाल टूट जाएँगे दर्द होगा



पर मुझे मज़ा आ रहा था काफ़ी देर तक मैं ऐसे ही करता रहा तो काकी बोली अब बस भी करो ना काकी की चूत उन बालो मे छुपी पड़ी थी दिख ही नही रही थी तो मैने उनकी टाँगो को थोड़ा चौड़ा किया और अपनी दो उंगलियो को चूत मे घुसेड दिया काकी बोली आराम से लल्ला पूरा हाथ डालेगा क्या तो मैने कहा इसमे तो हाथ भी आराम से चला जाएगा मैं अपनी उंगलिया अंदर बाहर करने लगा काकी उत्तेजित होने लगी थी 5-6 मिनट तक उंगली ही करता रहा काकी बोली चूँसोगे नही तो मैने कहा जब तक इन बालो को नही कटोगी मैं तेरी चूत नही चाटूँगा तो वो बोली आगे से सॉफ ही रखा करूँगी मेरी उंगलिया पूरी तरह भीग चूँकि थी तो काकी बोली बस अब उंगलियों से काम ना चलेगा अब तो लॉडा चाहिए मुझे चल जल्दी से चोद मुझको तो मैने उन्हे घोड़ी बना दिया



और अपने लंड को उनके विशाल चुतडो पे घिसने लगा वो बोली लल्ला तडपा मत कर भी ले ना तो मैने उनकी चूत मे लंड डाल दिया और हाथो को आगे बढ़ा के उनकी मोटी मोटी चूचियो को थाम लिया और उनको दबाने लगा बिम्ला काकी का बदन मस्ती मे ऐंठ गया उनके चूतड़ अपने आप ही पीछे हो गये जब मैं धक्का मारते मारते रुक जाता तो वो खुद ही अपनी गान्ड को पीछे हिलाने लग जाती थी उनके बोबे और भी मोटे लग रहे थे शायद ज़्यादा चुदाई से ऐसे हो गये थे वो चुदती भी तो बहुत ही थी बस नये नये लंड ही ढूँढती रहती थी मैने भी अपने बदन को झुकाते हुए अपना बोझ उनपे डाल दिया और अपने दाँतों से उनके कंधो और गर्दन को काटने लगा काकी और भी मस्ता गयी और जोश से चुदने लगी हम दोनो मे से कोई भी कुछ नही बोल रहा था


बस लगे पड़े थे दस मिनट बाद मैं हटा तो वो मेरे उपर चढ़ गयी और अब वो मुझे चोद रही थी बहुत ही तेज़ी से वो मेरे लंड पे उछल रही थी मैने कहा थोड़ा सा धीरे पूरा लंड एक ही झटकेमे बाहर निकालता और फिर तुरंत ही चूत मे घूंस जाता था लंड किसी टॉवर की तरह खड़ा था उसे भी कई दिनो बाद चूत की खुराक मिली थी तो वो भी पूरे जोश मे था काकी भी अपने पूरे अनुभव को इस्तेमाल कर रही थी उन्हे तो पता था ही कि कैसे किसी पुरुष को मज़ा दिया जाता है मैने उन्हे अपने नीचे लिया और उनको किस करते हुए लगा चूत मारने उन्होने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे लपेट लिया था बहुत ही जोश से मैं उनके मोटे मोटे होंठो को चबाए जा रहा था मैं अब जल्दी से फारिग होना चाहता था काकी भी नीचे से अपनी गान्ड को मटका रही थी




मैने अपनी पूरी शक्ति लगा दी और बेरहमी से काकी को चोदे जा रहा था मंज़िल बस करीब ही थी कुछ मिनट और फिर मेरे लंड से पिचकारियों की बारिश निकलने लगी कई दिनो से जमा सारा वीर्य काकी की चूत मे झाड़ गया था शांत होने के बाद मैने कलाई घड़ी मे टाइम देखा तो पता चला पोने घंटे से भी ज़्यादा टाइम हो गया था उनको चोदते हुए मैने अपने कपड़े पहने वो ऐसे ही पड़े रही अब गीता के घर जाने का टाइम नही था तो मैं वापिस अपने घर चल पड़ा
 
घर के बाहर ही मुझे अनिता भाभी मिल गयी वो कहने लगी कि मैं तो तुमसे मिलने आई थी पर तुम ना जाने कहाँ लापता रहते हो अपनी भाभी को भूल ही गये हो तो मैने कहा भाभी मैं नही चाहता हूँ कि मेरी वजह से आपकी लाइफ मे कोई प्राब्लम ना हो फिर उपर से ताइजी भी शक करती है तो इसलिए मैं थोड़ा दूर ही रहता हूँ वरना याद तो बहुत आती है आपकी

भाभी बोली हाल तो मेरा भी ऐसा ही है चलो कभी तकदीर मे होगा तो देखेंगे और कहने लगी कि रवि ने कुछ कपड़े लिए थे तुम्हारे लिए अंदर रखे है देख लेना मैने उनको थॅंक्स कहा और अंदर चला गया और अपने नये कपड़े देखने लगा एग्ज़ॅम शुरू होने मे हफ़्ता ही बचा था मैं मेहनत भी बहुत कर रहा था अगले दिन स्कूल मे मैने मिता से कहा कि मुझे तुमसे एक बात करनी है



अकेले मे तो उसने कहा कि लंच टाइम मे मैने कहा ओके , लंच मे हम बैठे थे तो उसने पूछा क्या कहना चाहते थे तुम मैने कहा ये बात तुम्हारे और मेरे बारे मे है मतलब हमारे फ्यूचर के बारे मे तो उसने कहा कि सॉफ सॉफ बोलो ना तो मैने कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ वो पागलो की तरह हँसने लगी बहुत देर तक हँसती ही रही फिर वो रुकी ऑर बोली क्या तुम मज़ाक कर रहे हो तो मैने कहा नही बिल्कुल नही तो वो भी थोड़ा सीरीयस हो गयी और बोली जिस रास्ते पे तुम चलने को कह रहे हो वो डगर बेहद मुश्किल होगी देखो हम गाँव मे रहते है कुछ सामाजिक परंपराए भी होती है और फिर हमारी फॅमिलीस क्या गॅरेंटी है कि वो हमारे रिश्ते को आक्सेप्ट करेंगे




मैने कहा अगर तुम इस राह पे साथ चलो तो सब आसान हो जाएगा क्या तुम मेरा साथ दोगि तो उसने कहा कि मेरे हाँ कहने से कुछ नही होगा अगर मेरी मानो तो इस चीज़ को थोड़ा पेंडिंग कर दो क्योंकि एग्ज़ॅम सर पे है अभी कोई और टेन्षन नही चाहिए तो मैने कहा कि तुम अपना टाइम लो

मिता बहुत ही समझदार लड़की थी टाइम अपनी रफ़्तार से चलता रहा एग्ज़ॅम स्टार्ट हो चुके थे प्रेशर तो था ही अब टाइम था कुछ करके दिखाने का मैं बहुत ही ज़्यादा मेहनत कर रहा था एक जुनून था बस मेरिट मे नाम आना चाहिए हर हालत मे कोई 20 दिनो मे एग्ज़ॅम निपट गये रिज़ल्ट आने मे कोई 3 महीने तो लगने ही थे मैं भी फ्री ही था एक दिन सुबह नाश्ते पे हम सब बैठे थे कि पापा बोले अब आगे क्या करोगे तो मैने कहा कॉलेज मे अड्मिशन ले लूँगा



तो पापा बोले देख बेटे मैं और तेरे चाचा तो बस बाबू बन के ही रह गये रवि तो प्राइवेट सेक्टर मे सेट्ल है तेरे ताऊ भी घर पे ही रहते है अपने परिवार मे कोई भी अधिकारी नही बना अब तुझ से ही आस है अगर तेरी इच्छा हो तो एनडीए के लिए अप्लाइ कर दे तो मम्मी बोली इक्लोता बेटा है फोज ठीक नही है कही ओर ट्राइ कर लेगा तो मैने कहा मम्मी ट्राइ करने मे क्या जाताहै और कौन सी नोकरी हाथ मे ही रखी है तो पापा बोले फॉर्म मैने खरीद लिया है तू फिल कर्दे मैं पोस्ट कर दूँगा मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी मैने तुरंत ही फॉर्म को भर के उन्हे दे दिया दिन यू ही गुजर रहे थे एक दिन घर पे मैं ओर चाची ही थे तो मुझे मस्ती सूझ रही थी मैने चाची को अपनी बाहों मे भर लिया




और उनको चूमने लगा चाची भी मस्ती कर रही थी मैने उनके गुलाबी होंठो का रस्पान करना शुरू कर दिया था कई दिन बाद मैं थोड़ा रिलॅक्स था तो मैं भी मूड मे था मैं उन्हे लेके उनके कमरे मे आ गया और उनका हाथ मेरे लंड पे रख दिया उन्होने अपना हाथ मेरे पयज़ामे के अंदर डाल दिया और लंड को मसल्ने लगी उनके जादुई हाथो का स्पर्श पाकर मेरे लंड मे तनाव आने लगा फिर चाची ने मेरे पयज़ामे को पूरा नीचे कर दिया और खुद भी नीचे बैठ गयी और अपने कातिल होंटॉको मेरे लंड पे रख दिया और उसे चूमने लगी उन्होने कई किस मेरे लंड पे किए मैने उनके सर पे हाथ रखे और उनको चुँसने का इशारा किया तो उन्होने अपना मुँह खोल के मेरे सुपाडे को अपने मुँह ए भर लिया




और बस उसे ही चूसने लगी वो अपनी जीभ को गोल गोल करके मेरे लंड पे फिरा रही थी आज कई दिनो बाद कोई औरत मेरे लंड को चुंस रही थी मैं उनके बालो को सहलाने लगा था चाची बहुत ही कुशल तरीके से लंड को चूस रही थी बहुत ही प्यार से और थोड़ा थोड़ा करके लंड को अपने मुँह मे लेती जा रही थी ऐसे करते करते उन्होने मेरे पूरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चुप्पे मारने लगी उनकी नाक से निकलती गरम हवा मेरे पेट के निचले हिस्से पे गुदगुदी सी कर रही थी 10-15 मिनट गुजर चुके थे मैं बस उस मज़े को महसूस कर रहा था मैने कहा चाची बस होने ही वाला है तो उन्होने लंड को अपने मुँह से बाहर निकल लिया और मेरी मुट्ठी मारने लगी




दो मिनट बाद ही मैने अपना पानी छोड़ दिया उनके हाथ मेरे पानी से चिपचिपा हो गया था बहुत मज़ा आया उन्होने अपना हाथ बेड की चादर से सॉफ किया मैने कहा थॅंक यू चाची उनको किस किया और बाहर जाने लगा तो वो बोली कहाँ जा रहे हो तुम भी तो इसको टेस्ट करो तो मैने कहा टेस्ट की क्या बात मैं तो इसमे घुसने को तैयार हूँ पर आप ही टाँग अडाये रहती हो चाची ने कुछ नही कहा और बेड पे लेट गयी और अपने घाघरे को जाँघो तक उठा लिया उनकी योवन से भरी चिकनी टांगे चमकने लगी मैने कहा चाची आज तो हो जाने दो अपनी चुदाई तो वो बोली जितना मैं करती हूँ किसी ओर की चाची करेगी क्या तुम्हे तो हर टाइम आग लगी रहती है बाहर मुँह मारते फिरते तो हो ,
 
उधर शीला को चोद्ते रहते हो फिर भी नही मानते मेरे होश उड़ गये मैने कहा कि आपको कैसे पता चला तो उन्होने कहा कि बाद मे बताउन्गि पहले तुम इसका काम करो और अपनी टाँगो को उपर कर लिया मैने उनकी काले रंग की पेंटी को उतार दिया और उसे सूंघने लगा क्या मस्त खुसभू आ रही थी रोयेन्दार बालो से भरी गुलाबी चूत बस ये ही एक ऐसे थी जिसमे मैं अपना लंड नही डाल पाया था पर करूँ भी तो क्या वादा किया था कि उनकी मर्ज़ी से ही चोदुन्गा उनको तो मैं भी फसा पड़ा था मैने उनकी मांसल जाँघो को थामा और उनको चूमने लगा मेरी जीभ उनकी चिकनी टाँगो पे रेंगने लगी चाची ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपने बदन को ढीला छोड़ दिया टाँगो को चूमते चूमते मैं अब चूत की ओर बढ़ चला





कुछ उसे सूँघा बहुत ही मादक खुसबू आ रही थी मैनी बिना देर किए उनकी रसभरी चूत पे अपने होंठ टिका दिए और उन्हे किस करने लगा चाची उत्तेजना से काँपने लगी मैने अपने हाथ से उनकी चूत की फांको को अलग किया और उनके दाने को चाटने लगा साथ ही एक उंगली भी चूत मे सरका दी उपर से मैं दाने को चुँसे जा रहा था और्नीचे से उंगली किए जा रहा था चाची की साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी उनके चूतड़ काँपने लगे थे फिर मैने अपनी उंगली को हटाया और अपनी जीभ को अंदर डाल दिया चाची के अंग अंग से मस्ती फुट पड़ी कामरस को चाटे जा रहा था माइंड उस मिनट तक बड़े ही मज़े से उनकी चूत पे अपना मुँह लगाए रखा चाची की गान्ड बहुत ही ज़्यादा उछलने लगी थी वो अपनी टाँगो को पटक रही थी


तो मैने ईक बार फिर से उनकी चूत के दाने को अपने दांतो के बीच मे दबा लिया और उंगली करने लगा मैं बहुत ही ज़ोर ज़ोर से उंगली कर रहा था तभी उन्होने अपनी टाँगो को आपस मे कस लिया मेरा सर उनकी टाँगो के बीच मे क़ैद हो गया और उसी पल चूत से एक फव्वारा बह चला चाची भी झाड़ गयी थी मैं उनके बगल मे लेट गया और उनकी ज़ुल्फो से खेलने लगा उन्होने अपने घाघरे को नीचे कर लिया मैने अब पूछा कि आपको कैसे पता चला कि मैने शीला की ले ली है तो वो बोली कि जब तू मामा के गया हुआ था तो एक दिन मैं तेरे कमरे की सफाई करने गयी थी तो तेरे बिस्तर के नीचे मुझे एक औरत की कछि मिली थी अब उस गली मे तो बस वो ही रहती है जो रात को तेरे पास आ सकती है फिर मैने सोचा कि क्या पता प्रीतम आई हो कभी रात मे पर कछि दो देख के अनुमान लगा लिया कि प्रीतम तो मोटी है तो उसकी तो हो ही नही सकती और शीला भी कई बार पूछ चूँकि थी तुम्हारे बारे मे कि कब आएगे तो मैने आइडिया लगा लिया

मैने कहा अब भाभियो की सेवा करना तो देवर का फरज है और हँसने लगा

पूरी दोपहर चाची के साथ ही रहा कैसा ये रिश्ता बन गया था उनके साथ सब कुछ तो देख चुका था उनका पर चोद ही नही सका था पर जो था वो भी ठीक ही था कोई 4 बजे हम कमरे से बाहर आए उन्होने चाइ बनाई और थर्मस मुझे देते हुए बोली कि जा खेत मे दे आ फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी थी कई लोगो ने तो कटाई शुरू भी कर दी थी हमे भी शुरू करनी थी तो मैने थर्मस लिया और साइकल चलाते हुए कुन्वे पे पहुँच गया मम्मी को थर्मस दिया और खेतो का एक राउंड लगाने निकल पड़ा धूप कुछ ज़्यादा ही पड़ रही थी बैसाख की शुरुआत हो चूँकि थी ही कुछ दूर चलने पे पता चला की अनिता भाभी भी यही थी मैं उनकी ओर गया तो देखा पसीने और धूल से तर बतर वो सरसो काटने मे लगी हुई थी



मैने कहा भाभी मदद कर्वाऊं क्या तो उन्होने कहा हाँ करनी तो पड़ेगी ही फिर मैं भी उनके साथ लग गया मैने पूछा भाभी आप मम्मी के साथ आई हो क्या तो उन्होने कहा सासू माँ भी है बिम्ला काकी के यहाँ गयी हुई है बस आती ही होंगी हम बाते करते हुए सरसो काट रहे थे फिर मम्मी भी आ गयी और भाभी को बोला ले पहले चाइ पी ले फिर बाद मे काट लियो तो भाभी एक साइड मे बैठ गयी ऑर चाइ पीने लगी तभी ताइजी भी आ गयी ताइजी बोली सरसो तो बस कट ही चूँकि है कुछ क्यारिया ही बची है इस के बाद गेहूँ का नंबर लगाएँगे ताइजी उस घटना के बाद मुझसे थोड़ा कम ही बोलती थी मैं भी उनसे कटा कटा रहता था तभी उन्होने कहा कि तू कल जाके थ्रेसर वाले को ले आइयो सरसो निकलवालेंगे मैने कहा जी हो जाएगा काम करते करते शाम हो चूँकि थी



मम्मी ने कहा जीजी घर चले तो ताइजी ने भाभी को कहा हाथ मुँह धो ले चलते है तो मम्मी बोली अनिता तो इसके साथ आ जाएगी थोड़ी सी सरसों ही तो बची है ये काट के आ जाएँगे और फिर हमे तो पैदल चलना है ये इसे साइकल पे ले आएगा हालाँकि ताइजी ये बिल्कुल नही चाहती थी पर मम्मी के आगे मना भी नही कर पाई तो वो बेमन से मम्मी के साथ चली गयी बचे हम दोनो काम पूरा करने मे हमे कोई डेढ़ घंटा और लग गया टाइम 7 के आस पास हो रहा था फिर हम पानी के टॅंक पे आए और हाथ पैर धोने लगे जब पानी की बोछारे उनके चेहरे पे पड़ रही थी तो वो बेहद सुंदर लग रही थी मुझे कुछ कुछ होने लगा वो बोली क्या देख रहे हो तो मैने कहा आपको कितने दिनो बाद थोड़ा टाइम मिला है आपके साथ रहने को तो वो बोली मैं भी तो तुमसे मिलना चाहती हूँ पर सासू माँ के होते हुए बहुत मुश्किल है
 
वो बहुत ज़्यादा शक करती है रात मे भी मेरे कमरे के कई चक्कर लगा लेती है तो मैने कहा भाभी ये सब मेरी जल्दबाज़ी से हुआ है उस दिन अगर ताइजी ना आतितो बात ही कुछ ऑर होती वो बोली ये तो है तभी वो बोली अभी हम अकेले है अगर तुम चाहो तो ……………………………………………………………………………………………………………….. और अपने शब्दो को अधूरा छोड़ दिया तो मैने कहा हाँ और उनका हाथ पकड़ के उनको कमरे के अंदर ले गया जल्दी से कुण्डी लगाई और उनको अपनी बाहों मे ले लिया भाभी बोली वैसे तो बहुत ही बेताब हूँ तुमसे मिलन करने के लिए पर अभी तो तुम जल्दी से ही कर्लेना वापिस भी जाना है अगर ज़्यादा देर हो गयी तो पचास बात सुन नी पड़ेंगी उनके बदन से आती पसीने की स्मेल मुझे मदहोश करने लगी मैं ब्लाउस के उपर से ही उनकी चूचियो को दबाने लगा



भाभी की साँसे भारी होने लगी उन्होने अपना हाथ मेरे लंड पे रख दिया और दबाने लगी भाभी ने धीरे से पॅंट की ज़िप खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और उसे खड़ा करने लगी मैने उनके घाघरे मे हाथ डाला और उनके कुल्हो को सहलाने लगा ऐसे ही सहलाते सहलाते उनकी पेंटी को घुटनों तक सरका दिया उनके हाथो के कमाल से लंड दो मिनट मे ही पूरे उफान पे आ चुका था भाभी बोली जल्दी से करो तो मैने उनके हाथो को दीवारो पे लगाया और उनको पंजो पे झुंका दिया घाघरे को कमर तक उठाया उनके गौरे चुतडो को काफ़ी दिनो बाद आज देखा था थोड़ा माँस और चढ़ गया था उनपे और बहुत ही मुलायम भी हो गये थे मैने अपने लंड पे थूक लगाया और उसे भाभी की चूत मे एक धक्के मे ही घुसेड दिया और हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चूचियो को दबाने लगा



तो अनिता बोली थोड़ा जल्दी ही कर लेना फिर कभी टाइम मिलेगा तो तुम्हे अच्छी तरह से खुश कर दूँगी मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और लगा अपने धक्को को रफ़्तार देने लगा भाभी भी अपनी गान्ड को पीछे करने लगी कुछ ही देर मे मैं अपनी टॉप स्पीड पी आ चुका था भाभी का पूरा बदन वासना से कांप रहा था मैने उनके ब्लाउस के हूकों को खोल दिया और उनके बोबो को बाहर निकाल के उनको बलपूर्वक भींच ने लगा भाभी की चूत से रस की धारा बहने लगी थी चूत बहुत ही गीली हो गयी थी लंड बार बार फिसल रहा था तो मैं उनके पीछे से हटा और उनको खाट पे लिटा दिया और उनपे चढ़ गया भाभी ने अपने होंठो को मेरे होंठो पे रखा दिया मैं उन्हे किस करते करते चोदे जा रहा था भाभी के मुँह का थूक मेरे मुँह मे आ रहा था

 
भाभी तो जैसे कही खो ही गयी थी मैं बड़े ही प्यार से उनके रस से भरे होंठो को खाए जा रहा था तो भाभी बोली कि क्या कर रहे हो इन्हे सुजाओ गे क्या बस अब और मत चूँसो तो मैने अपने होंठ हटा लिए नीचे चूत और लंड एक दूसरे को हराने मे लगे हुए थे भाभी की चूत को मेरे लंड ने मस्त कर रखा था मुझे ऐसे लग रहा था कि मेरे सारे शरीर का खून बस मेरे लंड मे ही इकट्ठा हो गया हो जो बस अब खौलता हुआ लावा बन कर उनकी चूत मे बरसने को बेताब हो रहा था मैने कुछ झटके ओर मारे और फिर उनको अपनी बाहों मे कस के भींच लिया और उनकी चूत मे ही झड़ने लगा एक बहुत ही मजेदार चुदाई का अंत हो गया था भाभी ने एक बार फिर से मेरे जीवन मे प्रवेश कर लिया था फिर मैं उनके उपर से उठा उन्होने अपनी कच्छि से चूत को पोन्छा और फिर मेरे वीर्य से सनी कच्छि को ही पहन लिया

थोड़ी देर बाद मैने उन्हे साइकल पे बिठाया और घर चल पड़े रास्ते मे मैने उन्हे बता दिया था कि मैं आज कल घर के पीछे जो नया कमरा बनाया है उधर ही रहता हूँ अगर मौका लगे तो उधर भी आ जाना तो उन्होने कहा कि वो कोशिश करेंगी कुछ जुगाड़ करने का ऐसे ही प्लॅनिंग करते करते हम घर आ गये कुछ देर मे रात हो चूँकि थी मैने मामा के घर फोन किया और मामी से बात करने लगा तो उन्होने कहा कि तुम्हारे मामा छुट्टी आए हुए है लावनि के बाद हम तुम्हारे घर आएँगे मिलने के लिए मैं ये सुनके खुश हो गया क्या पता मामी को चोद पाऊ ये सोचके फिर थोड़ी देर और बात की फिर फोन रख दिया उन दीनो मेरी राते कुछ अजीब सी होती थी मुझे हर तरफ बस चूत ही चूत नज़र आती थी रास्ते मे कोई लड़की और औरत मिल जाए तो मेरी नज़र बस उसके चुतडो पे ही ठहर जाती थी



मेरी आदत खराब होती जा रही थी अगले दिन फिर से फसल काटने जाना था तो मैं जल्दी ही सो गया मैं चाचा के साथ सुबह सवेरे ही खेतो पे चला गया और काम संभाल लिया आज बिम्ला काकी भी थी हमारी मदद करने के लिए जैसे ही मोका लगा तो मैं उनके पास गया और मैने पूछा कि ककई क्या आप किसी और की दिलवा सकती हो तो वो बोली लल्ला मुझसे मन भर गया क्या तो मैने कहा ऐसी बात नही है काकी बस दिल मे किसी ऑर को चोदने की आ रही है तो वो बोली चल सोचती हूँ कुछ तेरे लिए तो मैने कहा ध्यान रखना और फिर से कटाई मे लग गया दोपहर तक सभी घरवाले आ चुके थे काम अब तेज़ी से हो रहा था मुझे भूक लग आई थी तो मैं एक पेड़ के नीचे बैठ के खाना खाने लगा तभी गीता भी आ गयी मम्मी ने उसको बुलाया था




मैने उसे नमस्ते किया वो मुस्कुराइ पर सभी घरवाले आस पास ही थे तो ज़्यादा बात भी नही कर सकता था गीता झूक के काम कर रही थी मेरी नज़र उसकी गान्ड से हट ही नही रही थी मेरा लंड ज़ोर मारने लगा पर इस समय कुछ भी नही हो सकता था किसी तरह लंड को कंट्रोल किया पूरे दिन कड़ी मेहनत की थक के चूर चूर हो गया था थ्रेसर वाला भी आ गया था तो निकली सरसो को बोरियो मे डाला और ट्रॅक्टर पे लदवा दिया अब वापिस जाना था तो मैने घरवालो से कहा आप सब लोग चलो मैं बाकी बचा छोटा मोटा काम निपटा के आउन्गा तो घर वाले ट्रॅक्टर के साथ ही चले गये अब 3 लोग बचे थे मैं, बिम्ला और गीता तो बिम्ला बोली कि लल्ला मैं भी चलती हूँ चाइ पीने का मन हो तो घर आ जइयो असल मे ये उनका इशारा था



तो मैने कहा आप चलो मैं आया गीता बोली मैं भी चलती हूँ और वो भी अपनी मदमस्त गान्ड को मटकाती हुई अपने घर की तरफ चल पड़ी उनके जाने के बाद मैने अपने कपड़े उतारे और पानी की होदि मे उतर गया एक बेहद अच्छा एहसास हुआ काफ़ी देर तक मैं नहाता ही रहा सारी थकान दूर हो गयी थी फिर मैने अपने कपड़े पहने औजारो को रखा और ताला लगा के गीता के पास चल पड़ा उसने मुझे देखा तो बोली मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे तो मैने कहा क्या करू तुम्हारे बिना मन ही नही लगता तो वो बोली क्या मैं इतनी पसंद हूँ तुमको तो मैने कहा हाँ बिल्कुल और उसकी कमर पे चिकोटी काट ली तभी मैने देखा कि उसका पूरा खेत खाली था मैने पूछा तुम्हारी फसल तो उसने कहा कि मैने अपनी खड़ी फसल को ही साहूकार को बेच दिया था पूरे 56000 का फ़ायदा हुआ है
 
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